इस बार छठ पूजा 28 अक्टूबर से 31 अक्टूबर  को मनाया जाएगा

छठ पूजा विधि, पौराणिक कहानी महत्व,  इतिहास व शुभ मुर्हूत

शुभ मुर्हूत

सूर्यास्त का समय (संध्या अर्घ्य): – 30 अक्टूबर, 05:37 PM

सूर्योदय का समय (उषा अर्घ्य) – 31 अक्टूबर, 06:31 AM

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कार्तिक माह की शुल्क पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है। छठ पर्व, छठी माता, डाला छठ, षष्ठी के नाम से भी जानते हैं।

कब मनाते हैं? छठ 

छठ पूजा चार दिनों का महापर्व है और 4 दिनों की पूजा विधि काफी अलग-अलग होती है

36 घंटे तक कठिन व्रत रखा जाता है।

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प्रथम दिन नहाए खाए से होती है शुरुआत

दूसरा दिन खरना

तीसरे दिन दिया जाता है अर्घ्य 

चौथे दिन अरग

इस दिन महिलाएं पूरे दिन भर उपवास व्रत का पालन करती हैं।

1. नए वस्त्र 2. दो बांस की टोकरें 3. पानी वाला नारियल, सूप 4. लोटा, गन्ना,  5. लाल सिंदूर, धूव, बड़ें दीपक 6. कच्ची हल्दी, चावल, थाली, दूध, गिलास, अदरक

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छठ पूजा के लिए आवश्यक सामग्री

इससे जुड़ी पौराणिक कथा व इतिहास

छठ पूजा क्यों मनाया जाता है?

इस दिन वैदिक काल में श्री राम ने वनवास के बाद 6 दिनों तक सूर्य देव की कठिन उपासना की थी।

सभी रोचक जानकारियां सरल हिंदी भाषा में 

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