उस समय जंगली जानवरों का शिकार भी गैर कानूनी नहीं था। जिस वजह से राजाओं द्वारा चितों का मुख्य रुप से शिकार किया जाता था जिस वजह से चीते की प्रजाति भारत से विलुप्त हो गई।
1952 में तत्कालीन मौजूदा सरकार ने औपचारिक रूप से भारत से चीजों के विलुप्त होने की घोषणा कर दी।