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भारत से चीते क्यों हो गए विलुप्त? जानिए भारत में चीतों का इतिहास और चीतों से जुड़े मजेदार रोचक तथ्य | History of cheetah in India & amazing facts of cheetah in hindi

भारत में चीतों का इतिहास और चीतों से जुड़े रोचक तथ्य (10 Interesting and amazing facts of cheetah in hindi, History of cheetah)

बचपन से ही हमारे समाज में शेर-चीतों और राजा-महाराजाओं से जुड़ी हुई मजेदार चटपटी कहानियां सुनाई जाती हैं। इन कहानियों में हमें अक्सर बताया जाता था कि राजा महाराजा जंगल में शेर चीतों के शिकार के लिए जाते थे और यही वजह भी थी धीरे धीरे भारत से चीते की प्रजाति विलुप्त हो गई।

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जैसे ही हम शेर चीतों का जिक्र सुनते है वैसे ही हमारे मन में शेर की दहाड़ और चीतों की रफ्तार आ जाती है। चीते मुख्य रूप से अपनी तेज रफ्तार के कारण जाने जाते हैं। भारत में चीते पूरी तरह से विलुप्त हो चुके हैं लेकिन 17 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर भारत में अफ्रीका से 8 चीते लाए गए हैं जो मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए हैं। इन चीजों को भारत में बसाने के लिए अफ्रीका के नामबिया शहर से लाया गया है।

चीता इस दुनिया का सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर है जिसकी रफ्तार लगभग 90 से 120 किलोमीटर प्रति घंटा है। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत से चीते विलुप्त क्यों हो गए ?

अगर नहीं पता तो कोई बात नहीं आज इस लेख के जरिए हम आपको भारत में चीतों की विलुप्त होने का इतिहास और चीते से जुड़े कई मजेदार रोचक तथ्यों के बारे में बताएंगे।

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विषय–सूची

भारत में चीतों का इतिहास और चीतों से जुड़े 10 मजेदार रोचक तथ्य (History of cheetah & amazing facts of cheetah in hindi )

भारत से चीते क्यों हुए विलुप्त?

भारत में शुरू से ही राजा महाराजा शेर चीतों का शिकार करते थे। शेर-चीतों का शिकार भारतीय राजाओं के लिए मनोरंजन और शक्ति प्रदर्शन का साधन था। राजा महाराजा अपनी छुट्टियां में जंगलों की सैर करते थे और वहां पहुंचकर जंगली जानवरों का शिकार करते थे।

खासकर चीतों का शिकार भारतीय राजाओं के लिए बेहद मनोरंजक रहता था क्योंकि चीते बड़ी फुर्ती के साथ भागते थे। ऐसी स्थिति में चीतों का शिकार करना राजाओं के लिए गौरव की बात थी। लेकिन भारतीय राजाओं की इसी करतूत ने कई जंगली जानवरों को विलुप्त कर दिया जिनमें चीते भी एक थे।

इस राजा ने किया था भारत के आखिरी चीते का शिकार–

सन 1947 हमारे लिए बेहद खास था क्योंकि इसी दिन भारत ने गुलामी की बेड़ियां तोड़कर एक स्वतंत्र सम्प्रभुता की स्थापना की थी। लेकिन इसी साल हमारे देश से चीते हमेशा के लिए विलुप्त हो गए।

भारतीय इतिहासकारों की मानें तो सन 1947 में छत्तीसगढ़ राज्य के कोरिया जिले के राजा रामानुज प्रताप सिंह देव ने भारत के आखिरी चीतों की हत्या कर दी। साल 1947 में रामानुज प्रताप सिंहदेव ने एक साथ तीन चीतों का शिकार किया था भारत में चीतों का अस्तित्व बिल्कुल खत्म हो गया।

भारत में हमेशा से राजा महाराजा जंगली जानवरों का शिकार करते थे और उस समय जंगली जानवरों का शिकार भी गैर कानूनी नहीं था। परिणाम यह निकला कि धीरे-धीरे भारत के राजाओं महाराजाओं ने मिलकर चीतों का शिकार करके पूरी तरह से चीते की प्रजाति भारत से विलुप्त कर दी। (Source)

अकबर के शासन काल में मौजूद थे तकरीबन एक हजार चीते –

इतिहासकारों का मानना है कि मुगल सल्तनत के दौरान अकबर के शासनकाल में लगभग 900 से 1000 चीते उपलब्ध थे। कुछ इतिहासकार बताते हैं कि अपने शासन के दौरान मुगल सम्राट अकबर ने इन चीतों का संरक्षण किया था। हालांकि धीरे धीरे भारत से चीते पूरी तरह विलुप्त हो गए।

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1952 में मौजूदा सरकार ने किया था विलुप्त होने का ऐलान –

इतिहासकार मानते हैं कि छत्तीसगढ़ के मौजूदा कोरिया जिले के राजा रामानुज प्रताप सिंह देव ने जिन 3 चीतों की हत्या की थी वो भारत के आख़िरी चीते थे।

इन 3 चीतों की हत्या के बाद 1952 में तत्कालीन मौजूदा सरकार ने औपचारिक रूप से भारत से चीजों के विलुप्त होने की घोषणा कर दी। तब से आज तक भारत में कभी चीतों की झलक देखने को नहीं मिली।

भारत में अब फिर से नजर आएंगे चीते –

भले ही भारत से चीतों की प्रजाति विलुप्त हो चुकी हो लेकिन भारत में चीतों को बसाने का एक ऐसा अहम फैसला लिया है जिसके बाद अब भारत में भी जीते नजर आएंगे।

दरअसल 17 सितंबर 2022 को भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन था इस मौके पर अफ्रीका के नामबिया से विमान द्वारा भारत में 8 चीते लाए गए जिन्हें मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया है।

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भारत सरकार द्वारा भारत में चीतों को बस आने का एक बार फिर से पहल की गई है जिसके जरिए भारत में चीते देखने को मिलेंगे। उम्मीद करते हैं कि अब आपको अच्छे से समझ आ गया होगा कि भारत से चीते क्यों विलुप्त हो गए।

आइए अब आपको चीजों से जुड़े हुए कई सारे ऐसे रोचक तथ्यों के बारे में बताते हैं जिन्हें सुनकर आप हैरान रह जाएंगे।

चीतों से जुड़ी 10 खास बातें और रोचक तथ्य (Interesting and amazing facts of cheetah in hindi)

वैसे तो हम सबको पता ही है कि चीता दुनिया का सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर है लेकिन इसकी रफ्तार के अलावा भी कई ऐसी खास बातें हैं जिन्हें आपने पहले न सुनी हो।

1. सबसे तेज रफ़्तार के साथ दौड़ते हैं चीतें –

चीता दुनिया का सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर है जिसकी रफ्तार 90 किलोमीटर से 120 किलोमीटर प्रति घंटे तक होती है।

हालांकि बीबीसी के एक रिपोर्ट के मुताबिक की गई पड़ताल में पता चला है कि चीतों की औसतन चाल 95 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। यह आंकड़े भले ही कुछ भी हो लेकिन चीता इस दुनिया का सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर है।

2. उसैन बोल्ट के रफ्तार की दोगुनी है इसकी रफ्तार –

उसैन बोल्ट को दुनिया का सबसे तेज दौड़ने वाला इंसान माना जाता है। लेकिन आपको बता दें कि चीतों की रफ्तार उसैन बोल्ट की रफ्तार के दोगुने से भी अधिक होती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक उसैन बोल्ट की टॉप स्पीड 44.72 किलोमीटर प्रति घंटा है जबकि चीते की औसतन रफ्तार लगभग 95 किलोमीटर प्रति घंटा है जो इसके दोगुने से भी अधिक है।

3. स्पोर्ट कार से तेज हासिल करते हैं रफ्तार –

अपनी पूरी रफ्तार के साथ दौड़ता हुआ चीता लगभग 7 मीटर ऊंची छलांग लगा सकता है। लेकिन सबसे कमाल की बात यह है कि चीते महज 3 सेकंड में अपनी रफ़्तार हासिल कर लेते हैं। जबकि स्पोर्ट कार को भी अपनी रफ्तार हासिल करने में कम से कम 6 सेकंड का समय लगता है।

4. शेरों की तरह नहीं दहाड़ पाते चीते –

जब भी हमारे मन में शेर चीतों का जिक्र आता है तो झट से हमारे मन में उनकी दहाड़ गूंजने लगती है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि चीते कभी दहाड़ नहीं सकते। इसके पीछे की वजह यह है कि चीतों में शेर की तरह वह हड्डियां नहीं पाई जाती जिनसे दहाड़ उत्पन्न होती है।

कैट फैमिली से संबंध रखने वाला चीता दहाड़ ने की बजाए गुर्राता है और कई बार यह बिल्लियों की तरह आवाज़ भी निकालते हैं।

5. वयस्क होने से पहले ही मर जाते हैं ज्यादातर बच्चे –

चीतों के विलुप्त होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि उनके ज्यादातर बच्चे वयस्क होने से पहले ही मर जाते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक मादा चीते के गर्भ से जन्म लेने वाले लगभग 95% शिशु वयस्क होने से पहले ही मर जाते हैं और केवल 5% ही जीवित रह पाते हैं।

हालांकि 2013 में एक रिपोर्ट द्वारा इस दावे को नकार कर दिया गया। 2013 में अफ्रीका के जंगलों में चीतों के बच्चों की पड़ताल के बाद एक रिपोर्ट सामने आई जिसके अनुसार लगभग 64% बच्चे वयस्क होने से पहले मरते हैं जबकि 36% जीवित रह पाते हैं।

6. मादा चीताएं अकेले करती हैं चुनौतियों का सामना –

मादा चीते का जीवन संघर्षों से भरा होता है क्योंकि बच्चों को जन्म देने के बाद उसे अकेले ही सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

मादा चीते केवल संभोग क्रिया के दौरान ही नर चीतों से मिलते हैं। इसके बाद दोनों एक दूसरे से अलग हो जाते हैं और मादा चीते को अकेले ही गर्भाधान और जन्म के समय अपनी और अपने बच्चों की रक्षा करनी पड़ती है।

7. झुंड बनाकर रहते हैं नर चीते –

एक तरफ जहां मादा चीते के संभोग क्रिया के बाद नर से अलग हो जाते हैं वहीं कई सारे नाचीते झुंड बनाकर टोलियों में रहते हैं। हालांकि झुंड के ज्यादातर चीते आपस में भाई होते है लेकिन कई बार कुछ बाहरी सदस्य भी इस झुंड में शामिल हो जाते हैं।

8. दूसरे जंगली जानवरों की अपेक्षा है आराम पसंद है चीता –

बिल्लियों की प्रजाति के ज्यादातर जानवर काफ़ी आराम पसंद होते हैं हालांकि बहुत से जंगली जानवर ज्यादातर सक्रिय रहते हैं जिनमें सांप इत्यादि शामिल हैं। चीता भी बेहद आराम पसंद जीव है। यह केवल अपने भोजन के लिए शिकार करता है उसके बाद आराम करता है।

9. तेज दौड़ता है मगर ज्यादा दूर तक नहीं दौड़ सकता चीता –

भले ही जीता इस दुनिया का सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर हो लेकिन वह आराम पसंद होने के कारण जल्दी थक भी जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक चीता एक बार में 300 मीटर से ज्यादा नहीं दौड़ सकता। एक बार दौड़ने के बाद यह अचानक से रुक जाता है और फिर कुछ ही देर बाद अपनी रफ़्तार पकड़ लेता है।

10. चीते रात को नहीं करते शिकार –

बहुत सारी पड़ताल के बाद यह पता चला की बिल्ली प्रजाति के अन्य जानवरों की तरह चीते रात में शिकार नहीं करते बल्कि यह अपने भोजन के लिए दिन में ही शिकार करते हैं।

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