परिवार के सपनों का संसार है पिता, औलाद के भविष्य का आधार है पिता।
उंगली पकड़कर चलना सिखाता है, पिता नजरों से अपनी दुनिया दिखाता है, पिता
जीवन की धूरी पर चाक चलाता है, बच्चों को गढ़कर इंसान बनाता है। नवजात की मिट्टी का कुम्हार है पिता। औलाद के भविष्य का आधार है पिता।