बालिका दिवस पर कविता (Poem on balika diwas), अनमोल विचार और शायरी, कोट्स (Girl Child Day Poem & Quotes on Balika Diwas 2025, Quotes on Girl Child Day, balika diwas par shayari 2025, Balika Diwas Slogans in Hindi, Quotes on Daughter Day in hindi, Daughters Day Messages, Quotes & Wishes)
International & National Girl Child Day Quotes in Hindi : हमारे देश में हर साल 24 जनवरी का दिन राष्ट्रीय बालिका दिवस के रुप में मनाया जाता है। मौजूदा समय में भारत की बेटियां हर क्षेत्र में भारत का नाम रोशन कर रहे हैं और किसी भी मामले में पुरुषों की अपेक्षा कम नहीं है।
लेकिन आज भी समाज के कई हिस्सों में बेटियों को लेकर अवधारणाओं में कुछ खास परिवर्तन नहीं हुआ है और अब भी कुछ लोग बेटियों को एक अभिशाप ही मानते हैं। भारत के कई हिस्सों में आज भी कन्या भ्रूण हत्या, दहेज उत्पीड़न घरेलू हिंसा, शारीरिक शोषण और बलात्कार जैसी घटनाएं उभरकर सामने आती रहती हैं।
भारत में बेटियों के भेदभाव से लड़ने के लिए और इन सारी चुनौतियों का डटकर सामना करने के लिए राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की शुरुआत की गई। राष्ट्रीय बालिका दिवस का मुख्य उद्देश्य भारत में बेटियों को उनके जन्म का अधिकार दिलाना है तथा जन्म के बाद उन्हें स्वतंत्रता और समानता के अधिकार देकर उनकी रक्षा करनी है।
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आज हम आपके लिए राष्ट्रीय बालिका दिवस पर अनमोल विचार National Girl Child Day Quotes in Hindi और राष्ट्रीय बालिका दिवस पर कविता, Poem On National Girl Child Day In Hindi लेकर आए हैं जिनके जरिए आप राष्ट्रीय बालिका दिवस 2025 के इस खास मौके पर लोगों को शुभकामना संदेश भेज सकते हैं।

विषय–सूची
राष्ट्रीय बालिका दिवस पर कोट्स, अनमोल विचार और कविता (National Girl Child Day Quotes in Hindi)
अब बेटियां हर एक घर की शान है।
माता पिता को अपनी बेटियों पर गुमान है।।
हर दिशा में बेटियां आगे बढ़ कर दिखा रही है।
हर दिशा में सफलता का परचम लहरा रही है।।
अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।।

मां की गुमान, पिताजी की शान। यही तो है एक बेटी की पहचान।। बेटियां होती है ईश्वर का सच्चा उपहार। सुख दुख में साथ देने को हमेशा तैयार।। बालिका दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।।

बेटियां तो होती हैं ईश्वर का उपहार! बांटती रहती हैं खुशियां और प्यार! कभी ना करना इन बेटियों का अपकार! सदा होना चाहिए नारी शक्ति का सत्कार!
परिवार को नसीब से मिलती हैं बेटियां।
फूलों सी मुस्कुराहट, खिलती है बेटियां।
जिस कोख में संवरती, पलती है बेटियां।
उन्हीं को देकर टेक भी चलती है बेटियां।
उड़ना है अधिकार मेरा,
मुझको भी दे दो प्यार मेरा।
क्यों धर दबोचते हो हर पल,
दे दो मुझको संसार मेरा।
उड़ना है अधिकार मेरा,
मुझको भी दे दो प्यार मेरा।
– सौरभ शुक्ला
अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय बालिका दिवस पर शुभकामना संदेश (Quotes on Girl Child Day in hindi)
लाचारी का सबब इस बाप से न पूछ, घर से विदा की बेटियां रौनक उजाड़कर। परियां भी उतरती हैं इस बंजर जमीन पर, बेटियां हैं जिनके घर, उनसे पूछिए! बेटे जमीन बांटते हैं, बेटियां दर्द…! हर बेटी के नसीब में परिवार होता है, लेकिन हर परिवार के नसीब में बेटियां नहीं होती। ईश्वर बेटियां सिर्फ उन्हें देता है जो उन्हें पालने की औकात रखते हैं।
मैं लड़की हूं!
कभी किसी की बहन बन कर उसकी कलाइयों पर राखी बांधती हूं, तो कभी किसी की बेटी बनकर उनके बुढ़ापे का सहारा बनती हूं।
कभी-कभी मैं एक मां भी बन जाती हूं और जन्म देती हूं उन सभी को जो आज मेरे लड़की होने का अफसोस कर रहे हैं। हां मैं लड़की हूं!
– सौरभ शुक्ला
अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय बालिका दिवस पर कविता (National Girl Child Day Poem in Hindi)
परिवार के लिए अपना सब कुछ कुर्बान करती हैं!
बेटियां ही हैं जो इतना महान काम करती हैं!
बेटियों के अधिकारों की सदैव रक्षा करें!
अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
सच कहूं तो सृजन का आधार है बेटियां। फिर भी ना जाने आज क्यों लाचार है बेटियां। किसी की मुस्कुराहट किसी का प्यार है बेटियां, किसी की कमजोरी, तो किसी पर भार है, बेटियां। किसी की जीत में शामिल किसी की हार है, बेटियां। मुसीबतों से लड़ती है, दीवार हैं बेटियां। सच कहूं तो सृजन का आधार है बेटियां, फिर भी ना जाने आज क्या लाचार हैं बेटियां। बेटियों को संसार में आने तो दो एक बार, फिर खुद कहोगे कुदरत का उपहार है बेटियां। – सौरभ शुक्ला
बूढ़े मां बाप की, लाठी है बेटियां,
किस्मत से घर में आती है बेटियां!
बिन बेटियों के रौनक आती नहीं कहीं,
सच है कि घर को घर बनाती है बेटियां।
फिर भी ना जाने क्यों दुनियां में आते ही,
किस्मत को बार बार कोसी जाती हैं बेटियां।
बेटे तो रूठ जाते हैं छोटी सी बात पर,
सब सहकर भी गम में मुस्कुराती हैं बेटियां।
देखा है मैंने! जब कभी आती है मुसीबत,
तो ढाल बन के सबको सह जाती हैं बेटियां।
जिस घर में पांव रखकर करती हैं गृह प्रवेश,
लक्ष्मी बनकर उस घर को बढ़ाती हैं बेटियां।
फिर भी न जाने बात क्या है, जन्म से पहले,
कोख में ही मार दी जाती हैं बेटियां।
बूढ़े मां बाप की लाठी हैं बेटियां।
किस्मत से घर में आती है बेटियां।
- सौरभ शुक्ला
संगीत सी मधुर तान हैं बेटियां,
घर का गौरव और सम्मान है बेटियां।
पिता और परिवार की शान है बेटियां,
इसलिए तो सबसे महान है बेटियां।
बेटियां हैं संसृति का आधार,
मत छीनो इनका अधिकार।
गर्भ में क्यों देते हो मार?
इन्हें भी दो, बेटों सा प्यार।
अब कहना मत कभी कि पराई हैं बेटियां,
नसीब से परिवार में आई हैं बेटियां।
बेटी हुई कभी तो कोसो न भाग्य को,
वो धन्य है मां जिसने जाई हैं बेटियां।
नसीब से परिवार में आई हैं बेटियां।
अब कहना मत कभी कि पराई है बेटियां।
– सौरभ शुक्ला
समझने में नहीं हैं आसान बेटियां,
कुदरत का कोई हैं वरदान बेटियां।
टूट कर बिखर कर रोती नहीं कभी,
हर पल बिखेरती हैं मुस्कान बेटियां।
मां की आंखों के आंसू पोंछती हैं,
भाई पर छिड़कती हैं जान बेटियां।
अपनों को छोड़कर के नया घर बनाती है,
अपने ही घर में होती हैं मेहमान बेटी।
परिवार को मुसीबतों में थाम कर रखती,
सब समझ कर भी होती है नादान बेटियां।
समझने में नहीं हैं आसान बेटियां,
कुदरत का कोई हैं वरदान बेटियां।
– सौरभ शुक्ला
मुझे संसार में आने दो ना। उर्जा का मुझसे सृजन होता है, मै हीं संसार का सृजन करने वाली हूँ। तुम जिसकी कोख से पनपते हो मैं वही जन्म देने वाली हूं। मेरे होठों पर अंकुश क्यों है, मुझे भी खुल के मुस्कुराने दो ना। मुझे संसार में आने दो ना। मुझे भी सबके जैसे पढ़ना है, मुझे भी तो आगे बढ़ना है। आँखों में बसे ख्वाब पूरे करने है, मुझे भी आसमान में उड़ना है, क्यों से सिमेटते हो आरजू मेरी, मुझे भी दूर तक जाने दो ना। मुझे संसार में आने दो ना। – सौरभ शुक्ला
अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय बालिका दिवस पर शायरी (Balika Diwas Par Shayari 2025)

फूलों की तरह आंगन में खिलती है बेटियां।
नसीब वालों को ही जीवन में मिलती है बेटियां।।
बेटियां पराई होकर भी मां की अपनी होती है।
बेटियां पिता की शाख से निकली टहनी होती है।।
बालिका दिवस की शुभकामनाएं।।
जिस घर में एक बार आ जाती हैं बेटियां,
उस घर को फिर एक घर बनाती हैं बेटियां।
– सौरभ शुक्ला
बेटियां आज की पीढ़ी की सबसे मजबूत पिलर है।
जिस देश में बेटियों का विकास हो रहा है वह पीछे नहीं जा सकता।
Happy National Girl Child Day
दहलीज पर कदम जब रखती हैं बेटियां,
तो पहले मां-बाप को परखती हैं बेटियां।
बेटे ही आसमान के काबिल नहीं बने,
उड़ने का हौशला भी रखती हैं बेटियां।

Nice poem sir poem ke uper ek do article or bna dijiye