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Teacher’s Day Speech 2024: संपूर्ण भारतवर्ष में 5 सितंबर का दिन शिक्षक दिवस के तौर मनाया जाता है। शिक्षक दिवस का यह दिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयंती के उपलक्ष में मनाया जाता है।
केवल भारतवर्ष में नहीं बल्कि विश्व स्तर पर भी शिक्षक दिवस का एक विशेष दिन मनाया जाता है हालांकि इसकी तिथि 5 अक्टूबर है। जबकि भारतीय शिक्षक दिवस की तिथि 5 सितंबर है जिस दिन डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी पैदा हुए थे।
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की एक महान शिक्षक दार्शनिक और राजनेता थे। वह भारत के पहले उपराष्ट्रपति थे जबकि दूसरे राष्ट्रपति भी बने थे। उन्हें बाद में भारत सरकार द्वारा भारत रत्न पुरस्कार द्वारा भी सम्मानित किया गया था।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी एक दार्शनिक होने के साथ-साथ एक आदर्श शिक्षक भी थे। इसलिए 5 सितंबर को उनकी जयंती के उपलक्ष में भारतीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
आज 5 सितंबर 2024 को शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर पूरे देश में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। चलिए हम आप भी इस लेख के माध्यम से अपने कार्यक्रम की तैयारी पूरी करते हैं और एक बेहतरीन भाषण दे कर शिक्षकों का धन्यवाद करते हैं।
शिक्षक दिवस का यह दिन जीवन में शिक्षक की अहम भूमिका संघर्ष एवं समर्पण के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है।
शिक्षक दिवस पर शिक्षण संस्थान समेत अन्य स्थलों पर भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं तथा शिक्षक दिवस पर निबंध लेखन एवं भाषण की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। साथ ही साथ इन शिक्षण संस्थानों के शिक्षक भी अपने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हैं और उन्हें प्रेरणादायक बातें बताते हैं।
अगर आप भी शिक्षक दिवस पर भाषण तैयार करना चाहते हैं तो बिल्कुल सही जगह पर आए हैं। क्योंकि आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपके लिए शिक्षक दिवस पर शानदार भाषण साझा करने वाले हैं।
इस भाषण की प्रेक्टिस करके आप स्कूल विद्यालय अथवा अपने कॉलेज यूनिवर्सिटी में शिक्षक दिवस पर बेहतरीन भाषण दे सकते हैं तथा सभी श्रोताओं को प्रभावित कर सकते हैं।
केवल इतना ही नहीं आज इस लेख में टीचर्स के लिए शिक्षक दिवस पर भाषण भी लेकर आए हैं जिसकी मदद से टीचर्स भी अपने छात्र-छात्राओं को प्यार भरा संदेश दे सकते हैं।
शिक्षक दिवस पर भाषण 500 शब्दों में (Teachers Day Speech in Hindi) –
मेरे प्रिय दोस्तों, सहपाठियों, सभी शिक्षकगण!
आप सभी लोगों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि शिक्षक दिवस का यह विशेष दिन जीवन में शिक्षक की भूमिका एवं योगदानों के प्रति कृतज्ञता एवं सम्मान प्रकट करने के लिए मनाया जाता है।
हमारी सनातन संस्कृति में शिक्षकों की भूमिका देवताओं से भी बढ़कर मानी जाती है क्योंकि शिक्षक उस कुम्हार की तरह होते हैं जो जीवन की कच्ची मिट्टी को गढ़कर एक मजबूत घड़ा बनाते हैं।
शायद यही कारण है की हमारी सनातन संस्कृति में सबसे पहले गुरु की वंदना की जाती है तथा उनका स्थान भगवान से बढ़कर माना जाता है।
आप सभी की जानकारी के लिए बता दूं आज का यह दिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयंती का दिन भी है।
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति थे लेकिन तथा बाद में वह राष्ट्रपति भी बनें थे।
एक कुशल राजनेता होने के साथ-साथ डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की एक महान दार्शनिक और आदर्श शिक्षक भी थे।
सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी केवल एक दो बार नहीं बल्कि 27 बार भारत रत्न पुरस्कार के लिए नामित किए गए थे।
आखिरकार साल 1954 में उन्हें भारत के इस सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया था।
सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्म 5 सितंबर को हुआ था। वह छात्रों के लिए आदर्श शिक्षक और प्रेरणास्रोत थे। इसलिए निधन के उपरांत उनकी जयंती शिक्षक दिवस के तौर पर मनाई जाने लगी।
हमारे जीवन में एक शिक्षक की भूमिका बिल्कुल वैसी ही है जैसे कच्ची मिट्टी के जीवन में कुम्हार की भूमिका होती है।
एक शिक्षक ही विद्यार्थी जीवन को गढ़ता है तथा उसे संवारकर एक मजबूत ईमानदार और अच्छा इंसान बनाता है।
हमें शरीर का आकार भले ही हमारे माता-पिता देते हैं लेकिन हमारे चरित्र, हमारी भावना तथा हमारे भविष्य का आकार हमें शिक्षक द्वारा ही मिलता है। इसलिए हमें सदैव इन शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए।
हमारी संस्कृति में गुरुओं की पूजा की जाती है लेकिन कभी-कभी हम ही अपने उन गुरुओं का सम्मान करना भूल जाते हैं जिन्होंने हमें शिक्षा रूपी हथियार दिया है।
जिन्होंने अंधेरे जीवन को उजाले की राह दिखाई है, ऐसे शिक्षकों का हमें सदैव सम्मान करना चाहिए और उनके योगदानों के प्रति कृतज्ञता सदैव व्यक्त करनी चाहिए।
अगर हमें इस जीवन में किसी गुरु का ज्ञान नहीं मिलता तो शायद हमारा जीवन भी घनें अंधकार में होता। गुरु ही वह व्यक्तित्व होता है जो अच्छा बुरा, सच्चा झूठा, सही गलत में हमें भेद करना सिखाता है ताकि हम कभी भी नैतिकता के मार्ग से ना भटकें।
शिक्षक का योगदान कभी भी झूठलाया नहीं जा सकता और ना ही कभी उसे चुकाया जा सकता है। हमें सदै शिक्षकों का ऋणी रहना चाहिए।
भारत में शिक्षकों की इसी भूमिका तथा समर्पण का आदर करने के लिए हर साल 5 सितंबर का दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भाषण को खत्म करने से पहले मैं एक बार फिर से अपने अपने सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं तथा धन्यवाद देता हूं।
सभी शिक्षकों को शत शत नमन! धन्यवाद!
स्टूडेंट के लिए शिक्षक दिवस पर छोटा भाषण 300 शब्दों में (Teachers Day Speech In Hindi For Students)
आदरणीय अतिथिगण, प्रिय शिक्षक, तथा सहपाठी भाइयों एवं बहनों! सबसे पहले मैं आप सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।
यह मेरा सौभाग्य है कि आज इस मंच के माध्यम से मुझे शिक्षक दिवस के उपलक्ष में कुछ कहने का मौका मिला। इस पावन अवसर के लिए भी मैं आप सभी का धन्यवाद देता हूं।
जैसा कि हम सभी जानते हैं आज 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। भारतीय संस्कृति में हर रिश्ते के लिए कोई ना कोई विशेष त्यौहार जरूर होता है।
जैसे पति-पत्नी के रिश्ते के लिए हरियाली और हरितालिका तीज, भाई बहन के रिश्ते के लिए राखी ठीक वैसे ही गुरु और शिष्य के रिश्ते के लिए भी एक त्यौहार मनाया जाता है और वह शिक्षक दिवस का त्यौहार है।
आज के दिन ही भारत के पहले उपराष्ट्रपति तथा दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी पैदा हुए थे। राधाकृष्णन की एक महान दार्शनिक होने के साथ-साथ एक दूरदर्शी और आदर्श शिक्षक भी थे जिनके सानिध्य में तत्कालीन छात्रों को अद्भुत शिक्षा प्राप्त हुई थी।
कहा जाता है कि एक बार विद्यार्थी छात्र-छात्राएं डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को उनकी जन्म तिथि के उपलक्ष में उपहार भेंट करना चाहते थे लेकिन जब उन्होंने यह बात राधाकृष्णन जी से कही तो उन्होंने उपहार लेने से मना कर दिया।
राधाकृष्णन जी ने अपने छात्रों से कहा कि अगर वह उन्हें उपहार देना ही चाहते हैं तो उनकी जन्म तिथि को शिक्षक दिवस के रूप में मनाए। यही कारण है कि उनके निधन के उपरांत उनके जन्म तिथि 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में घोषित कर दिया गया।
आपकी जानकारी के लिए यह भी बता दें कि 5 अक्टूबर का दिन विश्व जगत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। शिक्षक दिवस का यह पावन दिन वर्ष का एक ऐसा दिन होता है जिस दिन हम अपने शिक्षकों के उपकार का सत्कार कर सकते हैं।
हालांकि उनके इस उपकार और योगदान की कीमत कभी भी चुकाई नहीं जा सकती। लेकिन उनके लिए सम्मान और कृतज्ञता जरुर व्यक्त की जा सकती है। शिक्षक से ही ज्ञान और अनुशासन की उपज होती है।
उनके सानिध्य में ही हमें ज्ञान और अनुशासन की प्राप्ति होती है। इसलिए गुरुओं का आदर करना हमारा पहला कर्तव्य है। आज समझ के माध्यम से मैं सभी शिक्षक समुदाय को हृदय से प्रणाम करता हूं और धन्यवाद देता हूं कि वह समाज के कायाकल्प में अपने हम भूमिका निभा रहे हैं।
शिक्षक और छात्र का संबंध बहुत भावात्मक होता है। अगर संसार में माता-पिता के बाद कोई दूसरा आदर्श रिश्ता होता है तो वह शिक्षक का ही होता है। सही मायने में शिक्षक ज्ञान का सागर होता है जिससे शिक्षा और अनुशासन की उपज होती है।
जो विद्यार्थी शिक्षक की बातें मानता है और उसके द्वारा दिखाए गए पथ पर चलता है वह भविष्य में कभी ना कभी सफल जरूर होता है। जीवन में सफल होने के लिए मेहनत के साथ-साथ मार्गदर्शन भी बहुत अहम होता है।
मेहनत तो हम कर सकते हैं लेकिन मार्गदर्शन हमें सिर्फ शिक्षक से मिल सकता है।
अपनी वाणी को विराम देने से पहले मैं एक बार अपने सभी शिक्षक शिक्षिकाओं को हृदय की गहराई से धन्यवाद देना चाहता हूं जिनकी बदौलत मैं आज उन्नति के मार्ग पर चल रहा हूं। अच्छे बुरे में भेद कर सकता हूं।
गुरु के ज्ञान से ही संसार में प्रकाश है!
गुरु का साथ हो तो हासिल आकाश है!
ज्ञान का भंडार केवल गुरु के पास है!
हमें अपने गुरुओं पर पूरा विश्वास है!
आखिर में आप सभी लोगों को एक बार फिर से शिक्षक दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
प्रिंसिपल के लिए शिक्षक दिवस पर भाषण (Teachers Day Speech By Principal In Hindi)
सभी आगंतुक, विद्यालय के सभी शिक्षकगण और प्रिय छात्र एवं छात्राएं! सबसे पहले मैं आप सभी को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देता हूं!
हम सबको पता है कि 5 सितंबर का दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है लेकिन शायद बहुत कम ही लोग जानते होंगे कि शिक्षक दिवस मनाने के लिए 5 सितंबर का दिन है क्यों चुना गया।
बच्चों आपको बता दूं कि 5 सितंबर के दिन ही भारत के पहले उपराष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। वह एक अध्यापक थे और अपने बच्चों से बहुत प्रेम करते थे। उनकी शिक्षण शैली की चर्चा उस समय पूरे देश में थी।
बाद में वह भारत के दूसरे राष्ट्रपति बने और भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किए गए। जब उनकी मृत्यु हो गई तो उन्हें एक आदर्श शिक्षक मानकर उनकी जन्म तिथि को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
इसीलिए हम हर साल 5 सितंबर का दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं। यह दिन हमारे शिक्षक समुदाय के लिए समर्पित होता है जो कड़ी मेहनत और लगन के साथ आप लोगों को पढ़ाते हैं और एक अच्छा इंसान बनाते हैं।
समझ लीजिए शिक्षक उस नाव की तरह ही होता है जिस पर सवार होके विद्यार्थी जीवन सफलता के किनारे लगता है। शिक्षक की भूमिका उस कुम्हार की तरह होती है जो शिक्षा रूपी मिट्टी से विद्यार्थी रूपी बर्तन गढ़ता है।
इसलिए आपको सदैव शिक्षक की बात माननी चाहिए क्योंकि वह सदैव आपके हित में सोचते हैं और आपके हित के लिए ही आपको डांट फटकार लगाते हैं।
लेकिन आपको उनसे नाराज नहीं होना चाहिए बल्कि उनके स्नेह को समझना चाहिए। मैं अपने सभी शिक्षक बंधुओं को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं जिनके योगदान की बदौलत आज हम यह संस्था सुचारू रूप से चला रहे हैं।
केवल भारत ही नहीं बल्कि विश्व के किसी भी देश के लिए आधुनिक युवा पीढ़ी और शिक्षक दोनों जीवित हथियार हैं जिनका इस्तेमाल करके युद्ध स्तर पर विकास किया जा सकता है।
हमारी भी यही अपेक्षा है कि हमारी आज की आधुनिक युवा पीढ़ी और आधुनिक शिक्षक समुदाय दोनों एक साथ मिलकर राष्ट्र की उन्नति प्रगति में योगदान दें और देश को आगे बढ़ाने में मदद करें।
अंत में आप सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं! आपका दिन और भविष्य दोनों मंगलमय हो!
टीचर के लिए शिक्षक दिवस पर भाषण (Teachers Day Speech In Hindi For Teacher)
सम्माननीय अतिथिगण, प्रधानाचार्य महोदय, शिक्षक बंधु एवं प्यारे बच्चों! आप सभी को शिक्षक दिवस की बहुत-बहुत बधाई!
आज की तारीख 5 सितंबर है। भारत के इतिहास में 5 सितंबर की तारीख के दिन ही भारत के पहले उपराष्ट्रपति और द्वितीय राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्म हुआ था। डॉक्टर साहब एक महान दार्शनिक थे। दार्शनिक और राजनेता होने के साथ-साथ वह एक बेहतरीन शिक्षक भी थे जिनसे उनके छात्र बहुत प्यार करते थे।
कहां जाता है कि एक बार राधाकृष्णन जी के जन्मदिन पर उनके बच्चों ने उन्हें उपहार देने का आग्रह किया लेकिन सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ने अपने बच्चों को मना कर दिया और कहा कि अगर वह उनका जन्मदिन मनाना चाहते हैं तो इसे अपने शिक्षक दिवस के रूप में मनाए।
इस घटना के बाद जब उनकी मृत्यु हो गई तो भारत सरकार ने उनके सम्मान में उनकी जन्म तिथि को भारतीय शिक्षक दिवस के रूप में घोषित कर दिया। एक तरफ जहां 5 अक्टूबर के दिन पूरा विश्व शिक्षक दिवस मनाता है जबकि 5 सितंबर के दिन भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा।
तभी से यह दिवस भारतीय शिक्षक दिवस के रूप में समर्पित हो गया और आज भी यह सुचारू रूप से मनाया जाता है। शायद आप सभी को पता ना हो लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न द्वारा सम्मानित थे।
आपको जानकर हैरानी होगी कि उन्हें 27 बार भारत के सर्वोच्च पुरस्कार के लिए नामित किया गया था। सर्वपल्ली राधाकृष्णन की एक सरल व्यक्तित्व के शिक्षक और दूरदर्शी विचारधारा के इंसान थे।
आज उनकी जन्मतिथि पर मैं उन्हें नमन करता हूं। बच्चों एक बात ध्यान रखिए कि शिक्षक माता-पिता की तरह ही होते हैं जो कभी अपने बच्चों का अहित नहीं चाहते।
आप सभी मेरे अपने बच्चे हैं इसीलिए आपकी गलतियों पर मैं आपको डांटता हूं और आपकी उपलब्धियां पर आपकी सराहना करता हूं। गुरु शिष्य का रिश्ता इसी तरह चलता है।
आज आप सभी लोगों ने शिक्षक दिवस के उपलक्ष में संपूर्ण शिक्षक समुदाय के लिए जो सुविचार प्रकट किया जो सम्मान प्रदान किया उसका मैं तहे दिल से शुक्रिया करता हूं और आप सभी को आशीर्वाद देता हूं कि ऐसे ही जीवन में आप अच्छी विचारधारा को अपना कर एक सफल और नेक इंसान बने।
अपनी वाणी को विराम देने से पहले मैं एक बार अपने सभी शिक्षक बंधुओं का धन्यवाद करना चाहता हूं जिनके सहयोग से आधुनिक समाज का कायाकल्प होता है और हमारे युवा पीढ़ी सही रास्ते पर जाती है।
आज इस मंच के माध्यम से मैं डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को भी श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहता हूं और चाहता हूं कि आज की युवा पीढ़ी उन्हें आदर्श मानकर अपना पथ प्रशस्त करें।
अपनी आखिरी पंक्तियों के साथ मैं अपने भूषण को समाप्त करने जा रहा हूं!
जीवन की उपलब्धि बनेगी मिशाल!
दिशा मायने रखती है भले धीमी हो चाल!
आप सभी लोगों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
शिक्षक दिवस पर भाषण देते समय ध्यान रखें यह बातें –
- भाषण देते समय धैर्यपूर्वक शब्दों का इस्तेमाल करें तथा भाषण देने के पूर्व एक बार सभी तथ्यों की जांच कर लें।
- जल्दी-जल्दी भाषण ना पढ़ें बल्कि धीरे-धीरे शब्दों में भावनाओं का समावेश करके भाषण दें।
- भाषण देने से पहले भाषण की तैयारी जरूर पूरी कर लें ताकि भाषण के वक्त आपको बीच में अटकना ना पड़े।
- भाषण याद करके मित्रों के साथ कई बार भाषण देने की प्रैक्टिस कर लें।
- भाषण देते वक्त अपनी नजर न झुकाएं बल्कि आंखों से आंखें मिलाकर भाषण दें ताकि सब लोगों के मन तक आपकी बात पहुंच पाए।
- एक अच्छा भाषण देने के लिए आपकी भाषण शैली भी बेहद अच्छी होनी चाहिए।
- भाषण देते समय अपने शारीरिक हाव भाव को भी ध्यान में रखें ताकि आप का शरीर असंतुलित ना हो पाए।
- अगर आप चाहे तो रिकॉर्डिंग अथवा आईने के सामने प्रैक्टिस कर अपनी कमियां दूर कर सकते हैं।
- एक बात जरूर याद रखें कि आपका भाषण सीमित और प्रभावशाली होना चाहिए इसलिए ज्यादा लंबा भाषण ना दें वरना लोग उबने लगते हैं।
तो दोस्तों आज इस लेख के जरिए हमनें शिक्षक दिवस पर भाषण स्पीच (Teachers Day Speech in Hindi) आपके साथ साझा की। उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा लेख अच्छा लगा होगा।
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