आइये जाने भारत के संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के बारे में एक ऐसा व्यक्तित्व जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता है।
बाबा साहेब का पूरा नाम भीमरॉव रामजी अंबेडकर था। उनका जन्म 1891 में महाराष्ट्र के मऊ में एक दलित परिवार में हुआ।
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बाबा साहेब अंबेडकर जी 9 भाषाओं और 64 विषयों के विद्वान थे। विदेश में अर्थशास्त्र सेें डॉक्टरेट करने वाले पहले भारतीय थे। इसके अलावा उन्होंने मुंबई, अमेरिका, लंदन, जर्मनी यूनिवर्सिटी से 32 डिग्रीयां हासिल की थी।
भीमरॉव आंबेडकर की आत्मकथा का नाम ‘वेटिंग फॉर अ वीजा’ है जिसको कोलंबियां अमेरिका यूनिवर्सिटी में पढ़ाया जाता है।
आंबेडकर जी ने श्रमिकों के अधिकारों के लिये काफी संघर्ष किया उन्होंने काम के 12 से 14 घंटों को 8 घंटे कराने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
वह भारतीय संविधान के जनक, और पहले कानून मंत्री थे। उन्होंने दलितों पिछड़ी जाति को सम्मानता का अधिकार दिलाया था।
राष्ट्रीय झंडे में अशोक चक्र का स्थापित करने का श्रेय भी उन्हीं को ही जाता है।
वह उस समय स्वतंत्र भारत के सबसे अधिक पढ़े-लिखे और योग्य व्यक्ति थे और आज जिन समानता एवं दलित एवं पिछड़ी जाति के अधिकारों की बात हम करते है वह उन्हीं की ही देन है।
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