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डॉ. भीमराव अंबेडकर का जीवन परिचय, 2023 जयंती | Bhimrao Ambedkar biography in hindi

बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जयंती 2023 कब हैं?, भीमराव अंबेडकर का जीवन परिचय, रोचक तथ्य (Bhimrao Ambedkar biography in hindi, Bhimrao Ambedkar Jayanti 2023, Ambedkar Jayanti 2023 In Hindi, Facts, essay B. R. Ambedkar hindi) बाबा साहेब अंबेडकर जयंति 2023 पर निबंध कैसे लिखे, bhimrao ambedkar jayanti in hindi, भीम राव आंबेडकर जीवनी इन हिंदी

Ambedkar Jayanti 2023: 14 अप्रैल को प्रति वर्ष डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जयंती मनाई जाती है। भीमराव अंबेडकर जी को बाबा साहेब की उपाधि से भी जाना जाता है, इसीलिए उन्हें आमतौर पर आदर के साथ बाबा साहेब आंबेडकर कहकर संबोधित किया जाता है।

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अंबेडकर जी एक महान समाज सुधारक एवं विधि विशेषज्ञ थे जिन्हें भारत की संविधान सभा में प्रारूप समिति अर्थात ड्राफ्टिंग कमेटी का अध्यक्ष चुना गया था। उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज में पिछड़े वर्ग के उत्थान में समर्पित कर दिया तथा भारतीय संविधान की संरचना में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

एक समाज सुधारक के रुप में उनकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही। उनके इन्हीं समाज कल्याण एवं विधि निर्माण जैसे महत्वपूर्ण कार्यों के लिए साल 1990 में उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया।

आज भीम राव अंबेडकर पूरे दलित समाज एवं पिछड़े वर्ग के लिए एक आदर्श माने जाते हैं और देश भर के युवाओं प्रेरणादायक विचारों से को प्रेरणा देते हैं।

Dr. Bhimrao Ambedkar की जयंती आने वाली है, इसीलिए आज के लेख में हम आपको Dr. Bhimrao Ambedkar biography in hindi और Dr. Bhimrao Ambedkar Jayanti 2023 के बारे में बताएंगे।

विषय–सूची

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर कौन थे? (Who is B. R. Ambedkar hindi)

BR Ambedkar या भीमराव रामजी अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1893 को हुआ था। उनका जन्म एक दलित परिवार में हुआ था। उस दौर में पिछड़े वर्ग की स्थिति समाज में बहुत खराब थी जिसके कारण भीमराव अंबेडकर को सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ा।

बाद में भीमराव अंबेडकर ने इन्हीं सामाजिक भेदभाव की नीति से दलित एवं बिछड़े हुए समुदाय को उबारने के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए और एक समाज सुधारक के रूप में अपनी भूमिका निभाई।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि संविधान निर्माण के दौरान जिस संविधान सभा का गठन हुआ था उसके तहत एक प्रारूप समिति अर्थात ड्राफ्टिंग कमेटी भी बनाई गई थी। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर किस ड्राफ्टिंग कमिटी अर्थात प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे जिन्होंने संविधान के प्रारूप निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसी कारण उन्हें संविधान निर्माता का कर भी बुलाया जाता है।

उन्होंने Constitution of India की Drafting Committee का नेतृत्व किया था, इसी के साथ भारत की आजादी के बाद डॉक्टर भीमराव अंबेडकर भारत के पहले कानून मंत्री बने।

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के समाज सुधारक विधि निर्माण कार्यों में योगदान के लिए बाद में उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न सम्मान से भी सम्मानित किया गया जो कि भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है।

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Bhimrao-Ambedkar-biography-in-hindi | डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने अपना जन्म गरीबों के उत्थान में तथा निचली जाति के लोगों को उनका अधिकार दिलाने में लगा दिया। वे पेशे से एक इकोनॉमिस्ट, प्रोफेसर और एक वकील भी थे। उनके जीवन का लगभग आधे से ज्यादा समय राजनीतिक गतिविधियों में गुजरा था।

भारत के आजादी के लिए जो Negotiations  की जानी थी उनका भी वे एक अहम हिस्सा रहे। उन्होंने दलितों के सामाजिक न्याय और अधिकारों के लिए जीवनभर लड़ाइयां लड़ी। उन्होंने अपना पूरा जीवन एक हिंदू के तौर पर व्यतीत किया लेकिन अपने जीवन के कुछ अंतिम सालों में उन्होंने बुद्ध धर्म को स्वीकार किया। था। और उन्हीं के कारण बुद्ध धर्म में बहुत सारे दलितों ने अपना कन्वर्जन भी किया।

सन 1990 में उन्हें भारत रत्न का अवार्ड भी मिला जो कि Highest Civilian Award है। यह अवार्ड उन्हें मरणोपरांत मिला था। बाबा साहब अंबेडकर के चाहने वाले उन्हें बाबा साहब कहकर पुकारते हैं। तथा उनके सम्मान में जय भीम कहते हैं। बाबासाहेब आंबेडकर पूरे भारत के सम्मान है।

भीमराव अंबेडकर का जीवन परिचय (Bhimrao Ambedkar Biography in hindi)

असली नाम (Real Name)भीमराव रामजी अंबेडकर
बचपन का नामभीम, बाबासाहेब
प्रसिद्ध नामडॉ भीम राव अम्बेडकर
प्रसिद्धी प्राप्त कीभारतीय संविधान के सूत्रधार
जन्म (Date of Birth)14 अप्रैल 1891
जन्म स्थान (Place of Birth)महू , इंदौर मध्यप्रदेश
आयु65 वर्ष (1956)
निधन6 दिसम्बर 1956 (दिल्ली)
पेशा (Professions)वकील, प्रोफेसर, सम्पादक, समाजसुधारक, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, लेखक, दार्शनिक, पत्रकार
परिवार (Family Details)
माता का नाम (Mother Name)भीमाबाई मुबारदकर
पिता (Father Name)रामजी मालोजी सकपाल
वैवाहिक स्थिति पहला विवाह (1906-1935) – पत्नी रामाबाई अम्बेडकर
दूसरा विवाह (1948-1956) – सविता अम्बेडकर
शैक्षिक योग्यता(Education Qualification)
स्कूलएलफिंस्टन हाई स्कूल, बॉम्बे विश्वविद्यालय
विश्वविद्यालयबॉम्बे विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री
कोलंबिया विश्वविद्यालय (M.A., PH.D, LLD)
लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (DSc, M.Sc, )
लंदन से Barrister-at-law

बी.आर. अंबेडकर का शुरुआती जीवन

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1893 हुआ था, और उनका जन्म अंबेडकर नगर के एक छोटे मिलिट्री कंटेनमेंट में हुआ था, आज के अंबेडकर नगर को उस समय मऊ के नाम से भी जाना जाता था, अपनी माता-पिता के वे 14 वी संतान थे।

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डॉक्टर भीमराव अंबेडकर एक मराठी परिवार से आते थे तथा उनका मुख्य शहर का नाम अम्बेवाडी था जोकि मंडनगढ़ तालुका में स्थित है। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्म मैहर जाति में हुआ था। तथा मेहर जाति को उस समय अछूत माना जाता था, जहां पर उनके साथ में सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भेदभाव किया जाता था, उनके साथ में खाना खाना, पानी पीना यहां तक कि उनकी परछाई को भी छू लेना एक पाप माना जाता था।

भीमराव अंबेडकर जी के पिता का नाम रामजी मलोजी सकपाल था, तथा उनकी माता का नाम भीमाबाई सकपाल था। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की पूर्वजों ने अंग्रेजों की आर्मी में बहुत समय तक काम किया था। हालांकि उन्हें स्कूल जाने का मौका भी मिला था, लेकिन वहां भी उनके साथ में अछूत बच्चे की तरह व्यवहार किया जाता था।

उन्हें सभी बच्चों से अलग से बिठाया जाता था, उनका छुआ कोई खा नहीं सकता था, उनका छुआ कोई पी नहीं सकता था, टीचर भी अम्बेडकर को बचपन में उन्हें क्लास के अंदर बैठने तक नहीं दिया जाता था। यदि कभी उन्हें प्यास लगती तो क्लास में कोई भी वह बच्चा जो ऊंची जाति का है वह ग्लास को ऊपर करके उन्हें पानी पिलाता था।

1894 में रामजी सकपाल रिटायर होकर के सातारा में आ पहुंचे, और कुछ समय पश्चात उनकी माता जी का देहांत हो गया मैं। उनकी सभी भाई बहनों में से केवल भीमराव अंबेडकर अच्छी शिक्षा हासिल कर पाए, और हाई स्कूल जाने का उन्हें मौका मिला। उनका असली उपनाम सकपाल था, लेकिन उनके पिता ने उनका स्कूल में नाम अम्बडेकर लिखाया था। अंबेडकर जी जब 15 वर्ष के थे 1906 में उनका विवाह 9 वर्ष की रमाबाई से हुआ।

शिक्षा के तौर पर भारत रत्न श्री डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी ने बैचलर ऑफ आर्ट्स, मास्टर ऑफ आर्ट, पीएचडी, मास्टर इन साइंस, डॉक्टरेट इन साइंस, 12 क्लास एलएलबी डॉक्टरेट इन लिटरेचर तथा अन्य कई हाईएस्ट डिग्री हासिल करी थी आज के समय के अनुसार भी देखा जाए तो डॉक्टर भीमराव अंबेडकर बहुत ज्यादा शिक्षित व्यक्ति थे

भीमरॉव अंबेडकर की शिक्षा-दीक्षा

भारत के प्रथम कानून मंत्री और संविधान के निर्माता अंबेडकर जी बचपन से ही कुशाग्र और तेजस्वी बुद्धि के स्वामी थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा 1907 में एलफिलस्टन स्कूल से हाई स्कूल और 1912 में बाम्बे विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र एवं राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएशन कम्पलीट की।

नीची और दलित जाति से संबध होने के कारण उनके साथ समाज में कई भेदभाव और छुआछूत के साथ असमानता व्यवहार किया जाता था। लेकिन उन्होंने इस मुश्किल को अपनी पढ़ाई के आगे रुकावट नहीं बनने दिया। वह पहले दलित विद्यार्थी थे जिन्होंने बाम्बे विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया था। उन्होंने अपनी प्रतिभा के बलबूते बडोदरा राज्य छात्रवृति प्राप्त की और उच्च शिक्षा के लिये 1913 में न्यूयार्क, अमेरिका चले गये।

सन् 1915 मे कोलंबिया विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र के साथा-साथ समाजशात्र, मानव विज्ञान, इतिहास आदिविषय में एमए की डिग्री प्राप्त की। कोलंबिया से पीएचडी की डिग्री भी हासिल की।

इसके बाद उन्होंने भारत लौटने का निर्णय लिया इससे पहले उन्होंने लंदन विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान में एमएससी, डीएसटी, विधि संस्थान में एडमिशन में के लिये आवेदन दिया और पंजीकरण करवाया। भारत लौटने पर बॉम्बे के सिन्ड्रोम कॉलेज में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बने। अम्बेडकर जी में पढ़ने की लालसा अभी भी कम नहीं हुई थी और उन्होंने लंदन जाकर अपनी अधूरी पढ़ाई पूरी की और एमएससी, बीएसटी(बेरिस्टर ऑफ लॉ) और डीएसटी की डिग्रीयाँ प्राप्त की। बाबा साहेब 64 विषयों के विशेषज्ञ, 32 डिग्री धारक और 9 भाषाओं के ज्ञानी पुरुष थे।

भारत में उस समय सबसे अधिक पढ़े लिखे और योग्य राजनीतिज्ञ, दर्शनशास्त्री, अर्थशास्त्री, प्रोफेसर एवं विचारक थे।

संविधान के निर्माण में बी.आर. अंबेडकर का योगदान

भारत का संविधान जिसे भारत का सुप्रीम लॉ माना जाता है वह फंडामेंटली डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के की निगरानी में बनाया गया था। यह सुप्रीम लो हमारे देश को लोकतांत्रिक देश बनाने में मदद करती है। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर उस पर Constitution Drafting Committee के लीडर थे जो Constitution  को लिख रहा था।

भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली तथा भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने उसी अवसर पर डॉ भीमराव अंबेडकर को आजाद भारत का पहला कानून मंत्री बनाया। इसके ठीक 2 हफ्ते बाद ही उन्हें कॉन्स्टिट्यूशन ड्राफ्टिंग कमिटी का लीडर अप्वॉइंट किया गया।

आज डॉक्टर अंबेडकर के कारण ही हमें एक मजबूत लोकतांत्रिक कौन स्टेशन देखने को मिलता है। जो एक वाइट रेंज सिविल लिबर्टीज उपलब्ध करवाता है, जो कि नागरिकों उनके सुरक्षा अधिकारों उनकी आजादी को बढ़ावा देता है। तथा छुआछूत जैसी कुप्रथा का सर्वनाश करता है।

किसी भी व्यक्ति को किसी भी घटिया आधार पर किसी भी दूसरे व्यक्ति से भेदभाव करने से रोकता है। इसी के साथ भारतीय संविधान में महिलाओं को बहुत सारे सोशल rights देने का काम भी किया गया तथा। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के कारण ही नौकरी में रिजर्वेशन देने का काम शुरू किया गया जिसमें सिविल सर्विस स्कूल कॉलेज इन सभी में शेड्यूल कास्ट और शेड्यूल ट्राइब के मेंबर्स को पॉइंट करना शुरू किया गया आज के समय हमें रिजर्वेशन के बहुत सारे फायदे और बहुत सारे नुकसान देखने को मिलते हैं। यह सब कुछ डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की देन है। कॉन्स्टिट्यूशन असेंबली ने 26 नवंबर 1949 को भारतीय कॉन्स्टिट्यूशन को स्वीकार कर लिया था।

डॉ. भीमराव अंबेडकर के बारे में कुछ रोचक तथ्य

1. भारत में छुआछूत, जातिवाद, दलितों एवं पिछड़ी जाति जैसे सामाजिक कुरितियों को दूर करने के लिये उन्होंने कई आंदोलन किये थे।

2. 1915 में भीमराव अंबेडकर जी ने कोलम्बिया यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र एम.ए. की डिग्री एवं 1917 में कोलंबिया से ही पी.एच.डी. की डिग्री प्राप्त की।

3. वह ऐसे पहले भारतीय थे जिन्होंने अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट पी.एच.डी. की उपाधि हासिल की।

4. बाबा साहेब अंबेडकर जी 9 भाषाओं के विद्वान थे। उन्होंने 32 डिग्रियां हासिल की।

5. वह पहले भारतीय हैं जिनकी तस्वीर (Portrait) लंदन के विश्व प्रसिद्ध संग्राहलय में लगी हुई हैं।

6. अंबेडकर जी भारत में व्याप्त जाति प्रथा एवं निचली जाति के साथ हो रहे भेदभाव का घोर विरोध किया।

7. उन्हें भारत के संविधान के निर्माता के रुप में भी जाना जाता है।

8. 14 अप्रैल 1991 को भीमराव जी की मृत्यु के पश्चात उन्हे भारत का सर्वोच्च पुरस्कार भारतरत्न से सुशोभित किया गया था।

9. भारत के राष्ट्रीय ध्वज में व्याप्त अशोक चक्र को स्थापित कराने का कार्य भी इन्हीं के द्वारा किया गया था।

10. भीमराव अंबेडकर जी ने सन् 1956 में बौद्ध धर्म ग्रहण कर लिया था।

11. उन्हें भारत के सर्वप्रथम कानून मंत्री बनने का गौरव प्राप्त है।

भीमराव अंबेडकर जयंती 2023 कब हैं?(BR Ambedkar Jayanti 2023 hindi)

सन 2015 से डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती को हर वर्ष 14 अप्रैल से मनाया जाता है। 14 अप्रैल 1891 को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी का जन्म हुआ था।

14 अप्रैल के दिन पूरे भारत में पब्लिक होली डे होता है। हालांकि अंबेडकर जयंती को पूरे भारत के साथ-साथ पूरे विश्व में भी मनाया जाता है, क्योंकि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने अपना पूरा जीवन असहाय लोगों की सहायता करने तथा समाज के निचले तबके में रहने वाले लोगों को समाज के अन्य लोगों की तरह ही बराबर अधिकार दिलवाने के लिए अपना पूरा जीवन खपा दिया। इसके अलावा यूनाइटेड नेशन से यह मांग कर ली गई है कि 14 अप्रैल को अंतर्राष्ट्रीय इक्वलिटी डे मनाए जाने का स्वीकार किया जाए।

निष्कर्ष

तो आज के इस लेख में हमने जाना कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर कौन थे, उन्होंने अपने जीवन में क्या महान कार्य किए, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर लेकिन परिस्थितियों में अपने आप को संभाले रखा, तथा अपने आप को सबसे ज्यादा शिक्षित किया, तथा अंत में हमने BR Ambedkar Jayanti 2023 के बारे में भी जानकारी हासिल करी।

हम आशा करते हैं कि आप समझ चुके होंगे कि Dr. Bhimrao Ambedkar Biography in Hindi क्या है।

FAQ

बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के पास कितनी डिग्रीयां थी?

32 डिग्रीयां

भीमराव अंबेडकर का पूरा नाम क्या है?

भीमराव रामजी आम्बेडकर

भीमराव अंबेडकर की मृत्यु कब हुई थी

6 दिसम्बर 1956, दिल्ली

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर कौन थे?

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर भारतीय संविधान सभा के अंतर्गत बनाई गई ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष थे जिन्होंने संविधान निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। भारत के पहले कानून मंत्री और एक समाज सुधारक भी थे।

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने किस सामाजिक वर्गों के उत्थान एवं विकास के लिए कार्य किया?

डॉ भीमराव अंबेडकर ने दलित समाज को विकास की एक नई दिशा और गति देने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रयास किए।

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को भारत रत्न कब मिला?

साल 1990 में भारतीय संविधान निर्माण एवं समाज कल्याण कार्यों के लिए डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत द्वारा सम्मानित किया गया।

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संविधान निर्माण की किस कमेटी के अध्यक्ष थे?

डॉ भीमराव अंबेडकर प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे।

ड्राफ्टिंग कमिटी के अध्यक्ष कौन थे?

डॉ भीमराव अंबेडकर प्राकृतिक कमेटी के अध्यक्ष थे।

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