अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत सन 1908 में एक आंदोलन से हुई। इसमें 15 हजार महिलाओं ने न्यूयॉर्क, अमेरिका में मार्च निकाला था।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की पहल करने वाली महिला क्लारा जेटकिन थी

Women Day 28 फरवरी सन् 1909 के दिन सबसे पहले न्यूयार्क में एक राजनीतिक प्रोग्राम में मनाया गया था।

सन् 1910 में इन्होंने सैकड़ों महिलाओं को एकत्रित करके एक सम्मेलन किया और महिला दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा।

सबसे पहले अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 1911 में ऑस्ट्रिया, जर्मनी, डेनमार्क और स्विजरलैंड में मनाया गया।

इसके बाद 1917 में रुस की क्रांति और प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान यहां की कामकाजी महिलाओं ने खाने और शांति (Bread & Peace) की मांग की और आंदोलन किये। 

महिला दिवस 2023 की थीम 

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2023 “लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकि” की थीम के साथ मनाया जाएगा

#embrace equity

यह आंदोलन इतना प्रभावशाली और शक्तिशाली था जिसके सामने उस समय का जार निकोलस को अपनी सत्ता छोड़नी पड़ी।

सन 1975 की बात है जब संयुक्त राष्ट्र संघ ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने की आधिकारिक घोषणा की थी।

महिला दिवस पर कविता, स्लोगन

ना अबला ना बेचारी है, अब यह कलयुग की नारी है। जब होगा महिला का योगदान, देश बनेगा तभी महान।

घर समाज का रखती मान, नारी है संस्कृति की पहचान। यदि बंधन के पार है नारी, तो उन्नति का आधार है नारी।

1. महिलाओं को समाज में समानता 2. महिलाओं को स्वावलंबी बनाना 3. महिलाओं को उच्च शिक्षा प्रदान करना 4. महिला सशक्तिकरण पर जोर देना।

महिला दिवस का उद्देश्य

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क्या खास बात है 8 मार्च की, इसी दिन क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस

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