Dates Farmer Diwakar Channappa Success Story: दोस्तों यह बात तो हम सभी जानते ही हैं कि खेती करने में काफी ज्यादा मेहनत लगती है। आज भी किसान ऐसे हैं, जो खेती करके अपने घर का गुजारा भी नहीं कर पा रहे हैं। क्योंकि उन्हें यह मालूम ही नहीं होता है की खेती में सिर्फ गेहूं या फिर अन्य किसी चीज की खेती के अलावा भी बहुत सारे ऑप्शन अवेलेबल है। जिनकी खेती करके करोड़ों रुपए तक कमाया जा सकता है ।
आज हम आपको कर्नाटक के रहने वाले दिवाकर चैन्नपा के बारे में बताने वाले हैं। उनकी कहानी भी कुछ ऐसे ही है। उनके पिताजी किसान है। यह किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। पढ़ लिखकर इन्होंने अच्छी जगह नौकरी भी शुरू कर दी थी। लेकिन बाद में खेती करके अब करोड़ों रुपया कमा रहे हैं ।
इनकी कामयाबी की कहानी आपको जरूर जाननी चाहिए ताकि आपको भी खेती से पैसा कमाने का आईडिया मिल सके। चलिए पूरी जानकारी के लिए इस पोस्ट को आप पूरा पढ़ें। इस पोस्ट में हम आपको पूरी जानकारी देने वाले हैं कि इन्होंने कैसे जीरो से हीरो बनने तक का सफर पूरा किया है।
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दिवाकर चैन्नपा कर्नाटक के रहने वाले हैं? (Diwakar Channappa Success Story)
दोस्तों आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से कर्नाटक के रहने वाले दिवाकर चैन्नपा के बारे में बताने वाले हैं। इन्होंने सोशल वर्क में एम ए की हुई है। इसके अलावा भी इन्होंने काफी ज्यादा पढ़ाई की हुई है। पढ़ाई करने के बाद उनकी नौकरी इसरो में लग गई थी ।
लेकिन इसरो में इन्होंने कुछ वर्ष काम किया। इन्होंने तुमकुर विश्वविद्यालय में विजिटिंग फैकल्टी के रूप में भी काम किया था। उनकी इसरो में काफी बढ़िया नौकरी थी। लेकिन इन्होंने नौकरी छोड़ दी। नौकरी छोड़ने के पीछे इनका मुख्य कारण यह रहा था कि यह नौकरी छोड़कर खेती करने लगे ।
आप सोच कर थोड़े हैरान तो हो रही होंगे। दरअसल इन्होंने नौकरी छोड़कर खजूर की खेती शुरू कर दी। जिसके कारण उनके परिवार वाले काफी ज्यादा नाखुश हो गए थे और इस खजूर की खेती के कारण ही आज इन्होंने अपनी एक अलग पहचान बना ली है और हर महीने लाखों कमा रहे हैं।
कर्नाटक के सागानाहेल्ली में बना रहे है ऑर्गेनिक खजूर
दिवाकर चैन्नपा सागानाहेल्ली में ऑर्गेनिक खजूर का बिजनेस कर रहे हैं। इनके लिए इसरो में जोब छोड़कर खेती को करना आसान काम नहीं था । लेकिन इन्होंने अपनी जिंदगी में हमेशा कुछ बड़ा करने की सोची और फिर इन्होंने एक दिन नौकरी छोड़ दी और कार्बनिक खजूर बनाने का बिजनेस शुरू कर लिया।
दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इन्होंने पहले अपने खेत में मक्का, रागी और तूअसर जैसी फसलों की खेती शुरू करनी शुरू की। उसके बाद इन्होंने धीरे-धीरे इसमें कुछ नया करने का सोचा। उन्होंने लगभग 5 लाख रुपए खर्च करके बरही किस्म के लगभग 150 पौधे खजूर के उगाए।
इसके बाद इन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। ऑर्गेनिक खजूर की खेती में पूरा ध्यान लगा दिया और खजूर की देखरेख से लेकर उनकी बिक्री सब कुछ यह अकेले संभालते हैं । धीरे-धीरे इनकी खेती काफी ज्यादा बढ़िया होने लगी। इसके कारण उनके परिवार वाले भी खुश हो गए।
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दिवाकर चैन्नपा के फैसले से काफी नाराज थे किसान पिता
दोस्तों आपको जानकर हैरानी होगी कि जब दिवाकर चैन्नपा ने इसरो की अच्छी खासी नौकरी छोड़कर खेती करने का फैसला लिया, तो उनके माता-पिता ने इनका बहुत ज्यादा विरोध किया था। उनकी मां ने इन्हें कहा था कि तुम अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती कर रहे हो। क्योंकि इसरो में की काफी सामान जनक नौकरी थी। सैलरी भी काफी ज्यादा अच्छी थी।
लाखों युवा इसरो में नौकरी करने का सपना देखते हैं। लेकिन दिवाकर ने इतनी अच्छी लगी हुई नौकरी को ही छोड़ दिया। जिसके कारण उनके पिता काफी ज्यादा नाराज हो गए थे। आपको बता दे की बचपन से ही उनके माता-पिता ने इन्हें खेती से दूर रखा था।
क्योंकि वह चाहते थे कि उनके बेटे पर लिखकर एक अच्छी जगह जॉब करें और उनका नाम रोशन करें। इसलिए उन्हें बचपन से ही खेती के कामों में नहीं लगाया। हमेशा पढ़ाई करने का मौका दिया। लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनका बेटा खेती ही करना चाहता है।
वाटरशैड प्रोजेक्ट ने बदला इनका जीवन
दोस्तों साल 2009 में यह वाटरशैड प्रोजेक्ट के लिए तमिलनाडु में गए थे और यहीं से इनका एक नया सफर शुरू हुआं। इस प्रोजेक्ट के दौरान ही इन्हें ऐसा महसूस हुआ कि इन्हें नौकरी छोड़कर अपनी खेती करनी चाहिए। खेती में कमाई भी ज्यादा है और इन्हें कुछ नया भी करना था।
इसलिए इन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी। आपको जानकर हैरानी होगी कि इनके लिए सफर इतना आसान नहीं था। पहली बार इन्हें 650 ग्राम खजूर की खेती करी थी। उसे इन्होंने 350 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से बेचा था।
उसके बाद धीरे-धीरे बड़े स्तर पर इन्होंने ऑर्गेनिक खजूर की खेती शुरू कर दी। अगस्त 2023 में इन्होंने खेती करके 4.2 टन यानी की 4200 किलोग्राम खजूर की खेती की और उन्हें 310 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से मार्केट में बेच दिया
बात करें तो यह अब अपने इस आईडिया से साल के करोड़ रूपया कमा रहे हैं। अगर किसी को होम डिलीवरी चाहिए तो 350 प्रति किलोग्राम का चार्ज करके होम डिलीवरी भी करते हैं।
इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको यह जानकारी दी है कि कैसे इन्होंने अपनी नॉलेज का इस्तेमाल खेती करने में किया और जहां एक तरफ कुछ किसान ऐसे हैं जो खेती से अपने घर का खर्चा भी नहीं चला पा रहे हैंl इन्होंने अपने एक यूनीक आइडिया का इस्तेमाल करके खेती करके लाखों रुपए का बिजनेस अब तक कर दिया हैl
आने वाले समय में काफी ज्यादा इनका मुनाफा होने वाला हैl हम उम्मीद करते हैं कि आपको भी इस पोस्ट के माध्यम से कुछ नया सीखने को मिला होगाl अगर आप भी खेती करना चाहते हैं, तो कुछ अलग तरीके या फिर यूनीक आइडिया का इस्तेमाल करेंl हम उम्मीद करते हैं कि जैसे यह मुनाफा कमा रहे हैं, आप भी वैसा ही मुनाफा कमाएंगेl