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राष्ट्रीय पर्यटन दिवस क्यों मनाया जाता है? निबंध, इतिहास, महत्व | National Tourism Day 2023 History, Theme, Date, Facts, Essay in hindi

राष्ट्रीय पर्यटन दिवस 2023 – हमारा देश भारत विविधताओं का देश है यहां के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक स्थल विश्व में अपनी एक अलग पहचान रखते है। भारत में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक प्रकृति ने अपना भरपूर सौंदर्य बिखेरा हुआ है। इसी सौंदर्य को देखने हर साल लाखों करोड़ों लोग भारत की यात्रा करते हैं और यहां की विविधता तथा प्रकृति का सौंदर्य देखते हैं।

किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में उस देश का पर्यटन क्षेत्र एक बहुत महत्वपूर्ण रखता है। यदि हम भारत के संदर्भ में ही बात करें तो इंडिया की जीडीपी का 6.8% तक का हिस्सा टूरिज्म और हॉस्पिटलिटी इंडस्ट्री के द्वारा एकत्र किया जाता। केवल इतना ही नहीं भारत के लोगों को रोजगार देने के लिए भी पर्यटन एक महत्वपूर्ण सेवा उद्योग है।

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वैश्विक स्तर पर पर्यटन सेवा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए पूरे विश्व में पर्यटन दिवस 27 सिंतबर को जबकि भारत में राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन सेवा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए हर वर्ष 25 जनवरी को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाया जाता है। यह दिवस अपने आप में बहुत ही महत्वपूर्ण है।

इसीलिए आज के लेख में हम आपको बताएंगे कि राष्ट्रीय पर्यटन दिवस क्यों मनाया जाता है?, इसकी शुरुआत क्यों तथा कब हुई थी, और इसको मनाने का मुख्य उद्देश्य क्या है, इसके साथ साथ हम आपको यह भी बताएंगे कि भारत में मुख्य पर्यटन स्थल कौन से हैं।

विषय–सूची

राष्ट्रीय पर्यटन दिवस क्यों मनाया जाता है? (National Tourism Day in hindi)

सन 1948 में भारत ने इस बात को समझ लिया था कि भारत की अर्थव्यवस्था का बहुत बड़ा हिस्सा उसके पर्यटन के द्वारा आता है। और उन्होंने अपने पर्यटन को मजबूत करने की कोशिश करी, और 1948 से ही भारत ने पर्यटन की शक्ति को समझ लिया था। और तब से ही भारत में राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन के महत्व को समझा जाने लगा है।

हर वर्ष 25 जनवरी को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाया जाता है। जिसका मुख्य केंद्र यह होता है कि भारत में पर्यटन को सुलभ और अधिक आसान बनाया जाए जिसकी सहायता से अधिक से अधिक पर्यटक भारत का भ्रमण करने के लिए आ सकें।

राष्ट्रीय पर्यटन दिवस | National-Tourism-Day-hindi

राष्ट्रीय पर्यटन दिवस का महत्व क्या है?

पर्यटन को बढाने के उद्देश्य से भारत में राष्ट्रीय पर्यटन दिवस का एक खास महत्व है। कोई भी देश, जहां पर विभिन्न प्रकार के विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थलों एवं सांस्कृतिक स्थलों की मौजूदगी हो और जिस देश की हर एक जगह में कोई न कोई रहस्य छिपा हो उस देश का भ्रमण करने की लालसा हर किसी के मन में हमेंशा बनी रहती है। भारत में हर वर्ष लाखों लोग भ्रमण के लिये आते है। यहां दुनियां की सबसें लोकप्रिय, रोमांचित और खूबसूरत जगह मौजूद है।

यहां पर्यटन के क्षेत्र में आपार संभावनाएं मौजूद है। देश के लाखों लोग इस क्षेत्र में लगे हुये है। देश के कुल रोजगार का 7.7 प्रतिशत लोग इसी क्षेत्र में लगे हुये हैं। भारत में पर्यटन दिवस के दिन सरकार की तरफ से हर वर्ष 25 जनवरी को पर्यटन को बढाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। जिनसे भारत में लोग पर्यटन के महत्व को अच्छे से समझे।

राष्ट्रीय पर्यटन दिवस का इतिहास क्या है?

राष्ट्रीय पर्यटन दिवस का इतिहास बहुत ज्यादा पुराना नहीं है, इसकी शुरुआत लगभग 1948 के तकरीबन हुई थी, जब भारत को आजादी मिलने वाली थी। तथा इसके लिए भारत सरकार ने एक पर्यटन यातायात समिति का गठन पहले ही कर लिया था। और इसके ठीक 3 साल बाद में कोलकाता और चेन्नई के पर्यटन कार्यालयों में इसका विलय किया गया था।

यह काम 1951 को संपन्न हुआ, और इसके बाद में दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता में पर्यटन कार्यालय बनाए गए थे। और सन 1998 में पर्यटन को संचार मंत्री के मंत्रालय के केंद्र के अंतर्गत जोड़ा गया।

इस दिवस को मनाने का उद्देश्य क्या है।

राष्ट्रीय पर्यटन दिवस को मनाने का उद्देश्य सभी भारतीयों को पर्यटन का महत्व समझाना और भारतीय अर्थव्यवस्था में पर्यटन को समग्र रूप से संचालित करना है, ताकि भारत के सभी लोग भारतीय अर्थव्यवस्था में पर्यटन के महत्व को समझें, और सभी पर्यटकों के साथ में और भी अच्छे ढंग से बर्ताव हो सके, ताकि भारत में पर्यटन अधिक से अधिक बढ़ाया जा सके।

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राष्ट्रीय पर्यटन दिवस के मुख्य उद्देश्य में इसके सामाजिक और राजनीतिक तथा भारत के सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ाना और उसकी जागरूकता सभी भारतीयों के जहन में बैठाना है।

भारत के सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल कौन से हैं?

भारत में बहुत सारे ऐसे पर्यटन स्थल है जहां पर किसी भी पर्यटक को जाना चाहिए। हम आपको कुछ ऐसे पर्यटन स्थल के बारे में बताएंगे जहां पर आपको निश्चित तौर पर पर्यटन करने के लिए जाना चाहिए।

  • सबसे पहला नाम ताजमहल का आता है। ताजमहल आगरा में स्थित है।
  • दूसरा नाम रणथंबोर नेशनल पार्क का आता है, जोकि राजस्थान के सवाई माधोपुर में स्थित है।
  • इसके बाद में आमेर का किला आता है, जिसे अंबेर का किला भी कहा जाता है। यह भी राजस्थान की राजधानी जयपुर से तकरीबन 11 किलोमीटर दूर स्थित है।
  • इसके बाद में जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क आता है जोकि उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित है।
  • तथा इसके बाद में हवाई महल आता है जोकि जयपुर में स्थित है।
  • इसके बाद में लाल किला आता है जोकि पुरानी दिल्ली में स्थित है।
  • तथा इसके बाद में कुतुब मीनार भी देखने लायक पर्यटन स्थल है जोकि यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज में भी शामिल है और दक्षिण दिल्ली में स्थित है।
  • इसके बाद में जयपुर का सिटी पैलेस जोकि महाराजा सवाई सिंह जी के द्वारा बनाया गया था और जयपुर में ही स्थित है।
  • इसके बाद में श्री हरमिंदर साहिब जिसे गोल्डन टेंपल के नाम से जाना जाता है, तथा यह पंजाब के अमृतसर में स्थित है।
  • इसके बाद भी आगरे का किला जो कि लगभग 1638 तक मुगल साम्राज्य का गढ़ था, यह भी देखने लायक हेरिटेज है।
  • इसके बाद में कमल मंदिर भी देखने लायक जगह है जो कि दिल्ली में स्थित है और इसे लोटस टेंपल के नाम से जाना जाता है।
  • इसके बाद में इंडिया गेट देखने लायक जगह है जो कि दिल्ली में ही स्थित है, और यह दिल्ली के राजपथ पर स्थित है।
  • इसके बाद भी काजीरंगा नेशनल पार्क खाता है जो कि आसाम में स्थित है, और आसाम के नागांव जिले में स्थित है यहां पर आपको एक अच्छी तादाद में गैंडे देखने को मिलेंगे।
  • इसके बाद में कान्हा टाइगर रिजर्व जो किमध्य प्रदेश में स्थित है यहां पर आप टाइगर को आमने सामने देख सकते हैं।
  • इसके बाद में मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट यानी कि मेहरानगढ़ का किला भी देखने लायक है जो कि पूरी पहाड़ी पर स्थित है। और यह राजस्थान की जोधपुर में स्थित है, जो कि 1200 एकड़ में फैला है।
  • इसके बाद में आप जल महल देखने के लिए राजस्थान के जयपुर शहर में भी जा सकते हैं।
  • तथा इसके बाद में गेटवे ऑफ इंडिया जो कि मुंबई में स्थित है, यह भी आप देख सकते हैं और मुंबई में इसी के साथ में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस देखने का मौका भी आपको नहीं छोड़ना चाहिए।

यह सारे कुछ ऐसे पर्यटन स्थल हैं जिन्हें आपको कभी भी मिस नहीं करना चाहिए। और यह भारत की गरिमा को बढ़ाते हैं। तथा इन सबके अलावा भी हजारों ऐसे पर्यटन स्थल है, जिनका नाम हम इस लेख में शामिल नहीं कर पाएंगे। लेकिन भारत में पर्यटन स्थलों की कमी नहीं है, और सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थल भी सैकड़ों की संख्या में है।

राष्ट्रीय पर्यटन दिवस के विषय या थीम (2021-2023)

सन 2021 में कोविड महामारी के कारण इस क्षेत्र को बहुत बड़ा झटका लगा था। विश्वभर का टूरिज्म क्षेत्र में मंदी आ गई थी। वर्ष 2021 में थीम का नाम “देखो अपना देश ” था।

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राष्ट्रीय पर्यटन दिवस 2022 के लिए राष्ट्रीय पर्यटन दिवस की थीम “आजादी का अमृत महोत्सव” है।

राष्ट्रीय पर्यटन दिवस 2023 के लिए राष्ट्रीय पर्यटन दिवस की थीम “ग्रामीण और सामुदायिक केंद्रित पर्यटन” घोषित की गई है।

इन्हें भी पढ़ें - 
1. भारत की प्रथम मुस्लिम महिला फ़ातिमा शेख का जीवन परिचय एवं जीवन संघर्ष की कहानी
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4. भारतीय सेना दिवस का इतिहास एवं महत्व

अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन दिवस कब मनाया जाता है?

अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन दिवस हर वर्ष 27 सितंबर को मनाया जाता है। और इसकी शुरुआत 27 सितंबर 1980 से हुई थी। और 27 सितंबर 1980 को यूनाइटेड नेशन वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गेनाइजेशन ने पहली बार सेलिब्रेट किया था।

निष्कर्ष

तो आज के लिए हमने जाना कि राष्ट्रीय पर्यटन दिवस क्यों मनाया जाता है, यह कब मनाया जाता है। तथा इसका बनाने का उद्देश्य क्या है। इसके साथ में अपनी यह भी जाना कि भारत में पर्यटन के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्थान कौन से हैं।

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FAQs

राष्ट्रीय पर्यटन दिवस सबसे पहले कब मनाया गया।

इस दिवस को मनाने की शुरुआत सन् 1948 से की गई।

राष्ट्रीय पर्यटन दिवस कब है?

हर वर्ष 25 जनवरी को मनाया जाता है।

राष्ट्रीय पर्यटन दिवस 2023 का थीम क्या है?

‘ग्रामीण और सामुदायिक केंद्रित पर्यटन’ 

राष्ट्रीय पर्यटन दिवस 2022 का थीम क्या है?

राष्ट्रीय पर्यटन दिवस 2022 का थीम का नाम “आजादी का अमृत महोत्सव” है।

विश्व पर्यटन दिवस 2020 की थीम क्या है?

विश्व पर्यटन दिवस 2020 की थीम “Tourism and Rural Development: A Better Future for all” है।

विश्व पर्यटन दिवस किस दिन मनाया जाता है?

विश्व पर्यटन दिवस हर वर्ष 27 सितम्बर के दिन मनाया जाता है। सबसे पहले यह दिवस 1980 में मनाया गया था।

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