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गुरु गोबिंद सिंह जयंती पर निबंध व भाषण | Speech & Essay on Guru Gobind Singh Jayanti in Hindi

Essay on Guru Gobind Singh Jayanti in hindi 2024 : गुरु गोबिंद सिंह जी को सिखों के दसवें गुरु के रूप में जाना जाता है। गुरु गोबिंद सिंह जी अदम्य साहस और वीरता के प्रतीक थे जिन्होंने सदैव मुगलों के अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाई थी और सत श्री अकाल का नारा दिया था। सिखों के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी ने ही खालसा पंथ की स्थापना की थी।

गुरु गोबिंद सिंह जयंती आमतौर पर दिसंबर या जनवरी महीने में पड़ती है लेकिन कभी-कभी यह साल में दो बार भी मनाई जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस तिथि की गणना अलग-अलग कैलेंडरों से की जाती है जिसमें हिंदू विक्रम कैलेंडर और नानकशाही कैलेंडर शामिल है।

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गुरु गोविंद सिंह का जन्म 22 दिसंबर 1666 को हुआ था। गुरु गोविंद सिंह की जन्म तिथि पौष मास शुक्ल पक्ष की सप्तमी थी इसीलिए हर साल पौष मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गुरु गोविंद सिंह की जयंती मनाई जाती है। इस बार साल 2024 में गुरु गोविंद सिंह की जयंती 17 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी क्योंकि इसी दिन पौष मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी पड़ रही है।

भले ही गुरु गोबिंद सिंह की जयंती की तिथियां विवादित हों लेकिन इस दिन का महत्व बहुत ज्यादा है। गुरु गोविंद सिंह जी केवल सिखों के लिए ही नहीं बल्कि भारतीय हिंदुओं के लिए भी एक आदर्श हैं क्योंकि उन्होंने कश्मीरी हिंदुओं की सुरक्षा के लिए अत्यंत जतन किए।

इस जयंती के अवसर पर कॉलेज विद्यालय और अन्य कई शैक्षणिक संस्थाओं में गुरु गोबिंद सिंह जयंती पर निबंध व भाषण (Guru Gobind Singh Jayanti Par Nibandh) लेखन और भाषण की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।

इसीलिए आज हम आपके लिए गुरु गोबिंद सिंह पर निबंध और भाषण (Speech & Essay on Guru Gobind Singh Jayanti in Hindi) लेकर आए हैं।

Speech-Essay on Guru Gobind Singh Jayanti in hindi-Nibandh-bhasan

गुरु गोबिंद सिंह जयंती पर निबंध व भाषण (Speech & Essay on Guru Gobind Singh Jayanti in Hindi)

अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक सिखों के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी 22 दिसंबर 1666 को बिहार की राजधानी पटना में पैदा हुए थे जहां उनका पूरा परिवार रहता था। बचपन में इनका नाम गोबिंद राय था। इनके पिता गुरु तेग बहादुर सिंह जी सिखों के नौवें गुरु थे।

बचपन में कुछ दिन पटना में बिताने के बाद इनके पिता गुरु तेग बहादुर सिंह जी पंजाब वापस आ गए। कहा जाता है कि इन्होंने पटना के जिस घर में अपने जीवन के शुरुआती 4 साल बिताए वहीं आज तखत श्री हरिमंदर जी पटना साहिब स्थित है।

गुरु गोबिंद सिंह जी बचपन से ही अदम्य साहसी और पराक्रमी थे। उनके भीतर गजब का युद्ध कौशल था। इनके पिता गुरु तेग बहादुर सिंह जी ने कश्मीरी पंडितो का जबरन धर्म परिवर्तन रोकने के लिए बहुत से प्रयास किए और मुगलों से दुश्मनी मोल ली।

मुगलों के क्रूर शासक औरंगजेब ने गुरु तेग बहादुर सिंह जी को दिल्ली के चांदनी चौक में जबरन इस्लाम धर्म कबूल कराने का बहुत प्रयास किया लेकिन गुरु तेग बहादुर सिंह जी अपने धर्म मार्ग से विचलित नहीं हुए और अंततः औरंगजेब ने सार्वजनिक रूप से गुरु गोविंद सिंह जी के पिता और सिखों के नौवें गुरु तेज बहादुर सिंह जी का गर्दन कटवा दिया।

पिता की मृत्यु के बाद महज 9 साल की उम्र में गुरु गोबिंद सिंह जी को सिखों का दसवां गुरु बनाया गया। दसवां गुरु बनने के बाद भी उनकी शिक्षा चलती रही और गुरु की गरिमा बनाए रखने के लिए इन्होंने कई सारी भाषाओं का अध्ययन भी किया जिसमें पंजाबी, संस्कृत, फारसी और अरबी शामिल है।

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गुरु गोविंद सिंह जी ने मुगलों के खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए सत श्री अकाल का नारा दिया और इन्होंने ही सिखों के खालसा पंथ की स्थापना की। सिख धर्म में पंच प्यारे और पंच ककार  की शुरुआत गुरु गोबिंद सिंह जी ने ही की थी।

खालसा पंथ में गुरु गोबिंद सिंह जी ने पंच ककार के पांच सिद्धांत बताए थे जिनमें केश, कृपाण, कंघा, कड़ा और कच्छा शामिल है और हर खालसा सिख को इनका पालन करना जरूरी है। इतना ही नहीं गुरु गोविंद सिंह जी ने ही वाहे गुरु जी का खालसा वाहे गुरु जी की फतेह का नारा दिया था जिसे खालसा वाणी के नाम से जाना जाता है।

एक वीर योद्धा होने के साथ-साथ गुरु गोविंद सिंह जी एक लेखक और कवि भी थे। गुरु गोबिंद सिंह जी ने ही गुरु ग्रंथ साहिब को पूरा किया था और गुरु ग्रंथ साहिब को ही अपना अगला उत्तराधिकारी और सिख समुदाय के लोगों का मार्गदर्शक नियुक्त किया था।

गुरु गोबिंद सिंह जयंती कब मनाई जाती है?

2024 में गुरु गोबिंद सिंह जयंती कब है?

हिंदू कैलेंडर के मुताबिक गुरु गोबिंद सिंह जयंती हर साल पौष मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इस बारी अतिथि 17 जनवरी 2024 को पड़ रही है इसलिए 17 जनवरी 2024 को ही गुरु गोविंद सिंह की जयंती मनाई जाएगी तथा अवकाश भी रहेगा।

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल 2025 में गुरु गोविंद सिंह की जयंती 6 जनवरी 2025 की तिथि को पड़ेगी

यह तिथि खासकर दिसंबर अथवा जनवरी के महीने में पडती है। कभी-कभी गुरु गोबिंद सिंह जयंती साल में दो बार भी मनाई जाती है। दरअसल गुरु गोविंद सिंह की जयंती कई अलग-अलग कैलेंडर के हिसाब से मनाई जाती है इसीलिए कई बार साल में दो तिथियां पर गुरु गोविंद सिंह की जयंती मनाई जाती है।

गुरु गोबिंद सिंह जयंती के विवादित होने का केवल एक कारण है कि इसे अलग-अलग कैलेंडर में अलग-अलग तिथियों पर दिखाया गया है जिसमें हिंदू विक्रम कैलेंडर और नानकशाही कैलेंडर शामिल है।

आइये इन्हें भी पढ़ें-

नानकशाही कैलेंडर क्या है?

नानकशाही कैलेंडर हिंदुओं के विक्रम कैलेंडर की तरह सिखों का अपना कैलेंडर है जिसका नाम सिखों के पहले गुरु और सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के नाम पर रखा गया है।

FAQ

गुरु गोबिंद सिंह जयंती कब मनाई जाती है?

हिंदू कैलेंडर के मुताबिक पौष महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को गुरु गोबिंद सिंह जयंती मनाई जाती है।

गुरु गोबिंद सिंह कौन थे?

गुरु गोबिंद सिंह सिखों के दसवें और आखिरी गुरु थे।

2024 में गुरु गोबिंद सिंह जयंती कब है?

17 जनवरी 2024

2025 में गुरु गोबिंद सिंह जयंती कब है?

6 जनवरी 2025

सिखों के खालसा पंथ की स्थापना किसने की?

गुरु गोबिंद सिंह जी ने।

पंच ककार का सिद्धांत किसने दिया था?

गुरु गोबिंद सिंह ने पंच ककार का सिद्धांत दिया था।

पंच ककार क्या क्या हैं?

केश, कृपाण, कंघा, कच्छा और कड़ा।

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