Essay on Guru Gobind Singh Jayanti in hindi 2022-23 : गुरु गोबिंद सिंह जी को सिखों के दसवें गुरु के रूप में जाना जाता है। गुरु गोबिंद सिंह जी अदम्य साहस और वीरता के प्रतीक थे जिन्होंने सदैव मुगलों के अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाई थी और सत श्री अकाल का नारा दिया था। सिखों के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी ने ही खालसा पंथ की स्थापना की थी।
गुरु गोबिंद सिंह जयंती आमतौर पर दिसंबर या जनवरी महीने में पड़ती है लेकिन कभी-कभी यह साल में दो बार भी मनाई जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस तिथि की गणना अलग-अलग कैलेंडरों से की जाती है जिसमें हिंदू विक्रम कैलेंडर और नानकशाही कैलेंडर शामिल है।
जैसे कि साल 2022 में गुरु गोबिंद सिंह की जयंती दो बार पड़ रही है। 9 जनवरी 2022 को गुरु गोबिंद सिंह की जयंती मनाई गई थी जबकि 29 दिसंबर 2022 को एक बार फिर गुरु गोबिंद सिंह जयंती मनाई जाएगी। तो वहीं नानकशाही कैलेंडर के मुताबिक आने वाले नए साल 2023 में भी 5 जनवरी 2023 को गुरु गोबिंद सिंह जयंती मनाई जाएगी।
भले ही गुरु गोबिंद सिंह की जयंती की तिथियां विवादित हों लेकिन इस दिन का महत्व बहुत ज्यादा है। जयंती के अवसर पर कॉलेज विद्यालय और अन्य कई शैक्षणिक संस्थाओं में गुरु गोबिंद सिंह जयंती पर निबंध व भाषण (Guru Gobind Singh Jayanti Par Nibandh) लेखन और भाषण की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।
इसीलिए आज हम आपके लिए गुरु गोबिंद सिंह पर निबंध और भाषण (Speech & Essay on Guru Gobind Singh Jayanti in Hindi) लेकर आए हैं।
- गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन जीवन व इतिहास से जुड़ी खास बातें
- गुरु नानक जयंती पर कोट्स, नारे और बधाई संदेश
विषय–सूची
गुरु गोबिंद सिंह जयंती पर निबंध व भाषण (Speech & Essay on Guru Gobind Singh Jayanti in Hindi)
अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक सिखों के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी 22 दिसंबर 1666 को बिहार की राजधानी पटना में पैदा हुए थे जहां उनका पूरा परिवार रहता था। बचपन में इनका नाम गोबिंद राय था। इनके पिता गुरु तेग बहादुर सिंह जी सिखों के नौवें गुरु थे।
बचपन में कुछ दिन पटना में बिताने के बाद इनके पिता गुरु तेग बहादुर सिंह जी पंजाब वापस आ गए। कहा जाता है कि इन्होंने पटना के जिस घर में अपने जीवन के शुरुआती 4 साल बिताए वहीं आज तखत श्री हरिमंदर जी पटना साहिब स्थित है।
गुरु गोबिंद सिंह जी बचपन से ही अदम्य साहसी और पराक्रमी थे। उनके भीतर गजब का युद्ध कौशल था। इनके पिता गुरु तेग बहादुर सिंह जी ने कश्मीरी पंडितो का जबरन धर्म परिवर्तन रोकने के लिए बहुत से प्रयास किए और मुगलों से दुश्मनी मोल ली।
मुगलों के क्रूर शासक औरंगजेब ने गुरु तेग बहादुर सिंह जी को दिल्ली के चांदनी चौक में जबरन इस्लाम धर्म कबूल कराने का बहुत प्रयास किया लेकिन गुरु तेग बहादुर सिंह जी अपने धर्म मार्ग से विचलित नहीं हुए और अंततः औरंगजेब ने सार्वजनिक रूप से गुरु गोविंद सिंह जी के पिता और सिखों के नौवें गुरु तेज बहादुर सिंह जी का गर्दन कटवा दिया।
पिता की मृत्यु के बाद महज 9 साल की उम्र में गुरु गोबिंद सिंह जी को सिखों का दसवां गुरु बनाया गया। दसवां गुरु बनने के बाद भी उनकी शिक्षा चलती रही और गुरु की गरिमा बनाए रखने के लिए इन्होंने कई सारी भाषाओं का अध्ययन भी किया जिसमें पंजाबी, संस्कृत, फारसी और अरबी शामिल है।
गुरु गोविंद सिंह जी ने मुगलों के खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए सत श्री अकाल का नारा दिया और इन्होंने ही सिखों के खालसा पंथ की स्थापना की। सिख धर्म में पंच प्यारे और पंच ककार की शुरुआत गुरु गोबिंद सिंह जी ने ही की थी।
खालसा पंथ में गुरु गोबिंद सिंह जी ने पंच ककार के पांच सिद्धांत बताए थे जिनमें केश, कृपाण, कंघा, कड़ा और कच्छा शामिल है और हर खालसा सिख को इनका पालन करना जरूरी है। इतना ही नहीं गुरु गोविंद सिंह जी ने ही वाहे गुरु जी का खालसा वाहे गुरु जी की फतेह का नारा दिया था जिसे खालसा वाणी के नाम से जाना जाता है।
एक वीर योद्धा होने के साथ-साथ गुरु गोविंद सिंह जी एक लेखक और कवि भी थे। गुरु गोबिंद सिंह जी ने ही गुरु ग्रंथ साहिब को पूरा किया था और गुरु ग्रंथ साहिब को ही अपना अगला उत्तराधिकारी और सिख समुदाय के लोगों का मार्गदर्शक नियुक्त किया था।
गुरु गोबिंद सिंह जयंती कब मनाई जाती है?
2022 और 2023 में गुरु गोबिंद सिंह जयंती कब है?
हिंदू कैलेंडर के मुताबिक गुरु गोबिंद सिंह जयंती हर साल पौष मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है।
यह तिथि खासकर दिसंबर अथवा जनवरी के महीने में पडती है। कभी-कभी गुरु गोबिंद सिंह जयंती साल में दो बार भी मनाई जाती है। साल 2022 में भी गुरु गोविंद सिंह जयंती दो बार पड़ रही है। एक बार 9 जनवरी 2022 को गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती मनाई गई थी जबकि 29 दिसंबर 2022 को इस साल के अंत में एक बार फिर गुरु गोबिंद सिंह जयंती मनाई जाएगी।
इतना ही नहीं आने वाले नए साल की शुरुआत में ही 5 जनवरी 2023 को एक बार फिर गुरु गोबिंद सिंह की जयंती मनाई जाएगी। गुरु गोबिंद सिंह जयंती के विवादित होने का केवल एक कारण है कि इसे अलग-अलग कैलेंडर में अलग-अलग तिथियों पर दिखाया गया है जिसमें हिंदू विक्रम कैलेंडर और नानकशाही कैलेंडर शामिल है।
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- गुरु रामदास जी का जीवन परिचय
- गुरुपूरब व गुरु नानक जयंती पर निबंध, भाषण तथा कविता
नानकशाही कैलेंडर क्या है?
नानकशाही कैलेंडर हिंदुओं के विक्रम कैलेंडर की तरह सिखों का अपना कैलेंडर है जिसका नाम सिखों के पहले गुरु और सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के नाम पर रखा गया है। इस कैलेंडर के मुताबिक इस साल गुरु गोविंद सिंह की जयंती 29 दिसंबर 2022 को पड़ रही है। जबकि कुछ सूत्रों के मुताबिक शुरु में नानकशाही कैलेंडर ने साल 2023 में 5 जनवरी को गुरु गोबिंद सिंह की जयंती निर्धारित की है।
FAQ
गुरु गोबिंद सिंह जयंती कब मनाई जाती है?
हिंदू कैलेंडर के मुताबिक पौष महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को गुरु गोबिंद सिंह जयंती मनाई जाती है।
गुरु गोबिंद सिंह कौन थे?
गुरु गोबिंद सिंह सिखों के दसवें और आखिरी गुरु थे।
2022 में गुरु गोबिंद सिंह जयंती कब है?
29 दिसंबर 2022
2023 में गुरु गोबिंद सिंह जयंती कब है?
5 जनवरी 2023
सिखों के खालसा पंथ की स्थापना किसने की?
गुरु गोबिंद सिंह जी ने।
पंच ककार का सिद्धांत किसने दिया था?
गुरु गोबिंद सिंह ने पंच ककार का सिद्धांत दिया था।
पंच ककार क्या क्या हैं?
केश, कृपाण, कंघा, कच्छा और कड़ा।