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अमर जवान ज्योति का इतिहास व महत्व | Facts and History of Amar Jawan Jyoti in Hindi

अमर जवान ज्योति और शाश्वत ज्योति का विलय किया जायेगा, क्या है अमर जवान ज्योति का इतिहास एवं महत्व, Facts and History of Amar Jawan Jyoti in Hindi

मित्रों आज के समय जहां भारत में एक ऐसी केंद्र सरकार है जो कि भारतीय सैनिकों, पुलिस प्रशासन तथा देश के लिए मर मिटने वाले लोगों के प्रति सदैव नतमस्तक होती रही है। और उसी केंद्र सरकार के शासन में आज अमर जवान ज्योति को शाश्वत ज्योति में मिलाया जा रहा है। आपने भी शायद यह खबर सुनी होगी कि अमर जवान ज्योति को बुझाया जा रहा है, या हटाया जा रहा है,  लेकिन ऐसा नहीं है।

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क्या आप जानते हैं कि अमर जवान ज्योति क्या है? यह क्यों प्रज्वलित करी जाती है? तथा शाश्वत ज्योति क्या है? और यह क्यों और कहां पर प्रज्वलित करी जाती है? आज के लेख हम आपको इस पूरी खबर के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे और हम आपको बताएंगे कि अमर जवान ज्योति के स्थान पर अब क्या रखा जाएगा। इस मुद्दे के बारे में आज के लेख में हम आपको पूरी जानकारी देंगे। तो चलिए शुरू करते हैं-

अमर जवान ज्योति और शाश्वत ज्योति का विलय (Amar Jawan Jyoti news in hindi)

भारत के  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने शुक्रवार 21 जनवरी 2022 को ट्विटर पर यह ट्वीट किया है कि अब अमर जवान ज्योति की ज्योत को तथा राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) में प्रज्वलित हो रही शाश्वत ज्योत को एक साथ मिलाया जाएगा और यह काम 75वें गणतंत्र दिवस पर किया जाएगा।

खबर यह है कि भारत में एक साथ दो स्थानों पर  और दो युद्ध स्मारकों पर मानव द्वारा प्रज्वलित  अखंड दो अमर जवान ज्योतिया  प्रज्वलित हो रही है।  इसीलिए केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया है कि अब अमर जवान ज्योति के स्थान पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जयंती के अवसर पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की महान ग्रेनाईट की प्रतिमा स्थापित की जाएगी, और अमर जवान ज्योति को, National War Memorial में प्रज्वलित हो रही शाश्वत ज्योति के साथ में मिला दिया जाएगा।

अमर जवान ज्योति का इतिहास | amar-jawan-jyoti-history

अमर जवान ज्योति का इतिहास एवं महत्व (History and facts about Amar Jawan Jyoti hindi)

अमर जवान ज्योति इंडिया गेट में स्थित है इंडियागेट का निर्माण अंग्रेजो द्वारा सन् 1921 में स्वतंत्रता से पहले किया जा चुका था। इसका मुख्य उद्देश्य प्रथम विश्व युद्ध के दौरान एग्लो-अफ्रीकन युद्ध में शहीद हुये वीर सैनिकों को सम्मान देना था।

जबकि अमर जवान ज्योति भारत-पाक 1971 युद्ध के पश्चात, देश के लिये मरमीटने जाबांज शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिये किया गया था।

सन् 1971 में तत्कालित प्रधानमंत्री श्रीमती इंद्रिरा गांधी सरकार द्वारा इसका निर्माण करने का निर्णय लिया गया और इसका अनावरण 26 जनवरी 1972 में किया गया था। 1972 से आज तक यह ज्योत लगातार प्रज्जविलित है।

सन 1971 युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी जिसके परिणामस्वरुप पूर्व और पश्चिम पाकिस्तान के स्थान पर पाकिस्तान और बांग्लादेश का निर्माण किया था। इस युद्ध का नेतृत्व फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ ने किया था।

सन् 1947, 1962, और 1971 पाक एवं चाइना के साथ हुये युद्धों में भारत ने अपने हजारों सैनिकों का बलिदान दिया है। भारत के महान वीर सपूतो एवं सैनिको की याद में एक युद्ध स्मारक बनाया गया जिसे अमर जवान युद्ध स्मारक कहा जाता है।

इस युद्ध स्मारक पर उन महान और देश की अस्मिता के लिए कुर्बान हुए सेनानियों की याद में इंडिया गेट के नीचे एक अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित करी जाती है जिसे अमर जवान ज्योति कहा जाता है।

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इस अमर जवान ज्योति पर एक लेख लिखा गया है जो कि उन महान शहीदों की शहादत के लिये के लिए लिखा गया है। यह लेख है कि-

“शहीदों की चिताओं पर जुड़ेंगे हर बरस मेले
वतन पर मिटने वालों का यही बाकी निशा होगा”

अमर जवान ज्योति के बारे में संक्षिप्त जानकारी (Amar Jawan Jyoti Brief Information hindi)

अमर जवान ज्योति की स्थापनासन 1971
प्रतीकअमर शहीदों के बलिदान का प्रतीक
अनावरण प्रधानमंत्री श्रीमती इंद्रिरा गांधी  
उद्घाटन की तारीख26 जनवरी 1972
स्थानइंडिया गेट के नीचे
सरंचना (Structure Designed by)भारतीय सेना कोर ऑफ इंजीनियर्स

शाश्वत ज्योति क्या है? (National War Memorial)

1971  की जंग से पहले तथा उसके बाद में भारत में बहुत सारे सैनिकों ने भारत की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है।  उन सभी सैनिकों के नाम आज के समय National War Memorial पर लिखे गए हैं। National War Memorial 2019 में बनकर तैयार हुआ था।

नेशनल वार मेमोरियल शाश्वत ज्योति के बारे में संक्षिप्त जानकारी

नेशनल वार मेमोरियलसन 2019
प्रतीकसैनिकों के शौर्य एवं बलिदान का प्रतीक
उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 25 फरवरी 2019
शाश्वत ज्योति का विलय22 जनवरी 2022
युद्ध स्मारक स्थितइंडिया गेट से 400 मी. की दूरी पर स्थित
क्षेत्र 40 एकड़ में फैला हुआ
सैनिकों के नाम 25,942 सुनहरे अक्षरों में लिखे है
सरंचना (Structure Designed by) वास्तुकार वीबी डिजाइन लैब (योगेश चंद्रहासन)

लेकिन अमर जवान युद्ध स्मारक जहां अमर जवान ज्योति प्रज्वलित हो रही है वह इतना बड़ा युद्ध स्मारक नहीं था जो कि सभी महान सैनिकों के लिए समर्पित हो सके, इसीलिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में Great National War Memorial बनाया गया था, जो कि जनवरी 2019 में बन करके तैयार हो गया था, और 25 फरवरी 2019 को इसका अनावरण किया गया था।

National War Memorial 40 एकड़ की जमीन पर फैला हुआ है, और इसकी दीवारों पर 25,942 सैनिकों के नाम सुनहरे अक्षरों में लिखे गए हैं। यह वे सैनिक है जिन्होंने भारत माता की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दे दी थी और भारत के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था।

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अमर जवान ज्योति की ज्योत को नेशनल वार मेमोरियल में शाश्वत ज्योति के रूप में प्रज्वलित किया गया था, और तब से लेकर आज तक National War Memorial में शाश्वत ज्योति प्रज्वलित हो रही है।

अमर जवान ज्योति को शाश्वत ज्योति के साथ में विलीन क्यों किया जा रहा है?

जब अमर जवान ज्योति बनाई गई थी उस समय भारत के पास में खुद का National War Memorial नहीं था। यानी कि अमर जवान ज्योति एक प्रकार से सन 1971 में भारत पाकिस्तान के मध्य युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए वीर सेनानियों की याद में और कुछ गुमनाम वीर सेनानियों के नाम पर बनाया गया था।

हर वर्ष 26 जनवरी को  राजपथ पर नेशनल परेड होती है और उस समय भारत के प्रधानमंत्री, भारत के राष्ट्रपति, भारत के जल सेना अध्यक्ष, थल सेना अध्यक्ष, और नौसेना अध्यक्ष, वीर सेनानियों के नाम माल्यार्पण करते हैं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीर जवानों के लिए National War Memorial सन 2019 में बनवाया था।

इसका अनावरण 25 फरवरी 2019 को किया गया था। तथा नरेन्द्र मोदी ने 26 जनवरी 2020 को अमर जवान युद्ध स्मारक के स्थान पर National War Memorial में उन सेनिकों के नाम माल्यार्पण किया था जो कि भारत के लिए वीरगति को प्राप्त हुए थे।  और 26 जनवरी 2019 से National War Memorial पर अमर जवान ज्योति को शाश्वत ज्योति के रूप में प्रज्ज्वलित किया जा रहा है।

आज के समय भारत में अमर जवान ज्योति और शाश्वत ज्योति एक साथ अखंड रूप से प्रज्वलित हो रहे हैं।

इसीलिए वर्तमान केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया है कि  अमर जवान ज्योति को  शाश्वत  ज्योति में विलीन किया जाएगा और अमर जवान ज्योति के स्थान पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस का एक विशाल ग्रेनाइट  का स्टेचू स्थापित किया जाएगा, जो कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की याद में समर्पित होगा।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की  ग्रेनाइट की प्रतिमा क्यों स्थापित करी जा रही है?

23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्मदिन यानि कि जयंती भारत में  पराक्रम दिवस के रूप में मनाई जाती है और यह माना जाता है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने इस देश यानी कि भारत के लिए जो कुछ भी किया है उसका पूरा श्रेय उन्हें आज तक नहीं दिया गया है।

इसीलिए इसी की भरपाई करने के लिए और नेताजी  सुभाष चंद्र बोस को एक महान सम्मान प्रदान करने के लिए उनकी विशाल ग्रेनाइट की 28 फुट ऊंची और 6 फुट चौड़ी प्रतिमा को अमर जवान ज्योति के स्थान पर विराजमान किया जाएगा, और इंडिया गेट के नीचे  नेताजी सुभाष चंद्र बोस की महान प्रतिमा सभी भारतवासियों का सर गर्व से ऊंचा करेगी।

आइये इन्हे पढ़ें-
1. नेताजी सुभाष चंद्र बोस के क्रांतिकारी नारे एवं विचार
2. राष्ट्रीय पराक्रम दिवस 2022 क्या है? कब मनाया जाएगा
3. भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी
4. विश्व हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है?
5. राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस कब है
6. भारतीय सेना दिवस क्यों मनाया जाता है?

निष्कर्ष

आज के लेख में हमने जाना कि Amar Jawan Jyoti ki News क्या है, और क्यों Amar Jawan Jyoti और शाश्वत ज्योति को एक साथ मिलाया जा रहा है। हमने National War Memorial के बारे में भी जानकारी प्राप्त करी, और अंत में हमने यह भी जाना कि अमर जवान ज्योति के स्थान पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की ग्रेनाइट की प्रतिमा को स्थापित करी जा रही है। 

FAQ

प्रश्न- राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) कहां है?

उत्तर- राष्ट्रीय युद्ध स्मारक इंडिया गेट से 400 मी. की दूरी पर स्थित है।

प्रश्न- अमर जवान ज्योति एवं शाश्वत ज्योति किसकी प्रतीक हैै?

उत्तर- यह देश के अमर शहीदों की शहादत एवं बलिदान की प्रतीक है यह हमेशा जलती रहती है यह अमर शहीदों के बलिदान की शौर्य गाथा एवं कीर्ति को को चाराें दिशाओं में बिखेरती है।

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