हिंदी दिवस पर निबंध, हिंदी दिवस पर भाषण, हिंदी दिवस पर कविताएं, स्लोगन (Essay on Hindi Diwas in hindi, Speech, Slogan, poem, Quotes on Hindi Diwas, Hindi Diwas Essay in hindi, Speech on Hindi Diwas)
हिंदी दिवस पर निबंध 2023 – भाषा ही एक ऐसा साधन है जिसके जरिए हम अपनी भावनाओं और विचारों को एक दूसरे के साथ साझा करते हैं। लेकिन भाषा केवल अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं है बल्कि यह लोगों को एक दूसरे के साथ जोड़ती भी है। भाषा की भूमिका एक सूत्र की तरह होती है जो लोगों को एक दूसरे से बांध कर रखती है।
वैसे तो हमारे देश में बहुत सारी भाषाएं बोली जाती हैं लेकिन हिंदी हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। हिंदी भारत ही नहीं बल्कि विश्व में बोली जाने वाली भाषाओं में भी मुख्य रूप से शामिल है।
हमारे देश में हर साल 14 सितंबर का दिन हिंदी दिवस के रुप में मनाया जाता है। इस दिन शिक्षण संस्थाओं, सरकारी तथा गैर सरकारी संगठनों और अन्य कई स्थानों पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिनके जरिए लोगों को हिंदी भाषा का महत्व बताया जाता है और जागरूक किया जाता है।
आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको हिंदी दिवस पर भाषण (Hindi Diwas Essay in hindi)के बारे में बताने वाले हैं जिसका इस्तेमाल आप हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में कर सकते हैं।
हिंदी दिवस पर भाषण(Speech on Hindi Diwas) के साथ-साथ किस आर्टिकल के जरिए आपको हिंदी दिवस पर कविता (Poem on Hindi Diwas) और हिंदी दिवस पर सुविचार (Quotes on Hindi Diwas) भी पढ़ने को मिलेंगे जिनका इस्तेमाल करके आप एक प्रभावशाली भाषण के जरिए लोगों को प्रेरणा दे सकते हैं।
आइये इन्हें भी जानें – हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है? इसका महत्व एवं इतिहास
हिंदी दिवस पर निबंध 2023 व भाषण, कविताएं, स्लोगन (Hindi Diwas Essay in Hindi)
एक ओर जहां 10 जनवरी को विश्व भर में विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है तो वहीं भारत में 14 सितंबर के दिन राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। वैसे तो भारत में बहुत सारी भाषाएं बोली जाती हैं लेकिन हिंदी उनमें से सबसे प्रमुख है और भारतवर्ष की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। हिंदी केवल एक भाषा ही नहीं बल्कि संवैधानिक रूप से हमारे देश की राजभाषा भी है इसीलिए इसे हमारे राष्ट्र के गौरव और सम्मान का प्रतीक माना जाता है।
14 सितंबर 1949 को भारतीय संविधान में हिंदी को संवैधानिक दर्जा दिया गया और इसे देश की राजभाषा के रूप में अपनाया गया। यही कारण था कि 14 सितंबर 1953 से हर साल राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत हुई।
विश्व हिंदी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?
हिंदी को व्यापक बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी दिवस मनाने के अलावा वैश्विक स्तर पर भी 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। 10 जनवरी 1975 को ही पहली बार नागपुर में पहले विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस सम्मेलन में 30 देशों के 122 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और हिंदी को बढ़ावा देने के मुद्दों पर सम्मेलन को सफल बनाया गया।
तभी से इसकी वर्षगांठ के तौर पर इस दिन को याद करने के लिए 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाने लगा। विश्व हिंदी दिवस पहली बार 10 जनवरी 2006 को मनाया गया था। इस बार साल 2023 में 15-17 फरवरी को फिजी में 12 वें विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
विश्व हिंदी दिवस और राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाने का स्तर अलग हो सकता है लेकिन उद्देश्य केवल एक है। हिंदी दिवस मुख्य रूप से हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। हिंदी भाषा विश्व की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है और इसका संपूर्ण हिंदी दिवस और इसके कार्यक्रमों को जाता है जिन्होंने हिंदी को व्यापक स्तर पर बढ़ावा देने में मदद की।
आज भारत के अलावा मॉरीशस, नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश, त्रिनिदाद, फिजी, गुयाना, टोबैगो और इसके अलावा अन्य कई देशों में बोलने के लिए हिंदी का इस्तेमाल किया जाता है। हिंदी केवल एक भाषा ही नहीं है बल्कि इसके साथ भारत वासियों की भावनाएं भी जुड़ी हुई हैं।
कहा जाता है कि अपनी भाषा के लोगों के साथ आपसी संबंध सदैव प्रगाढ़ होते हैं। भाषा केवल अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं होती बल्कि यह हम एक दूसरे से जोड़कर भी रखती है। हिंदी खड़ी बोली के जनक भारतेंदु हरिश्चंद्र हिंदी भाषा को एक सूत्र की तरह मानते थे जो संपूर्ण भारतीयों को बांध कर रखती है।
कुछ लोग हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा के तौर पर जानते हैं लेकिन हिंदी भाषा को संवैधानिक रूप से केवल राजभाषा का दर्जा मिला है ना की राष्ट्रभाषा का। हालांकि हिन्दी हमारी मातृभाषा जरूर है क्योंकि यह हमारी मातृभूमि में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है।
हमें भी एक जुट होकर हिंदी का सत्कार करना चाहिए और साथ ही दूसरी राष्ट्रीय भाषाओं का भी आदर करना चाहिए। भले ही हम अपने क्षेत्र में किसी भी विशेष भाषा का इस्तेमाल करते हो लेकिन एक भारतीय होने के नाते हिंदी हमारी पहचान है और हर भारतीय को अनिवार्य रूप से हिंदी भाषी होना चाहिए।
हिंदी दिवस पर भाषण (Speech on Hindi Day)
अभिवादन,
दोस्तों हम सब जानते हैं कि 14 सितंबर का दिन हर साल हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिंदी दिवस को मनाने की परंपरा 14 सितंबर साल 1953 से चली आ रही है।
जैसा कि आप सब जानते हैं कि हिंदी हमारी राज्य भाषा है। साल 1949 में हिंदी को देश की राजभाषा के रुप में घोषित किया गया था। लेकिन इन सबसे बढ़कर हिंदी हमारी मातृभाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा भी है। हिंदी को कई बार हमारे देश की राष्ट्रभाषा बनाने का भी प्रयास किया गया लेकिन विवादों के कारण यह संभव नहीं हो सका।
दोस्तों भाषा ही एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिए हम अपनी भावनाओं और विचारों को अभिव्यक्त करते हैं। भाषा केवल विचारों और भावनाओं की अभिव्यक्ति के लिए ही नहीं बल्कि लोगों के बीच आपसी जुड़ाव के लिए भी बहुत जरुरी है।
हिन्दी कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक समूचे भारत को एक सूत्र में बांधती है। हिंदी भाषा के विकास में ही हमारा विकास निहित है। लेकिन बड़े दुर्भाग्य की बात है कि आज हमारी युवा पीढ़ी तेजी से अंग्रेजी भाषा की ओर भाग रही है। इस समय हमारे देश के लोगों और युवाओं को ऐसा लगता है कि हिंदी भाषा का उनके जीवन में कोई महत्व ही नहीं है। आजकल देश के ज्यादातर शिक्षण संस्थाओं में अंग्रेजी पढ़ाने पर जोर दिया जाता है। लोग सोचते हैं कि अगर उन्हें कामयाब होना है तो उन्हें हिंदी आए ना आए अंग्रेजी जरूर आनी चाहिए।
लेकिन दोस्तों इतिहास गवाह है आज तक जिस देश ने अपनी मूल भाषा को सर्वोच्च मान्यता दी है, जो अपनी मूल भाषा का सम्मान करते हैं उन्होंने विकास की नई ऊंचाइयों को छुआ है। फिर चाहे वह जर्मनी, जापान हो या फिर चाइना यह ऐसे देश हैं जो अपनी मूल भाषा का हमेशा सम्मान करते हैं और अपनी मूल भाषा को ही सर्वोच्च मान्यता देते हैं। इन विकसित देशों के लिए विदेशी भाषाओं का कोई विशेष महत्व नहीं है। जर्मनी जापान और चाइना समेत कई अन्य विकसित देशों के लोग आज भी अपनी मूल भाषा को ही अपना कर आगे बढ़ रहे हैं।
जहां हम अंग्रेजी के पीछे भागे जा रहे हैं वहां यह देश अंग्रेजी बोलने से कतराते हैं। यहां के लोग अंग्रेजी और विदेशी भाषाओं को बिल्कुल पसंद नहीं करते। नतीजा साफ है आज जहां ये देश बुलंदी के शिखर पर खड़े हैं वही हम अंग्रेजी के तलवे चाट रहे हैं।
हमारे और हमारे देश के विकास के लिए हिंदी का विकास बेहद जरूरी है जब तक हम हिंदी भाषा को प्राथमिक मान्यता और सम्मान नहीं देंगे तब तक हम पिछड़े रहेंगे।
आधुनिक हिंदी के जनक माने जाने वाले कवि भारतेंदु हरिश्चंद्र अपनी भाषा के महत्व को लेकर बहुत गहरी एवं बड़ी बात कही थी। उन्होने कहा था कि
निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल। बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।
अर्थात अपनी मूल भाषा की उन्नति ही सभी उन्नति का आधार होती है बिना अपने निजी भाषा के ज्ञान के हृदय के कष्टों को नहीं मिटाया जा सकता।
हिंदी दिवस की शुरुआत भी इसी उद्देश्य के साथ हुई थी ताकि हिंदी को पूरे देश विदेश में प्रचारित प्रसारित किया जा सके और लोगों को हिंदी भाषा में बोलने के लिए प्रेरित किया जा सके। हिंदी के विकास और विस्तार के लिए हमें दृढ़ संकल्पित होकर अपने आप से शुरुआत करनी होगी और लोगों को हिंदी के प्रति जागरूक करना होगा।
हमें अपनी मातृभाषा हिंदी को उस मुकाम तक पहुंचाना होगा ताकि फिर कभी हिंदी के उत्थान के लिए हिंदी दिवस मनाने की आवश्यकता ना पड़े। उम्मीद करता हूं कि आप लोग भी अपने आप से इसकी शुरूआत करके इस अभियान में शामिल होंगे।
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हिंदी दिवस पर कविता (Poem on Hindi Diwas)
भारत की पहचान है हिंदी! भारत की पहचान है हिंदी। भारतीयों की शान है हिंदी।। अभिव्यक्ति का साधन भी है, गंगाजल सी पावन भी है। गौरव और अभिमान है हिंदी, भारतीयों की शान है हिंदी।। सृजन कला को पैदा करती, ज्ञान निधि से जीवन भरती। विदूषा की पहचान है हिंदी, भारतीयों की शान है हिंदी।। रूढ़वादियां तोड़ के रखती, भारतीयों को जोड़ के रखती। अखंडता का गान है हिंदी, भारतीयों की शान है हिंदी।। उन्नति का आधार है यही है, सफलताओं का सार यही है। देवनागरी वीणा है तो, इस वीणा की तान है हिंदी।। भारतीयों की शान है हिंदी। भारत की पहचान है हिंदी।। -सौरभ शुक्ला
हिंद की गरिमा हिंदी है। अंग्रेजी की लत गंदी है। इस हिंद की गरिमा हिंदी है।। घाटी की गोद पनपती है, कन्याकुमारि तक जाती है। उत्तर-दक्षिण, पश्चिम-पूर्व, भारत को एक बनाती है। जिसकी आभा के आगे, अंग्रेजी भी शर्मिंदी है। अंग्रेजी की लत गंदी है। हिंद की गरिमा हिंदी है।। हिंदी के होने से ही तो, अपनों में अपनापन सा है। है भव्य अलंकृत शब्दकोश, जो नियति के दर्पण सा है। निज भाषा का सम्मान करो, फिर दूर न ढेर बुलंदी है। अंग्रेजी की लत गंदी है। इस हिंद की गरिमा हिंदी है।। - सौरभ शुक्ला
हिंदी दिवस पर स्लोगन (Quotes On Hindi Diwas)
- राष्ट्र के विकास में उसकी मूल भाषा का विशेष योगदान होता है। जो देश जितनी जल्दी अपनी मूल भाषा का विकास करता है, उतनी ही जल्दी उस देश का विकास होता है।
- हिंदी हम भारतीयों के लिए केवल भाषा नहीं है बल्कि यह उस भावना की तरह है जो पूरे परिवार को एक दूसरे से जोड़ कर रखती हैं।
- हिंदी के उत्थान में ही हमारा उत्थान निहित है, जैसे-जैसे हमारी मातृभाषा हिंदी का पतन होता जाएगा वैसे वैसे हम भी पतन की ओर अग्रसर होंगे।
- हिंदी केवल हिंदुस्तान के नाम में नहीं बल्कि हर हिंदुस्तानियों के दिल में बसती है और हम हिंदुस्तानी हमेशा इसका सम्मान करते रहेंगे।
- हिंदी हमारी मातृभाषा है हमें इसका उपयोग अपने दैनिक जीवन में बातचीत से लेकर हर क्रियाकलाप में करना चाहिए जहां भाषा का उपयोग अनिवार्य हो।
- हिंदी का सम्मान ही हिंदुस्तान का सम्मान है। अगर आप स्वच्छंदता से हिंदी का इस्तेमाल कर सकते हैं तो समझ लीजिए आप पूर्णत स्वतंत्र हैं।
- एक भारतीय होने के नाते हमें हिंदी बोलने में हमेशा गर्व महसूस करना चाहिए। अगर हम अपनी राष्ट्रभाषा और मातृभाषा के लिए गर्व नहीं करते तो समझ लीजिए कि आपके भीतर कभी राष्ट्रप्रेम नहीं हो सकता।
हिंदी दिवस पर शायरी (Poetry on Hindi Diwas)
ना शोहरत ना ही बुलंदी से, मेरा हिंद जगेगा हिंदी से। सभ्यता-संस्कृति की राग है हिंदी, मधु वाणी का अनुराग है हिंदी। दुनिया के अलग मुल्कों में पहचान यही है, हिंदी हमारी बोली, हम हिंदोस्तां के हैं! निज भारतीयों की भाषा है। हिंदी हिंदुत्व की आशा है। मेरे आवाम की जिस्म जन्नत जान है हिंदी, हिंदी जब तलक है मेरा हिंदुस्तान जिंदा है! - सौरभ शुक्ला
FAQ
हिंदी दिवस कब मनाया जाता है?
हिंदी दिवस 1 साल में दो बार मनाया जाता है। एक बार 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है जिसके बाद 14 सितंबर को एक बार फिर भारत में राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है।
विश्व हिंदी दिवस और राष्ट्रीय हिंदी दिवस में क्या अंतर है?
विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को संपूर्ण विश्व में मनाया जाता है जबकि राष्ट्रीय हिंदी दिवस 14 सितंबर को भारत में राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है।
हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है?
हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए हर साल 10 जनवरी और 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिंदी दिवस मनाने का उद्देश्य इसे एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर की भाषा के रुप में पहचान दिलाना है।