दिवाली पर अनमोल विचार | दिवाली शुभकामना संदेश, कविता | Diwali Quotes in Hindi | Happy Diwali Wishes | Happy Deepawali Quotes | Diwali Wishes in Hindi | Diwali Poetry | Hindi Quotes on Diwali | Hindi Poem on Diwali
दीपावाली का त्यौहार भारत के सबसे प्रमुख पर्वों में से एक है। यह हिंदुओ का सबसे भव्य त्यौहार है और इसे बड़ी धूमधाम से दीप पटाखों के साथ मनाया जाता है।
ऐसा माना जाता है कि दीपावली के दिन ही भगवान श्री राम सीता और लक्ष्मण के साथ अपना वनवास पूरा करके अयोध्या में वापस आए थे। भगवान श्री राम के वापस लौटने की खुशी में अयोध्या वासियों ने दीप जलाकर पूरे नगर को सजाया था तभी से हर साल इस दिन दीप जलाने की परंपरा शुरू हो गई और यह त्योहार दीपावली के रूप में मनाया जाने लगा।
दीपावली को मुख्य रूप से दीपों और पटाखों का त्योहार माना जाता है। इस दिन हिंदू समुदाय के लोग अपने घरों, खेतों, खलिहानो, मंदिरों आदि जैसे स्थानों पर दीपक जलाते हैं और पटाखे फोड़ते हैं। इस दिन लोग लक्ष्मी माता कुबेर महाराज और गणेश जी की पूजा करते हैं।
दिवाली के उपलक्ष में विभिन्न स्थानों पर विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं जिनमें जगराता इत्यादि शामिल हैं। इस अवसर पर लोग कार्यक्रमों में कविता पाठ भी करते हैं। आज इस आर्टिकल के जरिए आपको हम कई सारी कविताएं उपलब्ध कराएंगे।
दिवाली के दिन हम अपने अपनों दोस्तों और पड़ोसियों को फोन कॉल और मैसेज के जरिए बधाइयां देते हैं। बहुत से लोग मैसेज में दीपावली शायरियां कविताएं और कोट्स लिख कर भेजते हैं।
अगर आप भी अपने दोस्तों को मैसेज के जरिए दीपावली पर बेहतरीन कोट्स और कविताएं लिखकर भेजना चाहते हैं तो इस आर्टिकल में आपको ऐसे बहुत से कोट्स और कविताएं पढ़ने को मिलेंगे जिन्हें आप शेयर कर दिवाली की शुभकामनाएं दे सकते है।
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दीपावली पर अनमोल विचार (Diwali Quotes in Hindi)
मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री रामचंद्र जी आपका जीवन सुख एवं समृद्धि के प्रकाश से भर जाए।
उनकी कृपा से आपके जीवन की हर एक विपत्ति हर एक दुख कट जाए।।
आप सभी को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं।।
इस दीपावली पर आपके किस्मत का दीया जगमगा जाए।
आपके जीवन का हर एक दुख, हर प्रकार का अंधियारा मिट जाए।
प्रभु श्री रामचंद्र जी आप पर अपनी करुणा दया बरसाएं। दिवाली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।।

मर्यादा के अद्वितीय पर्याय और करुणा के धाम।
अयोध्या के राजा और मेरे रघुनंदन श्री राम।।
हम सभी पर अपनी करुणा और कृपा बरसाएं।
हमें धर्म और सत्यनिष्ठा की नई राह दिखाएं।।
आप सभी को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं।।
अयोध्या धाम की भांति इस दिवाली पर आपके घर भी मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री रामचंद्र का आगमन हो। आपका जीवन उनकी कृपा से संवर जाए। आप सभी को दिवाली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।।
आपका जीवन दीपावली के प्रकाश से सदा के लिए जगमगा उठे, मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री रामचंद्र जी आपकी रक्षा करें।
आपका जीवन सुख समृद्धि एवं स्वास्थ से भर जाए।
दीवाली के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।।
दीपों की तरह आपका जीवन जगमगाता रहे।
आपका मन ऐसे ही सदा खुशहाली मनाता रहे।
आपका घर परिवार खुशियों से भर जाए।
यह दिवाली आपका जीवन रोशन कर जाए।
दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं।।

भगवान श्री गणेश जी आपको बुद्धि दें।
माता लक्ष्मी आपको सुख एवं समृद्धि दें।
कुबेर भगवान आपका अन्न धन भरें।
यह धनतेरस आपका जीवन सुखमय करें।
दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं।।
जिन्हें करुणा का सागर और धाम कहा जाता है।
जिन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम कहा जाता है।।
वही आराध्य, हम सबका जीवन सुगम बना दें।
हमारे भीतर ज्ञान और निष्ठा की अलख जला दें।।
प्रार्थना है कि प्रभु श्री रामचंद्र जी आप सब पर अपनी कृपा बरसाएं। दिवाली के पावन पर्व की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।।

माता लक्ष्मी आपको वैभव प्रदान करें।
आपके जीवन को धन धान्य से भर दें।
आपका भविष्य दीपों की भांति उज्वल कर दें।
आपका चेहरा सदैव दिए कि तरह जगमगाए।
दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं।।
ये चेहरा सदा मुस्कुराता रहे।
दिल हमेशा दिवाली मनाता रहे।।
लाख आएं अंधेरे किसी मोड़ पर।
ये दीया उम्मीद का जलाता रहे।।
Happy Diwali 🪔
सभी के चेहरे दीपों से जगमगाते रहें।
यूं ही हर बार हम दीपावली मनाते रहे।।
एक दूसरे की तकलीफ बांट ले जाएं।
एक दूसरे को हम कुछ इस तरह हंसाते रहें।
भले तभी है हम, जब दूजे के काम आ जाएं।
और फिर इसी तरह एक दूजे के काम आते रहे।
सभी के चेहरे दीपों से जगमगाते रहें।
यूं ही हर बार हम दीपावली मनाते रहें।।
दीपों से जगमगाएं आपका घर और द्वार!
खुशियों से जगमगाता रहे आपका संसार!
रिश्तों में हो नजदीकी और बढ़ता रहे प्यार!
आपको मुबारक हो दिवाली का त्यौहार!

चहल पहल है चारों ओर,
गूंज रहा पटाखों का शोर।
अपनो में बढ़ता है प्यार,
आया दीपों का त्योहार।
Happy Diwali
दीप जले और सबके चेहरे मुस्कुराने लगे।
कुछ इस कदर हम दीपावली मनाने लगे।।
दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं।।
जगमग जगमग हो दीपों से,
आपका जीवन और संसार।
दिन दूना हो रात चौगुनी,
भर जाए खुशियां और प्यार।।
आप सभी को मुबारक है।
दिवाली का पावन त्यौहार।।
रोशनी के दिए बुझा तो दोगे मगर,
दीया उम्मीद का किस तरह बुझाओगे?
बहुत सुकून मिलेगा तुम्हें उस पल,
किसी की जिंदगी में जब दिया जलाओगे।।
अंधेरों से हार बैठे तो कुछ ना होगा हासिल।
रोशन करोगे खुद को तो ही मिलेगी मंजिल।।
हैप्पी दिवाली।।

अपने आप को दिये की तरह जगमगाते हुआ रखें, ताकि जब बुरे वक्त का अंधेरा आपके सामने आए तो खुद जगमगा उठे।
Happy Diwali 🪔
दीपों का पावन त्यौहार,
भर दे खुशियां, झोली में हज़ार।।
अपनों में बढ़ जाए प्यार,
दिवाली हो मुबारक यार।।
घर को दीपों से सजाएंगे,
पटाखों से शोर मचाएंगे।।
हाथ से तो हाथ मिलेंगे ही,
दिल से दिल भी मिलाएंगे।।

दिल हो रौशन तो फिर दीया क्या है।
खुशी और गम का वास्ता क्या है।।
दिल में हो प्यार जिंदगी है यही,
नफरतों में भला रखा क्या है।।
दीयों से रौशनी का रिश्ता ही है अजीब,
रौशन न हो दिया तो उन्हें पूछता है कौन!
ऐसा ही कुछ मिजाज यहां आदमी में है,
जो हंस के ना मिले तो उसे ढूंढता है कौन!
अब के दीवाली एक नई रस्म करते हैं,
तुम दीया बन जाओ मैं रोशनी जलाता हूं।
उसके रौशन मुखड़े का हाल ना पूंछ,
सौ दीये भी देखें तो मुरझा जाएं।
दीये दामन में जलाए रखना,
अंधेरे कालिख के साथ आएंगे।
मजबूरियों का हाल उससे पूछिए,
जो दिवाली पर घर न जा पाए।
दीप जला दो घर घर में,
लौटे हैं राम अयोध्या में।
चलो चलें हम दीप जलाने,
मंदिर निर्माण अयोध्या में।
दीप से दीप जलाते चलो,
अपनों को गले से लगाते चलो।
होते हैं बड़े रिश्ते खूबसूरत,
मोहब्बत से इनको निभाते चलो।
जन-जन बन जाए राम अगर,
तो बन जाए संसार अयोध्या।
रौशन करना है उम्मीद का एक दीया,
देखना मंजिल खुद तुम्हें ढूंढते हुए आएगी।
भगवान गणेश बुद्धि के दाता,
धनधान्य की लक्ष्मी माता।
हो सर पर इनका हाथ सदा,
स्मरण रहें रघुनाथ सदा।
जगमग जगमग करता आया दीपों का त्योहार,
मोमबत्तीयां और पटाखों से भर गया बाज़ार।
अपनों से दिल खोल मिलेंगे, मीठी बाते बोल मिलेंगे।
संग मिठाई के बाटेंगे थोड़ी खुशियां और थोड़ा प्यार।
जीवन के हर अंधेरे को मार गिराएं।
बनके दीप हम तुम सदैव जगमगाए।
खुशियों की सच पूछो तो शब्दावली यही है,
अपनों के साथ बीते दीपावली यही है।

दीये, दीये हैं, गर जले तो जगमगाएंगे।
यकीं मानिए लेकिन जब दिल जलाएंगे।
न धुंआ होगा, न होगी रोशनी कोई,
महज़ एहसास सब कालिख में बदल जाएंगे।
दिवाली पर कविता (Poem on Depawali)
मुस्कुराहट के दीये जलाते रहे,
कुछ ऐसी दीवाली मनाते रहें।
अपनों को अपने सीने से लगा कर,
प्यार मोहब्बत के लिए जलाकर।
हंसते रहे, मुस्कुराते रहे,
कुछ ऐसी दिवाली मनाते रहें।
छोटे-बड़ों का भेद मिटाकार,
सबको अपने गले से लगा कर।
भूंखो को खाना खिलाते रहें,
कुछ ऐसे दीवाली मनाते रहें।
जो हारें हो खुद से, खुद से हो टूटें,
जो नाराज़ होकर बैठें हों रूठे।
इस मौके पर उनको मनाते रहें,
कुछ ऐसे दीवाली मनाते रहें।
टूट जाएं सपने तो न हो परेशां,
जीतें या हारें खड़े हों दोबारा।
उम्मीदों के दीये जलाते रहें।
कुछ ऐसे दीवाली मनाते रहें।
त्यौहार मनाएं अपनो के संग,
रंग जाएं सब खुशियों के रंग।
हर दीवाली को घर अपने जाते रहें।
कुछ ऐसे दीवाली मनाते रहें।
- सौरभ शुक्ला
