अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 2023 थीम, अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? बालिका दिवस पर कविता, नारे, राष्ट्रीय बालिका दिवस का इतिहास महत्त्व (International Girl Child Day 2023 Theme In Hindi, Girl Child Day themes history and significance, slogan, poem on girl child day hindi, International Girl Child Day Quotes)
International Girl Child Day Theme 2023: समाज में जितना योगदान एक पुरुष का होता है उससे कहीं ज्यादा एक स्त्री की सहभागिता होती है भले ही वह अप्रत्यक्ष रूप से ही क्यों ना हो। हालांकि लड़की एवं महिलाओं के योगदान को अप्रत्यक्ष भी नहीं कहा जा सकता क्योंकि उनकी सहभागिता सामाजिक उत्थान में प्रत्यक्ष रूप से शामिल है।
हमारे समाज में लड़कियों और लड़कों में अंतर को लेकर बहुत भेदभाव होते हैं हालांकि अगर केवल लैंगिक भिन्नता छोड़ दी जाए तो ईश्वर ने महिला और पुरुष दोनों को समान बनाया है।
लेकिन समाज में लड़कियों को लेकर व्याप्त निम्न स्तरीय भावनाएं लड़कियों के विकास के लिए सदैव बाधक बन जाती हैं जिससे समाज में ना ही उन्हें उनका अधिकार और स्थान मिल पाता है और ना ही उनका सामाजिक विकास हो पाता है।
भले ही समय के साथ सोच में लड़कियों को लेकर आधुनिक परिवर्तन ने जन्म लिया है लेकिन आज भी बहुधा समाज में उन्हें उनका सम्मानित दर्जा नहीं मिल पाता जहां वह अपने लिए निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र रहे और सामाजिक गतिविधियों में समान रूप से भागीदारी कर सकें।
बालिकाओं के सामाजिक विकास के उत्थान के लिए आज देश-विदेश में लड़कियों को प्रोत्साहित कर समाज में उन्हें उनका वास्तविक दर्जा दिलाने के लिए विभिन्न प्रकार के अभियान और कार्यक्रम चलाए जाते हैं जिनके माध्यम से समाज के भीतर संचालित प्रत्येक गतिविधि में उनकी समान सहभागिता सुनिश्चित की जाती है।
बालिकाओं के सामाजिक प्रोत्साहन को लेकर इन्हीं अभियानों के अंतर्गत बालिका दिवस को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का निर्णय लिया गया।
विषय–सूची
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस का संक्षिप्त विवरण (International Girl Child Day in hindi)
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस क्यों मनाया जाता है? | बालिकाओं को समाज में उनका उचित अधिकार हेतु |
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस कब मनाया जाता है? | 11 अक्टूबर |
राष्ट्रीय बालिका दिवस कब मनाया जाता है? | 24 जनवरी |
पहली बार कब शुरु हुआ? | 11 अक्टूबर 2012 |
बालिका दिवस मनाने की शुरुआत | “ग्लोबल चिल्ड्रेन चैरिटी” |
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 2023 थीम | लड़कियों के अधिकार में निवेश: हमारा नेतृत्व, हमारा कल्याण |
कहां-कहां मनाया जाता है। | भारत सहित पूरे विश्व में |
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस क्यों मनाया जाता है? इसकी शुरुआत और इतिहास
पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बालिका दिवस मनाने की शुरुआत कनाडा के एक गैर- सरकारी संगठन “ग्लोबल चिल्ड्रेन चैरिटी” द्वारा की गई।
इस संगठन ने लड़कियों के लिए उच्च शिक्षा, बेहतर चिकित्सक सुविधा और कानूनी अधिकार जैसी जरूरतों के लिए “क्योंकि मैं लड़की हूं” नामक अभियान चलाया इस संगठन ने इस अभियान को इंटरनेशनल रूप में चलाने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाई तथा कनाडा के फेडरल सरकार से आग्रह किया। कनाडा की सरकार ने इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सभा में उठाया जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र सभा ने इस आग्रह को स्वीकार करते हुए अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने का प्रस्ताव पारित कर दिया।
इसी बीच कनाडा की महिलाओं और लड़कियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने 55 वें संयुक्त राष्ट्र आयोग में समाज में महिलाओं की स्थिति पर इस पहल के बारे में अपनी प्रतिक्रियाएं दी उन्होंने इसका समर्थन किया, और इसे कनाडा की महिला विकास मंत्री रोना एम्ब्रोस द्वारा प्रायोजित किया गया।
उनके इस प्रयास से सन 2011 में दिसंबर महीने की 19 तारीख को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने औपचारिक रूप से 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की घोषणा कर दी के बाद साल 2012 से अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
राष्ट्रीय बालिका दिवस का इतिहास एवं महत्व
राष्ट्रीय बालिका दिवस कब मनाया जाता है?
राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुरुआत 2008 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा इसकी शुरुआत की गई। यह हर वर्ष 24 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन राष्ट्र शिशु दिवस के नाम से भी जाना जाता है। समाज में बालिकाओं के विकास एवं अधिकारों के प्रति फैली असमानता को दूर करने और लड़कियों के अधिकारों की रक्षा करने लिये जागरुकता अभियान चलाया जाता है।
राष्ट्रीय बालिका दिवस 24 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है?
इसका प्रमुख है इसी दिन भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने अपना पदभार संभाला था। इस दिन को नारी सशक्तिकरण के दिवस के रुप में भी जाना जाता है। भारत सरकार के महिला व बाल विकाल मंत्रालय द्वारा इसकी शुरुआत की गई थी।
बालिका दिवस मनाने का उद्देश्य –
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बालिका दिवस मनाने के पीछे विभिन्न उद्देश्य हैं जिन्हें लेकर इसकी शुरुआत की गई।
1. बालिका दिवस मनाने का उद्देश्य महिलाओं का सशक्तिकरण करना है ताकि उन्हें अपनी आवश्यकताओं और आत्मरक्षा के लिए दूसरों पर निर्भर ना होना पड़े।
2. समाज में लड़कियों के साथ होने वाली लैंगिक असमानताओं को खत्म करने के लिए पुरुष वर्ग और संपूर्ण समाज को जागरूक करना ताकि बालिकाओं को समाज में उनका उचित अधिकार मिल सके।
3. बालिकाओ की उच्च शिक्षा, पोषण और कानूनी अधिकार के लिए प्रयास करना।
4. बालिकाओ के हो रहे शोषण, हिंसा, एवं भ्रूण हत्या, दहेज उत्पीड़न और बाल विवाह जैसे चीजों के खिलाफ आवाज उठाना और महिलाओं के बारे में मानी जाने वाली रूढ़िवादी परंपराओको खत्म करना।
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस कब मनाया जाता है –
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 11 अक्टूबर को पूरे विश्व में मनाया जाता है जिसे अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस अथवा बालिकाओं का दिवस कह कर भी संबोधित किया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की शुरुआत सन 2012 से हुई प्रथम अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 11 अक्टूबर 2012 को मनाया गया जिसकी आधिकारिक घोषणा संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गई थी।
अंतरराष्ट्रीय दिवस पर यह दिन प्रतिवर्ष विश्व भर में मनाया जाता है जिसके अंतर्गत महिला सशक्तिकरण और उनके उत्थान से जुड़े विषयों पर अभियान चलाए जाते हैं ताकि उनका उचित सामाजिक विकास हो सके और पुरुषों की भांति वे भी समान रूप से समाज में और उसकी प्रत्येक गतिविधि में अपनी भूमिका निभा सके।
बालिका दिवस पर कविता (Poem on Balika Diwas in hindi)
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने का विषय (International Child Day Themes 2012 to 2023)
प्रतिवर्ष बालिका दिवस के दिन एक विषय सुनिश्चित किया जाता है जिसके अनुसार इस उत्सव को मनाया जाता है ताकि उस विषय के उद्देश्य को पूरा किया जा सके । आइए आपको अब तक के सभी विषयों के बारे में जानकारी देते हैं-
1. सन 2012 इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 2012 में की गई थी इसका विषय था बाल विवाह को खत्म करना जो काफी हद तक सफल रहा है।
2. साल 2013 यह दूसरा साल था जब अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया इसका मुख्य उद्देश्य था लड़कियों की शिक्षा का नवीनीकरण जिससे लड़कियों को पढ़ने और उच्च शिक्षा हासिल करने का समान अवसर प्राप्त हो इसके लिए पूरी दुनिया भर में 2043 कार्यक्रम चलाए गए।
3. साल 2014 इस साल तीसरा अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया था इसका मुख्य विषय था किशोरावस्था की लड़कियों को सशक्त बनाना तथा हिंसा के चक्र को खत्म करना इसके तहत लड़कियों पर हो रही हिंसा की तरफ ध्यान केंद्रित करना था।
4. साल 2015 इस साल चौथे अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस का आयोजन किया गया था जिसका विषय था लड़कियों की शक्ति 2030 के लिए विजन मुख्य उद्देश्य सन 2030 तक लड़कियों को पावर देने का था ताकि वह अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकें।
5. साल 2016 यह पांचवा अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस था जिसका विषय था लड़कियों की प्रगति =लक्ष्य की प्रगति :लड़कियों के लिए क्या मायने रखता है लड़कियों के लिए उनके लक्ष्य की प्रगति के क्या मायने हैं इस बारे में बताया गया।
6. साल 2017 इस वर्ष छठा अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया था इसका विषय लड़कियों को सशक्त होना : किसी संकट के पहले, दौरान या बाद में’ रखा गया था इसके तहत लड़कियों को अपने आप को सशक्त बनाने की दिशा पर जोर दिया गया था।
7. साल 2018 7वा अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस इस वर्ष मनाया गया जिसका विषय था विथ हर : अ स्किल्ड गर्लफ़ोर्स’ ।
8. साल 2019 इस वर्ष को आठवें अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया गया था जिसका विषय गर्ल फोर्स- अनस्क्रिप्टेड एंड अनस्टॉपेबल (GirlForce: Unscripted and Unstoppable) रखा गया था ।
9. साल 2020 इस साल को नया अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया था जिसका विषय मेरी आवाज़, हमारा समान भविष्य” रखा गया था।
10. साल 2021 इस साल दसवीं अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया। डिजीटल वर्ल्ड के जमाने में बालिका दिवस 2021 की थीम डिजीटल पीढ़ी हमारी पीढ़ी रखी गई थी।
11. साल 2022 में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की थीम अब हमारा समय है: हमारे अधिकार, हमारा भविष्य (Our Time Is Now: Our Rights, Our Future) निर्धारित की गई थी।
12. साल 2023 में इस बार अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की थीम लड़कियों के अधिकार में निवेश: हमारा नेतृत्व, हमारा कल्याण (Invest in Girls’ Rights: Our Leadership, Our Well-being) निर्धारित की गई है।
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अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस से संबंधित सुविचार (International Girl Child Day Quotes)
स्त्री सबसे शक्तिशाली होती है, स्त्री साक्षात दुर्गा का अवतार होती है जिसे ऊर्जा का सृजन और स्वरूप माना जाता है।
बेटियां सदैव अपने परिवार के लिए समर्पित रहती हैं। परिवार की खुशी के लिए अपना सब कुछ समर्पित कर देती है।
जो स्त्री संसार की सबसे अधिक पीड़ादायक प्रसव पीड़ा सहन कर सकती है उसे संसार की कोई भी विपत्ति कमजोर नहीं बना सकती।
अगर किसी परिवार में एक लड़की को शिक्षित किया जाए तो आने वाली सभी पीढ़ियां शिक्षित होंगे।
एक लड़की के उज्जवल भविष्य का अस्तित्व उसकी लैंगिक विषमता से कभी प्रभावित नहीं हो सकता। बल्कि यह लैंगिक विषमता तो उसकी एक अलग विशेष पहचान का प्रतिनिधित्व करती है।
कैसे मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस –
बालिका दिवस हर वर्ष संयुक्त राष्ट्र सभा में आयोजित किया जाता है जिसका मुख्य उद्देश्य होता है लड़कियों को आगे लाना उन्हें बेहतर शिक्षा , पोषण, स्वास्थ एवम समान अवसर प्रदान करना ताकि वह आगे बढ़ सके। इसके लिए पूरे विश्व में संगीत और खेल जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिससे लोगों में जागरूकता फैले ।
इस दिन समाज के विभिन्न सम्मानित व्यक्तियों द्वारा लड़कियों को उनके मौलिक अधिकार , शिक्षा का महत्व, स्वतंत्रता जैसे विषयों के महत्व के बारे में लोगों को बताया जाता है।
लोग सोशल मीडिया पर अलग-अलग #टैग चलाकर लड़कियों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं तथा उन्हें यह विश्वास दिलाते हैं कि वह उनके साथ हैं।
लड़कियों व महिलाओं को प्रोत्साहित किया जाता है कि वह खेल, व्यापार राजनीति और भी अन्य चीजों में भाग लेकर अपना महत्वपूर्ण योगदान दें।
लोग इस दिन लड़कियों को उनका अधिकार व समान अवसर दिलवाने के लिए अपने अलग-अलग तरीके से इस दिन को मनाते हैं।
बालिका दिवस पर आयोजित कार्यक्रम –
देश एवं विदेश में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने व इसे बढ़ावा देने के लिए ढेर सारे आयोजन किए जाते हैं , कई सारे देशों की सरकारें व संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा जन जागृति कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाता है।
भारत में कई हिस्सों में इस दिवस को मनाने के लिए संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, इस कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को बताया जाता है कि लड़कियों को भी सुरक्षित, शिक्षित व स्वस्थ जीवन जीने का अधिकार है उन्हें समान अवसर प्रदान किया जाए तो वह लड़कों को भी काफी पीछे छोड़ देंगी, पूरा विश्व इस दिवस को एक उत्सव के रूप में मनाता है ताकि लड़कियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व गरिमामयी जीवन मिल सके।
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