राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस क्यों मनाया जाता है? कब मनाया जाता है? नेशनल टेक्नोलॉजी डे, National Technology day history in hindi, 2023 themes in Hindi
नमस्कार दोस्तों आज के इस लेख में हम प्रौद्योगिकी दिवस पर चर्चा करेंगे। प्रौद्योगिकी को अंग्रेजी में टेक्नोलॉजी कहा जाता है। आज के समय में टेक्नोलॉजी हमारे दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आधुनिक समय में हमारे जीवन को आसान बनाने में टेक्नोलॉजी का एक बहुत बड़ा हाथ रहा है। टेक्नोलॉजी के ही कारण आज घर पर बैठकर सभी तरह के काम मिनटों में हो जाते हैं।
कोई भी काम चाहे वह टिकट बुकिंग करना हो, इंटरनेट से शिक्षा ग्रहण करना हो, या व्यापार करना हो आदि सभी काम टेक्नोलॉजी के द्वारा हो जाते है। आज हमारा देश टेक्नोलॉजी के मामलें में किसी भी देश से कम नहीं है। देश के होनहार वैज्ञानिकों व इंजीनियरों की मदद से आज हमने उन्नत टैक्नोलॉजी में महारत कर ली है। भारत में हर वर्ष राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है। इसका आयोजन टैक्नॉलॉजी डेवलेवपमेंट बोर्ड (Technology Development Board) द्वारा किया जाता है।
बहुत से लोगों के मन में यह सवाल भी जरूर आता होगा कि यह राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस क्या है? और यह किस दिन मनाया जाता है इसका क्या महत्व है? आज के इस लेख में हम आपको राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के बारे में जानकारी देंगेे।
विषय–सूची
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस क्या है?
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस को अंग्रेजी में नेशनल टेक्नोलॉजी डे (National Technology Day) कहा जाता है। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के दिन भारत की तकनीकों को याद किया जाता है। टेक्नोलॉजी को एक ऊंचे स्तर पर ले जाने के लिए भारत सरकार भी डिजिटल भारत व मेक इन इडिया (Make in India) जैसे अभियान में लग गई है। भारत का केंद्रीय मंत्रालय भी विज्ञान और टेक्नोलॉजी को अधिक बढ़ावा दे रहा है। टेक्नोलॉजी का यह बलिदान याद रखने के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस भी मनाया जाता है।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का इतिहास (National Technology day history in hindi)
जैसा कि आप जानते हैं कि भारत में कई तरह की परमाणु परीक्षण किया है। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस भी परमाणु परीक्षण की याद में मनाया जाता है। भारत ने 1998 में राजस्थान के पोखरण परीक्षण श्रृंखला में दूसरी बार सफलतापूर्वक परमाणु परीक्षण किया था। यह परमाणु परीक्षण गुप्त रूप से किया गया था
भारत ने अपना सबसे पहला परमाणु बम परीक्षण 1974 में किया था। जिसका नाम स्माइलिंग बुद्धा था। 1998 में भारत में राजस्थान के पोखरण परीक्षण श्रृंखला में पांच परमाणु परीक्षण सफलतापूर्वक किए थे। इस परिक्षण से भूकंप के झटके महसूस किये गये थे जोकि रियेक्टर स्केल पर 5.3 मापे गये थे।
भारत के अनुसंधान विभाग ने इस परीक्षण को ‘शक्ति’ का नाम दिया। यह परमाणु परीक्षण 11 और 13 मई 1998 में किया गया था। जहां परमाणु परीक्षण भारत का सबसे पहला सफल परमाणु परीक्षण था। इस दिन भारत ने पूरे विश्व में अपनी प्रौद्योगिकी क्षमता का लोहा मनवा लिया था। इस दिन को पीढ़ियों तक यादगार बनाने और भारत के महान वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत को सम्मान देने के लिये राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाने की शुरूआत की गई।
इस परमाणु परीक्षण के समय भारत के महान वैज्ञानिक डॉ. ऐपीजे कलाम डीआरडीओ के निदेशक और वैज्ञानिक सलाहकार थे। 1998 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी की अगुवाई और कलाम जी के नेतृत्व में इस मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया था।
भारत के द्वारा इन परमाणु परीक्षण को सफलतापूर्वक करने के बाद जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका तथा अन्य देशों द्वारा भारत के खिलाफ बहुत से प्रतिबंध भी लगा दिए गए थे। लेकिन हम इस परमाणु परीक्षण के दिन को बिल्कुल नहीं भूल सकते क्योंकि यह हमारे भारत का पहली जीत थी वैज्ञानिकों ने मिलकर इस परमाणु परीक्षण को सफल बनाया था जिसके कारण किसकी याद में वैज्ञानिकों के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस की शुरुआत हुई।
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राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस की 2023 थीम क्या है? (National Technology day Theme hindi)
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के लिए हर साल सरकार एक नया थीम चुनती है राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2022 के लिए थीम का नाम है – ‘स्कूल टू स्टार्टअप्स-इग्नाइटिंग यंग माइंड्स टू इनोवेट’ । इसे अंग्रेजी में School to Startups-Igniting Young Minds to Innovate कहते है। थीम का चुनाव टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट बोर्ड द्वारा किया जाता है।
2022 का विषय(Theme) | सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण |
2021 का विषय(Theme) | एक सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी |
2020 का विषय(Theme) | रीबूटिंग द इकोनॉमी विद साइंस, टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च ट्रांसलेशन |
2019 का विषय(Theme) | विज्ञान के लिए लोग और लोगों के लिए विज्ञान |
2018 का विषय(Theme) | स्वदेशी प्रौद्योगिकियों का व्यवसायीकरण: बेंचमार्क से व्यवसाय तक की यात्रा |
2017 का विषय(Theme) | समावेशी और टिकाऊ विकास के लिए प्रौद्योगिकी |
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस कब और कैसे मनाये?
भारत देश की उन्नति में वैज्ञानिकों का बहुत बड़ा हाथ है। भारत देश को बाहरी आक्रमणों से बचाने के लिए प्रौद्योगिकी एक अहम भूमिका निभाता है। इसलिए वैज्ञानिकों को सम्मान देने के लिए अटल बिहारी वाजपेई जी ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस की घोषणा की। नेशनल टेक्नोलॉजी डे 11 मई के दिन मनाया जाता है। क्योंकि 11 मई 1998 को भारत में अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया था। इसलिए भारत में सर्वप्रथम राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 11 मई 1999 को मनाया गया था। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के लिए 18 मई 1974 तथा 11 और 13 मई 1998 के दिन को याद किया जाता है, दिन को याद किया जाता है, क्योंकि इस दिन हमारा भारत देश तकनीकी रुप से एक शक्तिशाली परमाणु शक्ति सम्पन्न देशों की सूची में शामिल हो गया था।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के दिन बड़े पैमाने पर नई दिल्ली में एक समारोह का आयोजन किया जाता है जिसमें राष्ट्रपति मुख्य अतिथि के रूप में आते हैं इस दिन उन वैज्ञानिकों को पुरस्कार प्रदान किया जाता है जिन्होंने प्रौद्योगिक में नए अविष्कार करके अपना योगदान दिया है। इस दिन कई विज्ञान के क्षेत्र में पढ़ रहे छात्रों को वैज्ञानिकों से मिलने का मौका भी दिया जाता है। इस दिन कई इंजीनियरिंग तथा टेक्निकल कॉलेजों में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं रखी जाती हैं जिसमें छात्र प्रति भाग लेते हैं और विज्ञान से जुड़ी कुछ अविष्कार करके दिखाते हैं।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (नेशनल टेक्नोलॉजी डे) मनाने के पीछे उद्देश्य
- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाने से छात्रों में विज्ञान के प्रति एक नई उमंग पैदा हो। और भारत के लिए कुछ नया अविष्कार करने की क्षमता आये।
- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के दिन हम भारत के पहले परमाणु परीक्षण (न्यूक्लियर टेस्ट) के दिन को याद करते हैं।
- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस को मनाने के पीछे सबसे बड़ा उद्देश्य यह है कि आज के युवाओं में विज्ञान के प्रति सम्मान हो तथा वह परमाणु परीक्षण के दिन को कभी ना भूल पाए।
- 11 मई 1998 को परमाणु परीक्षण के अलावा भारत में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने एक मिसाइल का भी सफल परीक्षण किया था जिसका नाम त्रिशूल मिसाइल रखा गया था।
- इस दिन विज्ञान और प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले वैज्ञानिकों एवं इंजीनियरों को पुरस्कृत व सम्मानित किया जाता है।
- 11 मई 1998 को ही भारत का एक एयरक्राफ्ट वायु सेना में ट्रेनिंग के लिए जोड़ा गया था जिसका नाम हनसा-3 रखा गया था और एक का सबसे पहला उड़ान बेंगलुरु के हवाई अड्डे से हुआ था।
- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के दिन ज्ञान के प्रति रुचि रखने वाले छात्रों के लिए प्रतियोगिताएं रखी जाती हैं इसमें छात्र अपने कुछ अविष्कार एवं प्रयोगों को दिखाते हैं और इससे उन छात्रों में विज्ञान के क्षेत्र के लिए एक नया जोश एवं उत्साह मिलता है।
आज के लेख में हमने आपको प्रौद्योगिकी दिवस के बारे में पूरी जानकारी देने का प्रयास किया है। हम उम्मीद करते हैं आपको यह लेख पसंद आया होगा। यदि पसंद आया हो तो कृपया इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
FAQ / अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न- 11 मई को कौन सा दिवस मनाते है?
उत्तर- 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है।
प्रश्न- परमाणु परीक्षण के समय राष्ट्रपति कौन थे?
उत्तर- परमाणु परीक्षण के समय डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रपति थे।
प्रश्न- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस कब से मनाया जाता ?
उत्तर- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 11 मई 1999 से मनाया जाता है जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री अटलबिहारी बाजपेयी जी ने की थी।
प्रश्न- 1974 के प्रथम पोखरण परीक्षण के प्रमुख वैज्ञानिक कौन थे?
उत्तर – प्रथम पोखरण परीक्षण के प्रमुख वैज्ञानिक डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा जी थे।
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