Sandeep Gajakas Success Story: दोस्तों आपने अक्सर सुना होगा कि अगर हम मेहनत करें, तो हमें कामयाबी जरूर मिलती है और कामयाब होने के लिए जरूरी नहीं कि आप करोड़ों रुपए लगाकर बिजनेस शुरू करें। भारत में ऐसी बहुत सारी कंपनियां है, जो पहले अकेले व्यक्ति ने कुछ हजार रुपए लगाकर शुरू की थी। लेकिन आज उन कंपनियों की टर्नओवर करोड़ों रुपए से ज्यादा है ।
आज हम आपको एक ऐसे इंसान के बारे में बताने वाले हैं, जिसने जूते पोलिश करके करोड़ों की कंपनी खड़ी कर दी। आपको यह जानकर थोड़ी हंसी आ रही होगी। लेकिन हम बिल्कुल सच कह रहे हैं। आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से Sandeep Gajakas Success Story (संदीप गजाकस) के बारे में बताने वाले हैं।
इन्होंने मात्र ₹10000 से अपने बिजनेस की शुरुआत की । आज अपने बिजनेस से करोड़ों कमा रहे हैं। चलिए बिना किसी देरी के इस पोस्ट के माध्यम से पूरी जानकारी विस्तार से जान लेते हैं।
विषय–सूची
मुंबई के संदीप गजाकस ने कर दिखाया कमाल
दोस्तों यह कहानी संदीप की है, जो मुंबई में रहते हैं। दरअसल इन्हे शुरू से ही अपना बिजनेस करने का शौक था। लेकिन यह पढ़ाई के साथ-साथ पहले अपना बिजनेस शुरू नहीं कर पाए। जब उनकी इंजीनियरिंग की पढ़ाई खत्म हुई, तो इंजीनियरिंग की पढ़ाई खत्म करने के बाद इन्होंने सोचा कि वह विदेश जाकर अपना कोई अच्छा सा बिजनेस सेटअप करेंगे।
फैमिली वालों ने भी सपोर्ट किया। लेकिन जब यह जाने लगे तो उस दौरान अमेरिका में एक काफी बड़ा हादसा हो गया था। जिसके कारण यह भारत छोड़कर नहीं गए और इन्होंने भारत में रहकर ही अपना बिजनेस शुरू करने का प्लान बनाया। पहले इन्हें आईडिया नहीं था कि है कि कौन सा बिजनेस करें। क्योंकि कंपटीशन भी समय के साथ बढ़ रहा था और ऐसे में उन्हें कुछ अलग करना था। संदीप ने सोचा कि क्यों ना वह जूते की पॉलिश करने का बिजनेस करें और यहीं से उनके बिजनेस की शुरुआत हुई।
सिर्फ ₹10000 से शुरू कि जूते पॉलिश करने की कंपनी (Sandeep Gajakas Success Story)
संदीप ने सिर्फ ₹10000 से जूते पॉलिश करने की कंपनी शुरू की थी। उनके पास पहले ज्यादा बजट नहीं था। इसलिए उन्होंने अपने घर से ही जूते पॉलिश करने की कंपनी की शुरुआत की। उन्होंने अपने बाथरूम को खाली किया और बाथरूम में ही अपना थोड़ा-थोड़ा सामान रखा ।
जूते पॉलिश करने लगे। घर वालों को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा कि उनका बेटा इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके इतना पढ़ लिखने के बाद जूते पर पॉलिश कर रहा है। कौन मां-बाप चाहेगा कि उनका बेटा जूते पोलिश करें। संदीप ने किसी की ना सुनी। उन्हें पता था कि एक न एक दिन वह कुछ बड़ा करेंगे। ऐसे ही उनका बिजनेस चला रहा और धीरे-धीरे धीरे-धीरे बाथरूम से शुरुआत करके उन्होंने करोड़ तक अपनी कंपनी को पहुंचा दिया।
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The Shoe Laundry नाम से शुरू की थी कंपनी
साल 2003 में इन्होंने The Shoe Laundry नाम से अपनी कंपनी की शुरुआत की थी। उस समय उनके घर वालों ने काफी ज्यादा विरोध किया था। लेकिन इन्होंने हार नहीं मानी थी। शुरुआत में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। क्योंकि शुरुआत में इन्हें इस बिजनेस से हर महीने चिल्लर मिलते थे।
यानी की बहुत कम प्रॉफिट होता था । लेकिन धीरे-धीरे उनके काम को लोगों ने पसंद किया और आज मौजूदा हालात ऐसे हो चुके हैं कि भारत के अलावा भी विदेश में यह अपनी कंपनी की फ्रेंचाइजी बेच रहे हैं और उनकी कंपनी अब सालाना करोड़ों रुपया कमा रहे है । इसे लाखों लोगों को यह सीख तो मिली है कि कोई भी काम छोटा बड़ा नहीं है। अगर आप छोटे काम को भी अपने अंदाज में करें, तो वह छोटा काम भी आपको एक सफल बिजनेस दे सकता है और आपको करोड़पति बन सकता है।
अकेले शुरू किया था सफर लेकिन आज है सैकड़ो कर्मचारी
संदीप गजर ने एक इंटरव्यू में यह जानकारी दी थी कि जब उन्होंने अपनी कंपनी की शुरुआत की, तो वह अकेले ही काम किया करते थे। साल 2009 तक वह रोजाना 80 से 90 जोड़ी जूते साफ किया करते थे और मरम्मत किया करते थे। लेकिन आज की डेट में उनके पास सैकड़ो कर्मचारी हैं। जो उनकी कंपनी में काम करते हैं।
बताया जाता है कि उन्होंने अब तक 50000 से भी ज्यादा जोड़ी जूते मरम्मत किए हैं। देखा जाए तो इन्होंने जो बिजनेस शुरू किया है, वह काफी यूनिक भी है। क्योंकि अक्सर जब हमारे जूते खराब हो जाते हैं या फिर उन्हें मरम्मत की जरूरत होती है, तो हमें कोई मरम्मत करने वाला नहीं मिल पाता है।
इस बिजनेस में काफी ज्यादा स्कोप है। लेकिन इसे वही कर सकता है, जो कुछ बनना चाहता हो यानी जिसे शर्म ना आए। आपने वह कहावत तो सुनी होगी कि जिसने करी शर्म उसके फूटे कर्म। यानी कि अगर आप शर्म करेंगे, तो आप कामयाब नहीं हो पाएंगे। कामयाब होने के लिए शर्म और इस बात को बिल्कुल दिमाग से निकलना होगा कि लोग हमारे बारे में क्या कहेंगे।
आज इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको संदीप गजाकस के बारे में जानकारी दी है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इनकी मोटिवेशनल स्टोरी से हमें यह सीखने को तो जरूर मिलता है कि अगर हम दिल से मेहनत करेंगे, तो हम कामयाब जरूर होंगे। इन्होंने कामयाबी का एक सिकरेट भी बताया था।
इन्होंने कहा कि आप जिस काम को कर रहे हैं, उसमें अपना हंड्रेड परसेंट दे। हो सकता है कि आपको पहले चांस में सफलता न मिले। लेकिन जब तक सफलता न मिले तब तक आप उस काम को करते रहिए और लगातार प्रयास करते रहिए। एक न एक दिन आपको सफलता जरूर मिलेगी।