NFT क्या है? यह Bitcoin से कैसे अलग है? NFT किस प्रकार काम करता है? NFT की फुलफ़ार्म क्या है?
मित्रों यदि आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं, तो आप NFT की शब्दावली से जरूर गुजरे हुए होंगे। NFT की शब्दावली आज के समय Cryptocurrency के संदर्भ में बहुत सुनी जाती है। यदि आप इंस्टाग्राम या फिर फेसबुक का इस्तेमाल करते हैं, तो आपने बहुत से ऐसे पोस्ट देखे होंगे जिसमें इस बात का जिक्र होगा कि किसी सेलिब्रिटी ने अपनी इमेज को NFT के तौर पर बेच करके लाखों करोड़ों रुपए कमा लिए।
आपने यह भी सुना होगा कि काफी सितारों ने या फिर किसी क्लास के बच्चे ने कुछ मजाकिया मीम का NFT बनाकर के इंटरनेट पर बेच दिया यानी कि Cryptocurrency मार्केट में बेच दिया, और उन्होंने इससे लाखों करोड़ों रुपए कमा लिए। पर क्या यह मुमकिन है? इसी बारे में आज के लेख में हम आपको बताएंगे कि NFT kya hota hai?, NFT के क्या फायदे हैं, NFT के क्या नुकसान है, NFT की फुल फॉर्म क्या होती है, यह किस प्रकार काम करता है, और इससे कमाई कैसे होती है, इसका महत्व, इसका इतिहास, तथा एनएफटी Bitcoin से कैसे अलग है, इसके बारे में हम आपको बताएंगे।
विषय–सूची
NFT क्या है? (Non-Fungible Token)
NFT का फुल फॉर्म Non-Fungible Token होता है। NFT मुख्य प्रकार से Non-Interchangeable Data Unit होती है, जो कि मुख्य रूप से Blockchain से कनेक्टेड होती है। इस Non-Interchangeable Data Unit से किसी भी प्रकार का trade किया जा सकता है। इसे बेचा भी जा सकता है।
यह मुख्य रूप से किसी Digital फाइल जैसे की फोटो, वीडियो या फिर ऑडियो से संबंधित हो सकता है। और उसे जुड़ा हुआ भी हो सकता है, क्योंकि इसमें हर टोकन यूनिक तरीके से आईडेंटिफाई किया जा सकता है। यह Cryptocurrency नहीं होती है, जैसे कि Bitcoin, एथेरियम या फिर अन्य किसी Cryptocurrency का उदाहरण सकते हैं जो कि एनएफटी से बिल्कुल ही अलग होती है।
इसे हम एक उदाहरण से समझ सकते हैं, जैसे- कि यदि आप Blockchain का मतलब समझते हैं तो आपको पता होगा कि Blockchain मुख्य रूप से एक छोटा डाटाबेस होता है, जिसमें एक लिमिटेड इंफॉर्मेशन भरी जा सकती है। और जब यह डाटाबेस पूरा भर जाता है तब दूसरा डाटाबेस का ब्लॉक अपने आप जनरेट हो जाता है, और पहले वाली ब्लॉक यानी कि डेटाबेस, दुसरे वाले डेटाबेस से एक कनेक्शन के द्वारा कनेक्ट कर दिया जाता है, जिससे चेन के रूप में समझा जा सकता है।
लेकिन यदि हमें कभी उस पहले वाले ब्लॉक को एक्सेस करना होगा तो हमें इसके लिए NFT की आवश्यकता होगी। NFT इसका मुख्य टोकन है, जिसकी सहायता से हम किसी भी ब्लॉक चेन को एक्सेस कर सकते हैं।
यह NFT टोकन कोई भी पेंटिग, आर्ट, फोटो, म्यूजिक, विडियो एवं कमेंट को ब्लॉकचेन प्लेटफार्म पर डॉटाबेस इंफारमेंसन के रुप में स्टोर करके उसका एक टोकन जनरेट किया जाता है जिसका एक डिजिटल डाक्यूमेंटेट सार्टिफिकेट ओनर के नाम पर इश्यू हो जाता है और एक एनफटी टोकन बन जाता है। जिसके नाम पर सार्टिफिकेट बनता है वहीं इस एनएफटी का मालिक होता है जिसे वह आगे किसी भी तय किमत पर बेच सकता है।
एनएफटी को टुकड़ों में विभाजित नहीं किया जा सकता है एक NFT की ओनरशिप एक ही व्यक्ति के पास होती है जो कि डिजिटल रुप में सत्यापित डाक्यूमेंट होते है। एनएफटी का हर एक टोकन अपने आप में पूरी तरह यूनिक और डिफेरेंट होता है। इसका हरएक टोकन हमेंशा अपने दूसरे टोकन से अलग होता है। यानि एक एनएफटी टोकन को दूसरे टोकन से कभी भी बदला नहीं जा सकता है।
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NFT के क्या फायदे और नुकसान है? (Benefits and Disadvantage of NFT in hindi)
NFT के फायदे
- NFT मार्केट को और ज्यादा एफिशिएंट बना सकता है और Digital एस्सेट में कन्वर्ट किया जा सकता है। जिसके लिए किसी भी इंटरमीडियरीज की आवश्यकता नहीं होती है।
- NFT की सहायता से आप किसी भी एस्सेट के मालिक से डायरेक्ट बात कर सकते हैं, और इसके लिए किसी भी बीच के एजेंट की आवश्यकता नहीं होती है।
- इसमें Digital एस्सेट के ऑथेंटिकेशन के लिए आर्ट वर्क का डिजिटाइजेशन किया जा सकता है।
- NFT का इस्तेमाल किसी भी फिजिकल एस्सेट के ओनरशिप को fractionalized करने के लिए किया जा सकता है।
- NFT एक मुख्य रूप से टोकन है, जो कि Blockchain जैसी सबसे सुरक्षित टेक्नोलॉजी को एक्सेस करने में काम आती है।
- यह ट्रेडिशनल इन्वेस्टमेंट का हिस्सा नहीं होती है, जैसे कि स्टॉक बांड या Cryptocurrency।
NFT के नुकसान
- मोटे तौर पर NFT भी अपने आप में कुछ कीमत रखता है जो कि बहुत ही ज्यादा वोलेटाइल होती है।
- कोई भी व्यक्ति केवल NFT के माध्यम से इनकम जनरेट नहीं कर सकता।
- NFT आज के समय किसी भी संस्थागत फ्रॉड का हिस्सा बन सकती है।
- बारीकी से देखा जाए तो यह पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाती है जिसके पीछे कंप्यूटिंग एनर्जी खर्च होती है।
NFT किस प्रकार काम करता है?
NFT किस प्रकार से काम करती है यह समझने के लिए हमें यह समझना होगा यह मूल रूप से एक टोकन होता है। और टोकन का इस्तेमाल किसी मूल चीज को एक्सेस करने में किया जाता है। तो आप सोचते होंगे कि अब NFT का इस्तेमाल किसे एक्सेस करने में किया जाता होगा?
NFT का इस्तेमाल मूल रूप से Blockchain के ब्लाक को एक्सेस करने में किया जाता है। यदि आप Blockchain को सही से समझते हैं, और इसकी प्रक्रिया को समझते हैं, तथा इसके बनने की प्रणाली को भी समझते हैं, तो आपको पता होगा कि जब एक Blockchain के अंदर कोई ब्लॉक या फिर डेटाबेस इंफॉर्मेशन से भर कर के क्लोज हो जाता है, तो बाद में यदि कोई भी व्यक्ति इस ब्लाक को इस्तेमाल करना चाहता है, तो उस मुख्य ब्लॉक के लिए टोकन जनरेट किया जा सकता है। बाद में जब भी उस ब्लाक का एक्सेस किया जाना हो तब आपको उस टोकन की आवश्यकता होती है। जिसे आज की भाषा में हम NFT कहते हैं।
अब Blockchain में किसी भी प्रकार की इंफॉर्मेशन स्टोर करी जा सकती है, जोकि Digital प्लेटफॉर्म पर होती है। यह किसी Digital एस्सेट का ओनरशिप भी हो सकता है, और कोई महत्वपूर्ण जानकारी के रुप में हो सकती है, जिसका एक्सेस केवल और केवल एक टोकन के द्वारा ही किया जा सकता है।
तो आप समझ चुके होंगे कि अब इस समय उस टोकन की कीमत अपने आप बढ़ चुकी है, क्योंकि उस टोकन की सहायता से उस कीमती जानकारी को प्राप्त किया जा सकता है, जो ब्लाक में है।
यदि आप अपने Blockchain की इंफॉर्मेशन को बेचना चाहते हैं तो इसके लिए आपको टोकन बेचना होगा। और वह टोकन आप किसी भी Digital फॉर्मेट में मौजूद इमेज, ऑडियो, या वीडियो में बेच सकते हैं। और इस प्रकार NFT काम करती है
NFT से कैसे कमाए पैसे
- NFT से पैसे कमाने के लिए सबसे पहले आपके पास में एक Cryptocurrency Digital Marketplace होना चाहिए। जहां पर आप NFT बेच सकते हैं, जिसके लिए आप Opensea, Axie Marketplace, Cryptopunk, SuperRare, Mintable इन सभी क्रिप्टो करेंसी मार्केटप्लेस में से आप किसी भी एक मार्केटप्लेस का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- अब आपको अपने Digital एस्सेट को अपने वॉलेट के साथ में कनेक्ट करना है।
- अब इसके साथ में आपको Digital एस्सेट की NFT को जनरेट करना है, जिसे माइन करना भी कहा जा सकता है।
- अब आपके पास में NFT तैयार है और इसे आप अपनी मार्केटप्लेस के ऊपर बेच सकते हैं।
NFT तथा Bitcoin कैसे अलग है?
NFT तथा Bitcoin अपने आप में बहुत ज्यादा अलग है, क्योंकि NFT अपने आप में एक टोकन है, और Bitcoin अपने आप में Cryptocurrency है।
Cryptocurrency और NFT दोनों ही Blockchain टेक्नोलॉजी के आधार पर बने हुए हैं। तथा NFT अपने आप में Cryptocurrency का एक सबसेट है। लेकिन जब भी हम NFT खरीदना चाहते हैं या बेचना चाहते हैं तो हमें Cryptocurrency की आवश्यकता होती है, क्योंकि NFT का खरीदना या बेचना Cryptocurrency के द्वारा ही पूरा होता है।
हम एनएफटी और Cryptocurrency में यह अंतर समझ सकते हैं, कि Cryptocurrency एक करेंसी होती है और NFT एक कमोडिटी होती है। इस कमोडिटी का इस्तेमाल ट्रेडिंग के लिए किया जा सकता है। लेकिन करेंसी और कमोडिटी अपने आप में अलग होती है, और जो फर्क करेंसी और कमोडिटी में होता है वही फर्क NFT Trading और Cryptocurrency trading में होता है।
निष्कर्ष
तो आज के लेख में हमने जाना कि NFT क्या है? (NFT kya hai) NFT कैसे इस्तेमाल किया जाता है, NFT का फुल फॉर्म क्या होता है, NFT के क्या फायदे और नुकसान है, तथा NFT से पैसे कैसे कमाए जा सकते हैं, और NFT और Bitcoin अपने आप में अलग कैसे हैं, इन सब के बारे में हमने आपको पूरी जानकारी दी है। हम आशा करते हैं कि आप समझ चुके होंगे कि NFT क्या होता है