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ब्रह्मकुमारी शिवानी दीदी का जीवन परिचय | Brahma kumaris Shivani biography hindi

ब्रह्मकुमारी शिवानी का जीवन परिचय, अनमोल वचन , प्रवचन | Biography of Brahma kumaris Shivani didi, quotes, anmole vachan, pravachan in hindi

आज हम एक ऐसी शिक्षिका व गुरु के बारे में बताने जा रहे है जिनके मार्गदर्शक विचारों से प्रेरणा लेकर हम अपने जीवन की राह को सुगम बना सकते हैं। इनका नाम है बीके शिवानी वर्मा (BK Shivani didi)। इनको लोग ब्रह्मा कुमारी शिवानी दीदी (sister shivani) कहकर संबोधित करते हैं। वर्ष 1995 से शिवानी वर्मा आध्यात्मिक संस्था प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में शिक्षिका के रूप में कार्यकृत है। आज के इस लेख में हम आपको इनके (Brahma kumaris Shivani biography in hindi) जीवन के बारे में जानकारी देंगे।

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शिवानी दीदी को उनके लोकप्रिय प्रोग्राम Awakening with Brahma Kumari के माध्यम से जानते हैं। यह प्रवचन आस्था टीवी चैनल द्वारा प्रसारित किया जाता था। यह प्रोग्राम 2008 में ही शुरू किया था।

मानव जीवन का क्या उद्देश्य है इसका क्या रहस्य है इसका क्या मकसद है इसके सूक्ष्म व संवेदनशील तथ्यों को समझना आम आदमी के बस की बात नहीं है। इसी वजह से हम छोटी-छोटी बातों को समझ नहीं पाते हैं और व्यर्थ में दुखी होते रहते है और तनावग्रस्त रहते हैं। इसी तथ्य को ध्यान में रखकर इनकी संस्था (आध्यात्मिक संस्था प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय) लोगो को सामान्य जीवन के साथ-साथ अध्यामिक जीवन जीने की प्रेरणा प्रदान करती है।

शिवानी दीदी के प्रवचन बहुत ही प्रेरणादायी होते है वह बताती है हम कैसे गृहस्थ और अध्यात्म जीवन के बीच तालमेल रख सकते है और एक सुखी और तनाव मुक्त जीवन जी सकते हैं। समाज में शिवानी दीदी की लोकप्रियता दिन पर दिन बढ़ती जा रही है।

ब्रह्मकुमारी शिवानी दीदी का जीवन परिचय (Brahma kumaris Shivani biography)

शिवानी जी एक सामान्य परिवार से है इनका जन्म सन् 31 मई 1972 में महाराष्ट्र के पुणे शहर में हुआ था। ये बचपन से ही पढ़ाई मे काफी अच्छी थी। इनके परिवार का वातावरण धार्मिक प्रवृत्ति का रहा है उनके माता पिता की इच्छा थी कि शिवानी भी अध्यात्म में ध्यान दे परन्तु इनका मन कभी भी अध्यात्मिक बातों में नहीं लगता था।

उनके माता-पिता उन्हें अपने साथ ब्रह्मा कुमारी विश्वविद्यालय में प्रवचन व उपदेश सुनने ले जाया करते थे इसी दौरान इनके अवचेतन मन का झुकाव अध्यात्म की ओर हो गया और धीरे-धीरे वह पूरी तरह अध्यात्म के महत्व को समझ गई।

ब्रह्मकुमारी शिवानी दीदी की शिक्षा व कैरियर

सन 1994 में बीके शिवानी ने पुणे विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग से बीटेक किया इसी कॉलेज में शिवानी दीदी को इंजीनियरिंग कॉलेज द्वारा गोल्ड मेडल पुरस्कार दिया गया। इसके बाद इन्होंने 2 साल भारतीय विद्यापीठ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में लेक्चरर के पद पर कार्य किया। इसके अलावा शिवानी वर्मा Organ Donation को भी बढ़ावा देती है और Delhi Islamic Cultural Centre में Parenting Program में Happiness Unlimited भी करती है। उनकी टीवी सीरीज Happiness Unlimited को उसी नाम से Best Seller Book में बदल दिया गया है। इसके अलावा शिवानी दीदी के पास बीके शिवानी नाम का Youtube चैनल भी है। जिसमे 30 लाख से ज्यादा subscriber है।

ब्रह्मकुमारी शिवानी ने अपने अध्यात्मिक विचारों का प्रकाश पूरे विश्व में फैलाया है। व्यक्तिगत रुप से वह भारत के अलावा, यूके, अमेरिका, एशिया, अफ्रीका के विभिन्न देशों की यात्रा यात्रा कर चुकी है। शिवानी दीदी ने कई टीवी शों, सार्वजनिक वार्ताओं, कार्यक्रमों, सेमिनारों के माध्यम से अपने अध्यात्मिक ज्ञान को बांटा है।

शिवानी दीदी के लोकप्रिय टीवी प्रोग्राम हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओ में है। इनके नाम कुछ इस प्रकार है।

  • राजयोग मेडिटेशन
  • डिप्रेशन
  • विशडम ऑफ दादी जानकी
  • इनब्यूटी
  • जीवन कौशल

मानव कल्याण, आत्मज्ञान, अध्यात्मिकता, जीवन कौशलता, कर्म, कर्तर्व्यों का निर्वाह जैसे विषयों का संपूर्ण विश्लेषण करके शिवानी दीदी लोगों के जीवन में बदलाव लाने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहीे हैं। उन्होंने लाखों लोगों की शंकाओं, दुखों, चिंताओं व जीवन की बाधाओं को सुलझानें में काफी मदद की है।

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2014 में बीके शिवानी जी को Women of The Decade Achiever नामक अवार्ड (Award) से नवाजा गया है। उन्हें यह सम्मान लोगों की अध्यात्मिक चेतना को सजग, मजबूत और सुदृण बनाने के लिये दिया गया है।

ब्रह्माकुमारी शिवानी का वैवाहिक और पारिवारिक जीवन

ब्रह्माकुमारी संस्था में आने से पहले ही शिवानी जी का विवाह संपन्न हो चुका था। इनके पति का नाम विशाल वर्मा है। वह एक सफल व्यवसायी है।

शिवानी जी का मानना है कि अध्यात्म जानने के लिए पारिवारिक जीवन से विलग होना जरूरी नहीं है बल्कि यह ज्ञान समाज और परिवार से जुड़े होकर भी प्राप्त किया जा सकता है।

उनका कहना है कि बदलते दौर के साथ आधुनिकता को अपनाना जरूरी है लेकिन आधुनिकता की आड़ में अपनी आध्यात्मिक शक्ति को भूलना उचित नहीं इसलिए हमें स्वयं को समझना चाहिए।

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समाज में आध्यात्मिक सहयोग (Social Spiritual work)

ब्रह्मकुमारी शिवानी जी लगातार अपनी आध्यात्मिक शिक्षाओं के माध्यम से समाज को आध्यात्मिक विषय वस्तु से भली भांति परिचित करा रही है।

साधना टीवी पर टेलीविजन शो के माध्यम से अपनी संदेशों को लोगों तक पहुंचा रही है ताकि उनका नैतिक और आध्यात्मिक कायाकल्प हो सके।

उनका मानना है कि लोग संसार के काल्पनिक बंधनो में जकड़े होने के कारण उसकी वास्तविक को नहीं समझ पाते और सदैव क्लेश से ग्रसित रहते है।

वो कहती हैं कि इन क्लेशो से निर्वाण के लिए आध्यात्मिक ज्ञान बहुत जरूरी है। इसलिए उन्होने आध्यात्मिक प्रेरणा के लिए इस मार्ग को चुना और इसके लिए सतत प्रयास कर रही है।

ब्रह्मा कुमारी शिवानी दीदी जी की अनंत सोच व अध्यात्म का वर्णन

ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी का एकमात्र उद्देश्य है कि लोग परिवार और समाज के बीच रह कर सभी परेशानी, दुखो से मुक्ति अथवा तनाव मुक्त जीवन किस प्रकार जी सकते हैं।

शिवानी दीदी का मानना है कि अध्यात्म कोई सामान्य जीवन से अलग जीवन नहीं है बल्कि वही है कि लोग अपने जीवन में जो जो आप कर रहे हैं अपना परिवार चला रहे हैं, पढ़ाई कर रहे हैं, बिजनेस कर रहे हैं, इन सबके चलते सही सोच, सही व्यवहार और धर्म के साथ चलना ही अध्यात्म जीवन है जो हमारी आत्मा और मानवता का गुण है जैसे हंसना, ख़ुशी शांति, और प्यार, सद्भावना इन सब का हमारे जीवन के हर कर्म में लाना अति आवश्यक है और यही सच्चा अध्यात्म है।

शिवानी दीदी के अनुसार हर मनुष्यों के लिए अध्यात्मिक चेतना को सजग और सुदृण बनाना बेहद जरूरी है। हम इस आधुनिक युग में मानवता के मूलभूत नैतिक मूल्यों को लगतार नजरअंदाज कर रहें है। प्रकृति में हर वस्तु देने के लिये बनी है परंतु मानव प्रकृति से लगातार नई-नई मांग कर रहा है लेता जा रहा है प्रकृति को कुछ दे नहीं रहा है और इसी वजह से आज का मानव अपने जीवन में चिंता, भय और पीड़ा से जूझ रहा हैं। हमे शिवानी दीदी के सत्संग कार्यक्रम में भाग लेना चाहिए।

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय का परिचय (brahma kumaris sansthan ka parichay)

समाज को धार्मिक आध्यात्म से परिचित कराने वाली इस संस्था की स्थापना दादाजी लेखराज कृपलानी जी द्वारा की गयी थी । यह एक बहुत बड़े हीरों के व्यवसायी थे। जिनको आज हम सब प्रजापिता ब्रह्मा के नाम से जानते हैं। इनका मन बचपन से ही धार्मिक कार्यों में बहुत लगता था। धीरे-धीरे इनका मन ईश्वर की ओर हो गया।

समूचे संसार को आध्यात्मिक शक्ति से परिचित कराने के लिए और संसार में अध्यात्मिक संदेश को संवहन करने के लिए दादा लेखराज कृपलानी जी ने 1936 हैदराबाद, सिंध (पाकिस्तान वाले क्षेत्र) में इस संस्था की बुनियाद रखी।

प्रजापति ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय नाम की यह संस्था पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थित है जो लगातार प्रशिक्षण के माध्यम से लोगों को अध्यात्म दर्शन की ओर ले जा रही है।

इस संस्था की स्थापना के बाद इसका विकास बहुत तेजी से हुआ है और इस समय दुनियांभर के 137 देशों में लगभग इस संस्था की लगभग 8500 शाखांए है।

शुरुआती दौर में इस संस्था का संचालन केवल महिलाएं करती थी जिसके कारण इसका नाम ब्रह्म कुमारी रखा गया लेकिन समय परिवर्तन के साथ में पुरुषों का भी अहम योगदान रहा जिन्हें ब्रह्म कुमार नाम दिया गया।

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ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी के अनमोल वचन, प्रवचन (BK Shivani Quotes hindi)

शिवानी दीदी के अनमोल वचन नीचे दी गई बिंदुओं मे मिलेंगे।

  • मनुष्य ऐसा सोचता है कि वह भगवान को याद कर रहा है तो भगवान उसका कार्य कर देंगे परंतु ऐसा नहीं है भगवान को याद करके मनुष्य कोई काम करता हैं तो भगवान उस मनुष्य को शक्ति प्रदान करते हैं जिससे असंभव कार्य भी संभव हो जाता है।
  • किसी भी मनुष्य को दिया हुआ प्रेम या खशी लौटकर किसी न किसी रूप में हमारे पास आती है और संयोग से हम सामने वाले मनुष्य से ऐसी आशा भी रखते हैं।
  • इंग्लिश में कहावत है Unity In Diversity यही कहावत हिंदी में भी है एकता में शक्ति होती है इसका मतलब यही है कि जब तक इंसान ‘मै’ को ‘हम’ मे नहीं बदलता तब तक उसके कार्य अटके ही रहते है। ‘मैं’ को ‘हम’ में बदलने के बाद कमजोरी ही इंसान की शक्ति बन जाती है।
  • जीवन में अगर मनुष्य की सोच ऊपर ऊंची उड़ान भरना है तो उसे उड़ती पंछियों से कुछ सीखना चाहिए जो सब कुछ भूलकर केवल अपनी उड़ान को भरती है और ख़ुश होती है। इसी प्रकार मनुष्य के पास भी क्षमता है कि को समूह में सद्भावना के साथ उड़ान भर सकता है और अपने आपको ख़ुश कर सकता है।
  • यदि मनुष्य अपनी आत्मा पर व्यर्थ की बातें और संकल्पों का बोझ रख कर चलेगा तो बहुत जल्दी थक जाएगा।
  • एक साधारण व्यक्ति सदैव वास्तविकता से दूर भागने की कोशिश करता है और जो वास्तविक नहीं है अर्थात जो काल्पनिक है जिसका कोई अस्तित्व नहीं उसे पाने की कोशिश करता है और इसी अस्तित्व विहीन काल्पनिक लक्ष्य को प्राप्त करने में उसके हाथ कुछ नहीं लगता। यही लोगों के जीवन भ्रांतियों का प्रमुख कारण है जिनमें वे आजीवन उलझे रहते हैं। इसीलिए आध्यात्म को जानने और समझने की जरूरत है क्योंकि यह आपको वास्तविकता से भेंट कराती है।
  • जीवन के प्रत्येक उपलब्धि में सकारात्मक विचारों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है यह सकारात्मक विचार ऊर्जा के स्रोत होते हैं। मस्तिष्क में नकारात्मक विचारों की उत्पत्ति व्यक्ति को पतन की ओर अग्रसर करती है।
  • उनका कहना है कि कभी भी अपनी आकांक्षाओं को बंधन में नहीं भागना चाहिए आप कितनी दूर तक सकते हैं उतनी ही दूर तक पहुंचने की क्षमता भी रखते हैं।
  • एक स्वस्थ मनुष्य के ऊपर ईश्वर का सबसे बड़ा उपकार होता है। ईश्वर ने उसे जीवन यापन के लिए सभी क्षमताएं दी हैं लेकिन जब वह व्यक्ति हतोत्साहित होता है तो जीवन के प्रति उसके सारे संघर्ष फीके पड़ने लगते हैं।
  • आप भाग्यशाली हैं कि ईश्वर ने आपको सभी क्षमताएं दी है जरा उनके बारे में सोचिए जिनके पास शारीरिक क्षमता में नहीं है लेकिन फिर भी वह अपने जीवन के साथ संघर्ष करते हैं और इसका प्रत्येक क्षण सार्थक बनाने में व्यय कर देते हैं।
  • ब्रह्माकुमारी शिवानी जी का मानना है की हमें अपने मूल अस्तित्व को समझने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि जिस दिन हमने अपने मूल अस्तित्व को समझ लिया हम अपनी महाशक्ति से परिचित हो जाएंगे फिर हमारे लिए कोई भी सांसारिक बाधा अड़चन नहीं डाल सकती।
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निष्कर्ष

आज के इस लेख में हमने आपको बीके शिवानी जी के जीवन परिचय (Brahma kumaris Shivani biography hindi) के बारे में बताया है साथ ही उनके अध्यात्मिक कार्यों के बारे में भी वर्णन किया है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों व रिश्तेदारों के साथ अवश्य साझा करें।

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