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रक्षाबंधन पर निबंध 2023 | Essay on Raksha Bhandan in hindi

रक्षाबंधन पर निबंध हिंदी में (Short and Long Essay on Raksha Bandhan in Hindi 500 words, 1000 words, Raksha Bandhan par Nibandh Hindi mein, Long Essay on Raksha Bandhan, Raksha Bandhan par Nibandh Hindi mein Raksha Bandhan Essay 5, 6 ,7 ,8, 9, 10, 11 ,12th for class)

हिंदू धर्म में हर साल श्रावण के अगस्त महीने में रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है। रक्षाबंधन का त्यौहार भाई बहन के रिश्ते और प्यार का प्रतीक मानते हुए सभी हिंदू धर्म के लोग बहुत धूमधाम के साथ यह त्यौहार बनाते है।

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रक्षाबंधन का त्योहार परिवार में एकता और सम्मान का बढ़ावा देता है। इस दिन सभी परिवार एक साथ मिलकर प्रसन्नता पूर्वक इस त्यौहार को मानते हैं।

आइए आज इस आर्टिकल में आपके साथ रक्षा बंधन पर निबंध साझा करते हैं और बताते हैं कि आख़िर रक्षा बंधन कब और क्यों मनाया जाता है, इसका इतिहास क्या है? इसका महत्त्व कहानी।

रक्षाबंधन पर निबंध-Essay-on-Raksha-Bandhan-in-hindi
1.रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है? शुभ मुहूर्त, इतिहास पौराणिक कथाएं
2.रक्षाबंधन पर सुविचार कोट्स शुभकामना संदेश
3.रक्षाबंधन पर शायरी स्टेटस, कविता 

रक्षाबंधन पर निबंध 150, 200, 500, 1000 शब्दों में (Essay on Raksha Bhandan in hindi)

प्रस्तावना –

भारतीय संस्कृति में रक्षाबंधन त्यौहार का बहुत महत्व माना जाता है, और यह त्योहार भारत में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।

रक्षाबंधन के दिन सभी बहने अपने भाई की पूजा कर और तिलक लगाकर कलाई पर राखी (धागा) बांधती है, और अपने भाई को मिठाई खिलाती है। और इसके बदले में भाई अपनी बहन को कोई उपहार देते हुए  अपनी बहन को सभी बुराइयों से बचाने का वादा करता है।

यह त्यौहार भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए मनाया जाता है। हालांकि बुजुर्गों द्वारा बताया जाता है, कि प्राचीन काल में पत्नी अपने पति को राखी बांधती थी। और प्राचीन काल में यह त्यौहार पति-पत्नी के बीच मनाया जाता था।

रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है?

रक्षाबंधन का यह त्यौहार भाई-बहन के प्रेम को ही नहीं बल्कि उनकी आपसी समझ और समर्थन को भी प्रकट करता है। भारत में यह त्यौहार भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।

यह त्यौहार भाई-बहन के संबंध के साथ-साथ परिवार के संबंध को भी मजबूत बनाता है। और परिवार महत्व की भावना को भी प्रोत्साहित करता है। भारतीय संस्कृति में यह त्यौहार एकता और सद्भावना का प्रतीक माना गया है।

रक्षाबंधन कब मनाया जाता है?

रक्षाबंधन का यह त्यौहार भारत में हर साल श्रावण महीने के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस त्यौहार को राखी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। यह त्यौहार भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक माना गया है।

इस वर्ष श्रावण महीने की पूर्णिमा 30-31 अगस्त को पढ़ रहा है, इसलिए रक्षाबंधन का त्यौहार व पूर्णिमा 30 अगस्त रात्रि को शुरू होगा और सुबह 31 अगस्त तक रहेगा।

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रक्षाबंधन कैसे मनाया जाता है?

इस त्यौहार के शुभ अवसर पर हर तरफ खुशहाली और शोर छाया रहता है। बहने अपने भाई के लिए अपने मनपसंद की राखी और मिठाइयां खरीदती हैं। और एक थाली में कुमकुम, अक्षत, राखी (धागा), दीपक, मिठाई लेकर भाई को पूर्व दिशा में बैठाकर बहने भाई को तिलक लगाकर सर पर अक्षत छिड़क कर आरती उतारती हैं, और फिर राखी बांधकर अंत में भाई को मिठाई खिलाती हैं।

अगर भाई छोटा है, तो बहन अपने भाई को उपहार देती हैं, अपितु भाई बहनों को उपहार देते हैं।

रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधते हुए उनकी लंबी उम्र और सुरक्षित रहने की कामना करती हैं। और भाई उसके बदले में अपनी बहन को उपहार के साथ-साथ आशीर्वाद और सभी बुराइयों से रक्षा करने का वादा करता है।

रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर समाज के लोग के साथ-साथ घर के लोग एक साथ एकत्रित होकर समय बिताते हैं। यह त्यौहार परिवार व समाज के संबंध को भी मजबूत करता है।

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रक्षाबंधन का इतिहास –

ऐसा बताया जाता है कि पहले इस त्यौहार पर पत्नीया अपने पति को राखी बांधती थी। सर्वप्रथम इस त्यौहार का शुरुआत दुष्ट राजा बलि से अपनी रक्षा के लिए इंद्र की पत्नी शची ने अपने पति को श्रावण मास के पूर्णिमा के दिन राखी बांधा था। और देवराज इंद्र दुष्ट राजा बलि को परास्त कर विजय प्राप्त करके आए थे। तभी से इस त्यौहार पर पत्नी अपने पति को राखी बांधती थी।

 परंतु बाद में यह प्रथा बदलकर भाई बहनों का त्योहार माना जाने लगा और बहन अपने भाई को राखी बांधने लगी। ब्रिटिश राज के दौरान इस त्यौहार का सहारा लेकर प्राचीन काल में बंगाल विभाजन को रोकने और मित्रता बढ़ाने के लिए रवींद्रनाथ टैगोर ने एकता को बढ़ावा दिया था।

किन-किन स्थानों पर रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है?

मुख्य रूप से रक्षाबंधन का त्योहार भारत और नेपाल में मनाया जाता है। मलेशिया और जहां – जहां भारत के नागरिक निवास करते हैं वहां-वहां यह त्यौहार मनाया जाता है।

रक्षाबंधन त्यौहार का महत्व-

रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने की बहुत पुरानी परंपरा है। इस त्यौहार के दिन बहने केवल अपने सगे भाई को ही नहीं बल्कि सभी सगे संबंधियों को राखी बांध सकती हैं। और वे उनके भाई बन जाते हैं। रक्षाबंधन त्यौहार का वर्णन भविष्य पुराण और इतिहास में भी मिलता है।

रक्षाबंधन के इस पावन त्यौहार पर हम किसी को भी अपना बहन या भाई बना सकते हैं। भारतीय संस्कृति में इस त्यौहार का बहुत महत्व होता है।

रक्षाबंधन के त्योहार पर दूर रहने पर भी भाई-बहन एक दूसरे के पास जाकर राखी बंधवाते और बांधते हैं। और एक दूसरे के मनपसंद का उपहार भी देते हैं।

रक्षाबंधन पर सरकारी प्रबंध-

रक्षाबंधन त्यौहार पर भारत सरकार के डाक विभाग द्वारा आकर्षक लिफाफो का ₹10 में बिक्री किया जाता है। जिससे बहने अपने भाई को डाक द्वारा एक लिफाफे में तीन चार राखी केवल ₹5 में भेज सकती हैं।

सभी बहनों के लिए डाक विभाग द्वारा इस त्यौहार पर 50 ग्राम वजन तक का राखी लिफाफा पांच रुपए में भेज सकती हैं। जबकि वैसे एक राखी 20 ग्राम के लिफाफे में सिर्फ भेजी जा सकती है। यह सेवा सिर्फ रक्षाबंधन त्यौहार के लिए ही उपलब्ध है।

रक्षाबंधन के इस अवसर पर सरकार द्वारा सभी लड़कियों व महिलाओं को निशुल्क यात्रा प्रावधान करती है। इस दिन बहने कहीं भी बिना खर्च किए अपने भाई को राखी बांधने जा सकते हैं। सभी बहनों के लिए यह सुविधा रक्षाबंधन तक ही उपलब्ध है।

उपसंहार –

हमारी संस्कृति की पहचान यह त्योहार माना जाता है। इस त्यौहार पर हर भारतवासी को गर्व होता है, कि बहने हमारे जीवन में कितना महत्व रखती हैं। रक्षाबंधन त्योहार सभी भाई बहनों के लिए एक विशेष महत्व होता है।

इस विशेष पर्व पर दूर रहने पर भी भाई-बहन एक दूसरे के लिए समय निकालकर उनसे मिलने जाते हैं। जिससे यह रक्षाबंधन की महत्वता को दर्शाता है। इस पवित्र त्यौहार को सभी लोग खुशी-खुशी और बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। रक्षाबंधन त्योहार के महत्व को समझते हुए हम सभी को इस पावन त्यौहार के आदर्श की रक्षा करते हुए हम सभी को नैतिक भाव से खुशी होकर मनाते हुए इस त्योहार को और बढ़ावा देना चाहिए।

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