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Hindi Diwas Kyu Manaya Jata Hai: हिंदी दिवस कब मनाया जाता है और क्यों? जानिए इसका इतिहास और महत्व | Hindi Diwas Kab Manaya Jata Hai 2023

आइए जानें हिंदी दिवस कब मनाया जाता है और क्यों? इसका इतिहास और महत्व, विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी के दिन और राष्ट्रीय हिंदी दिवस 14 सिंतबर को ही हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है?, Hindi Diwas Kyu Manaya Jata Hai, Hindi Diwas Kab Manaya Jata Hai, Hindi Diwas History In Hindi, Hindi Diwas Facts In Hindi, National Hindi Diwas 2023

हिंदी दिवस 2023 – आज के इस लेख में हम हिंदी यानी की हमारी मातृभाषा के सम्मान में मनाए जाने वाले हिंदी दिवस के बारे में आपको पूरी जानकारी प्रदान करेंगे। और आपको बताएंगे कि हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है ? (Hindi Diwas Kyu Manaya Jata Hai) हिंदी दिवस का इतिहास क्या है? इसका महत्व क्या है आज हम आपकों इन सभी तथ्यों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।

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हिंदी भाषा को भारतीय संविधान में राज्य भाषा का दर्जा प्राप्त है। लेकिन हमारी इसी हिंदी भाषा को करोड़ों भारतीय अपनी मातृभाषा मानते हैं और इसे संविधान में अपनी मातृभाषा का दर्जा दिलाने के लिए सतत प्रयास कर रहे हैं।

हिंदी भाषा भारत में अधिकांशतः बोली जाने वाली भाषा है। लेकिन अब इस भाषा का प्रभुत्व केवल भारत तक ही नहीं बल्कि विदेशों में भी फैलता जा रहा है। हिंदी भाषा के इस विस्तार की केवल एक वजह है और वह है इसकी मिठास! इसका शब्दकोश!

हिंदी भाषा के शब्द अपने आप में परिपूर्ण हैं। जितनी सरलता और भावुकता के साथ हिंदी भाषा में अभिव्यक्ति की जा सकती है, शायद ही कोई ऐसी भाषा होगी जिसमें हिंदी जैसा सार होगा। इसी हिंदी भाषा को प्रोत्साहित करने के लिए 14 सितंबर को भारत में राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी दिवस मनाया जाता है।

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जबकि विश्व पटल पर हिंदी भाषा के उत्थान के लिए 10 जनवरी का दिन विश्व हिंदी दिवस के लिए चुना गया है और प्रतिवर्ष इसे एक नई थीम के साथ मनाया जाता है। आज इस लेकर जरिए हम विश्व हिंदी दिवस तथा राष्ट्रीय हिंदी दिवस दोनों से जुड़ी हुई जानकारियां देंगे।

जब भी बात हमारे देश की उठती है तो केवल एक ही नारा उठता है।

हिंदी है हम, वतन है हिन्दुस्तान हमारा

हिंदी हमारे देश की पहचान है। हमारे देश मे अनगिनत लोग बातचीत करने में हिंदी भाषा का ही प्रयोग करते है। इसलिए हिंदी भाषा को देश कि राजभाषा घोषित किया गया है और हम सभी लोग हर वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाते है। जबकि विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य हिंदी को विश्व स्तर की एक उत्कृष्ट और प्रतिष्ठित भाषा का दर्जा दिलाना है।

आज इस लेख के जरिए हम आपको बताएंगे की हिंदी दिवस कब मनाया जाता है और क्यों? आखिर हिंदी दिवस मनाने के पीछे का इतिहास क्या है? और हिंदी भाषा का महत्व।

हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है

विषय–सूची

हिंदी दिवस से जुड़ी पूरी जानकारी (Facts and Informations About Hindi Diwas in Hindi)

हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है? (Hindi Diwas Kyu Manaya Jata Hai)

भारतीय संविधान में हिंदी भाषा को सबसे प्रबल और भारत की राज्यभाषा का दर्जा देने की खुशी में हर वर्ष हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिंदी भाषा का उल्लेख पुराणों में भी किया गया है। इस भाषा का प्रचलन आज की तारीख में इंग्लिश और चीनी भाषा के बाद सबसे ज्यादा है। देश विदेश से लोग इसी सीखने की कामना करते हैं और सीखने आते हैं। भारत की 133 करोड़ की आबादी में सर्वाधिक लोग वार्तालाप में हिंदी भाषा का ही चयन करते हैं।

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चूंकि 14 सितंबर के दिन ही हिंदी भाषा को आधिकारिक तौर पर संवैधानिक रूप से भारत की राज्य भाषा घोषित किया गया था इसीलिए यह दिन हिंदी दिवस के रूप में हिंदी भाषा को समर्पित कर दिया गया।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हिंदी दिवस केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्व स्तर पर भी मनाया जाता है हालांकि इन दोनों दिवसों की तिथियां अलग-अलग हैं। एक तरफ जहां राष्ट्रीय हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है वहीं विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है।

चलिए अब एक-एक करके विश्व हिंदी दिवस तथा राष्ट्रीय हिंदी दिवस के विषय में जानते हैं।

विश्व हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है? इसका उद्देश्य व महत्व (International Hindi Day 2023)

विश्व में हिंदी के प्रति जागरुकता फैलाना और विश्व में हिंदी को एक अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रुप में सम्मान दिलाना ही विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Diwas) का मूल उद्देश्य है।

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सर्वप्रथम नार्वे में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा जी द्वारा विश्व हिंदी सम्मेलन का 10 जनवरी 1975 के दिन आयोजित किया गया था। इसके बाद 10 जनवरी 2006 को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन जी ने इस 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रुप में मनाने का निर्णय लिया।

इस दिन विदेशी भारतीय दूतावासों व सरकारी कार्योलयों में धूमधाम से हिंदी पर विशेष प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। उम्मीद करते हैं कि अब आपको पता चल गया होगा कि विश्व हिंदी दिवस मनाने के पीछे का कारण क्या है।

विश्व हिंदी दिवस की 2023 थीम

विश्व हिंदी दिवस की 2023 थीम भारत सरकार द्वारा हर वर्ष तय की जाती थी। इस साल की थीम ‘‘हिंदी को जनमत का हिस्सा बनाना’’ रखा गया था। और इसी थीम के साथ 10 जनवरी को यह दिवस मनाया गया था। हालांकि अब सितंबर का महीना आ चुका है और राष्ट्रीय हिंदी दिवस की तिथि नजदीक आ रही है।

चलिए आपको राष्ट्रीय हिंदी दिवस का इतिहास बताते हैं ताकि आपको पता चल सके की राष्ट्रीय स्तर पर Hindi Diwas Kyu Manaya Jata Hai? इसका इतिहास क्या है।

14 सितंबर के दिन ही राष्ट्रीय हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है? (14 September Hindi Diwas Kyu Manaya Jata Hai)

आज के ही दिन 14 सितंबर सन 1949 में ही हिंदी को राजभाषा का दर्जा मिला था। हिंदी भाषा की अनदेखी और भारतीय संस्कृति में हिंदी की महत्व को देखते हुये संविधान कमेटी  के सभी सदस्यों की आपसी सहमति से हिंदी को राजभाषा घोषित करने का निर्णय लिया गया। अनुच्छेद 343(1) में यह स्पष्ट किया गया है देवनागरी लिपि में हिंदी देश की राजभाषा है और सभी सरकारी कार्योलयों में औपचारिक तौर पर उपयोग किया जायेगा।

अनुच्छेद 343(2) के अतंर्गत अंग्रेजी को दूसरी अधिकारिक भाषा माना गया है। यह व्यवस्था उन लोगों की सहुलियत के लिये की गई जो हिंदी को समझने में दिक्कत आती थी और वह हिंदी भाषा को सींखकर, इसका प्रयोग प्रशासनिक कार्यों में करें। इनके लिये दूसरी अधिकारिक भाषा को रखा गया है।

हिंदी दिवस का इतिहास (Hindi Diwas History In Hindi)

प्राचीन काल में यह बात निसंदेह सत्य कही गई है कि हिंदी भाषा सीखना काफी कठिन है। हिंदी भाषा ना केवल भारत में अपितु कई अन्य देशों में भी बोली जाती है। इसके प्रचलन व महत्व को देखते हुए महात्मा गांधी जी ने हिंदी को जनमानस की भाषा बताया था और वर्ष 1918 में आयोजित हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी भाषा को भारत की राष्ट्रभाषा बनाने के संदर्भ में अपनी इच्छा व्यक्त की थी।

तत्पश्चात आजादी मिलने के बाद 1949 को संविधान कमेटी बनाई गई जिसके चेयरमेन डॉ- भीमराव अंबेडकर व अध्यक्ष डॉ- राजेन्द्र प्रसाद जी को चुना गया। इन्होंने हमारे संविधान की रुपरेखा तैयार की। हमारे देश में अनगिनत भाषाएं बोली जाती है प्रत्यके राज्य व क्षेत्र की अपनी एक अलग ही बोली व भाषा है। देश की संस्कृति और इतिहास को देखते हुये लंबे विचार विमर्श के बाद आखिरकार हिंदी को भारत की राजभाषा घोषित करने का निर्णय लिया गया। 

1949 में 14 सितंबर के दिन हिंदी को भारत की राजभाषा घोषित किया गया था। पहली बार अधिकारिक तौर पर 14 सितंबर 1953 को हिंदी दिवस के रुप में मनाया जाता है। इसी दिन से 14 सितंबर को हम 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं । 

अपनी राजभाषा हिंदी के प्रति हमारा कर्तव्य –

हिंदी दिवस का उद्देश्य केवल इतना है कि लोगों को अधिक से अधिक हिंदी भाषा का प्रयोग करने के लिए प्रेरित करना है। भारत सरकार का उद्देश्य ना केवल भारत में ही नहीं अपितु पूरे विश्व में हिंदी भाषा को सर्वव्यापी बनाने का है। स्कूल, कॉलेज, तथा अन्य संस्थाओं में लोगो धीरे धीरे अंग्रेजी भाषा का उपयोग करते आ रहे हैं जिससे हमारी राजभाषा हिंदी आज भी अपने अस्तित्व को बचाने के लिये संघर्ष कर रही है।

बुनियाद हिल रही है। इसलिए स्कूल तथा कॉलेज में हिंदी कविताओं, कहानियों व निबंध लेखन की प्रतियोगिताएं आयोजित कराई जाती है। जिसमे की बच्चो में हिंदी के प्रति जागरूकता बनी रहे और उन्हें हिंदी भाषा के विकास के लिए प्रेरित किया जाए।

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देश में हिंदी को प्राथमिकता ना मिलना –

निसंदेह हिंदी हमारी मातृभाषा है और भारत में सबसे अधिक व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है। परंतु लोग हिंदी बोलने से हिचकिचाते हैं। इसे महत्वहीन मानते हैं। अंग्रेजी भाषा को महत्व देते हैं। क्योंकि आज के आधुनिक युग में हर जगह अंग्रेजी भाषा को ही प्राथमिकता दी जाती है।

स्कूल से लेकर कॉलेज तक, पढ़ाई से लेकर नौकरी मिलने तक या कुछ बनने तक सभी मे अंग्रेजी बोलना अनिवार्य कर दिया गया है। बड़े बड़े कॉन्वेंट स्कूलों में विद्यार्थी अंग्रेजी में बात करते हैं। इतना ही नहीं अंग्रेजी भाषा का महत्व इतना बढ़ गया है कि लोगों को अंग्रेजी भाषा का महत्व इतना बढ़ गया है कि विद्यार्थियों को मौखिक अथवा लिखित अंग्रेजी सीखने पर दबाव भी बनाया जाता है। ऐसे में हिंदी कि प्राथमिकता विलुप्त होती जा रही है।

हिंदी के महत्व को समझना होगा –

हर वर्ष हिन्दी दिवस मनाने के फैसले को लेना वाकई मे काबिले तारीफ है। लेकिन इसके अलावा भी हमे अपने भारत की मातृभाषा को बढ़ावा देने के लिए अनेकों प्रयास करने चाहिए और इसके महत्व को समझना चाहिए।

1. हम जहां भी जाते हैं हमे हमारी मातृभाषा, संस्कृति और हमारे आदर्शों का भी ध्यान रखना चाहिए। अंततः यही हमें परिभाषित करता है और हमारा हमारे देश के प्रति लगाव को दर्शाता है।

2. हमे हिंदी भाषा बोलने में शर्मिंदगी नहीं अपितु गर्व होना चाहिए क्योंकि हम भारतवासी है और हिंदी भाषा हमारी पहचान है।

3. ये केवल हमारी मातृभाषा ही नहीं है। अपितु ये हमारे देश के प्रति हमारे अटूट प्रेम को भी दर्शाती है।

4. हिंदी भाषा का स्तर जितना ऊपर जाएगा हमारे देश की शान उतनी ही ज्यादा बढ़ेगी।

हिंदी दिवस का महत्व –

हर वर्ष पूरे भारत में हिंदी दिवस उस दिन को याद करते हुए मनाया जाता है जिस दिन हिंदी हमारी राजभाषा घोषित हुई थी। हिंदी के महत्व को विश्व पटल तक ले जाने के लिए व हिंदी दिवस क प्रति जागरुकता को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार कई सारे प्रयास कर रही है।

हिंदी भाषा का कार्यक्रम (Hindi Diwas Celebration)

14 सितंबर के दिन भारत सरकार द्वारा सभी सरकारी कार्यालयों में हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जो हिंदी भाषा के महत्व को ऊपर उठाती है। हर तरीके की प्रतिस्पर्धा हिंदी भाषा में की जाती है। हिंदी गाने गाए जाते हैं और सरकार द्वारा उन लोगो को पुरस्कृत किया जाता है। जिन्होंने हिंदी भाषा से संबंधित क्षेत्र में उन्नति की हो।

स्कूल और कॉलेजों में आयोजित कार्यक्रम –

बड़े-बड़े स्कूल और कॉलेजों में हिंदी दिवस के दिन कॉलेज की प्रबंधन समिति ऐसे कार्यक्रम का आयोजन करती हैं जिसमें हिंदी के विषय पर बात विवाद हो, किसी भी विषय पर हिंदी कविता का आयोजन, हिंदी कहानी का आयोजन, हिंदी के गान का आयोजन, इत्यादि प्रतिस्पर्धा का आयोजन बड़े ही धूम धाम से होता है। इसके अलावा कई विद्यालयों में हिंदी निबंध, हिंदी ड्रामा और हिंदी स्पीच, की प्रतियोगिता भी कराई जाती है और जितने वाले को इनाम दिया जाता है।

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सरकारी कार्यालयों और संस्थानों मे आयोजित कार्यक्रम

हिंदी शायरी, हिंदी कवि सम्मेलन जैसी प्रतियोगिताएं होती है जिसमे काफी आनंद की अनुभूति होती है। साथ ही साथ भारतीय संस्कृति को ध्यान में रखते हुए पुरुष कुर्ता पैजामा और महिलाएं सूट या साड़ी पहनती है। इस दिन कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।

हिंदी दिवस से जुड़े रोचक तथ्य (Facts about hindi diwas)

  • पूरे विश्व में अंग्रेजी (English) और चीनी भाषा के बाद हिंदी भाषा का महत्व तीसरे स्थान पर विराजमान है।
  • पिछले कुछ 5 वर्षों से इंटरनेट पर जानकारी खोजने के लिए सबसे अधिक हिंदी भाषा में ही सर्च किए गए हैं।
  • हिंदी भाषा उन 7 भाषाओं में से एक है जो वेब एड्रेस बनाने के लिए उपयोग की जाती है।
  • पूरी दुनिया में जितनी ध्वनि व्याप्त है वो भी हिंदी भाषा में लिखी जा सकती है।
  • हिंदी में कई सारे ऐसे शब्द है जो संस्कृत से प्रेरणा लेते हैं।
  • हिंदी भाषा का नाम फारसी शब्द हिन्द से लिए गया है अर्थात सिंधु नदी की भूमि।
  • भारत में ही नहीं अपितु विश्व के कई ऐसे देश हैं जहां हिंदी भाषा मै वार्तालाप किया जाता है। जैसे पाकिस्तान, बांग्लादेश अफगानिस्तान भूटान नेपाल श्रीलंका, फिजी, यूएई इत्यादि देश शामिल है।
  • दक्षिण महासागर में स्थित एक द्विप पर बसा हुआ छोटा सा देश फिजी जहां हिंदी भाषा को अधिकारिक तौर पर आम कामकाज की भाषा का दर्जा प्राप्त है।
  • विश्व के लगभग 176 विश्वविद्यालयों में हिंदी एक विषय के तौर पर पढ़ाई जा रही है। विश्व में लगभग 54 करोड़ लोग हिंदी भाषी हैं।
  • हिंदी में बोला जाने वाला शब्द ‘नमस्ते’ हिंदी में सबसे अधिक बार उपयोग किया जाता है।
  • वर्ल्ड इकोनॉमी फॉरम के अनुसार हिंदी 2050 तक सबसे अधिक ताकतवर भाषाओं में से एक होगी।

आज के इस लेख में हमने हिंदी दिवस के इतिहास, हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है ? इसका क्या महत्व है? इसकी हमने विस्तार से चर्चा करी है और उससे जुड़े स्मरणीय तथ्य के बारे में भी बताया गया है। हम उम्मीद करते है कि आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो कृपया इसे अपने सोशल मीडिया पर शेयर अवश्य करें।

इस लेख में हमने आपको पूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है यदि कोई त्रुटि या कमी रह गई हो तो आप कमेंट (Comment) करके हमे सूचित कर सकते हैं।

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FAQ

10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है?

क्योंकि 10 जनवरी 1975 को नागपुर में पहले विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया गया था जिसकी वर्षगांठ के तौर पर हिंदी को बढ़ावा देने के लिए हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है।

विश्व हिंदी दिवस की थीम 2023 क्या है?

हिंदी भाषा को “जनमत का हिस्सा बनाना” रखा गया है।

14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है?

संविधान की धारा 343 (1) में हिंदी को भारतीय संघ की राजभाषा के रूप में बताया गया है। 14 सितंबर 1949 को हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा मिला था इसी कारण 14 सितंबर को हर साल राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है।

राष्ट्रीय हिंदी दिवस की शुरुआत कब हुई?

14 सितंबर 1953 को पहली बार राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी।

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