कौन है कर्पूरी ठाकुर? कर्पूरी ठाकुर का जीवन परिचय (Karpoori Thakur Kaun Hai, Karpoori Thakur Biography in hindi, Karpoori Thakur Ko Bharat Ratan Kyu Milega, Who is Karpoori Thakur)
क्या आपने कभी आज से पहले कर्पूरी ठाकुर के बारे में सुना हैl वैसे आपने इनके बारे में सुना तो होगा ही, क्योंकि कर्पूरी ठाकुर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और जननायक के नाम से बहुत ही मशहूर समाजवादी नेता थे। कर्पूरी ठाकुर ने 1952 में पहली बार बिहार में विधानसभा का पहली बार चुनाव जीता थाl लेकिन कर्पूरी ठाकुर राजनीति में हमेशा विजय रहे हैं, वह चुनाव में कभी भी अपनी जिंदगी में एक बार भी हारे नहींl
कर्पूरी ठाकुर एक बहुत ही ईमानदारी व्यक्ति थेl उनकी ईमानदारी यहां से पता चलती है कि जब उनकी मृत्यु हुई तो उनके बैंक खाते में ₹500 भी नहीं थे, कर्पूरी ठाकुर ने कुछ पढ़ने से पहले अपनी जिंदगी में बहुत सी मुश्किलों का सामना किया और उन्हें बहुत गरीबी भी देखनी पड़ीl लेकिन उन सभी मुश्किलों का सामना करने के बाद एक दिन कर्पूरी ठाकुर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री बने थे।
अगर आप कर्पूरी ठाकुर के जीवनी (Karpoori Thakur Kaun Biography) के बारे में सभी जानकारी विस्तार से जानना चाहते हैं, तो आप हमारे साथ आर्टिकल के अंत तक बने रहिएl क्योंकि हम नीचे पोस्ट में आपको उनके जन्म और करियर, शिक्षा, मृत्यु आदि के बारे में जानकारी देंगेl जो आपको पता होना बहुत जरूरी है।
विषय–सूची
कर्पूरी ठाकुर का जन्म, प्रारम्भिक जीवन (Who is Karpoori Thakur in hindi)
आपकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी सन 1924 को बिहार के समस्तीपुर के पितौझिया गांव में हुआ था, कर्पूरी ठाकुर के पिता का नाम श्री गोकुल ठाकुर था, और कर्पूरी ठाकुर की माता का नाम श्रीमती रामदुलारी देवी था। कर्पूरी ठाकुर के पिता किसान थे और पारंपरिक पेशा से वह नाई का काम भी करते थे l कर्पूरी ठाकुर ने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और पढ़ाई छोड़ने के बाद भारत छोड़ो आंदोलन में कूद गएl इसके बाद उन्होंने 26 महीने जेल में बताएं।
कर्पूरी ठाकुर का जीवन परिचय, बायोग्राफी, बायोडाटा (Who is Karpoori Thakur biography, age, Education, family)
नाम (Full Name) | कर्पूरी ठाकुर |
निक नेम | जन नायक |
पद एव प्रसिद्धि | बिहार के मुख्यमंत्री |
जन्म (Date of Birth) | 24 जनवरी 1924 |
जन्म स्थान (Place of Birth) | पितौंझिया, समस्तीपुर, बिहार |
उम्र (Age) | 64 वर्ष (2022) |
पुण्य तिथि (Death) | 17 फरवरी 1988 |
राष्ट्रीयता (Nationality) | भारत |
धर्म (Religion) | हिंदू |
पुरुस्कार | भारत रत्न से सम्मानित (2024) |
सामाजिक कार्य | उन्होंने गरीब एवं पिछड़े वर्ग के लिये कई सामाजिक कार्य किये |
पेशा (Profession) | स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, राजनीतिज्ञ |
मुख्यमंत्री कार्यकाल | 1) दिसंबर 1970 से जून 1971 तक मुख्यमंत्री बनें 2) जून 1977 से अप्रैल 1979 |
पार्टी | भारतीय क्रान्ति दल, सोशलिस्ट पार्टी, लोक दल, जनता पार्टी |
कर्पूरी ठाकुर के करियर के बारे में (Karpoori Thakur Career)
आपकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि कर्पूरी ठाकुर अपने साथ की पूर्ण जीवन शैली के लिए प्रसिद्ध थे। उनके पास ना तो अपना कोई घर था और ना ही उनके पास कोई आने-जाने के लिए कोई वहान था, और ना ही उनके पास कोई ऐसी जमीन थी जिसके वह खुद मालिक हो। उन्हें सिर्फ उनकी राजनीतिक, ईमानदारी, सज्जनता और लोकप्रियता ने उन्हें जननायक का दर्जा दिलाया हुआ था।
कर्पूरी ठाकुर बिहार के गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री रहे हैं l फिर पहली बार कर्पूरी ठाकुर दिसंबर 1970 से जून 1971 तक मुख्यमंत्री बने रहे। कर्पूरी ठाकुर स्पेशलिस्ट पार्टी भारतीय क्रांति दल की सरकार में भी सीएम बने रहे, फिर सीएम बनने के बाद कर्पूरी ठाकुर ने सरकारी नौकरी में पिछड़ों को आरक्षण दिया थाl उसके बाद फिर से कर्पूरी ठाकुर दूसरी बार जनता पार्टी की सरकार में जून 1977 से अप्रैल 1979 तक बिहार के मुख्यमंत्री बने रहे।
कर्पूरी ठाकुर की समाज सेवा और नीतियां (Karpoori Thakur Social Activities)
आपको बता दे की कर्पूरी ठाकुर कभी भी गरीबों की सेवा करने से पीछे नहीं हटते थे, ऐसा इसलिए क्योंकि वह एक बहुत ही ईमानदार व्यक्ति थे, और अपने जीवन में उन्होंने बहुत गरीबी देखी हुई थी इसीलिए उन्होंने बिहार में दसवीं तक की शिक्षा को मुफ्त कराया, ताकि गरीब बच्चे भी दसवीं क्लास तक शिक्षा प्राप्त कर सके। इसके अलावा कर्पूरी ठाकुर ने बहुत से बेरोजगार युवाओं को नौकरियां भी दिलवाई। जिन कदमों से भारत की राजनीतिक में बहुत ज्यादा परिवर्तन आया है।
कर्पूरी ठाकुर की मृत्यु कैसे और कब हुई थी? (Karpoori Thakur Death)
जब कर्पूरी ठाकुर की मृत्यु हुई थी तो उस समय उनकी उम्र 64 वर्ष की थी। कर्पूरी ठाकुर की मृत्यु 17 फरवरी 1988 में दिल का दौरा पड़ने से हुई थी, लेकिन जब कर्पूरी ठाकुर की मृत्यु हुई थी तो बहुत से लोगों ने यह सवाल उठाए थे कि उनकी मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से नहीं हो सकती है क्योंकि बहुत लोगों का यह कहना था कि उनकी मृत्यु के पीछे किसी का हाथ है।
वहीं पर निशीद किंजलक ने 2021 में लेटर भेजे थे जिसमें कर्पूरी ठाकुर की मौत को लेकर बहुत बातों का जिक्र किया गया था । उसमें उन्होंने बताया कि जब कर्पूरी ठाकुर की मृत्यु हुई तो एक चश्मदीद ने यह दावा किया था की कर्पूरी ठाकुर के मुंह में झांक निकल रहा था, जिससे यह लग रहा था कि उनकी मौत बेहद रहस्यमय तरीके से हुई थीं। इसीलिए हमें उनकी मौत की जांच करवानी चाहिए इसके अलावा और भी बहुत से लोगों ने यह कहा था कि उनकी मौत की जांच की जाए।
कर्पूरी ठाकुर को 100वीं जयंती पर दिया जाएगा भारत रत्न सम्मान (Karpoori Thakur Bharat Ratan Award News)
आपकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती पर सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रतन दिए जाने की घोषणा हो गई है। यह सामान कर्पूरी ठाकुर को इसलिए दिया जाएगा क्योंकि वह बहुत ही ईमानदार और हमेशा गरीबों के बारे में सोचने वाले व्यक्ति थे। इसीलिए उन्हें हमारे प्रधानमंत्री जी के द्वारा भारत रत्न पुरस्कार दिया जाएगा।
FAQ
कर्पूरी ठाकुर मुख्यमंत्री कब बनें?
कर्पूरी ठाकुर कौन थे?
कर्पूरी ठाकुर दो बार बिहार के 11वें मुख्यमंत्री रहें, वह एक ईमानदार व कर्तव्यनिष्ठ राजनीतिज्ञ एवं नेता थे।
कर्पूरी ठाकुर का निधन कैसे हुआ?
17 फरवरी 1988 में उनका निधन दिल दौरा पड़ने से हुआ था।