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26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर भाषण | Republic Day Speech in Hindi

26 जनवरी पर भाषण हिंदी में, गणतंत्र दिवस पर भाषण लिखें (26 January Speech in hindi, Republic Day Speech in Hindi)

गणतंत्र दिवस पर भाषण 2023 : भारत में हर साल 26 जनवरी का दिन गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस के दिन ही भारत की स्थापना एक गणराज्य के रूप में हुई। 26 जनवरी 1950 को गणराज्य के रूप में भारत के स्थापना करने के लिए भारत का निजी संविधान लागू किया गया था इसीलिए इस दिवस को गणतंत्र दिवस के रूप में जाना जाता है।

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गणतंत्र दिवस केवल भारत की गणतंत्रता का ही नहीं बल्कि भारतीय क्रांतिकारियों के बलिदान और सम्मान का भी दिन है। गणतंत्र दिवस के दिन संपूर्ण भारत में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और भारतीय वीर स्वतंत्रता सेनानियों की शौर्य गाथा गाई जाती है।

इस खास मौके पर विद्यालय विश्वविद्यालय और अन्य शिक्षण संस्थानों समेत सरकारी तथा गैर सरकारी संगठनों में मंच पर भाषण और कविता पाठ जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। अगर आप भी गणतंत्र दिवस पर जोरदार भाषण देना चाहते हैं और मंच के माध्यम से वीरों की शौर्य गाथा गाते हुए इस विशेष दिन के बारे में लोगों को बताना चाहते हैं तो हमारा यह आर्टिकल आपके लिए बहुत काम का है

आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपके साथ 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day Speech In Hindi) साझा करने वाले हैं जिसके जरिए आप मंच पर जोरदार भाषण प्रस्तुत कर सकते हैं।

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गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day Speech In Hindi)

अभिवादन!

आदरणीय सहपाठियों मेरे प्रिय शिक्षक और अतिथिगण सब को मेरी तरफ से प्रणाम!

बड़े सौभाग्य की बात है कि आज इस मंच पर मुझे गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day Speech In Hindi) देने का मौका दिया गया। आज के इस कार्यक्रम में मैं मंच पर भाषण के माध्यम से गणतंत्र दिवस को लेकर आप तक अपनी भावनाएं और संवेदनाएं पहुंचाना चाहता/ चाहती हूं। मुझे इस मंच पर बोलने का अवसर दिया गया उसके लिए आप सब का आभार!

आज 26 जनवरी है। 26 जनवरी केवल एक तारीख नहीं है बल्कि एक भावना है, एक एहसास है। आज के दिन ही भारत का संविधान लागू किया गया था जिसकी बदौलत हमारा देश एक गणराज्य बन पाया।

वैसे तो हमें आजादी 15 अगस्त 1947 को ही मिल गई थी लेकिन फिर भी हम लोकतंत्र के अभाव में जकड़े हुए थे। लेकिन यह अधूरी आजादी उस दिन पूरी हुई जब 26 जनवरी 1950 को आधिकारिक तौर पर भारत का संविधान लागू किया गया और हमें पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त हुई।

26 जनवरी का दिन केवल गणतंत्र दिवस का प्रतिनिधित्व ही नहीं बल्कि हमारे देश के वीर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की शौर्य गाथा का भी गान करता है जिनकी बदौलत हम गुलामी की जंजीरें तोड़कर आजाद हुए। गणतंत्र दिवस के दिन ही डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति बने और भारत ने अपने संवैधानिक लोकतंत्र का दर्जा पाया।

साल 1947 में हमने गुलामी की जंजीरें तो तोड़ दी थी लेकिन हमारी आजादी फिर भी अधूरी थी क्योंकि हमारे पास अपना खुद का संविधान नहीं था। आजादी के बाद भारत के महान पुरुषों ने एक साथ मिलकर भारत को अपना खुद का संविधान देने का संकल्प लिया और एकजुट होकर इस पर काम करने लगे।

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भारतीय संविधान की अमर गाथा लिखने के लिए 2 साल 11 माह 18 दिन लग गए और आखिरकार 26 नवंबर 1949 को हमारा संविधान बनकर तैयार हो गया। भारत का संविधान विश्व का सबसे विविध संविधान है जिसने दुनिया भर के गणराज्यों और लोकतंत्रों से प्रेरणा लेकर भारत को एक अभूतपूर्व संवैधानिक उपलब्धि प्रदान की।

आखिरकार 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू कर दिया गया और भारतीय गणराज्य की स्थापना हुई। यही कारण है कि 26 जनवरी का दिन हर साल गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।

26 जनवरी के साथ एक खास शब्द जुड़ा हुआ है, गणतंत्र! हम सभी गणतंत्र दिवस हर साल मनाते हैं लेकिन हममें से ज्यादातर लोगों को गणतंत्र शब्द का मूल अर्थ नहीं पता।

गणतंत्रता का मतलब है किसी राज्य अथवा राष्ट्र की संपूर्ण राज्य सत्ता जनता के हाथ में होना। गणतंत्र का मूल अर्थ ही है एक ऐसी राज्य सत्ता जिसकी सारी शक्तियां जनसाधारण के हाथों में निहित हो और वह संगठित होकर अपने निर्वाचित प्रतिनिधि द्वारा न्याय और शासन के संचालन का विधान करते हैं। भारतीय संविधान भारत को इसी गणतंत्रता की शक्ति प्रदान करता हैं और एक संपन्न गणराज्य बनाता है।

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गणतंत्र दिवस के दिन अंग्रेजों का भारत शासन अधिनियम 1935 हटाया गया था और भारतीय राजसत्ता का संचालन भारतीय संविधान को सौंप दिया गया था। भारतीय संविधान के निर्माण में बहुत सारे महान पुरुषों ने अपना अमूल्य योगदान दिया था जिनके प्रति हम आज भी कृतज्ञ हैं और सदैव रहेंगे।

इस खास मौके पर मैं एक बार उन महान वीर सपूतों को भी याद करना चाहता हूं जिन्होंने हमारे देश के लिए आजादी का संघर्ष लड़ा और अपने प्राणों की आहुति देकर पुण्य वेदी पर चढ़ गए। धन्य है भारत भूमि जिसने ऐसे सपूतों को अपनी मिट्टी में पाला और धन्य है वह मिट्टी भी जिसमें ऐसे वीर सपूत विलीन हो गए।

अब अंत में कुछ पंक्तियों के साथ आप सभी से विदा लेना चाहता हूं।

जब घाव लगे भारत मां को,
अपने बलिदान से भर देना।
यदि अवसर आए मरने का,
तो प्राण निछावर कर देना।।

और कह देना ऐ मातृभूमि!
मुझ पर अब भी ऋण तेरा है।
इस ऋण के बदले में केवल,
यह सुक्ष्म में समर्पण मेरा है।।

ऐ विधना इतनी विनती है!
मैं पुनर्जन्म जब भी पाऊं।
मुझे मिले धरा भारत की और,
मैं हिंदुस्तानी कह लाऊं।।

                 – सौरभ शुक्ला 

धन्यवाद!

गणतंत्र दिवस पर भाषण के कुछ टिप्स–

  • मंच पर भाषण की शुरुआत करने से पहले अपने शिक्षक गणों सहपाठियों और आगंतुकों का अभिवादन जरूर करें।
  • भाषण की शैली में अपने शब्दों में उतार-चढ़ाव बनाकर रखें इससे आपकी भाषण शैली प्रभावशाली रहेगी।
  • पूर्ण आत्मविश्वास के साथ मंच पर दर्शकों से नजरें मिलाकर भाषण प्रस्तुत करें।
  • भाषण समाप्त होने के बाद सभी को धन्यवाद जरूर बोलें।

इन टिप्स के का इस्तेमाल करके 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस पर आप जोरदार भाषण प्रस्तुत कर सकते हैं। अगर आप इन टिप्स को फॉलो करके कोई भी भाषण प्रस्तुत करते हैं तो सामने बैठे हुए लोग आपसे जरूर प्रभावित होंगे और आपकी सराहना करेंगे। उम्मीद करते हैं कि हमारा यह लेख आपको पसंद आया होगा।

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