Indian Boxer Mary Kom Biography Hindi – Tokyo Olympics match, Medals, age, religion, caste, Awards, Family, Education, husband, mary kom achievements
आज के इस लेख में हम उनके बारे में जानेंगे जिन्होंने अपने देश को मुक्केबाजी में गौरवान्वित किया है। जी हां दोस्तो आज के इस लेख में हम मैरी कॉम का जीवन परिचय (Mary Kom Indian Boxer biography in hindi) के बारे में जानेंगे। जिनको ‘‘सुपर मोम’’ के नाम से भी जाना जाता है। जिन्होंने अपने कठिन परिश्रम व कड़ी लगन से ये साबित कर दिया कि अगर आपके हौसले बुलंद है तो आपको कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता है। मैरी कॉम ने अपना और अपने देश का नाम मुक्केबाजी में रोशन किया है।
मैरी कॉम को आठ बार विश्व चैम्पियनशिप में मेडल लाने पर उन्हें ‘मैग्निफिसेंट मैरी’ का नाम दिया गया। उनकी सफलता और कामयाबी का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हो कि मैरी कॉम विश्व में एकमात्र महिला बॉक्सर है जिन्होंने 6 बार विश्व महिला मुक्केबाजी प्रतियोगिता जीती है। तो आइए इनके जीवन पर प्रकाश डालते हैं कि कैसे एक किसान की बेटी जो छोटे से गांव में पली बड़ी, सुविधाओं और आर्थिक तंगी के बावजूद इतनी बड़ी सफलता अर्जित की है।
विषय–सूची
मैरी कॉम का जीवन परिचय | Indian boxer Mary Kom biography hindi
मैरी कॉम का प्रारंभिक जीवन
इनका जन्म का नाम मांगते चंग्नेइजैंग मैरी कॉम है। प्यार से इनका नाम मैरी कॉम रख दिया गया तब से ये मैरी कॉम नाम से प्रसिद्ध हो गई। इनका जन्म 1 मार्च सन् 1983 में मणिपुर के चुराचांदपुर नामक शहर में हुआ था। इनके पिता का नाम मांगते तोंपा कोम था।
वे एक गरीब किसान थे। इनकी माता का नाम मांगते अक्हम कॉम था। अपने परिवार की स्थिति को देखते हुए बचपन से ही इनके भीतर कुछ करने की इच्छा शत्तिफ़ जागृत हो गई थी। इसीलिए अपने माता पिता का हाथ बटाने के लिए उनके साथ काम करती थी। इसी के साथ साथ अपने भाई बहनों का भी ख्याल रखती थी। छोटी सी उम्र में जिम्मेदारियां लेना इन्होंने सिख लिया था। अपने मां-बाप को बिना बताए इन्होंने बॉक्सिंग की ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया था और अपने मन में दृढ़ निश्चय कर लिया था कि वे अपने बॉक्सिंग के लक्ष्य तक जरूरी पहुंचेंगी। इसके लिए कई बार अपने परिवार से भी लड़ बैठी थी।
मैरी कॉम के बारे में जानकारी (Mary Kom Biography in hindi)
पुरा नाम (Full Name) | मांगते चंग्नेइजैंग मैरी कॉम |
उपनाम (Nick Name) | मैरी कॉम |
पिता (Father Name) | मांगते तोंपा कॉम |
माता (Mother Name) | मांगते अक्हम कॉम |
जन्म (Date of Birth) | 1 मार्च सन् 1983 |
Birth Place | चुराचांदपुर, मणिपुर |
राष्ट्रीयता (Nationality) | भारत |
धर्म (Religion) | ईसाई |
पेशा (Occupation) | बॉक्सिंग |
कोच (Coach) | 1. गोपाल देवांग 2. चार्ल्स अत्किनसन 3. रोंगमी जोसिया 4. एम नरजीत सिंह |
लम्बाई (Height) | 5 फिट 2 इंच (1.58 mtr.) |
वजन (Weight) | 51 किग्रा |
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) | वैवाहिक (2005) |
पति का नाम (Husband Name) | करुँग ओंखोलर कोम |
आत्मकथा (Autobiography Name) | अनब्रेकेबल (Unbreakable) |
मैरी कॉम पर आधारित फिल्म (Film Name) | मैरी कॉम 2014 |
मैरी कॉम का शैक्षणिक जीवन (Education of Mary Kom)
मैरी कॉम ने अपने माता-पिता का साथ देते हुए अपने पढ़ाई की शुरुआत मे कक्षा 6 तक वे लोकटक क्रिश्चियन मॉडल हाई स्कूल में पढ़ी उसके बाद संत जेवियर कैथोलिक स्कूल से उन्होंने कक्षा 8 पास किया है। आगे कक्षा 9 मे उन्होंने आदिमजाति हाई स्कूल में एडमिशन तो ले लिया परंतु मैरी कॉम पास नहीं हो पाई थी और स्कूल की पढ़ाई उन्होनें मध्य मे ही छोड़ दी थी उसके बाद उन्होंने NIOS की परीक्षा दी थी। उसके बाद चुराचांदपुर कॉलेज (इंफाल) से उन्होंने स्नातक कि डिग्री हासिल की।
मैरी कॉम अपने बचपन से एथलीट बनना चाहती थी वह फुटबाल जैसे खेली खेलती थी उन्हें लड़कों के खेलों में विशेष रुचि थी। 1998 में मणिपुर के खिलाड़ी डिंको सिंह बॉक्सर ने एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता उनके खेल से वह इतनी ज्यादा प्रेरित हुई कि उन्होंने बॉक्सिंग को जीवन का लक्ष्य बना लिया और मन ही मन ठान लिया कि मैं भी डिंको सिंह जैसी बॉक्सर बनूंगी।
मैरी कॉम का बॉक्सिंग कैरियर (Mary Kom Career as a Boxer)
मैरी कॉम ने अपने बॉक्सिंग की शुरुआत तो कर दी थी नरजित सिंह नामक कोच के सानिध्य में उन्होंने बॉक्सिंग का प्रशिक्षण लिया था। परंतु उनके मन में एक संदेश हमेशा सदा से था। कि उनके माता पिता मैरी के इस फैसले में उसका साथ कभी नहीं देंगे और बॉक्सिंग में कैरियर बनाने की इजाजत कभी नहीं देंगे इसलिए उन्होंने यह बात अपने माता-पिता से छुपाकर रखी थी और सन् 1998 से 2000 तक मेरी बिना बताए बॉक्सिंग की ट्रेनिंग लेती रही और अपने आपको विमेन बॉक्सिंग चौंपियनशिप के लिए तैयार करती रहीं।
जोकि सन् 2000 में ही आयोजित होने वाली थी। उसके बाद विमेन बॉक्सिंग चौंपियनशिप आयोजित हुई और उन्होंने इस प्रतियोगिता में भाग लिया और जीत हासिल करी। उनकी इस जीत के बाद उन्हें एक बॉक्सर होने की उपाधि मिली और अवॉर्ड से नवाजा गया। ये बात वहां के लोकल समाचार में और अखबार में छप गई और उनके माता-पिता को इस बात का पता चल गया कि उनकी बेटी एक बॉक्सर है। उसके बाद मैरी की इस जीत की खुशी में उनके माता पिता भी सम्मिलित हुए। मेरी का बचपन से ही एथलीट की ओर रुझान ज्यादा रहा है वे अपने स्कूल टाइम में फुटबॉल जैसे स्पोर्ट्स में भाग लेती थीं।
इसके बाद मेरी ने निरंतर प्रतियोगिताएं जीती थी। West Bengal में आयोजित विमेन बॉक्सिंग चौंपियनशिप में उन्हें स्वर्ण पदक (Gold Medal) से नवाजा गया।
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मैरी कॉम के रिकॉर्ड और उपलब्धियां (Achievements, Records and Awards)
1. सन् 2003 में अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा गया।
2. सन् 2006 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया ये एक गर्व की बात थी मेरी के लिए। इसी साल नई दिल्ली में आयोजित महिला विश्व मुक्केबाजी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता।
3. 2006 में आयोजित वीनस महिला बॉक्स में स्वर्ण पदक जीता जोकि डेनमार्क में आयोजित हुआ था।
4. सन् 2007 में मैरी कॉम का राजीव गांधी खेल रत्न के लिए नॉमिनेट हुआ जोकि एक बहुत ही महत्वपूर्ण खेल अवॉर्ड है। इसके अलावा 2007 में ही इनको लिम्का बुक रिकॉर्ड द्वारा People of The Year का सम्मान मिला।
5. सन् 2008 में आयोजित महिला विश्व मुक्केबाजी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता। इसके अलावा CNN-IBN एवं रिलायंस इंडस्ट्री की तरफ से “रीयल हॉर्स अवॉर्ड” का सम्मान प्राप्त हुआ। इसी साल AIBA की तरफ से “मैग्नीफिसेंट मेरी” का अवॉर्ड मिला।
6. सन् 2009 में एशियाई इंडोर खेलों में स्वर्ण पदक से नवाजा गया। जोकि हनोई , वियतनाम में आयोजित हुआ था। इसके अलावा सबसे बड़ी उपलब्धि राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से नवाजा गया था।
7. 2010 में सहारा स्पोर्ट्स अवॉर्डः स्पोर्ट्स वूमेन ऑफ द ईयर चुना गया। इसी साल एशियाई महिला चौंपियनशिप स्वर्ण और एशियाई खेल में कांस्य पदक अपने नाम किया।
8. 2011 में एशियाई महिला कप में स्वर्ण पदक जीता है।
9. 2012 में एशियाई महिला चौंपियनशिप में स्वर्ण पदक और ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था।
10. 2014 में एक बार फिर एशियाई खेलो में स्वर्ण पदक जीता और भारत का नाम रोशन कर के इतिहास रच दिया। जो की दक्षिण कोरिया में आयोजित हुआ था।
11. 2017 में आयोजित एशियाई वूमेंस चौंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। जोकि वेटनाम में आयोजित हुआ।
12. 2018 में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीता था। जोकि क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया में आयोजित हुआ था। इसी साल न्यू दिल्ली में आयोजित AIBA वूमेंस वर्ल्ड चौंपियनशिप में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था।
मैरी कॉम का वैवाहिक जीवन
मैरी कॉम का विवाह करुँग ओंखोलर कोम नामक व्यक्ति से हुआ था। मेरी की मुलाकात इनसे वर्ष 2001 में दिल्ली में हुई थी जब वे पंजाब में नेशनल गेम्स के लिए जा रही थी। करुँग ओंखोलर कोम उस समय दिल्ली यूनिवर्सिटी से लॉ कि पढ़ाई कर रहे थे। दोनों एक दूसरे से काफी ज्यादा प्रभावित हुए और उनकी दोस्ती हो गई थी और वर्ष 2005 में इन दोनों की शादी हुई। दोनों के तीन बच्चे है जोकि तीनों लड़के है और दो जुड़वा बच्चे हुए थे।
निष्कर्ष
आज के इस लेख में हमने मेरी कॉम का जीवन परिचय (Mary Kom biography hindi) के बारे में जाना। उनके जीवन की प्रेरणादायक कहानी हमें काफी कुछ सिखाती है कि किस प्रकार उन्होंने कठिन परिश्रम करके अपने लक्ष्य को पाया। मैरी कॉम ने अपने जीवन में काफी स्ट्रगल किया। हम उम्मीद करते हैं आपको हमारा लेख पसंद आया होगा अगर पसंद आया हो तो इसे अपने मित्रो और रिश्तेदारों के साथ अवश्य शेयर करें।