कौन है एकनाथ शिंदे बायोग्राफी इन हिंदी, जीवनी, जीवन परिचय, शिक्षा [परिवार, पत्नी, बेटा, गाँव का नाम, जन्म, राजनीतिक करियर का सफर, राजनीतिक विवाद, जाति, धर्म, संपत्ति, पार्टी का नाम] (cm Eknath Shinde biography in hindi , politics career, latest news, village name, age, mla list, birth date, education of sindhe, controversy, religion, family, caste, wife name, son name, property, net worth)
महाराष्ट्र की राजनीति में हुए उलटफेर के बाद से ही एकनाथ शिंदे का नाम समाचार पत्रों में टेलीविजन इतिहास में काफी चर्चा का विषय बना रहा। एकनाथ शिंदे ने अपने समर्थक विधायकों के साथ कांग्रेस और एनसीपी गठबंधित शिवसेना पार्टी की सरकार से खुद को अलग कर लिया और उनका बहिष्कार किया। अपने 30 से अधिक विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे पार्टी से विमुख हो गए जिसके कारण महाराष्ट्र में शिवसेना की सरकार गिरने की नौबत आ गई। सत्ता से गिरने के पहले ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
ऐसे में बीजेपी और अन्य बीजेपी समर्थक पार्टियों को एकनाथ शिंदे गुट की वजह से बहुमत प्राप्त हो गया। 30 जून को एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र पहुंचे और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्य मंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस से बैठक की जिसके पश्चात भारतीय जनता पार्टी ने यह फैसला लिया कि मुख्यमंत्री शिवसेना का ही कोई सदस्य होगा जिस पर 30 जून की शाम 7:30 बजे एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। तो आइए जानते हैं कि आखिर यह एकनाथ शिंदे कौन है और इनके जीवन का सफर मुख्यमंत्री बनने तक कैसा रहा।
विषय–सूची
एकनाथ शिंदे का जीवन परिचय (Eknath Shinde biography in hindi)
एकनाथ शिंदे का जन्म 9 फरवरी 1964 के दिन मुंबई में हुआ था। एकनाथ शिंदे जी के पिता का नाम संभाजी नवलु शिन्दे था। तथा इनकी माता का नाम गंगूबाई संभाजी शिंदे था। एकनाथ शिंदे जी का विवाह लता एकनाथ शिंदे से हुआ है जो कि एक बिजनेस वुमेन है। एकनाथ शिंदे का एक पुत्र भी है जिसका नाम श्रीकांत शिंदे है। वर्तमान समय में इनकी उम्र 58 साल है। लगभग 16 वर्ष की आयु से ही अपनी पारिवारिक की स्थिति के असंतुलन के कारण इन्होंने ऑटो रिक्शा चलाना शुरु कर दिया था। काफी समय तक ऑटो रिक्शा चलाने के पश्चात उन्होंने एक कंपनी में भी वर्कर के तौर पर काम किया।
कौन है एकनाथ शिंदे, संक्षिप्त जीवन परिचय (Eknath sindhe cm biography in hindi)
असली नाम (Real Name) | एकनाथ संभाजी शिंदे |
जन्म (Date of Birth) | 9 फरवरी 1964 |
जन्म स्थान (Place of Birth) | मुंबई, महाराष्ट्र |
आयु (Age) | 58 वर्ष (2002) |
पेशा (Professions) | राजनीतिज्ञ |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
धर्म एवं जाति (caste, religion) | हिंदू , पाटीदार |
शैक्षिक योग्यता (Educational Qualification) | राजनीति शास्त्र से बीए, स्नातक डिग्री |
स्कूल | न्यू इंग्लिश हाई स्कूल, ठाणे, महाराष्ट्र |
कॉलेज (College) | वाशवंतराव चव्हाण मुक्त विश्वविद्यालय, महाराष्ट्र |
वजन (Weight) | 68 kg |
राजनीतिक पार्टी | शिवसेना |
पारिवारिक (Family Details) | |
पिता का नाम (Father name) | संभाजी नवलु शिन्दे |
माता का नाम (Mother name) | गंगूबाई संभाजी शिंदे |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पत्नि का नाम (Wife) | लता एकनाथ शिंदे |
बेटा | श्रीकांत शिंदे |
कुल संपत्ति (Net worth) | 7.83 करोड़ |
एकनाथ शिंदे का प्रारंभिक जीवन व शिक्षा (Education)
महाराष्ट्र के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिक्षा का प्रारंभ न्यू इंग्लिश हाई स्कूल थाने से हुआ था। परिवार के आर्थिक स्थिति से पस्त होने के कारण एकनाथ शिंदे जी को अपनी शिक्षा पूरी करने का मौका नहीं मिला और उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी जिसके बाद वह अपने परिवार की आजीविका चलाने के लिए काम धाम करने लगे।
धीरे-धीरे एकनाथ शिंदे शिवसेना प्रमुख बाला साहब ठाकरे और आनंद दिघे जैसे राजनेताओं के संपर्क में आए जिसके पश्चात उन्हें शिवसेना में आने का मौका मिला। सन 2014 में शिवसेना ने भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र का विधानसभा चुनाव लड़ा जिसमें दोनों ने बहुमत हासिल किया और देवेंद्र फडणवीस भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए चुने गए। उस सरकार में एकनाथ शिंदे कैबिनेट के मंत्री रहे जिसके पश्चात उन्होंने अपनी पढ़ाई फिर से शुरू की और वाश्वंत राव चव्हाण मुक्त विश्व विद्यालय महाराष्ट्र से मराठी और राजनीतिक शास्त्र विषय में कला स्नातक की शिक्षा प्राप्त की।
एकनाथ शिंदे जी का राजनीतिक करियर –
- साल 1997 में एकनाथ शिंदे जी का राजनीतिक कैरियर निखर कर सामने आया। 1997 ईस्वी में इन्होंने थाने नगर निगम से पहली बार पार्षद का चुनाव लड़ा और जीत भी गए।
- साल 2001 में सदन में नेता पद के लिए इन्हें ठाणे नगर निगम द्वारा चुना गया।
- साल 2002 में यह फिर से ठाणे नगर निगम के पार्षद बने।
- साल 2004 में पहली बार एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य यानी कि विधायक बने।
- इसके पश्चात अगली पंचवर्षीय सन 2009 में भी इन्हें महाराष्ट्र विधानसभा सदस्य के रूप में चुना गया।
- साल 2014 में भी इनके काम धाम से प्रभावित होकर लोगों ने इन्हें पुनः चुना और इन्हें महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री के रूप में भी चुना गया।
- साल 2014 से लेकर सन 2019 तक यह मंत्री पद पर विराजमान रहे।
- साल 2014 से लेकर 2019 तक के हर थाने जिला के संरक्षण मंत्री भी रहे।
- साल 2019 में इन्हें महाराष्ट्र स्टेट गवर्नमेंट ने लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का कार्यभार भी सौंपा।
- साल 2019 में भी एकनाथ शिंदे विधानसभा सदस्य के रूप में चुने गए।
एकनाथ शिंदे का शिवसेना में आगमन –
एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के ठाणे नगर निगम के पार्षद के रूप में चुने गए जिसके पश्चात उनका संपर्क शिवसेना के कट्टर नेता आनंद दिघे और बाला साहब ठाकरे शिवसेना प्रमुख से हुआ।
एकनाथ शिंदे आनंद दिघे से अत्यधिक प्रभावित हुए जिसके पश्चात उन्होंने शिवसेना में सदस्यता प्राप्त करने का निर्णय लिया और शिवसेना के सदस्य बने हालांकि वे बाला साहब ठाकरे से भी काफी प्रभावित थे।
लेकिन शिवसेना में सदस्यता प्राप्त करने के बाद भी उन्हें अपनी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले पार्टी ज्वाइन करने के कुछ साल बाद ही उन्हें अपने पुत्र और अपनी एक पुत्री को असमय मृत्यु के कारण खोना पड़ा जिसके पश्चात उन्होंने पूरा मन बना लिया था कि वह शिवसेना पार्टी को छोड़कर राजनीति से दूर हट जाएंगे। लेकिन आनंद दिघे जैसे नेताओं ने उनके अंदर उभरते हुए राजनीतिक नेतृत्व को देखा और उन्हें पूरी सांत्वना देते हुये उन्हें राजनीति में बने रहने की सलाह दी।
शिवसेना पार्टी से बगावत का प्रमुख कारण –
पिछले बहुत दिनों से महाराष्ट्र की सबसे बड़ी पार्टी से सेना पर अपने सिद्धांतों से विचलित होने का आरोप लगाया जा रहा है। लोग मानते हैं कि शिवसेना पार्टी की स्थापना बालासाहेब ठाकरे ने कुछ सिद्धांतों को मध्य नजर रखते हुए की थी और जब तक शिवसेना पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन में थी तब तक वह अपने सिद्धांतों पर चली। लेकिन 2019 विधानसभा चुनाव के पश्चात शिवसेना पार्टी ने बीजेपी से किनारा कर लिया और कांग्रेस तथा एनसीपी से गठबंधन करके उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री घोषित कर दिया जिसके पश्चात वह अपने सिद्धांतों से विमुख हो गई।
शिवसेना पार्टी को कट्टर हिंदूवादी पार्टी के रूप में जाना जाता था लेकिन अब लोग इसे इस्लाम में एजेंडे से जुड़ा हुआ मान रहे हैं। शिवसेना पार्टी को अपने सिद्धांतों से विमुख होता देख उसके विधायक भी उससे काफी नाराज हो गए। एकनाथ शिंदे समेत अन्य बागी विधायकों का यह मानना है कि शिवसेना पार्टी में उद्धव केवल एक प्रतिनिधि हैं जबकि सरकार तो एनसीपी के शरद पवार द्वारा ही चलाई जा रही है। इन बागी विधायकों का कहना है कि उन्हें अपनी पार्टी से कोई दिक्कत नहीं है बल्कि कांग्रेस और एनसीपी से है जो शिवसेना पार्टी को अपने सिद्धांतों पर चलने से विमुख कर रहे हैं।
इन्हीं कारणों के चलते एकनाथ शिंदे और उनके 30 से अधिक विधायकों ने उनके साथ बगावत कर दी और जाकर गुवाहाटी में टिक गए।
मुख्यमंत्री के रूप में चुनाव –
एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक विधायक जो कि शिवसेना पार्टी से नाराज होकर गुवाहाटी चले गए थे वह 29 जून की तारीख को गुवाहाटी से लौटकर गोवा आए और वहीं पर एकनाथ शिंदे सारे विधायकों के साथ ठहरे। 30 जून को एकनाथ शिंदे अपने विधायकों को गोवा में ही छोड़कर महाराष्ट्र आए और उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल को बीजेपी के लिए अपना समर्थन पत्र दिया जिसके पश्चात उन्होंने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के लीडर देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की और आपसे मुलाकात के पश्चात बीजेपी के निर्णय से देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनेंगे और वह मंत्री पद में नहीं रहेंगे।
लेकिन बाद में भारतीय जनता पार्टी ने देवेंद्र फडणवीस से इस विषय पर पुनः बातचीत की और देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री यानी कि डिप्टी सीएम के रूप में चुना। भारतीय जनता पार्टी ने अपना फैसला लेते हुए यह बात कही कि उनके लिए राष्ट्र प्रथम सत्ता द्वितीय और व्यक्ति अंतिम होता है। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी यही चाहती है कि महाराष्ट्र का कार्यभार बाला साहब ठाकरे के किसी शिवसैनिक के हाथों में सौंपा जाए जिसके चलते उसने यह निर्णय लिया है कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की जगह एकनाथ शिंदे को बनाया जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी और अपने विधायकों के निर्णय के पश्चात ही राज्यपाल की उपस्थिति में 30 जून 7:30 बजे के लगभग एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की और वह इस समय महाराष्ट्र के वर्तमान मुख्यमंत्री हैं।
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एकनाथ शिंदे की संपत्ति (Eknath sindhe Net worth)
एकनाथ शिंदे को शिवसेना का सबसे ईमानदार और प्रभावशाली नेता माना जाता है उनके विधानसभा क्षेत्र के लोग यह मानते हैं कि एकनाथ शिंदे ने उनका एक भी पैसा नहीं खाया है। और शायद बात भी सही है क्योंकि एकनाथ शिंदे ने अपने क्षेत्र का बखूबी विकास किया है और अपनी किसी ज्यादा संपत्ति का निर्माण भी नहीं किया। यही कारण है कि सन् 2004 के बाद वह लगातार विधानसभा सदस्य के रूप में चुने गए और 2014 और 19 में मंत्री पद पर भी विराजमान हुए।
एक मीडिया रिपोर्ट की माने तो इस समय एकनाथ शिंदे की पूरी संपत्ति लगभग 7 करोड़ 82 लाख रुपए की प्रॉपर्टी है जिसमें से लगभग ₹300000 की इनकी कमर्शियल प्रॉपर्टी है और इनके बैंक बैलेंस में लगभग 281000 की संपत्ति जमा है। इसके अलावा अगर मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस समय उनके पास लगभग 3264000 रुपए नगद की संपत्ति है।
तो दोस्तों आज इस आर्टिकल के जरिए हमने एकनाथ शिंदे और उनसे जुड़ी सभी बातों के बारे में जाना उम्मीद करते हैं कि आर्टिकल आपको बेहद पसंद आया होगा।
FAQ
महाराष्ट्र के नये मुख्यमंत्री कौन हैं?
एकनाथ शिंदे हैं, उन्होंने महाराष्ट्र के 20वें मुख्यमंत्री के तौर पर 30 जून 2022 को शपथ ली।
एकनाथ शिंदे किस पार्टी से थे?
हिन्दू राष्ट्रवादी दल – शिव सेना पार्टी
सीएम शिंदे पहली बार विधायक नेता कब बने?
2004 में महाराष्ट्र विधानसभा से
एकनाथ शिंदे के बेटे का नाम क्या हैं?
श्रीकांत शिंदे