Essay on Population Control in Hindi : दोस्तों पिछले कई वर्षों से भारत में जनसंख्या का मुद्दा एक अहम मुद्दा बन गया है, यह एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और सामाजिक मुद्दा है।
देश का एक बड़ा हिस्सा जनसंख्या नियंत्रण को लेकर एक कानून की मांग कर रहा है, आज का हमारा यह आर्टिकल जनसंख्या नियंत्रण पर है, बढ़ती जनसंख्या को रोकना एक बहुत ही बड़ा मुद्दा बन गया है, और अगर इसे नहीं रोका गया तो आने वाले समय में हमें बहुत सारी मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है आज के इस निबंध में मैं आपको जनसंख्या से जुड़ी तमाम जानकारियां दूंगा तो आप हमारे साथ आखिर तक बने रहें।
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विषय–सूची
जनसंख्या नियंत्रण पर निबंध (Essay on Population Control in Hindi)
जनसंख्या नियंत्रण पर निबंध: दोस्तों पिछले कई दिनों से जनसंख्या नियंत्रण एक्ट का मुद्दा छीड़ा हुआ है आज इस निबंध के जरिए मैं आपको बताऊंगा कि जनसंख्या नियंत्रण क्या है, और यह हमारे और संपूर्ण देश भर के लिए क्यों आवश्यक है।
दोस्तों हमारे देश भारत को कभी सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था और इसमें दूध की नदियां बहा करती थी लेकिन आज के समय में बढ़ती जनसंख्या के कारण ऐसा कुछ भी नहीं पता है, कुछ गरीब घर के बच्चों को तो दूध के रंग का भी नहीं पता है, बढ़ती जनसंख्या के कारण हमारे देश में बहुत ही चीजों की कमी होती जा रही है, कुछ गरीब लोगों को तो दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं होती और ना ही पहनने के लिए कपड़े प्राप्त होते हैं, आखिर यह सब क्यों हो रहा है? इन सब का मुख्य कारण बढ़ती जनसंख्या है, आपको यह जानकर बड़ी ही हैरानी होगी की भारत में पूरे विश्व की जनसंख्या का छठा भाग निवास करता है। क्योंकि इस तरीके की जनसंख्या को देखते हुए यह एक बहुत ही दुखदाई बात है।
1951 में भारत की जनंसख्या 36.1 करोड़ थी जोकि 1981 में बढ़कर 68.40 करोड़ हो गई। इस तरह देखा जाए तो केवल तीन दशकों में भारत की जनसंख्या लगभग दोगुनी बढ़ गई। बाद में 1991 में हुई जनगणना के हिसाब से यह आंकड़ा बढ़कर 84.39 हो गया।
2001 में हुई जनगणना में यह जनसंख्या बढ़ कर 1,02,70,15,247 हो गई 2011 में हुई जनगणना के आंकड़ों के अनुसार यह जनसंख्या एक अरब 21 करोड़ तक पहुंच गई है। हमारा यह मानना भी ठीक होगा कि किसी देश या राज्य के लिए जनसंख्या की बढ़ोतरी एक अहम हिस्सा निभाती है, लेकिन इतनी ज्यादा बढ़ती जनसंख्या आज हमारे पूरे देश की एक गंभीर समस्या बन गई है।
जनसंख्या का मतलब यह होता है, कि किसी एक स्थान पर रहने वाले कुल जिलों की संख्या है, भारत में कुछ जगह ऐसी है, कि जहां पर बहुत अधिक पापुलेशन होने की वजह से वहां के लोग ब्यास की वजह से मर रहे हैं और अनेकों बीमारियों का सामना भी कर रहे हैं, हां के लोगों का विकास भी एक चिंता का विषय बन चुका है, और इन परेशानियों से भारत पूर्ण तरीके से जूझ रहा है और इसी के साथ ही हमारे पड़ोसी देश चीन की भी पॉपुलेशन बहुत अधिक है।
लेकिन भारत देश ने पॉपुलेशन के मामले में चीन को भी पीछे छोड़ दिया है यह कोई उपलब्धि हासिल करने की बात नहीं है, यह एक सोच का विषय है, बढ़ती जनसंख्या से हमारे देश भारत में भुखमरी, गरीबी, भ्रष्टाचार आदि बहुत अधिक मात्रा में अधिक तेजी से बढ़ेंंगे और बढ़ती जनसंख्या के कारण लोग बेरोजगार हो जाएंगे।
कब मनाया जाता है, विश्व जनसंख्या दिवस?
11 जुलाई 1989 को विश्व जनसंख्या दिवस की शुरुआत हुई थी। सन 1987 में डॉक्टर Dr. KC Zachariah के सुझाव पर इस दिवस को मनाने की की बात कही गई। हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। जनसंख्या दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को इसके दुष्प्रभावों के प्रति लोगों को सचेत करना है। लोगों को बढ़ती हुई जनसंख्या के प्रति सचेत करें और उन्हें यह भी बताएं कि बढ़ती हुई जनसंख्या हमारे लिए कितनी घातक सिद्ध हो सकती है और आने वाली हमारी पीढ़ी को क्या नुकसान हो सकता है।
भारत में जनसंख्या वृद्धि के मुख्य कारण
अधिक जनसंख्या के भारत में बहुत से कारण है जैसे बाल विवाह, बहु विवाह, दरिद्रता, मनोरंजन का एक साधन होना, लोगों का शिक्षित होना, रूढ़िवादिता, ग्रामीण क्षेत्र के लोग सरकार द्वारा चलाई गई निरोध सुविधा का गांव में कम प्रचार होना। पुत्र पाने की लालसा आदि अनिवार्यता कारण।
अशिक्षित लोग-
अपने बहुत से गांव और कस्बे ऐसे हैं जहां पर लोग अनपढ़ है, उन लोगों को बढ़ती जनसंख्या के बारे में कुछ नहीं पता वहां के लोग बिल्कुल ऐसी क्षित है तो वहां के लोगों को बढ़ती जनसंख्या के बारे में जागरूक करना और इससे भविष्य में होने वाली हानियों के बारे में अवगत कराना क्योंकि भारत में बढ़ती हुई जनसंख्या एक बहुत बड़े खतरे का रूप ले सकती है।
जन्म दर-
जन्म दर भी लगातार बढ़ रही जनसंख्या का एक मुख्य कारण है, लोग बहुत अधिक बच्चे पैदा कर रहे हैं जनसंख्या के साथ-साथ मानव जन्म दर भी बढ़ रहा है और इसी वजह से आबादी भी ज्यादा बढ़ रही है।
मृत्यु दर में कमी-
आज का समय पहले जैसा नहीं है पहले के समय में अनेक प्रकार की महामारी या हुआ करती थी और उन महा मारियो की दवाई उचित रूप से ना मिलने पर लोगों की बहुत अधिक मौत होती थी लेकिन आज के टेक्नोलॉजी के जमाने में बहुत सी सुविधाएं सरकार की तरफ से चलाई जा रही है जिसकी वजह से लोगों का मृत्यु दर भी बहुत कम हो गया है।
कम आयु में विवाह-
भारत में ऐसे बहुत से गांव है जहां के लोग बहुत ही रूढ़िवादी है, वह अपने बच्चों का बाल विभाग कर देते हैं, जिस से कम आयु में बच्चे पैदा होते हैं।
बढ़ती हुई जनसंख्या के नुकसान।
- वैसे तो बढ़ती जनसंख्या का असर हम सभी लोगों पर पड़ रहा है, लेकिन यह असर सबसे ज्यादा नवजात बच्चों पर पड़ रहा है और उनके खानपान पर पड़ रहा है, क्योंकि एक परिवार में अधिक बच्चे होने से उनका पोषण सही तरीके से नहीं हो पाता इसी कारण व कुपोषण का शिकार हो जाते हैं, और उन्हें कई अन्य गंभीर बीमारियों का सामना भी करना पड़ता है।
- देश में बेरोजगारी लाने में भी बढ़ती जनसंख्या का एक अहम हिस्सा है, क्योंकि अधिक पॉपुलेशन होने की वजह से लोगों को रोजगार नहीं मिल पाता और इसी वजह से वह अपने परिवार का पोषण भी नहीं कर पाते और स्कूल से लेकर नौकरी तक युवाओं को हर फील्ड में कंपटीशन का बहुत ज्यादा सामना करना पड़ता है क्योंकि अधिक जनसंख्या की वजह से पूरे देश में कंपटीशन भी बहुत हो गया है।
- हमारा देश कभी सोने की चिड़िया कहा जाता था लेकिन अब इस देश को गरीबी की कगार पर लाने का एक अहम हिस्सा जनसंख्या बन चुकी है, क्योंकि ज्यादा सन जनसंख्या होने की वजह से मजदूरों को अपने रोज के काम में अधिक मेहनत करनी पड़ती है ऐसी आबादी अधिकांश देश के गरीबी रेखा से नीचे होती है।
- बढ़ती जनसंख्या की वजह से हमारे देश को अपराध का सामना भी करना पड़ता है, क्योंकि जहां पर जनसंख्या अधिक होगी वहां पर लोगों को रोजगार नहीं मिल पाएगा तो वहां के लोग चोरी, लूटमार जैसे धंधे करने शुरू कर देंगे।
- संसाधनों का भी बढ़ती जनसंख्या की वजह से सही तरह से बटवारा नहीं हो पा रहा है जिसे देश के कई हिस्सों में लोगों को बिना पानी, शुद्ध खाना, और पोषण के बिना रहना पड़ता है।
बढ़ती जनसंख्या को रोकने के उपाय।
- बढ़ती जनसंख्या को रोकने के लिए लोगों को फैमिली प्लानिंग के बारे में बताना चाहिए और उनसे फैमिली प्लानिंग का पालन भी करवाना चाहिए और इसके लिए सरकार को कड़े कानून भी बनाने चाहिए।
- सरकार के साथ-साथ बढ़ती जनसंख्या को रोकने के लिए समाज को भी एक अहम भूमिका निभानी चाहिए कहने का मतलब यह है, कि लोगों की रूढ़िवादी सोच में बदलाव लाना चाहिए।
- कई लोग बेटी के बजाए बेटे पर अधिक जोर देते हैं तो ऐसे लोगों का भी समाज से बहिष्कार कर देना चाहिए या फिर उन्हें अच्छे से समझाना चाहिए।
- बढ़ती जनसंख्या को लेकर सरकार को छात्रों में युवाओं को शिक्षा देने में सेक्स एजुकेशन को अधिक बढ़ावा देना चाहिए।
निष्कर्ष (Conclusion):-
तो दोस्तों कैसा लगा आपको हमारा आज का यह निबंध आज के इस निबंध में मैंने आपको बढ़ती जनसंख्या के बारे में बताया और इससे हमारे आने वाले जीवन में क्या हानियां हो सकती है, यह भी मैंने आपको बताया तो आप भी 11 जुलाई को जनसंख्या दिवस है, इसके में बारे में बताएं और बढ़ती हुई जनसंख्या को रोकने के लिए प्रेरित अवश्य करें।
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