Indian Army Day 2024 : भारतीय सेना ने हमेशा अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुये, देश के दुश्मनों के छक्के छुड़ाए है इन्होनें देश के लिये हमेंशा अपने सीने पर गोली झेली और कई कुर्बानियां दी है। पूरा भारत अपनी भारतीय सेना पर गर्व करता है पूरे विश्व में भारतीय सेना का स्थान विश्व की सबसे ताकतवर सेनाओं में चौथे नंबर पर आता है।
भारतीय सरकार ने 1949 में भारतीय सेना की वीरता एवं अद्म्य साहस को सम्मान देने के लिए कलेंडर का एक दिन निर्धारित किया है। इस दिन केएम करियप्पा (K. M. Cariappa) ने भारतीय सेना की बागडोर संभाली थी। जिसे हम सभी 15 जनवरी के दिन सेना दिवस के रुप में मनाते है।
हम सभी जानते हैं कि आजादी के बाद हमारी सेना सदैव अपनी मातृभूमि के लिए लड़ती आई है और हम सब की रक्षा की है। इसलिए हमें भी हमारी अद्वितीय सेना के लिए कृतज्ञ होना चाहिए और गर्व महसूस करना चाहिए।
इस दिन का भारतीय सेना दिवस व भारतीय सेना का एक अच्छा इतिहास भी है जिसके बारे में हम आपको अवगत करवाएंगे।
15 जनवरी 2024 को भारत में 75वें सेना दिवस मनाया जाएगा। आज के लेख में हम आपको सेना दिवस मनाये जाने बारे में पूरी जानकारी देंगे।
विषय–सूची
भारतीय सेना दिवस का इतिहास? (Indian Army Day History and facts in hindi)
भारत जो कि एक लोकतांत्रिक गणराज्य है, यह 15 अगस्त 1947 को प्रारंभिक रूप से स्वतंत्र हुआ था। यानी कि ब्रिटिश साम्राज्य ने ब्रिटिश पार्लियामेंट के अंतर्गत भारत को अपनी कॉलोनी से मुक्त कर दिया था।
जब ब्रिटिश साम्राज्य ने ऐसा किया था इसके ठीक बाद में भारत के अंदर ही छोटे-मोटे दंगों ने बहुत ही विशाल रूप ले लिया था। जिसके कारण भारत को सरहदों पर तैनात अपनी सेनाओं को भारत के अंदर शांति व्यवस्था कायम करने के लिए बुलाना पड़ा था। तथा उस समय भारत के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल कोडंडेरा मड़प्पा करिअप्पा थे। के एम करिअप्पा को 15 जनवरी 1949 को ब्रिटिश कमांडर जनरल रॉयल फ्रांसिस बुचर के द्वारा यह पद ग्रहण करवाया गया था। जनरल कोडंडेरा मड़प्पा करिअप्पा स्वतंत्र भारत के पहले फील्ड मार्शल थे।
फील्ड मार्शल कोडंडेरा मड़प्पा करिअप्पा ने 1947 में हुए भारत पाकिस्तान के युद्ध में भारतीय सेना का नेतृत्व किया और भारतीय सेना को जीत दिलाई थी। फील्ड मार्शल उस समय एक नई उपाधि थी जो केएम करिअप्पा को दी गई थी। उससे पहले यह केवल जनरल का नाम हुआ करता था।
फील्ड मार्शल कोडंडेरा मड़प्पा करिअप्पा के नाम के साथ में और उनकी वीरता और शौर्य गाथा को याद करते हुये यह सेना दिवस मनाया जाता है। इस सेना दिवस का मुख्य उद्देश्य भारतीय थल सेना की वीरता तथा उनके महान शौर्य गाथा को याद करना है। तथा उनके अदम्य साहस और उनकी भारत माता के प्रति सर्वोच्च कुर्बानी को प्रत्येक दिन में ताजा करने के लिए यह सेना दिवस मनाया जाता है।
भारत में सेना दिवस कैसे मनाया जाता है?
भारत में सेना दिवस बनाते समय इस दिन विभिन्न प्रकार की सेनाओं की परेड करवाई जाती है। और इस दिन सैन्य परेड प्रदर्शन के अलावा कई अधिकारी कार्यक्रम भी करवाए जाते हैं। तथा इसी के साथ में सेना दिवस के अवसर पर अमर जवान ज्योति पर भारतीय प्रधानमंत्री पुष्प अर्पण करते हैं। वह अपना कुछ समय भारतीय जवानों के साथ में बिताते हैं। इस दिन पूरा भारत अपने बहादुर सेनाओं को और उनकी बहादुरी को सलाम करता है।
भारतीय सेना दिवस के दौरान न केवल उन सेनाओ तथा सेनानियों को सलाम किया जाता है, जिन्होंने अपने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है बल्कि उन्हें सैनिकों के अर्धान्गनियों को भी सलाम किया जाता है। और उनकी माताओं को भी सलाम किया जाता है। जिन्होंने अपना सब कुछ इस देश के नाम कुर्बान कर दिया।
भारत में सेना दिवस कब मनाया जाता है?
भारत में सेना दिवस हर वर्ष 15 जनवरी को मनाया जाता है। तथा इस दिन भारतीय थल सेना का करिअप्पा परेड ग्राउंड में परेड भी करवाई जाती है। जिसे आर्मी परेड कहा जाता है। तथा इसके दौरान गैलंट्री अवॉर्ड और सेना मेडल भी विभिन्न प्रकार के सेनानियों को दिया जाता है। सन 2020 में 15 सेनानियों को ब्रेवरी अवार्ड दिया गया था। तथा इसी दिन परमवीर चक्र और अशोक चक्र सैनिकों में बांटे जाते हैं।
आर्मी दिवस के दौरान सन 2020 में पहली बार किसी महिला सैन्य अधिकारी तानिया शेरगिल ने आर्मी डे (Army Day) के दौरान पुरुषों की परेड की अगुवाई की थी।
भारतीय सेना ने और भारतीयों ने सन 2021 में अपना 73वां आर्मी दिवस मनाया था तथा 15 जनवरी 2022 को भारत अपना 74वां आर्मी दिवस मनाएगा।
15 जनवरी को आर्मी दिवस मनाने का उद्देश्य यह है कि इस दिन भारत को अपना पहला भारतीय फील्ड मार्शल प्राप्त हुआ था, जिनका नाम फील्ड मार्शल फील्ड मार्शल कोडंडेरा मड़प्पा करिअप्पा था।
आर्मी दिवस मनाने का उद्देश्य मुख्य वीर और साहसी सैनिकों का सम्मान करना और उनका साहस बढ़ना है। इस दिन भारत को अपना पहला भारतीय फील्ड मार्शल प्राप्त हुआ था, जिनका नाम फील्ड मार्शल फील्ड मार्शल कोडंडेरा मड़प्पा करिअप्पा था। इसी दिन 15 जनवरी 1949 को उन्हें फील्ड मार्शल की उपाधि मिली थी। 15 जनवरी 1949 को पहली बार भारतीय सेना दिवस मनाया गया था। इस दिन को एक ऐतिहासिक पल के रुप में हर वर्ष याद किया जाता है।
तब से लेकर आज तक 73 बार भारतीय सेना दिवस मनाया जा चुका है। और 15 जनवरी 2022 को 74वीं बार भारतीय सेना दिवस मनाया जाएगा।
भारतीय सेना दिवस की कुछ खास बातें (India army day Interesting Facts about Indian army day)
- 1 अप्रैल 1895 के दिन भारतीय सैना का अधिकारिक रुप से गठन किया गया था।
- 15 जनवरी 1949 को पहली बार भारतीय सेना दिवस मनाया गया था।
- 15 जनवरी 2022 को भारत में 74वां भारतीय सेना दिवस मनाया जाएगा।
- इस दिन का मुख्य समारोह दिल्ली छावनी के करियप्पा परेड मैदान में किया जाता है।
- भारतीय सेना दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य भारत की सेनाओं के शौर्य को याद करना है तथा उनकी महान बलिदान को नमस्कार करना है।
- 15 जनवरी 1949 को केएम करियप्पा ने आखिरी ब्रिटिश कमांडर इन चीफ फ्रांसिस बुचर से पदभार संभाला था।
- भारतीय सेना दिवस पहली बार 15 जनवरी 1949 को बनाया गया था। तथा इसी दिन भारत को अपना पहला फील्ड मार्शल मिला था। जिनका नाम फील्ड मार्शल फील्ड मार्शल कोडंडेरा मड़प्पा करिअप्पा था।
- भारतीय सेना दिवस के दिन भारत के पहले फील्ड मार्शल फील्ड मार्शल कोडंडेरा मड़प्पा करिअप्पा के नाम पर बनाए गए स्टेडियम में आर्मी की परेड होती है। यानि की थल सेना की परेड करवाई जाती है।
- भारत के पहले फील्ड मार्शल कोडंडेरा मड़प्पा करिअप्पा ने 1947 में हुए भारत पाकिस्तान के युद्ध में भारत की सेना की अगुवाई करी थी।
- फील्ड मार्शल कोडंडेरा मड़प्पा करिअप्पा के लिए 1953 का साल भारतीय सेना में अंतिम साल था इसके बाद वे रिटायर हो गये थे।
- भारत में सेना के लिए फील्ड मार्शल का पद सबसे सर्वोच्च होता है। यह मात्र अभी तक दो ही महानुभाव को दिया गया है। जिनमें पहला नाम फील्ड मार्शल कोडंडेरा मड़प्पा करिअप्पा है तथा दूसरा नाम फील्ड मार्शल मानेक शॉ है जिन्होंने 1973 में पाकिस्तान युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- इस युद्ध में पाकिस्तान को करारी हार झेलनी पड़ी थी और बांग्लादेश का निर्माण हुआ था। पाकिस्तान की 93,000 की सेना ने फील्ड मार्शल मानेक शॉ के सामने हथियार डाल दिये थे।
भारतीय सेना दिवस पर सेना के जवानों को समर्पित कविता
देश की सेना के जवानों को सलाम, इस मिट्टी में लिया है जन्म ऐ हिन्दुस्तान तेरे वीर सपूतों को सलाम
राष्ट्रीय सुरक्षा में भारत की, एक असल किरदार है सेना ! दुश्मन की तलवार को थामे, एक ऐसी दीवार है सेना !! हर परिस्थिति से लड़ने को, एक नया विकल्प लिए ! राष्ट्र धर्म पर प्राण निछावर, करने का संकल्प लिए !! वीर सपूतों का मिल कर, आओ हम सब सम्मान करें ! इस सेना दिवस के अवसर पर, ऐसे वीरों का ध्यान करें ! बचपन से ही ख्वाब सजा कर, निज मन की गलियारों में ! उम्र बिताते हैं सीमा पर, दुश्मन और हथियारों में !! देख तिरंगे को जिनका नत, शिखर दिष्ट हो जाता है ! जिनके भीतर आने से पूर्व, भय भी भय-भीत हो जाता है !! जो सर्वोपरि राष्ट्र रख कर, जीवन भर सेवा करते हैं ! जो देकर अपने प्राण किंतु, सीमा की रक्षा करते हैं !! निज मातृभूमि संरक्षण में, था वीरों ने बलिदान किया, भारत माता की सेवा में, अपने जीवन को दान किया। कितनी बहनों ने भाइयों के, हाथों को कटते देखा है, कितनी माताओं ने अपनें, बेटे को मरते देखा है। कितने ही घर के चिरागों ने, नूर मिटाए थे अपने, कितनी ही अर्धांगिनियों ने, सिंदूर मिटाए थे अपने। तब जाकर हिंदुस्तान सकल, यह पर्व मनाने योग्य हुआ, जब वीरों ने जीवन खोया, तब स्वतंत्रता पाने योग्य हुआ। यदि इस संघर्ष सरोवर में, तन डूब भी जाए तो क्या होगा, सम्मान मिलेगा तोपों से, शव ध्वज से ढका हुआ होगा। है मातृभूमि का ऋण अमुल्य, कैसे चुकता हो पाएगा, बलिदान राष्ट्र के प्रति होना, ऐसा भी अवसर आएगा। सम्बन्धों के कुसुमों में तो, मकरंद बनेंगे, बिगड़ेंगे, हो सकता है कि देशों से, सम्बन्ध बनेंगे, बिगड़ेंगे । विकट परिस्थिति आए तो तन, मन, धन अर्पित कर देना, जब मातृभूमि माँगेगी तो, सर्वस्व समर्पित कर देना। और कह देना ऐ मातृभूमि, मुझपर अब भी ऋण तेरा है, इस ऋण के बदले में केवल, एक सुक्ष्म समर्पण मेरा है। ऐ विधना इतनी विनती है, मैं पुनर्जन्म जब भी पाऊँ, मुझे धरा मिले भारतभूमि, और हिन्दुस्तानी कहलाऊँ। - सौरभ शुक्ला
निष्कर्ष
तो आज की लेख में हमने जाना कि भारत में सेना दिवस क्यों मनाया जाता है, किस लिए मनाया जाता है, भारत में सेना दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य क्या है, यह पहली बार कब मनाया गया था, तथा यह अब तक कितनी बार मनाया जा चुका है। इन सब के बारे में आज की लेख में हमने पूरी जानकारी हासिल करी। हम आशा करते हैं कि आप को भारतीय सेना दिवस एवं इसके इतिहास के बारे में सारी जानकारी मिल चुकी होगी।
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FAQ
प्रश्न- इंडियन आर्मी डे सबसे पहले कब मनाया गया था?
उत्तर- 15 जनवरी 1949
प्रश्न- भारतीय सेना में सबसे पहले फील्ड मार्शल की उपाधि किसे मिली?
उत्तर- कोडंडेरा मड़प्पा करिअप्पा
प्रश्न- भारतीय सेना का गठन सबसे कब और किसने किया?
उत्तर- 1 अप्रैल 1895 में अंग्रेजों की ईस्ट इंडिया कम्पनी के द्वारा किया गया था