महात्मा गांधी की जीवनी, निबंध, मोहनदास करमचंद गांधी का जीवन परिचय, माता का नाम, पत्नी, बेटा -बेटी, हत्यारे का नाम, जन्म- मृत्यु, हत्या, आंदोलनों की पूरी सूचि (List), (Mahatma Gandhi story Biography in hindi, Mahatma Gandhi jivan Parichay, Story & history In Hindi, Essay on Mahatma Gandhi in Hindi)
महात्मा गांधी एक ऐसे व्यक्ति है जिन्हें भारत के सभी लोग जानते हैं। महात्मा गांधी हमारे देश के राष्ट्रपिता है। सोमवार यानी 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की 154वीं जयंती मनाई जाएगी। हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर को हुआ था, इस कारण हमारे देश में हर साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। महात्मा गांधी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महान नेता थे, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ अहिंसा के मार्ग पर चलकर देश को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के बाद राष्ट्रीय पर्व के रूप में 2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती को मनाया जाता है। महात्मा गांधी शुरू से ही सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते रहे है और उनके विचार से पूरी दुनिया अभी तक प्रभावित है। अहिंसा, सत्य और शांति के राह पर चलकर महात्मा गांधी ने देश को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त किया था।
महात्मा गांधी के प्रति लोगों का सम्मान बढ़ाने और उनके विचारों को याद करने के लिए हर साल 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस भी मनाया जाता है। महात्मा गांधी को लोग प्यार से बापू भी बुलाते थे। महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी बातें हमें जरूर जानना चाहिए क्योंकि बापू की जीवन हमें प्रेरणा देती है। साथ ही उनके योगदान के बारे में हमें ज्ञात होना चाहिए। तो चलिए इस लेख के माध्यम से हम आपको महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों को बताते हैं।
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विषय–सूची
महात्मा गांधी का जीवन परिचय (Mahatma Gandhi Story Biography in hindi)
नाम | मोहनदास करमचंद गांधी |
पिता का नाम | करमचंद गांधी |
माता का नाम | पुतलीबाई |
जन्म दिनांक | 2 अक्टूबर, 1869 |
जन्म स्थान | गुजरात के पोरबंदर क्षेत्र में |
शिक्षा | बैरिस्टर |
पत्नि का नाम | कस्तूरबाई माखंजी कपाड़िया [कस्तूरबा गांधी] |
बेटों के नाम | मणिलाल, रामदास, हरिलाल, देवदास |
शिक्षा | बैरिस्टर |
मृत्यु | 30 जनवरी 1948 |
हत्यारे का नाम | नाथूराम गोडसे |
महात्मा गांधी का प्रारंभिक जीवन (Mahatma Gandhi Early Life)
महात्मा गांधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर इलाके में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री करमचंद गांधी था, जो पोरबंदर के ‘दीवान’ थे और माता पुतलीबाई जो एक धार्मिक महिला थी। महात्मा गांधी एक गुजराती परिवार से संबंध रखते थे, उनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा गांधी था और महात्मा गांधी के चार बेटे थे जिनका नाम मणिलाल, रामदास, हरिलाल, देवदास।
गांधी जी के जीवन में उनकी मां का बहुत बड़ा भूमिका रहा है। गांधी जी का विवाह 13 वर्ष के उम्र में ही हो गया था और उनकी पत्नी कस्तूरबा उस समय 14 वर्ष की थी। गांधी जी ने 1887 में अपना मैट्रिक का एग्जाम पास किया था और जनवरी 1888 में उन्होंने भावनगर के सामलदास कॉलेज में एडमिशन लिया था जहां से गांधी जी ने डिग्री प्राप्त की। इसके बाद आगे के पढ़ाई के लिए गांधीजी लंदन चले गए और वहां से बेरिस्टर बनकर भारत वापस लौटे।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी का योगदान
महात्मा गांधी ने भारत देश में कई सारे ऐसे आंदोलन चलाए हैं जिसके द्वारा लोगों को बहुत राहत मिला है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी का बहुत ज्यादा योगदान है जिसके बारे में हम नीचे जानेंगे।
चंपारण (अप्रैल 1917)
महात्मा गांधी ने भारत में अपना सबसे पहले और महत्वपूर्ण आंदोलन बिहार के चंपारण इलाके में किया था। अंग्रेजों द्वारा चंपारण में किसानों को नील की खेती करने के लिए मजबूर किया जाता था और किसानों को खेती का एक तिहाई हिस्सा दिया जाता था।
अगर किसान इसका विरोध करते थे तो किसानों को दंडित करने की धमकी दी जाती थी। किसानों ने इस समस्या का समाधान पाने के लिए गांधी जी का सहायता लिया और इसके बाद गांधी जी ने अहिंसक विरोध के माध्यम से अधिकारियों को उन्हें एरिया रियायतें देने के लिए राजी किया।
खेड़ा (22 मार्च 1918 – 5 जून 1918)
गुजरात के खेड़ा गांव में रहने वाले किसानों ने अधिकारियों से कर्ज रद्द करने का अनुरोध किया था जब वहां के इलाके में बाढ़ आ गया था। लेकिन किसानों मदद नहीं मिला जिसके बाद गांधी जी ने एक हस्ताक्षर-एकत्रीकरण अभियान चलाया इसके बाद वहां के किसानों ने करों न देने की कसम खाई।
खिलाफत आंदोलन (मार्च 1919-जनवरी 1921)
महात्मा गांधी का मुस्लिम आबादी पर जबरदस्त प्रभाव था, इसका सबूत खिलाफत आंदोलन में उनकी भागीदारी से पता चलता है। पहला विश्व युद्ध के बाद मुसलमान को अपनें खलीफा या धार्मिक नेता की सुरक्षा का काफी डर था और खलीफा की बिगड़ती परिस्थितियों का सामना करने के लिए वैश्विक विरोध का योजना बनाया गया था। इसके बाद गांधी जी अखिल भारतीय मुसलमान सम्मेलन में एक प्रसिद्ध प्रतिनिधि बन गए थे। इसमें महात्मा गांधी ने निर्णय लिया कि सभी सरकारी संस्थाओं का बहिष्कार किया जाएगा।
असहयोग आंदोलन (1 अगस्त, 1920)
गांधी जी का यह मानना था कि भारतीयों का सहयोग ही ऐसा कारण था जिसके वजह से अंग्रेजों को भारत में रहने दिया गया था। इसी कारण उन्होंने इसके आलोक में असहयोग आंदोलन का आग्रह किया। गांधी जी की अटूट भावना और कांग्रेस के समर्थन में वहां के लोगों को यह समझने में काफी मदद की की स्वतंत्रता पाने के लिए शांतिपूर्ण सहयोग आवश्यक है।
असहयोग आंदोलन जलियांवाला बाग नरसंहार के पूर्वाभास वाले दिन से शुरू किया गया। गांधी जी का उद्देश्य स्वराज या स्वशासन था और इसके बाद से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के मार्गदर्शन सिद्धांत के रूप में विकसित हुआ है।
नमक आंदोलन – दांडी मार्च (12 मार्च 1930 – 5 अप्रैल 1930)
गांधी जी द्वारा किया गया नमक आंदोलन स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। नमक मार्च जिसे दांडी आंदोलन के भी नाम से जाना जाता है। कोलकाता कांग्रेस में महात्मा गांधी ने 1928 में अंग्रेजों को चेतावनी दी थी कि वह भारत देश को प्रभुत्व का दर्जा दें, वरना देश पूर्ण स्वतंत्रता के लिए क्रांति करेगा जिसे अंग्रेजों ने नजर अंदाज कर दिया था।
इसके परिणाम के रूप में 31 दिसंबर 1929 को लाहौर में भारत का झंडा फहराया गया और अगले 26 जनवरी को भारतीय स्वतंत्रता दिवस के रूप में नामित किया गया। 1930 के मार्च महीने में गांधी जी ने नमक के दाम का विरोध में एक सत्याग्रह अभियान शुरू किया था। गांधी जी नमक बनाने के लिए अहमदाबाद से गुजरात के दांडी तक 388 किलोमीटर की यात्रा पैदल किया था। भारतीय इतिहास के सबसे बड़े आंदोलन में से इसे एक माना जाता है और यह उनके साथ शामिल हुए हजारों लोगों के कारण पूरा हुआ।
भारत छोड़ो आंदोलन
भारत छोड़ो आंदोलन दूसरा विश्व युद्ध के समय 8 अगस्त 1942 को शुरू किया गया था। यह महात्मा गांधी के द्वारा शुरू किया गया आंदोलन था। इस आंदोलन का लक्ष्य ब्रिटिश साम्राज्य को खत्म करना था। इस वक्त गांधी जी ने जबरदस्त विरोध करते हुए यह दावा किया था कि भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र नहीं है इसलिए भारतीय लोकतंत्र के समर्थन मेंयुद्ध में हिस्सा नहीं ले सकते। गांधी जी द्वारा शुरू किया गया यह आंदोलन भारत को आजादी दिलाने में काफी मदद किया था।
महात्मा गांधी द्वारा लिखी गई पुस्तकें
महात्मा गांधी एक बहुत बुद्धिमान व्यक्ति थे जिन्होंने अपने जीवन में कई सारे पुस्तक लिखी है। महात्मा गांधी ने भारत देश पर और भारत के आजादी के बारे में भी पुस्तक लिखी है साथ ही उन्होंने अपने जीवन के बारे में भी इन पुस्तकों में बताया है जिससे लोगों को प्रेरणा मिलती है। महात्मा गांधी द्वारा लिखी गई पुस्तक के निम्न है:-
- ग्राम स्वराज
- मेरे सपनों का भारत
- हिन्द स्वराज – सन 1909 में
- ‘सत्य के साथ मेरे प्रयोग’ एक आत्मकथा
- दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह – सन 1924 में
- रचनात्मक कार्यक्रम – इसका अर्थ और स्थान
छुआछूत को दूर करना।
महात्मा गांधी शुरू से सब जाति के लोगों को एक ही नजर से देखते थे। लेकिन समाज में जाति को लेकर कई सारी समस्याएं मौजूद थी। गांधी जी ने समाज में फैली हुई छुआछूत की भावना को हटाने के लिए कई सारे प्रयास किया। इस छुआछूत की भावना को हटाने के मकसद से ही गांधी जी ने पिछड़ी जातियों को ईश्वर के नाम पर ‘हरि-जन’ का नाम दिया था।
महात्मा गांधी के अनमोल विचार
महात्मा गांधी ने किसी भी चीज को प्राप्त करने के लिए सत्य और अहिंसा को सबसे मजबूत हथियार बताया है। गांधी जी का यह मानना था किसी चीज को पाने के लिए न सिर्फ हमारा उद्देश्य पवित्र रहना चाहिए परंतु उद्देश्य पाने का रास्ता भी पवित्र होना जरूरी है। गांधी जी हमेशा से कुछ बातों पर निर्भर रहे हैं और लोगों को भी उन बातों पर चलने का राय देते हैं।
सत्य = महात्मा गांधी किसी के भी जीवन में सबसे बड़ा उद्देश्य सत्य को मानते थे। सत्य पर ही महात्मा गांधी का संपूर्ण जीवन दर्शन टिका हुआ है। उनका मानना था कि सत्य के द्वारा ही वास्तविक जीत पाई जा सकती है। इस बात के आधार पर गांधी जी ने अपनी जीवन कथा का नाम भी सत्य की मेरे प्रयोग रखा था।
अहिंसा = गांधी जी किसी भी चीज को पाने के लिए अहिंसा का राह अपनाने का संदेश देते थे। गांधी जी अहिंसा को एक प्रमुख हथियार मानते थे और वह अपने सभी आंदोलन में अहिंसा का मार्ग अपनाते थे। महात्मा गांधी का यह मानना था कि अहिंसा के लिए आंतरिक रूप से मजबूत होना जरूरी है।
सादगी = गांधी जी सादगी में पूरा विश्वास रखते थे। गांधी जी का यह मानना था कि जब तक हम अपने जीवन में सादगी का रह नहीं अपनाते हैं तब तक समाज से अमीर और गरीब का समस्या नहीं खत्म हो सकता है। सादगी की का पालन करते हुए महात्मा गांधी ने अपना पूरा जीवन एक ही खड़ी की धोती का इस्तेमाल करके बिता दी।
विश्वास = गांधी जी के द्वारा अलग-अलग धर्म के लोगों के बीच एकता बनाए रखने के लिए विश्वास को प्रमुख तत्व माना गया था। गांधी जी का मानना था कि अलग-अलग धर्म के लोगों के बीच सांप्रदायिक सौंदर्य बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि लोग एक दूसरे के धर्मों के महत्व को समझे और आपसी समझ में वृद्धि को बढ़ावा दे।
महात्मा गांधी की मृत्यु
देश के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले महात्मा गांधी को देश आजादी के सिर्फ एक साल बाद ही 30 जनवरी सन 1948 के शाम को हत्या कर दी गई। इस दिन महात्मा गांधी शाम को पूजा करने के लिए जा रहे थे उसे वक्त नाथूराम गोडसे ने उनकी हत्या गोली मारकर कर दी। महात्मा गांधी की मृत्यु के बाद दुनिया भर के सभी महापुरुषों ने शोक जताया था। दिल्ली में राजघाट पर महात्मा गांधी जी का समाधि बनाया गया है जो आज तक करोड़ों लोगों को प्रेरणा देता है।
महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी रोचक तथ्य।
- गांधी जी की स्कूल में हैंडराइटिंग बहुत अच्छी थी, अंग्रेजी विषय में वह अच्छे विद्यार्थी थे लेकिन गणित में औसत और भूगोल में कमजोर विद्यार्थी थे।
- गांधी जी जब चंपारण आंदोलन के लिए बिहार आए थे तो उन्होंने देखा कि यहां के लोग अशिक्षा के कारण दुख सह रहे थे। इसके बाद उन्होंने यहां विद्यालय खोलने का फैसला किया।
- महात्मा गांधी द्वारा खोली गई विद्यालय आज पूर्वी चंपारण के ढाका प्रखंड के बड़हरवा लखन सेन में मौजूद है। इस विद्यालय में उन्होंने कुछ दिन तक अध्यापक का कार्य भी किया था।
- महात्मा गांधी जी के घर में कभी अनबन होती थी तो वह गुस्से के कारण कुछ दिन तक अपना खाना छोड़ देते थे।
- महात्मा गांधी कभी अमेरिका नहीं गए और वह कभी भी हवाई जहाज में नहीं बैठे।
- महात्मा गांधी को अपनी फोटो खिंचवाना बिल्कुल पसंद नहीं था।
- महात्मा गांधी जब वकालत करने लगे थे तो वह अपना पहला केस हार गए थे।
- महात्मा गांधी अपना नकली दांत अपनी धोती में बांधकर रखते थे और वह केवल खाना खाते वक्त ही इस्तेमाल करते थे।
- हरिश्चंद्र के नाटक और श्रवण कुमार की कहानी को देखकर महात्मा गांधी काफी प्रभावित हुए थे।
- अमेरिका की टाइम्स मैगजीन में महात्मा गांधी को साल 1930 में मैन ऑफ द ईयर से नवाजा गया था।
- साल 1934 में भागलपुर में भूकंप आया था जिनके मदद करने के लिए गांधी जी ने अपने ऑटोग्राफ के लिए पांच-पांच रुपए की राशि ली थी।
- गांधी जी को सबसे पहले सुभाषचंद्र बोस जी ने राष्ट्रपिता कहा था।
- गांधी जी को पांच बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था, लेकिन 1948 में पुरस्कार मिलने से पहले ही उनकी हत्या हो गई।
- नोबेल पुरस्कार विजेता और कवि रवींद्र नाथ टैगोर ने गांधी जी को महात्मा की उपलब्धि दी थी।
- भारत देश में महात्मा गांधी के नाम पर 53 बड़ी सड़क मौजूद है, वहीं विदेश में भी कुल 48 सड़को के नाम गांधी जी पर है।
- महात्मा गांधी ने 15 अगस्त 1947 का दिन 24 घंटा का उपवास करके मनाया था। देश बंटवारे के कारण गांधी जी बहुत परेशान थे। कुछ महीनो से देश में मुसलमान और हिंदू के बीच में काफी दंगे हो रहे थे और इस अशांत माहौल के कारण वह काफी दुखी थे।
- महात्मा गांधी की शब यात्रा में लगभग 10 लाख लोग चल रहे थे और लगभग 15 लाख से ज्यादा लोग रास्ते पर खड़े थे।
निष्कर्ष:
दोस्तों ऊपर दिए गए लेख में हमने आपको महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी खास बातें के बारे में विस्तार से बताया है। महात्मा गांधी हमारे देश के राष्ट्रपिता है और वह हमारे देश के आजादी में अहम भूमिका निभाएं है। महात्मा गांधी को हमें कभी नहीं भूलना चाहिए और उनके जयंती पर उन्हें अच्छे से याद करना चाहिए। उम्मीद करता हूं कि इस लेख से आपको अच्छी जानकारी मिली होगी। इस लेख को पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
FAQ
महात्मा गांधी का जन्म कब और कहां हुआ था?
2 अक्टूबर 1869 को गुजराज के पोरबंदर में नामक जगह पर हुआ था।
महात्मा गांधी की बेटी का क्या नाम था?
महात्मा गांधी जी के केवल चार पुत्र थे।, उनकी कोई बेटी नहीं थी।
महात्मा गांधी की मृत्यु कब हुई?
30 जनवरी 1948
गांधी जी द्वारा राष्ट्रव्यापी आंदोलन कौन-कौन से है ?
असहयोग आंदोलन-1920, सविनज्ञ अवज्ञा आंदोलन-1930, भारत छोड़ो आंदोलन-1942
महात्मा गांधी जी हमें कैसा जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं।
गांधी जी देशवासियों को सत्य और अंहिसा के मार्ग पर चलते हुये सादगी और विश्वास के साथ जीने के प्रेरणा देते हैं।