New Parliament Building Interesting Facts – नए संसद भवन का उद्घाटन: आज 28 मई 2023 को नए संसद भवन का उद्घाटन कार्यक्रम आयोजित किया गया है। भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा इस नई पार्लियामेंट बिल्डिंग का उद्घाटन किया जाएगा।
नए संसद भवन के उद्घाटन के साथ-साथ प्राचीन सेंगोल राजदंड के हस्तांतरण की प्रथा को पुनर्जीवित करने के लिए संसद में स्पीकर की सीट के बगल में सेंगोल राजदंड की स्थापना भी की जाएगी।
उद्घाटन समारोह में भारत की सभी राजनीतिक पार्टियों को निमंत्रण भेजा गया है हालांकि नए संसद भवन को लेकर हो रही सियासत अभी तक थमी नहीं है। सरकार की विपक्षी पार्टियां लगातार प्रधानमंत्री द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन का विरोध कर रही हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत का यह नया संसद भवन पुराने संसद भवन की तुलना में बेहद अलग है क्योंकि इसमें राज्यसभा में 384 सदस्य तथा लोकसभा में 888 सदस्यों के लिए सीट की व्यवस्था की गई है।
केवल इतना ही नहीं कई अन्य मामलों में भी यह नया संसद भवन पुरानी पार्लियामेंट बिल्डिंग की तुलना में बेहद अलग और खास है। तो चलिए आज इस लेख के जरिए हम जानते हैं कि नए संसद भवन में क्या है खास?
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विषय–सूची
नए संसद भवन के महत्वपूर्ण बिंदू (New Parliament Building Key Points)
प्रोजेक्ट | सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट |
शिलान्यास | 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया |
उद्घाटन | 28 मई 2023 को नरेंद्र मोदी द्वारा |
लागत | 1200 करोड़ रुपए |
क्षेत्रफल | 64,500 वर्ग मीटर |
क्षमता | 1272 सदस्यों के बैठने |
डिजाइन | बिमल पटेल (आर्किटेक्ट) |
नए संसद भवन की कुछ खास बातें (New Parliament Building Interesting Facts in Hindi)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत का नया संसद भवन क्षेत्रफल, डिजाइनिंग और खर्च तीनों मामले में पुराने संसद भवन से बड़ा भव्य है। चलिए एक एक करके नए संसद भवन की खासियत जानते हैं।
- नए संसद भवन का शिलान्यास अक्टूबर 2020 में किया गया था जबकि इसकी आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ही 10 दिसंबर 2020 को रखी गई थी।
- आखिरकार 28 मई 2023 के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा ही इस नए संसद भवन का उद्घाटन किया जाएगा।
- आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत के इस नए और भव्य संसद भवन को बनाने में तकरीबन 1200 करोड़ रुपए की लागत आई है।
- आपको बता दें कि भारत की इस नई पार्लियामेंट बिल्डिंग को गुजरात की कंपनी एचसीपी ने डिजाइन किया है।
- आकृति की बात की जाए तो नए संसद भवन की आकृति त्रिकोणीय है।
- उपलब्ध जानकारियों के मुताबिक नए संसद भवन को बनाने में 60,000 श्रमिकों की मेहनत का योगदान है।
- पुराने संसद भवन की तुलना में नए संसद भवन में ज्यादा सदस्य बैठ सकते हैं क्योंकि इस नई पार्लियामेंट बिल्डिंग की लोकसभा में 888 सीट मौजूद है जबकि राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है।
- इस तरह नए संसद भवन में राज्यसभा और लोकसभा को मिलाकर कुल 1272 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था बनाई गई है।
- भारत के नवनिर्मित संसद भवन का क्षेत्रफल 64,500 वर्ग मीटर है।
- भारत के नए संसद भवन में सेंगोल राजदंड को स्थापित किया जाएगा। यह राजदंड चोल साम्राज्य में सत्ता का हस्तांतरण का प्रतीक हुआ करता था।
पुरानी पार्लियामेंट बिल्डिंग से कितना अलग है नया संसद भवन? (New Parliament Building and Old Parliament Difference In Hindi) –
अगर बात की जाए पुरानी पार्लियामेंट बिल्डिंग और नई पार्लियामेंट बिल्डिंग में अंतर की तो इन दोनों में काफ़ी ज्यादा अंतर है।
निर्माण और लागत खर्च–
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत की पुरानी संसद भवन के निर्माण की शुरुआत 1921 में हुई थी। पुरानी पार्लियामेंट बिल्डिंग का शिलान्यास 12 फरवरी 1921 को किया गया था जबकि इसका निर्माण कार्य शिलान्यास 6 वर्ष बाद 18 जनवरी 1927 को पूरा हुआ।
जबकि नए संसद भवन के निर्माण कार्य का शिलान्यास साल 2020 में किया गया।
10 दिसंबर 2020 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने नई पार्लियामेंट बिल्डिंग का शिलान्यास किया था।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत की पुरानी पार्लियामेंट बिल्डिंग यानी संसद भवन का उद्घाटन तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन द्वारा किया गया था जबकि नई पार्लियामेंट बिल्डिंग का उद्घाटन भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा किया जाएगा।
भारत की पुरानी पार्लियामेंट बिल्डिंग के निर्माण कार्य में कुल मिलाकर 83 लाखों रुपए का खर्च आया था जबकि नई पार्लियामेंट बिल्डिंग की लागत तकरीबन 1200 करोड़ है।
डिजाइनिंग और आकृति में अंतर–
पुरानी पार्लियामेंट बिल्डिंग के डिजाइनिंग का जिम्मा उस दौर के आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस और हरबर्ट बेकर ने किया था। जबकि नई पार्लियामेंट बिल्डिंग की डिजाइनिंग का जिम्मा गुजरात की एचसीपी कंपनी ने उठाया था।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पुरानी बिल्डिंग की आकृति गोलाकार थी जबकि नई बिल्डिंग की आकृति त्रिकोणीय बनाई गई है।
क्षेत्रफल और सीटों की संख्या–
भारत की पुरानी पार्लियामेंट बिल्डिंग के क्षेत्रफल की बात करें तो यह 566 मीटर व्यास में बनाया गया था जबकि नई पार्लियामेंट बिल्डिंग का क्षेत्रफल 64,500 वर्गमीटर है।
भारत की पुरानी पार्लियामेंट बिल्डिंग की राज्यसभा में 250 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था बनाई गई थी जबकि लोकसभा में कुल 550 सदस्य बैठ सकते थे। हालांकि नए संसद भवन में सीटों की संख्या बढ़ा दी गई है और अब नई पार्लियामेंट बिल्डिंग की राज्यसभा में 384 सदस्य बैठ सकते हैं जबकि लोकसभा में 580 सदस्य बैठ सकते हैं।
नए संसद भवन की जरूरत क्यों?
आपको बता दें कि भारत की पुरानी पार्लियामेंट बिल्डिंग का निर्माण साल 1927 में पूरा किया गया था जिसे बने अब तकरीबन 100 साल होने वाले हैं।
केवल इतना ही नहीं पुराने संसद भवन के भीतर राज्यसभा तथा लोकसभा दोनों सदनों में सदस्यों के बैठने के लिए पर्याप्त सुविधाजनक व्यवस्थाएं भी नहीं थी।
जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि पुराने पार्लियामेंट बिल्डिंग के सदनों में कम सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है जबकि आगामी वर्षों में राज्यसभा और लोकसभा दोनों में सदस्यों की संख्याएं बढ़ने की संभावनाएं जताई जा रही हैं।
ऐसे में नई पार्लियामेंट बिल्डिंग में बढ़ाई गई सीटों की संख्या आगामी वर्षों में एक सही निर्णय साबित होगी।
इन्हीं कारणों की वजह से नई पार्लियामेंट बिल्डिंग का निर्माण कराया गया और अब 28 मई 2023 को भारतीय प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा उसका उद्घाटन भी किया जाएगा।
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