Essay on Global Warming in Hindi: यह निबंध ग्लोबल वार्मिंग पर दिया गया है, जिसका विषय है ग्लोबल वार्मिंग। इस निबंध में बहुत सरल शब्दों में ग्लोबल वार्मिंग का अर्थ समझाया गया है जिससे आप खुद भी और लोगो को इसका महत्व समझा पाएंगे। इस निबंध में ग्लोबल वार्मिंग का अर्थ? ग्लोबल वार्मिंग होने के कारण? ग्रीनहाउस इफ़ेक्ट? ग्लोबल वार्मिंग होने के परिणाम? ग्लोबल वार्मिंग से बचने के उपाय? एवं इस विषय के बारे में जागरूकता कैसे फैलानी है? यह सब समझाया गया है तो आइये दोस्तों पढ़ते इस निबंध को।
विषय–सूची
ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध (Essay on Global Warming in Hindi)
प्रस्तावना
पर्यावण बचाओ! धरती बचाओ! इन सभी बातो को आप सभी ने अपनी आम ज़न्दगी में कभी न कभी तो सुना ही होगा। यदि एक स्वस्थ व्यक्ति को बुखार हो जाए तो आप समझ ही सकते है की बुखार में इंसान की क्या हालत होती है। शरीर 2 डिग्री तापमान की वृद्धि होने से इंसान की हालत गंभीर हो जाती है जिसे पौष्टिक आहार एवं परहेज़ से ठीक करा जाता है। ऐसे ही आप इंसान की जगह पृथ्वी को रख लीजिये , यदि पृथ्वी के तापमान में 2 डिग्री तापमान की बढ़ोतरी होगी तो पृथ्वी की क्या दशा हो सकती है। धरती पर रह रहे लोगों, जीव-जन्तुओ की दशा बहुत खराब हो सकती है।
ये आज से नहीं बल्कि 19वीं सदी से ही चलता आ रहा है, इंसान ने प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करना शुरू किया, और जब से अब तक पृथ्वी के तापमान में 1 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है। तापमान बढ़ने से जलवायु में आ रहे परिवर्तन का आसार दुनियां में अलग अलग तरीको से सामने आ रहा है, कही बाढ़ और तूफ़ान आ रहे है। इस संकट से केवल इंसान नहीं बल्कि इस पृथ्वी पर रहने वाले और जीव जंतु और पेड़ पौधे सभी संकट में होते है। तो इसी संकट से बचने के लिए इस निबंध में कुछ उपाय बताये गए है परन्तु सबसे पहले हमे इसके अर्थ को समझना होगा तो आइये समझते है|
क्या है ग्लोबल वार्मिंग?
ग्लोबल वार्मिंग का अर्थ है “पृथ्वी के तापमान में बढ़ोत्तरी होना” ग्लोबल वार्मिंग एक बहुत बड़ी समस्या है पर यह समस्या आम व्यक्ति को समझ नहीं आती जिसके काऱण वह इसके बारे में जानकारी हांसिल करने में दिलचस्पी नहीं रखते क्योकि यह शब्द सुनने में टेक्निकल (TECHNICAL) लगता है और लोग इसे वैज्ञानिक परिभाषा समझ लेते है|
ग्लोबल वार्मिंग भारत में ज़्यादा प्रसिद्द नहीं है और स्वस्थ व्यक्तियों के लिए यह शब्द मायने नहीं रखता | परन्तु इस शब्द को वैज्ञानिक तौर से देखा जाए तो यह एक विश्व समस्या है और इस समस्या को लेकर काफी भविष्यवाणी भी की जा चुकी है और यह 21 शताब्दी का बहुत बड़ा खतरा माना जा रहा है।
वैश्विक तापमान में वृद्धि से तूफ़ान , सूखा , बाढ़ , जंगल की आग और लू के खतरे की आकांशा बढ़ जाती है। गर्म जलवायु में वायुमंडल अधिक पानी एकत्रित कर सकता है तथा भयंकर बारिश होती है। वैज्ञानिकों को आशंका है कि 2035 तक औसत वैश्विक तापमान 0.3 से 0.7 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है।
ग्लोबल वार्मिंग पृथ्वी के साथ साथ हम सबके लिए हानिकारक है। ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रण में करना मुश्किल हो गया है। यदि हमे किसी भी समस्या का समाधान करना है तो हमे सबसे पहले उस समस्या के कारण को जानना होगा इसलिए हम सबसे पहले ग्लोबल वार्मिंग होने के कारण तथा समाधानों को जानेंगे।
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ग्लोबल वार्मिंग होने के क्या कारण है?
जैसा की हम सब जानते है की ग्लोबल वार्मिंग हम सब के लिए कितनी खतरनाक है और इसके होने का एक काऱण नहीं अपितु कई कारण है कुछ तो प्राकृतिक है तथ कुछ मानव निर्मित। प्राकृतिक कारणों में ग्रीन हाउस गैस शामिल है जो अब पृथ्वी नहीं छोड़ सकती और इसी से तापमान में वृद्धि होती है। ग्रीन हाउस गैस की तरह मीथेन गैस भी ग्लोबल वार्मिंग की ज़िम्मेदार है। ग्लोबल वार्मिंग का मुख्य कारण ग्रीन हाउस इफ़ेक्ट है। मानव निर्मित कारण कई सारे हैं जैसे- सड़को पर चलने वाले वाहन, फैक्टरियों में से निकलने वाला धुआँ, वनों की कटाई, जंगलो को जलना, प्रदूषण, ईंधनो के जलने इत्यादि से होता है। ग्लोबल वार्मिंग को रोकने और धरती में सुधार के लिए तुरंत कदम उठाए जाने चाहिए।
ग्रीन हाउस गैसों में कार्बोनडाइऑक्साइड सबसे महत्वपूर्ण गैस है जिसे हम इंसान अपनी साँस के साथ छोड़ते है। वैज्ञानिकों का कहना है पिछले कुछ सालों में इस गैस की मात्रा काफी बढ़ी है जिससे तापमान में काफी वृद्धि हुई है।
ग्रीन हाउस इफ़ेक्ट क्या है?
यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा की ग्रह या उपग्रह के पर्यावरण में स्थित कुछ गैसे वातावरण के तापमान को और ज़्यादा गर्म बनाने में मदद करती है। इन ग्रीन हाउस गैसों में कार्बोनडाइऑक्साइड, जल- वाष्प एवं मीथेन आदि सम्मिलित है।
इसी के साथ साथ जानते है की कौन कौन ग्लोबल वार्मिंग के ज़िम्मेदार है :
1. जीवाश्म ईंधन
2. वनो की कटाई
3. खेतो में की जाने वाली गतिविधिया
4. फ़ैक्टरिया
5. जनसँख्या वृद्धि
ग्लोबल वार्मिंग के परिणाम
इसके परिणाम स्वरुप ग्रीन हाउस गैसे जो पृथ्वी के वातावरण को बढ़ने में कार्य करती है। पर्यावरण वैज्ञानिको के अनुसार यदि तापमान में इसी तरह वृद्धि होती रही तो पृथ्वी का तापमान 3 डिग्री सेल्सियस से 8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है और यदि ऐसा होता है तो इसके परिणाम काफी खतरनाक साबित हो सकते है।
वातावरण में परिवर्तन हो सकता है जिससे दुनियां के अलग अलग हिस्सों में बिछी बर्फ की चादर पिघल सकती है, समुद्र का जल स्तर कई फ़ीट बढ़ सकता है। समुद्र के इस बर्ताव से भारी तबाही हो सकती है। यदि ऐसा होता है तो यह हमारी पृथ्वी के लिए काफी हानिकारक साबित हो सकता है।
ग्लोबल वार्मिंग से बचने के उपाय
वैज्ञानिको का कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग में कमी लानी है तो हमे मुख्या रूप से सी.एफ.सी गैसों का उत्सर्जन रोकना होगा। इसके लिए ए.सी., फ्रिज तथा दूसरी कूलिंग की मशीनो का उपयोग कम करना होगा और उन मशीनो का उपयोग करना होगा जिनसे से सी.एफ.सी गैस कम निकलती हो। फैक्टरियों से निकलने वाला धुआँ भी हानिकारक है क्योकि वो कार्बनडाईऑक्साइड छोड़ता है जिससे तापमान गर्म हो जाता है।
गाड़ियों में से निकलने वाले धुए का प्रभाव रोकने के लिए हमे पर्यावरण के नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। उद्योगों तथा फैक्टरियों में से निकलने वाले कचरे को दुबारा इस्तेमाल में लाने लायक बनाना होगा। सबसे पहले हमे वनों की कटाई पर रोक लगनी होगी, जंगलो को जलने से रोकना होगा और जंगल संरक्षण में ध्यान देना होगा।
यदि यह सब उपाय किये जाए तो वातावरण को गर्म करने वाली गैसों पर नियंत्रण में लाया जा सकता है जिससे तापमान में वृद्धि नहीं होगी और यह ग्लोबल वार्मिंग से बचने में सहायता करेगा। इन सब उपायों को करने के बाद हमारी पृथ्वी इस खतरे से बाहर आ सकती है।
जागरूकता
वैसे तो ग्लोबल वार्मिंग को रोकने का उपाय पहले ही बता चुके है किन्तु इतना ही काफी नहीं है , यह केवल कुछ लोगो की सहायता से सफल नहीं हो पाएगा हमे इसके बारे में जनता को जागरूक करना होगा , हम सब को एकजुट हो कर इस समस्या से लड़ना होगा और अपनी पृथ्वी को “ ग्रीन” बनाना होगा।
हमे अपने आस पास के वातावरण को स्वच्छ रखना होगा, किसी भी प्रकार के प्रदूषण से मुक्त करना होगा केवल ऐसा करने से ही हम इस समस्या से बच सकेंगे तथा अपनी पृथ्वी को भी बचा सकेंगे।
निष्कर्ष
हमे अपने जीवन तथा इस पृथ्वी को बचे के लिए जागरूकता फैलानी होगी तथा बताए गए उपायों को लागू करना होगा। जैसा की आप सब को ऊपर पढ़ के यह समझ आ चुका होगा कि हमारी पृथ्वी के तापमान में काफी तेज़ी से वृद्धि हो रही है। सरकार को नागरिको की सहभागिता हांसिल करने के लिए तुरंत कदम उठाने होंगे। पृथ्वी को बचाये रखने तथा स्वस्थ रखने के लिए ग्लोबल वार्मिंग की समस्याओ से लड़ना होगा और अगर हमे इस लड़ाई में विजय हांसिल करनी है तो देशो को एकजुट होना होगा क्योकि यह किसी एक अकेले देश के बस में नहीं है।