कौन है निखत ज़रीन, जीवन परिचय, जीवनी | Nikhat Zareen biography in hindi

Advertisements

निखत ज़रीन बनीं वर्ल्ड चैम्पियन, रचा इतिहास, आइये जाने कौन है निखत ज़रीन?, निखत ज़रीन का जीवन परिचय (Nikhat Zareen biography in hindi, age, caste, religion, awards)

भारतीय मुक्केबाज निकहत जरीन नई दिल्ली, 19 मई (2022) तुर्की के इस्तांबुल में फाइनल के एकतरफा मुकाबले में महिला विश्व चौंपियनशिप थाईलैंड की जिटपोंग जुटामस को हराकर विश्व चैंपियनशिप जीती। उन्होंने विश्व का सबसे प्रतिष्ठित मुक्केबाजी खिताब जीतकर भारत का नाम रोशन कर दिया था। यह को हराकर, भारत की पांचवीं महिला मुक्केबाज बन गई है जिसने विश्व चैंपियनशिप जीती थी।

अब एक बार फिर से निखत ज़रीन ने पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन कर दिया है और वर्ल्ड चैंपियन बन गई हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि निखत ज़रीन दूसरी बार महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप की गोल्ड विजेता बनी हैं। इस गोल्ड मेडल की बदौलत उन्होंने नया इतिहास भी रचा है। आइए जानते हैं निखत ज़रीन का जीवन परिचय तथा उनकी उपलब्धियां।

Advertisements

विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप मे दूसरा गोल्ड जीतकर बनीं वर्ल्ड चैंपियन-

26 मार्च 2023 को निखत ज़रीन ने महिला बॉक्सिंग विश्व चैंपियनशिप में एक बार फिर स्वर्ण पदक जीतकर भारत नाम पूरी दुनिया में रोशन कर दिया है। वह लगातार दूसरी बार इस विश्व चैंपियनशिप की गोल्ड विजेता बन गई हैं। इसके पूर्व उन्होंने साल 2022 में विश्व चैंपियनशिप की दुनिया में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता था।

निखत ज़रीन ने इस वर्ल्ड चैंपियनशीप में 50 kg भार वर्ग की कैटेगरी मे अपना दूसरा गोल्ड मेडल जीता है। उनका फाइनल मुकाबला वियतनाम की बॉक्सर के साथ था जिसे उन्होंने 5-0 से मात दे दी और गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। इस जीत के साथ ही निखत ज़रीन ने एक नया इतिहास भी कायम किया है।

निखत ज़रीन, भारतीय महिला बॉक्सर मैरी कॉम के बाद बॉक्सिंग के विश्व चैंपियनशिप टूर्नामेंट में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली दूसरी महिला बॉक्सर हैं।

इससे पहले किसने जीता था यह खिताब?

सबसे पहले एमसी मैरीकोम ने सन 2002, 2005, 2006, 2008, 2010, 2018 में छह बार इस खिताब पर कब्जा कर चुकी है। जेनी आरएल और लेखा केसी, सरिता देवी (2006) भी विश्व खिताब इससे पहले जीत चुकी हैं भारत के लिए (2018) में मैरीकोम ने स्वर्ण पदक जीता था।

निकहत जरीन ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास में अपना नाम भी दर्ज कर दिया है 52 किग्रा-कैटेगरी निकहत जरीन ने थाईलैंड को 5-0 से हराकर इतिहास में अपना नाम बनाकर स्वर्ण पदक जीता है।

कई सालों की कड़ी मेहनत और बुलंद हौसले से निकहत जरीन को सफलता प्राप्त हुई है और 24 साल की उम्र में ही विश्व में नया रिकॉर्ड बनाया। फिर से गौरव दिलाने वाली भारत की यह पांचवीं महिला है।

Nikhat-Zareen-biography-in-hindi

कौन है निखत ज़रीन, संक्षिप्त परिचय, जीवनी (Nikhat Zareen biography in hindi)

असली नामनिखत जरीन
जन्म (Date of Birth)14 जून 1996
जन्म स्थान (Place of Birth)निजामाबाद, तेलंगाना, भारत
आयु26 वर्ष (2022)
पेशा (Professions)महिला, मुक्केबाज
राष्ट्रीयताभारतीय
धर्म एवं जाति (caste, religion)मुस्लिम
शैक्षिक योग्यता (Educational Qualification)ग्रेजुएट, स्नातक
स्कूल (School)निर्मला हृदय गर्ल्स हाई स्कूल, निजामाबाद, तेलंगाना
कॉलेज (College)एवी कॉलेज, हैदराबाद
बॉक्सिंग कोचशमशामुद्दीन
वजन (Weight)51 kg
ऊंचाई (Height)6 फीट (6’ ft )
पारिवारिक (Family Details)
माता का नाम(Mother)परवीन सुल्ताना
पिता का नाम (Father)मोहम्मद जमील अहमद
बहनें (Sibling)अंजुम मिनाज, अफनान जरीन
वैवाहिक स्थितिअविवाहित

प्रारम्भिक जीवन, निखत ज़रीन की बॉक्सिंग से दोस्ती-

निखत ज़रीन को 13 साल की उम्र में ही बॉक्सिंग से लगाव हो गया था। निखत ज़रीन का जन्म 14 जून 1996 में तेलंगाना के निजामाबाद में हुआ था। निखत ज़रीन के पिता का नाम मोहम्मद जमील अहमद है और माता का नाम परवीन सुल्ताना है।

निखत ज़रीन के माता-पिता हमेशा यही चाहते हैं कि उनकी बेटी कुछ बड़ा करें, इसलिए वे उसका हौसला बढ़ाते थे। बचपन में निखत ज़रीन के मन में बॉक्सिंग का ख्याल तब आया जब उसने पहली बार अपने चाचा को बॉक्सिंग खेलते हुए देखा था। तभी से छोटी सी उम्र में ही निकहत जरीन मन में ही फैसला किया कि वह बड़ी होकर बॉक्सिंग ही करेगी, निकहत जरीन के परिवार को यह बात जानकर अजीब लगा था लेकिन उसके पिता ने उसे इस बात की मंजूरी दे दी और उसका हौसला बने।

शुरू – शुरू में बॉक्सिंग की ट्रेनिंग निखत ज़रीन को उसके पिता ने ही दी थी उसके बाद विशाखापट्टनम भेज दिया ट्रेनिंग के लिए, निखत ज़रीन ने दृढ़ इच्छाशक्ति और लगन से कठिन परिश्रम किया और 1 साल की ट्रेनिंग में सफल होकर इरोड नेशनल्स में 2010 में गोल्डन बेस्ट बॉक्सर का खिताब जीता।

2011 में निखत ज़रीन छोटी सी उम्र में तुर्की जाकर यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भाग लेकर गोल्ड मेडल जीतकर वापस आते हैं यह उनके लिए बहुत ही गर्व की बात थी की छोटी सी उम्र में इतनी बड़ी सफलता हासिल की।

निखत ज़रीन भारत की वह स्टार हैं जिनको 13 साल की उम्र में ही बॉक्सिंग से दोस्ती हो गई थी, यह भारतीय मुक्केबाज खिलाड़ी एमसी मैरीकोम को अपना आदर्श मानती हैं एमसी मैरीकोम के साथ कई बार निखत ज़रीन का भीड़ना हुआ, बहुत छोटी सी उम्र में इनका लगाव बॉक्सिंग से हो गया था। यह बहुत ही मेहनती और सफलता पाने वाली महिला हैं।

आइये इन्हे भी जाने:-
> मैग्निफिसेंट मैरी’ मैरी कॉम कौन हैं?
> लवलीना बोरगोहेन का जीवन परिचय
> बैडमिंटन स्टार पी वी सिंधु की जीवनी
> मनिका बत्रा भारतीय महिला टीम की टेबल टेनिस की सबसे दिग्गज खिलाड़ी
> औलम्पिक में रजत मैडल हासिल करने वाली पहली महिला वेटलिफ्टर मीराबाई चानू 

निखत ज़रीन का विवाद-

अपने हक के लिए हमेशा से निखत ज़रीन लड़की चली आ रही है अपने हक के लिए कई बार यह एमसी मैरीकोम से भी लड़ी हैं51 किग्रा कैटेगरी के लिए ओलंपिक में बगैर ट्रायल के छह बार की वर्ल्ड चैंपियन एमसी मैरीकोम को सेलेक्ट किया गया तब उसी समय चेयरमैन राजेश भंडारी द्वारा निखत ज़रीन को भविष्य के लिए रखा गया है।

 खेल मंत्री किरण रीजुजू को पत्र लिखा मैरीकोम का विवाद के बाद ट्रायल हुआ था मैरीकोम और निखत ज़रीन का मुकाबला कराया गया जिसमें एमसी मैरीकोम ने जीत हासिल की थी। निखत ज़रीन और मैरीकोम के बीच विवाद ज्यादा होने के कारण जीत के बाद मैरीकोम ने निकहत जरीन से हाथ भी नहीं मिलाया। इसके अलावा टोक्यो ओलंपिक में निखत ज़रीन द्वारा ट्रायल की मांग करने पर प्रेस के सामने मैरीकोम ने पूछा था कि-निखत ज़रीन कौन है? इसी तरह ज्यादा कर विवाद मैरीकोम से ही निखत ज़रीन का था।

निखत ज़रीन की मुक्केबाजी-

निखत ज़रीन के लिए यह मुकाबला आसान नहीं था बहुत ही कठिन और कड़ा मुकाबला था क्योंकि जिस खिलाड़ी को हराकर निनिखत ज़रीन फाइनल में पहुंची। वह कोई आम खिलाड़ी नहीं थी इससे पहले वो 3 वर्ल्ड कप में चैंपियन रह चुकी थी लेकिन निखत ज़रीन ने शुरू से अच्छा और समझदारी के साथ खेला शुरुआती 3 मिनट में ही जुटामस पर दनादन मुक्के बरसाए अपने ढंग से खेलने की वजह से जीत हासिल की थी।

इन्होंने एक भी ऐसा दाव नहीं दिया सामने वाले खिलाड़ी को कि वह अपना बाजी पलट सके जुटामस और निखत ज़रीन के बीच शुरू से लेकर अंत तक एक तरफा ही खेल चलता रहा, शुरू से ही निकहत जरीन ने वार ही किया था अंत में निकहत जरीन ने 5-0 से जुटामस को हराकर जीत हासिल की और निखत ज़रीन के माथे पर जीत का ताज सजा।

यह जीत केवल निखत ज़रीन की ही नहीं बल्कि हमारे पूरे देश के गौरव की बात है भारत देश के लिए यह बहुत खुशी और गौरव की बात है की परिश्रम से भरा कठिन सफर तय  कर जरीन ने यह जीत हासिल की है।

निखत ज़रीन को अब तक मिलने वाले अवार्ड (Nikhat Zareen awards)

भारत की पांचवी बॉक्सिंग चैंपियन महिला निखत ज़रीन है छोटी सी उम्र में ही निखत ज़रीन ने बॉक्सिंग की दुनिया में अपना एक नया और अलग ही रिकॉर्ड बनाया है।

निखत ज़रीन को अब तक में कई सारे गोल्डन  अवार्ड मिल चुके हैं जो इस प्रकार है-

  1. यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप टर्की में गोल्डन मेडल 2011 में मिला था।
  2. 2014 में निखत ज़रीन को बॉक्सिंग चैंपियनशिप बुलगारीया में और मेडल मिला था।
  3. नेशनल कप इंटरनेशनल बॉक्सिंग 2014 में सर्बिया के खेल में 51 किलोग्राम कैटेगरी में निकहदत जरीन को गोल्ड मेडल मिला था।
  4. 2015 जालंधर में बेस्ट बॉक्सर का खिताब जीता था और 2015-2016 में निखत ज़रीन ने सीनियर महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्डन मेडल जीता था।
  5. थाईलैंड ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट 2019 के बैंकॉक में सिल्वर मेडल जीता था, और बुलगारिया में स्ट्रेंडजा मेमोरियल के 2019 में बॉक्सिंग टूर्नामेंट में गोल्डन मेडल जीता था।
  6. निखत ज़रीन ने 2022 में एक बार फिर भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता है इसी तरह कई अवार्ड और नेशनल गोल्ड जीता है।
  7. 26 मार्च 2023 को निखत ज़रीन ने विश्व महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप मे अपना दूसरा गोल्ड मेडल जीता।
Homepage Follow us on Google News

FAQ

निखत ज़रीन (Nikhat Zareen) कौन है?

निखत जरीन भारत की पाचंवी महिला मुक्केबाज है जिन्होंने विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप जीती है। इन्होंने थाईलैंड की मजबूत दावेदार जिटपोंग जुटामस को हराकर 2022 का विश्व मुक्केबाजी का खिताब जीता है।

निखत ज़रीन शादीशुदा है?

नहीं, उनकी शादी नहीं हुई है

निखत ज़रीन पिता का नाम क्या है?

मोहम्मद जमील अहमद

Leave a Comment