Advertisements

Pravasi Bharatiya Divas 2023: कब और क्यों मनाया जाता है प्रवासी भारतीय दिवस? थीम, इतिहास और महत्व | NRI Day 2023 Theme and History in Hindi

कब और क्यों मनाया जाता है प्रवासी भारतीय दिवस?, प्रवासी भारतीय दिवस का इतिहास, थीम, महत्व (NRI Day 2023 Theme and History in Hindi)

Pravasi Bharatiya Divas 2023: भारत में 9 जनवरी 2023 को प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाएगा। भारतीय विदेश मंत्रालय की अगुवाई में 9 जनवरी का दिन प्रवासी भारतीय दिवस के रुप में मनाया जाता है। प्रवासी भारतीय दिवस मनाने की शुरुआत साल 2003 में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी के नेतृत्व में हुई थी।

Advertisements

औपचारिक तौर पर 9 जनवरी 1915 को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौट कर आए थे जिसके उपलक्ष में प्रवासी भारतीय दिवस मनाने के लिए 9 जनवरी का दिन चुना गया। भारत में इस दिन के अवसर पर प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आयोजन किया जाता है और विदेशों में रह रहे कुछ चुनिंदा भारतीयों को प्रवासी भारतीय सम्मान से नवाजा जाता है।

कब और क्यों मनाया जाता है प्रवासी भारतीय दिवस?

भारत में 9 जनवरी का दिन प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में मनाया जाता है। सन् 2015 के पहले 9 जनवरी को हर साल प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता था। लेकिन साल 2015 में इसे संशोधित कर दिया गया और अब हर दो साल में एक बार प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है। साल 2015 के बाद हर प्रवासी भारतीय दिवस एक नई थीम के साथ मनाया जाने लगा।

सन 1915 में 9 जनवरी के दिन ही महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस लौट कर आए थे जिसके उपलक्ष में प्रवासी भारतीय दिवस मनाने की शुरुआत हुई।

प्रवासी भारतीय दिवस का संक्षिप्त विवरण (Pravasi Bharatiya Divas NRI Day in hindi)

प्रवासी भारतीय दिवस क्यों मनाया जाता है?देश का नाम रोशन करने वाले प्रवासी भारतीयों के सम्मान में
प्रवासी भारतीय दिवस कब मनाया जाता है?9 जनवरी
पहली बार कब शुरु हुआ?9 जनवरी 2003
कहां-कहां मनाया जाता है।पूरे भारत में
कब और क्यों मनाया जाता है प्रवासी भारतीय दिवस  | NRI-Day-Pravasi-Bharatiya-Divas-kab-hai

प्रवासी भारतीय दिवस का इतिहास (NRI Day 2023 Theme and History in Hindi)

प्रवासी भारतीय दिवस मनाने की शुरुआत साल 2003 में हुई। इसे मनाने की शुरुआत तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी ने की थी।

हालांकि प्रवासी भारतीय दिवस मनाने की घोषणा भारत की राजधानी नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 8 जनवरी 2002 को की गई थी जिसके बाद साल 2003 में अटल बिहारी वाजपेई जी के नेतृत्व में इसे मनाने की शुरुआत हुई।

9 जनवरी 2003 को पहला भारतीय प्रवासी दिवस मनाया गया। इस मौके पर प्रवासी भारतीय सम्मेलन के आयोजन की शुरुआत हुई जिसमें दुनिया के कोने कोने से प्रवासी भारतीयों ने हिस्सा लिया।

साल 2003 से लेकर 2015 तक लगातार हर साल 9 जनवरी के दिन प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता था। लेकिन साल 2015 में इसे संशोधित करने का निर्णय लिया गया और भारतीय प्रवासी दिवस 2 साल में एक बार मनाया जाता है।

साल 2015 में ही प्रवासी भारतीय दिवस को थीम के साथ मनाने की भी शुरुआत हुई थी जिसके बाद अब हर साल यह दिन नई थीम के साथ मनाया जाता है। 9 जनवरी 2015 को प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार अपना भारत, अपना गौरव थीमके साथ मनाया गया था।

Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram group Join Now

कैसे मनाया जाता है प्रवासी भारतीय दिवस?

प्रवासी भारतीय दिवस हर बार एक नई थीम के साथ मनाया जाता है। इसे थीम के साथ मनाने की शुरुआत साल 2015 में हुई थी जब पहली बार इसे 9 जनवरी 2015 को अपना भारत, अपना गौरव थीम के साथ मनाया गया था।

प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आयोजन किया जाता है जिसमें दुनिया के कोने कोने से विदेशों में रहने वाले भारतीय हिस्सा लेते हैं। प्रवासी भारतीय दिवस मनाने के लिए अक्सर तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।

औपचारिक तौर पर प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का आयोजन 8 जनवरी से ही शुरू हो जाता है। एक ओर जहां 9 जनवरी के दिन प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आयोजन होता है तो वहीं 10 जनवरी को चुनिंदा प्रवासी भारतीयों को प्रवासी भारतीय सम्मान भेंट करने के साथ ही कार्यक्रम की समाप्ति हो जाती है।

आइये जाने- राष्ट्रीय युवा दिवस का उद्देश्य, इतिहास व निबंध (National Youth Day 2023)

Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram group Join Now

प्रवासी भारतीय दिवस का महत्व –

प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का प्रमुख उद्देश्य विदेशों में रहने वाले प्रवासी भारतीयों को राष्ट्र की संस्कृति, गौरव, और विकास में बढ़ावा देने के लिए उन्हें सम्मानित करना और उनके सक्रिय योगदानों की सराहना करना है।

प्रवासी भारतीय सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कुछ प्रमुख प्रवासी भारतीय समुदाय के लोगों को चुना जाता है जिन्होंने कला और संस्कृति, शिक्षा, विज्ञान और तकनीकी, अर्थ और व्यवसाय, तथा सामाजिक और सामुदायिक कल्याण के क्षेत्र में विशेष योगदान दिए हैं।

समझ लीजिए कि वास्तविकता में प्रवासी भारतीय सम्मेलन प्रवासी भारतीय समुदाय के लोगों के लिए आपसी चर्चा का एक मंच है जहां विशेष मुद्दों पर सार्वजनिक चर्चा की जाती है। प्रवासी भारतीय सम्मेलन के साथ ही भारतीय समुदाय के लोगों को भी प्रवासी भारतीय समुदाय के लोगों से जुड़ने के अवसर प्राप्त होते हैं।

इतना ही नहीं प्रवासी भारतीय दिवस के कार्यक्रमों के अंतिम दिन प्रवासी भारतीय समुदाय के विशिष्ट लोगों को उनके योगदान के लिए प्रवासी भारतीय सम्मान से भी सम्मानित किया जाता है, जो इन कार्यक्रमों के आयोजन का प्रमुख उद्देश्य है।

प्रवासी भारतीय सम्मेलन में प्रवासी भारतीय समुदाय के लोगों द्वारा साझा किए गए नीति और विचार के तत्व भारत की आर्थिक सामाजिक और राजनीतिक स्थिति के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

प्रवासी भारतीय दिवस 2023 –

इस साल 9 जनवरी 2023 को 17वां प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाएगा। यह 17 वां प्रवासी भारतीय सम्मेलन मध्य प्रदेश सरकार की साझेदारी में मध्य प्रदेश के इंदौर में आयोजित होगा।

इंदौर में आयोजित 17 वें प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रमों के 3 खंड होंगे जिनकी औपचारिक शुरुआत 8 जनवरी 2023 को ही हो जाएगी।

8 जनवरी 2023 को युवा प्रवासी भारतीय दिवस का उद्घाटन और युवा कार्यक्रम खेल मंत्रालय की साझेदारी में किया जाएगा।

9 जनवरी 2023 को भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी प्रवासी भारतीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे जिसमें गुयाना गणराज्य के राष्ट्रपति डॉक्टर मोहम्मद इरफान अली मुख्य अतिथि के रूप में होंगे। इसके अलावा इस कार्यक्रम में सूरीनाम गणराज्य के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोषी की विशेष सम्मानित अतिथि के तौर पर प्रवासी भारतीय सम्मेलन को संबोधित करेंगे।

इस बार 17 वें प्रवासी भारतीय दिवस के विशेष मौके पर एक स्मारक डाक टिकट सुरक्षित जाएं, प्रशिक्षित जाएं भी जारी किया जाएगा।

10 जनवरी 2023 को माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा प्रवासी भारतीय समुदाय के चुनिंदा लोगों को प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित किया जाएगा इसके अलावा माननीय राष्ट्रपति समापन पत्र की अध्यक्षता भी करेगी।

प्रवासी भारतीय दिवस 2023 की थीम –

प्रवासी भारतीय दिवस हर 2 साल में एक बार विशेष थीम के साथ मनाया जाता है। 9 जनवरी 2023 को 17वां प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाएगा जिसकी थीम  प्रवासी: अमृत काल में भारत की प्रगति के विश्वसनीय भागीदार रखी गई है। इस बार प्रवासी भारतीय दिवस के कार्यक्रम इंदौर में आयोजित किए जाएंगे।

पिछली बार 2021 में आयोजित 16 वें प्रवासी भारतीय दिवस की थीम आत्मनिर्भर भारत में योगदान रखी गई थी। साल 2015 में जब प्रवासी भारतीय दिवस को थीम के साथ मनाने की शुरुआत हुई तो पहली बार इस कार्यक्रम की थीम अपना भारत, अपना गौरव रखी गई थी।

प्रवासी भारतीय सम्मान क्या है?

प्रवासी भारतीय सम्मान प्रवासी भारतीय समुदाय के चुनिंदा लोगों के लिए एक विशिष्ट सम्मान है जिसे प्रवासी भारतीय व्यक्तियों को कला एवं संस्कृति, विज्ञान एवं तकनीकी, अर्थ एवं व्यापार, मीडिया एवं विधि तथा शिक्षा आदि जैसे क्षेत्रों में विशेष योगदान के लिए दिया जाता है।

इसे भारतीय राष्ट्रपति द्वारा कार्यक्रम के अंतिम दिन दिया जाता है और प्रवासी भारतीय सम्मेलन में भाग लिए प्रवासी भारतीयों को दिया जाता है। 2023 में इस बार 27 प्रवासी भारतीयों को प्रवासी भारतीय सम्मान से पुरस्कृत किया जाएगा। 10 जनवरी 2023 को कार्यक्रम की समाप्ति के दौरान भारतीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी इन प्रवासी भारतीयों को इस सम्मान से पुरस्कृत करेंगी।

तो दोस्तों आज इस आर्टिकल में हमने आपके साथ प्रवासी भारतीय दिवस 2023 की थीम, इतिहास और महत्व (NRI Day 2023 Theme And History In Hindi) के बारे में चर्चा की। उम्मीद करते हैं कि यह आर्टिकल आपको बेहद पसंद आया होगा।

FAQ

प्रवासी भारतीय दिवस कब है?

इस साल 9 जनवरी 2023 को 17वां प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाएगा।

प्रवासी भारतीय दिवस 2023 की थीम क्या है?

प्रवासी : अमृत काल में भारत की प्रगति के विश्वसनीय भागीदार

पहला प्रवासी दिवस कब मनाया गया था?

इसको मनाने की घोषणा 2002 में हुई।इसको मनाने की शुरुआत साल 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी ने की।

इन्हें भी पढ़ें-
1. स्वामी विवेकानंद - राष्ट्रीय युवा दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?
2. महान साहित्यकार रविन्द्रनाथ टैगोर का जीवन परिचय (rabindranath tagore biography)
3. भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी
4. भारत की प्रथम मुस्लिम महिला फातिमा शेख का जीवन परिचय
5. शिक्षक दिवस का इतिहास व रोचक तथ्य
6. विश्व ब्रेल दिवस 2023,  लुई ब्रेल कौन थे?
7. विश्व हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है?

Leave a Comment