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कौन थे छत्रपति शिवाजी महाराज, जयंती 2023 बायोग्राफी, इतिहास | Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti History in Hindi

कौन थे छत्रपति शिवाजी महाराज? वीर मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी का जीवन परिचय, इतिहास, मृत्यु कैसे हुई, जयंती 2023, वंशज, युद्ध, निबंध (Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti History in Hindi, maratha empire Chhatrapati Shivaji Maharaj Biography hindi) (Jayanti, Death, Family, Katha, Speech, Quotes, Essay, Story hindi)

भारत की पवित्र मिट्टी एक ऐसी मिट्टी है जिसने एक से बढ़कर एक योद्धाओं और शूर वीरों को जन्म दिया है। भारत के इन सच्चे सपूतों की शौर्य वीर गाथाएं आज भी मातृभूमि की मिट्टी में अजर अमर है। जब भी भारत के सबसे शूरवीर राजाओं और योद्धाओं की गणना की जाती है तो उसमें छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम जरूर लिया जाता है।

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छत्रपति शिवाजी महाराज भारत के सबसे शूरवीर और महान राजाओं में से एक थे जिन्होंने मुग़ल सल्तनत की ईंट से ईंट बजा दी थी। मराठा साम्राज्य की नींव रखने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज एक अद्वितीय भारतीय योद्धा देशभक्त और कूटनीतिज्ञ थे।

शिवाजी महाराज की प्रशासनिक रणनीतियां आज भी युद्ध की सबसे कुशल रणनीतियां मानी जाती हैं। इतना ही नहीं आज पूरी दुनियां उनकी अनूठी छापामार युद्ध की शैली का लोहा मानती है।

19 फरवरी 2023 को महाराष्ट्र समेत पूरे भारत में छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती 2023 (Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2023) मनाई जाएगी। चलिए आज इस खास लेख में छत्रपति शिवाजी महाराज का जीवन परिचय इतिहास और जयंती 2023 (Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti History in Hindi : Shivaji History story in Hindi) के बारे में जानते हैं।

विषय–सूची

छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती 2023 बायोग्राफी: (Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti History in Hindi)

भारत में हर साल 19 फरवरी का दिन छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन भारतीय शूरवीर और हिंदू हृदय सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज पैदा हुए थे। इस बार 19 फरवरी 2023 को भी छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मनाई जाएगी।

शिवाजी महाराज की जयंती के उपलक्ष में भारतवर्ष में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और उनकी शौर्य गाथा को याद किया जाता है। शिवाजी महाराज की जयंती भारतीयों के लिए एक गौरव का पर्व है।

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छत्रपति शिवाजी महाराज की जीवनी (Chhatrapati Shivaji Maharaj Biography in Hindi)

मराठा साम्राज्य की नींव डालने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज 19 फरवरी 1630 को महाराष्ट्र के पुणे जिले के शिवनेरी दुर्ग में पैदा हुए थे। उनका मूल नाम शिवाजी भोंसले था जिन्हें राज्य अभिषेक के दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज की उपाधि प्राप्त हुई।

छत्रपति शिवाजी महाराज के पिता शाहजी भोंसले थे जबकि उनकी माता का नाम जीजाबाई था। शिवाजी महाराज भारत के सबसे हिंदू राजाओं में से एक माने जाते हैं।

सन् 1674 में छत्रपति शिवाजी महाराज ने ही पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव डाली और रायगढ़ में राज्याभिषेक के दौरान छत्रपति की उपाधि धारण की। शिवाजी महाराज धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति के जो अपने धर्म और राष्ट्र दोनों का बेहद सम्मान करते थे और दोनों के लिए ही बलिदान देने को सदैव तत्पर रहते थे।

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छत्रपति शिवाजी महाराज जीवन परिचय, सक्षिप्त परिचय (Chhatrapati Shivaji Maharaj Biography in hindi)

पूरा नाम (Full Name)शिवाजी शहाजी राजे भोसले
प्रसिद्ध नामछत्रपति शिवाजी
जन्म स्थान (Birth Place)शिवनेरी दुर्ग, पुणे
जन्म (Date of Birth)19 फ़रवरी 1630
जयंती कब है?19 फ़रवरी
धर्म (religion)हिंदू
जाति (Cast)कुर्मी
वंशभोंसले
राजघरानामराठा
गौत्रकश्यप
राज्याभिषेक6 जून, 1674 ई.
शासन काल 38 वर्ष ( 1674 – 1680 ई.)
मृत्यु3 अप्रैल 1680
उम्र50 साल
मृत्यु का स्थानरायगढ़ किला, पुणा
समाधिरायगढ़
पिता शहाजी राजे
माताजीजाबाई
भाई का नामसौतेला भाई – इकोजी
वैवाहिक स्थितिवैवाहिक (4 शादियाँ की)
पत्नीसइबाई निम्बालकर (1640-1659)
सोयराबाई मोहिते (1680)
पुतळाबाई पालकर (1653-1680)
सकवरबाई गायकवाड़ (1656-1680)
बच्चेआठ
बेटेंसंभाजी (सइबाई), राजाराम (सोयराबाई)
बेटियाँकमलाबाई (सकवरबाई), रूनुबाई (सइबाई), अंबिकाबाई (सइबाई), सखुबाई (सइबाई), दीपाबाई (सोयराबाई),

शिवाजी महाराज की शिक्षा–

शिवाजी महाराज को धार्मिक शिक्षा उनके दादा जी कोंड देव और उनकी माता जीजाबाई से मिली। शिवाजी महाराज को रामायण और महाभारत जैसे धार्मिक ग्रंथों में बेहद रूचि थी।

छत्रपति शिवाजी महाराज के दादा कोंड देव ने ही उन्हें एक कुशल रणनीतिज्ञ बनाया और युद्ध कला, प्रशासनिक कौशल और घुड़सवारी आदि की शिक्षाएं प्रदान की।

शिवाजी महाराज इतनी प्रबल बुद्धि के थे कि बेहद कम समय में ही वह नए-नए कौशल सीख लिया करते थे और उनमें निपुण भी हो जाया करते थे। उनकी सी प्रतिभा ने उन्हें एक कुशल कूटनीतिज्ञ और प्रशासक बनाया।

शिवाजी महाराज का परिवार–

शिवाजी महाराज के पिता शाहजी भोंसले बीजापुर में जनरल के पद पर थे। उस समय बीजापुर सल्तनत की सत्ता डेक्कन के सुल्तान के हाथों में थी। उनकी माता जीजाबाई बेहद धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थी।

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शिवाजी महाराज की माताजी उन्हें सदैव रामायण और महाभारत के रोचक और प्रेरणादायक प्रसंग सुनाया करती थी जिसका उनके जीवन पर बहुत गहरा असर पड़ा है और उनकी भी प्रवृत्ति धार्मिक हो गई।

बाद में शिवाजी महाराज के पिता शाहजी भोंसले ने तुकाबाई के साथ अपना दूसरा विवाह कर लिया और उनके साथ कर्नाटक चले गए। पिताजी के जाने के बाद शिवाजी महाराज का भरण पोषण उनकी माता और उनके दादाजी कोंड देव ने किया और उन्हें प्रशासनिक और धार्मिक शिक्षाएं प्रदान की।

छत्रपति शिवाजी की 4 पत्नियां थी। महज 12 साल की उम्र में उनका विवाह साईं बाई के साथ हो गया था।

छत्रपति शिवाजी महाराज का स्वर्णिम इतिहास–

साल 1645 में महज 15 साल की उम्र में छत्रपति शिवाजी ने तोरण किले पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया। धीरे-धीरे शिवाजी महाराज अपना प्रभुत्व आगे बढ़ा दे गए और उन्होंने कोंडाना पर भी अपना आधिपत्य जमा लिया।

छत्रपति शिवाजी महाराज के बढ़ते प्रभुत्व को देखकर बीजापुर का सुल्तान भयभीत हो गया और उसने उनकी शक्तियों का दमन करने के लिए उनके पिता शाहजी भोंसले को बंदी बना लिया। पिता को मुक्त कराने शिवा जी महाराज ने कोंडाना का किला छोड़ दिया। 1645 में खराब स्वास्थ्य के कारण शिवाजी महाराज के पिता शाहजी की मृत्यु हो गई। पिता की मृत्यु के बाद 1656 के करीब छत्रपति शिवाजी महाराज ने जावेली पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया।

शिवाजी की बढ़ती शक्तियों और प्रभुत्व को देखते हुए आदिल शाह ने उनकी शक्तियों का दमन करने के लिए और उन्हें जान से मारने के लिए अपने सेनापति अफजल खान को शिवाजी महाराज के पास भेजा।

कहा जाता है कि प्रतापगढ़ के किले के पास अफजल खान ने शिवाजी महाराज से भेंट की और भेंट के दौरान गले मिलने पर उन पर आक्रमण कर दिया। लेकिन शिवाजी महाराज पहले से ही अफजल खान की नीतियों को समझ चुके थे इसीलिए शरीर पर कवच पहन कर गए थे और हाथों में बाघ नख लगा रखा था।

जब अफजल खान ने शिवाजी के ऊपर जानलेवा हमला किया तो जवाब में छत्रपति शिवाजी महाराज ने भी अपने बाघ नख से उसका शरीर घायल कर दिया। कवच के कारण शिवाजी महाराज को कोई क्षति नहीं पहुंची लेकिन उनके भीषण प्रहार से अफजल खान की मौत हो गई।

घटना के तुरंत बाद शिवाजी के सैनिकों ने बीजापुर पर आक्रमण कर दिया। आखिरकार 10 नवंबर 1659 को छत्रपति शिवाजी महाराज ने बीजापुर के सुल्तान की सल्तनत को जड़ से उखाड़ फेंका।

मुगलों से संघर्ष–

जिस समय शिवाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य की स्थापना की उस समय भारत के अधिकांश हिस्सों पर मुगल शासन का आधिपत्य था। मराठा साम्राज्य के बढ़ते अधिपति को देखते हुए तत्कालीन मुगल शासक औरंगजेब ने अपने सूबेदार शाइस्ता खान को शिवाजी महाराज के साम्राज्य पर आक्रमण करने का आदेश दे दिया।

कहा जाता है कि शाहिस्ता खान ने अपनी पूरी सेना और अपने बेटे के साथ छत्रपति शिवाजी महाराज के साम्राज्य पर आक्रमण कर दिया और पुणे में लूटपाट मचानी शुरू कर दी। जवाब में छत्रपति शिवाजी महाराज ने भी उन पर आक्रमण कर दिया और कहा जाता है कि इस आक्रमण में शाइस्ता खान ने अपनी चार उंगलियां खो दी। इस संघर्ष में शाइस्ता खान का बेटा और कई मुगल सैनिक मारे गए।

कहा जाता है कि एक बार औरंगजेब ने छत्रपति शिवाजी महाराज को कैदी भी बना लिया और 5000 सैनिकों को उनकी देख रेख के लिए लगा रखा था। लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज कारावास में जाने वाली टोकरी में का सहारा लेकर अपनी चालाकी से बाहर निकल आए।

साल 1670 में छत्रपति शिवाजी महाराज ने सूरत में भारी-भरकम लूट की जिससे उनके हाथ तकरीबन 132 लाख की संपत्ति लगी। इस दौरान उन्होंने सूरत में मुगल सेना को भी पराजित किया।

मुगलों के साथ पुरंदर की संधि में शिवाजी को कई सारे राज्य मुगलों को देने पड़े थे। लेकिन 1674 तक शिवाजी महाराज ने अपने बलबूते पर उन सभी हिस्सों पर अधिकार कर लिया। 1674 में दूसरी बार शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक हुआ और उन्हें छत्रपति की उपाधि मिली।

मराठा साम्राज्य की स्थापना–

छत्रपति शिवाजी महाराज ने ही मराठा साम्राज्य की स्थापना की थी। 1674 में छत्रपति शिवाजी महाराज औपचारिक रूप से मराठा साम्राज्य के राजा घोषित हुए और उनका राज्याभिषेक हुआ।

छत्रपति शिवाजी महाराज की मृत्यु–

3 अप्रैल 1680 को महज 50 साल की उम्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की मौत हो गई। आज भी शिवाजी महाराज की मृत्यु एक पहेली बनी हुई है। जिसके बारे में कुछ इतिहासकारों का मानना है कि उनकी मौत एक स्वाभाविक मौत थी जबकि कुछ इतिहासकार मानते हैं कि उन्हें जहर दिया गया था।

निष्कर्ष

भारत का इतिहास बेहद समृद्धि इतिहास है। भारतीय इतिहास की समृद्धि का सबसे बड़ा कारण है भारतीय वीर सपूतों की शौर्य गाथा जिनका देश प्रेम आज भी भारतीय मिट्टी में सना हुआ है।

छत्रपति शिवाजी महाराज को हिंदू हृदय सम्राट माना जाता है। वह अपने धर्म और राष्ट्र से बेहद प्रेम करते थे। मुगल संघर्ष के दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज ने ही हिंदुओं के साथ होने वाले उत्पीड़नो का बदला लिया और भगवा पताका लहरा दिया।

आज इस आर्टिकल के जरिए हमने आपको छत्रपति शिवाजी महाराज का जीवन परिचय एवं इतिहास (Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti History in Hindi) के बारे में बताया। उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपको पसंद आया होगा।

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FAQ

कौन थे छत्रपति शिवाजी महाराज?

शिवाजी महाराज एक शूरवीर एवं महान मराठा सम्राट थे उन्होंने सभी मराठा राजाओं को एकजुट करके सम्राज्य स्थापित किया।

छत्रपति शिवाजी का शासनकाल कब से कब तक था।

शासनकाल 38 वर्ष (राज्याभिषेक – 6 जून 1674 से 1680 ई.)

शिवाजी महाराज ने कितनी शादियाँ की थी।

4 शादियाँ की

शिवाजी की पहली पत्नी का नाम क्या था

पहला विवाह सइबाई निम्बालकर (1640-1659) के साथ 12 वर्ष की आयु में किया।

शिवाजी महाराज का जन्म कब हुआ था

19 फ़रवरी 1630

छत्रपति शिवाजी किस गोत्र व जाति से थे?

गोत्र: कश्यप, जाति: कुर्मी

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