विश्व जनसंख्या दिवस पर निबंध 2023, निबंध, जनसंख्या वृद्धि समस्या, कारण, समाधान, कब मनाया जाता है, थीम (World Population Day, Essay, Speech, Slogans, Theme, Population Reason in Hindi)
भारत में जनसंख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है, बढ़ती जनसंख्या के कारण देश के नागरिकों को बेरोजगारी व गरीबी का सामना करना पड़ रहा है और साथ ही बढ़ती जनसंख्या के कारण है वातावरण भी दूषित होता जा रहा है।
बढ़ती जनसंख्या के कारण हमारे देश के नागरिकों को बेरोजगारी, गरीबी, भ्रष्टाचार और भूखमरी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बढ़ती जनसंख्या जैसी समस्या का समाधान के लिए हमारे देश में जनसंख्या दिवस मनाया जाता है।
हमारे देश के सभी नागरिकों को जागरूक करने के लिए जनसंख्या दिवस मनाया जाता है।तो आइए आज हम इस आर्टिकल के जरिए आपको बताएंगे कि विश्व जनसंख्या दिवस क्यों मनाया जाता है?, जनसंख्या दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य, जनसंख्या दिवस का महत्व, जनसंख्या दिवस का इतिहास आदि जनसंख्या दिवस की संपूर्ण जानकारी विस्तार से देंगे।
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विषय–सूची
विश्व जनसंख्या दिवस पर निबंध (Essay on World Population Day in hindi)
लेख का प्रकार | विश्व जनसंख्या दिवस पर निबंध |
कब मनाया जाता है | 11 जुलाई |
शुरुआत | 1987 |
साल 2023 | 36वां |
विषय 2023 | महिलाओं तथा बालिकाओं के स्वास्थ्य तथा अधिकारों सुरक्षित की रक्षा करना |
प्रस्तावना –
भारत की बढ़ती जनसंख्या को रोकने या नियंत्रण पाने के लिए हमारे देश में हर वर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। बढ़ती जनसंख्या की समस्या ही देश के विकास में बाधक है।
जनसंख्या वृद्धि के कारण ही दिन प्रतिदिन बेरोजगारी बढ़ती ही जा रही है, जिससे हमें गरीबी का सामना भी करना पड़ रहा है, और साथ ही वातावरण भी दिन प्रतिदिन दूषित होता जा रहा है।
इस साल विश्व जनसंख्या दिवस का यह 30वां दिवस मनाया जाएगा। हमारे देश की बढ़ती जनसंख्या के कारण हो रही समस्याओं को देखकर हर साल नए-नए थीम के साथ विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जा रहा है।
जिससे हमारे देश के सभी नागरिक जागरूक होकर जनसंख्या नियंत्रण की तरफ अपनी पहल करें।
विश्व जनसंख्या दिवस क्यों मनाया जाता है?
चीन के बाद भारत सबसे बड़ा जनसंख्या वाला दूसरा देश है। लगातार बढ़ती जनसंख्या हमारे देश के विकास की समस्या बन रही है,भारत की बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण पाने के लिए हमारे देश में हर वर्ष विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई को मनाया जाता है।
देश के विकास के लिए जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण पाना अति आवश्यक हो गया है। क्योंकि लगातार जनसंख्या वृद्धि के कारण कई सारी समस्याओं का सामना हमारे देश के नागरिकों को करना पड़ रहा है।
जनसंख्या नियंत्रित करने के लिए पहली बार विश्व जनसंख्या दिवस 1989 में मनाया गया तभी से विश्व जनसंख्या दिवस हर वर्ष 11 जुलाई को मनाया जाने लगा।
विश्व जनसंख्या दिवस का इतिहास –
डॉक्टर केसी जैक्रियाह 5 बिलियन विश्व की जनसंख्या पहुंचने तक का आंकड़ा बताते हुए विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का पहला सुझाव दिया था। और फिर यूनाइटेड नेशन्स डेवलपमेंट प्रोग्राम ने 1987 में 5 बिलियन तक आबादी होने के बाद बढ़ती जनसंख्या के कारण होने वाले नकारात्मक परिणाम को देखते हुए इस दिन रखने का तय किया।
बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण पाने के लिए 1989 में इसी दिन विश्व जनसंख्या दिवस मनाने की शुरुआत की गई। संयुक्त राष्ट्र सभा ने दिसंबर 1990 में रेजोल्यूशन45/216 से हमारे देश के नागरिकों को जागरूक करने के लिए विश्व जनसंख्या दिवस मनाया। और इसके साथ में ही इस दिवस में पर्यावरण के विकास को भी शामिल किया गया।
जनसंख्या विस्फोट क्या है ?
एक निश्चित क्षेत्र में रहने वाले व्यक्तियों की संख्या को जनसंख्या कहते हैं। और यदि उसी निश्चित क्षेत्र में जरूरत से अधिक व्यक्तियों की संख्या हो जाए तो उसे जनसंख्या विस्फोट कहते हैं।
अगर आपको जनसंख्या विस्फोट के बारे में समझना है तो आप किसी क्षेत्र में रहने वाले लोगों पर ध्यान दीजिए कि उस क्षेत्र के लोगों को किसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, या उन्हें बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी कई सारी समस्याओं को देखकर आप समझ सकते हैं कि इस क्षेत्र में जरूरत से ज्यादा जनसंख्या है।
जिस क्षेत्र में अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए लोगों को अधिक मेहनत करनी पड़ रही हो, बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा हो, भुखमरी,लैंगिक असमानता आदि समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हो उस क्षेत्र में जनसंख्या विस्फोट की समस्या होती है।
विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का उद्देश्य –
वर्तमान समय में हमारे देश की जनसंख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जिसके कारण हमारे देश के नागरिकों को कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, ,और साथ ही हमारा वातावरण भी दूषित हो रहा है।
इन सभी समस्याओं की तरफ हमारे देश के नागरिकों का ध्यान आकर्षित करके जागरूक करना विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य है।
बढ़ती जनसंख्या हमारे देश के लिए एक चिंता का विषय बन चुका है। भारत की आबादी आजादी के समय 32.20 करोड़ थी, परंतु इस समय भारत की आबादी बढ़कर एक अरब 25 करोड़ से भी अधिक हो चुकी है। जनसंख्या वृद्धि एक विकट समस्या बन चुका है, जिस पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार ने हर वर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाना शुरू किया है।
विश्व जनसंख्या दिवस का महत्व –
विश्व जनसंख्या दिवस के दिन जगह- जगह पर कई सारे तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रम में जनसंख्या पर नियंत्रण की चर्चाएं होती हैं, और साथ ही जनसंख्या नियंत्रण के उपाय भी बताए जाते हैं।
जनसंख्या दिवस के आयोजित कार्यक्रम में जनसंख्या नियंत्रण के लिए, परिवार नियोजन, लैंगिक समानता, गरीबी ,मानव अधिकार और गर्भ निरोधक दवा का प्रयोग से लेकर कई तरह की समस्याओं पर चर्चा किया जाता है।
जनसंख्या दिवस मनाने जाने के बाद ही लोगों के बीच जागरूकता फैली है, जिससे लोग अपने परिवार नियोजन के बारे में सोच समाज कर ही कर रहे हैं। और अब परिवार नियोजन के बारे में लोग एक दूसरे से खुलकर भी बात कर ले रहे हैं। विश्व जनसंख्या दिवस के दिन लोग जागरूकता फैलाने के लिए रैलियां भी निकालते हैं।
उपसंहार –
वर्तमान समय में हमारे देश के लिए जनसंख्या वृद्धि एक नई चुनौती बन गई है। जिस पर नियंत्रण पाने के लिए हमारे देश की सरकार को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
बढ़ती जनसंख्या का दुष्प्रभाव हमारे देश को भोगना पड़ रहा है क्योंकि बढ़ती जनसंख्या हमारे देश में बेरोजगारी की एक विकट समस्या बन चुकी है। लोग अपने रहने के लिए आवास की व्यवस्था करने के लिए कृषि योग्य भूमि और पेड़ पौधों को उजाड़ रहे हैं।
जनसंख्या वृद्धि या जनसंख्या विस्फोट के कारण गरीबी बढ़ती जा रही है जिससे लोगों के पास रहने व खाने की समस्या के साथ-साथ शिक्षा की कमी हो रही है। सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए सबकी सहमति से कानून का निर्धारण जनसंख्या नियंत्रण पर किया है।
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