कौन है? धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जीवन परिचय, जीवनी (Dhirendra Krishna Shastri Biography in hindi, Bageshwar Dham Dhirendra Krishna biography hindi) बागेश्वर धाम, महाराज, भजन, भागवत कथा, उम्र, आयु, विवाद, परिवार, शादी किससे हुई, धर्म, जाति, नेटवर्थ (Latest News Bageshwar Dham Kahan hai Dhirendra Krishna Shastri Maharaj, Age, Wife, Family, Religion, Caste, Date of Birth, Temple, Net-Worth, बागेश्वर धाम से जुड़ां विवाद क्या है?)
आजकल इंटरनेट और सोशल मीडिया पर एक नाम जमकर छाया हुआ है। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इस समय सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं जिन्हें लाखो लोग पसंद करते हैं और खुद को उनका भक्त मानते हैं।
बागेश्वर धाम में दरबार लगाने वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री की सबसे खास बात यह है कि वह अपने भक्तों की मन की बात बिना बताए जान लेते हैं। इसी खास वजह से लोगों का मानना है कि उन पर हनुमान जी की असीम कृपा है जिसकी वजह से वह सब की परिस्थितियां और उनके मन की बात जान लेते हैं।
अपने इन चमत्कारों के चलते पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री समय के साथ-साथ और भी ज्यादा लोकप्रिय होते जा रहे हैं।
इस समय पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री केवल भारत ही नहीं बल्कि विदेशी लोगों के लिए भी आस्था का एक केंद्र बन चुके हैं। यहां तक कि कुछ लोग उन्हें हनुमान जी का अवतार भी बताते हैं। इन दिनों पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने बयानों और विवादों को लेकर काफी चर्चा में हैं। आइए आज आपको इस आर्टिकल के जरिए पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जीवन परिचय (Dhirendra Krishna Shastri Biography in hindi) बताते हैं।
विषय–सूची
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का संक्षिप्त जीवन परिचय, जीवनी (Dhirendra Krishna Shastri Biography in hindi)
पूरा नाम (Full Name) | धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री |
उपनाम | बागेश्वर महाराज |
अन्य प्रसिद्ध नाम | बालाजी महाराज, बागेश्वर महाराज शास्त्री जी |
जन्म (Date of Birth) | 4 जुलाई 1996 |
जन्म स्थान (Place of Birth) | गड़ा, छतरपुर, मध्य प्रदेश |
परम् मित्र | शेख मुबारक एवं राजाराम |
भाषा | संस्कृत, बुंदेली, हिंदी, अंग्रेजी |
पिता (Father Name) | राम करपाल गर्ग |
माता का नाम (Mother Name) | सरोज गर्ग |
गुरु | श्री दादा जी महाराज सन्यासी बाबा |
मंदिर | श्री बालाजी हनुमान को समर्पित |
शिक्षा | B.A. स्नातक (कला वर्ग ) |
व्यवसाय | सनातन धर्म प्रचारक, कथावाचक, दिव्य दरबार, प्रमुख बागेश्वर धाम, यूट्यूबर |
उम्र (age) | 26 वर्ष |
धर्म (Religion) | हिंदु |
वैवाहिक स्थिति (Marital-Status) | अविवाहित |
नेटवर्थ (Net-Worth) | 19.5 करोड़ |
धीरेंद्र कृष्ण जी का आरंभिक जीवन
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री उर्फ़ बागेश्वर महाराज की जन्मतिथि 4 जुलाई 1996 हैं। छतरपुर जिले के गढ़ा गांव उनका पैतृक स्थान है जहां से इनके जीवन की शुरुआत होती है, इनके परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद दयनीय रही।
पिता राम करपाल गर्ग एक पुजारी थे , जो यजमान बनकर कथा कहते थे और माता सरोज गर्ग साधारण गृहणी थी। उनका पालन पोषण बेहद सादे ढंग से किया गया। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दादाजी श्री भगवान दास गर्ग को अपना सच्चा गुरु मानते हैं।
उनके दादा निर्मोही अखाड़े के सदस्य थे। दादा के सानिध्य में ही धीरेंद्र शास्त्री का लगाव रामायण और भगवत गीता से हुआ।
धीरेंद्र कृष्ण जी की शिक्षा
धीरेंद्र कृष्ण जी ने अपनी प्रारंभिक परीक्षा गांव के सरकारी स्कूल से प्राप्त की। उनके गांव में स्कूल नहीं था इस वजह से उन्होंने इंटरमीडिएट तक की परीक्षा शहर से पूरी की।
कला वर्ग से स्नातक करने के बाद उन्होंने अपना जीवन में समाज सेवा को समर्पित कर दिया। मानव सेवा को उन्होंने अपने जीवन का मुख्य लक्ष्य बनाया।
धीरेंद्र कृष्ण जी दादा को मानते हैं अपना गुरु
धीरेंद्र कृष्ण की वंशावली ब्राह्मण हैं, शुक्ला परिवार में जन्म लेने के कारण बचपन से ही घर में पूजा पाठ और भक्ति में माहौल था। जिसका असर बालक धीरेंद्र के मन मस्तिष्क पर पड़ा।
दादा भगवानदास गर्ग जैसे सिद्ध संत की छत्रछाया में बढ़े हुए धीरेंद्र कृष्ण जी ने उन्हें अपना गुरु बनाया।
उनके दादा का बागेश्वर धाम से गहरा संबंध रहा है, वे निर्मोही अखाड़े के पास हनुमान मंदिर में लगने वाले दरबार का नेतृत्व करते थे।
अपने दादा जी से प्रेरणा लेकर धीरेंद्र कृष्ण ने भी दिव्य दरबार का हिस्सा बनना प्रारंभ कर दिया। उस दिव्य दरबार के कारण धीरेंद्र कृष्ण जी मशहूर हो गए और लोग उनके कथा वाचन को काफी पसंद करने लगे।
कई बार बागेश्वर महाराज जी ने यह बात कहा है कि उन्हें जो भी सिद्धि और शक्तियां प्राप्त है वह सब उनके दादा भगवान दास गर्ग का आशीर्वाद हैं।
बागेश्वर धाम क्यों है चर्चा में, क्या है विवाद?
नागपुर की अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति अंधविश्वास के खिलाफ कैंपेन करने वाली एक संगठन समूह है इन्होंने बागेश्वर महाराज पर अंधविश्वास फैलाने का इल्जाम लगाया था, कहा कि बागेश्वर महाराज को जब अपना चमत्कार दिखाने के लिए चुनौती दी गई तब कथा बीच में छोड़कर ही कहीं भाग गए।
हालांकि इस मुद्दे पर बागेश्वर महाराज ने भी बयान जारी किया और कहा कि, जिस संगठन ने उन्हें चुनौती दी वे उन्हें शहर से दूर रायपुर में आमंत्रित कर रहे थे, लेकिन रायपुर जाना के लिए अभी संभव नहीं था इस कारण उन पर झूठे इल्जाम लगाए जा रहे हैं।
इन दिनों बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी बिहार दौरे पर हैं और वहां अपना दरबार लगा रहे हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी के बिहार जाते ही राजनीतिक सियासत काफी गर्माहट में आ चुकी है। एक ओर जहां बिहार के क्षेत्रीय राजनीतिक संगठन उनके बिहार में आने का विरोध कर रहे हैं, उनके पोस्टरों पर कालिख पोत रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर बिहार की जनता का रुख पूरी तरह से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की ओर है।
बिहार में आयोजित उनके दरबार में भारी संख्या में उपस्थित हो रहे हैं और अपनी अपनी समस्याएं उनके सामने रख रहे हैं।
चमत्कारी है बाबा बागेश्वर
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री उर्फ बागेश्वर महाराज का दावा हैं कि वे भक्तों की सारी विनतीयों को सुनकर हनुमान जी के पास पहुंचाते हैं।
लोगों का मानना है कि बाबा बागेश्वर भूत प्रेत भी भगाते हैं। भक्त सिर्फ पर्ची पर अपना नाम लिखकर बाबा बागेश्वर तक पहुंच जाते हैं और वह नाम पढ़कर बिना बोले उनकी सारी समस्या बता देते हैं।
वैसे तो पण्डित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बागेश्वर धाम सरकार के नाम से पूरे भारत में मशहूर हैं। लेकिन इन दिनों लोग उन्हें चमत्कारी बाबा के नाम से भी जानने लगे हैं।
हो सकता है शायद आप धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी के चमत्कारों से परिचित न हो। आपको बता दें कि वह लोगों के मन की बात बिना बताए जान लेते हैं।
बागेश्वर धाम में दरबार लगाने वाले पण्डित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री आज पूरे भारत के लोगों के लिए आस्था का केंद्र बन गए हैं। रोजाना लाखों लोग उनके पास अपनी अर्जियां लेकर आते हैं और अपनी समस्याओं का निदान पाते हैं।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री रोगों के नाम की पर्चियां निकालते हैं और उनकी समस्याओं को उनके सामने रख देते हैं। कमाल की बात यह है कि इस मामले में उनसे कोई चूक नहीं होती और ना कभी उनकी बात गलत साबित होती है।
दरबार में आने वाले लोगों को यह भी नहीं बताना पड़ता कि वह किस लिए आए हैं? और उनकी समस्या क्या है? शास्त्री जी बिना बताए कि लोगों के मन की बातें जान लेते हैं और अर्जी लगाने वाले इंसान को बिना जानकारी लिए उसके नाम से बुलाते हैं।
उनके इन्हीं चमत्कारों के कारण बागेश्वर धाम में आने वाले लोग उन्हें हनुमान जी का अवतार मानते हैं। कुछ लोगों का कहना है कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री आस्था के नाम पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। अभी तक उनके ऊपर इस तरीके के कई सारे इल्जाम लगाए जा चुके हैं।
परम मित्र है शेख मुबारक
बाबा बागेश्वर धाम के परम मित्र का नाम शेख मुबारक है, जिन्होंने हर मुश्किल वक्त ने बाबा बागेश्वर का साथ दिया है, शेख मुबारक ने बागेश्वर बाबा की बहन की शादी कराने में मदद की।
दोनों की मुलाकात की कहानी काफी दिलचस्प है, दोनों अलग-अलग धर्मों से आते हैं जब एक बार शेख मुबारक हो सनातन धर्म से जुड़े हुए कुछ भ्रम हुए तब उन्होंने बागेश्वर धाम से चर्चा करना जरूरी समझा।
बागेश्वर धाम ने शेख मुबारक के सभी संदेह को दूर किया, दोनों ने अपने अपने धर्मों पर खूब बातें की और यहीं से इनकी गहरी दोस्ती हो गई। बाबा बागेश्वर धाम कथा के दौरान अपने परम मित्र का नाम अक्सर लेते रहते हैं।
बागेश्वर धाम क्या है?
बागेश्वर धाम मंदिर मध्य प्रदेश का सुप्रसिद्ध मंदिर है जहां पण्डित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपना दरबार लगाते हैं। यह धाम मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गड़ा गांव में स्थित है जो प्रभु श्री राम के सबसे बड़े भक्त हनुमान जी को समर्पित है।
बागेश्वर धाम में प्रत्येक मंगलवार पण्डित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी अपना दरबार लगाते हैं जहां लोग देश के कोने कोने से अपनी अर्जियां लगाने आते हैं।
बागेश्वर धाम में अर्जी लगाने के तरीके
जो श्रद्धालु बागेश्वर धाम पहुंचना चाहते हैं उन्हें सबसे पहले बाबा के दरबार में रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। रजिस्ट्रेशन कराने के बाद उन्हें एक टोकन दिया जाता हैं। रजिस्ट्रेशन के दौरान श्रद्धालुओं से उनका मोबाइल नंबर और नाम पता इत्यादि लिया जाता है।
फरियादी बालाजी अर्थात हनुमान जी व महादेव शिव को अर्जी लगाते हैं। यह प्रक्रिया यहीं खत्म हो जाती है इसके बाद मंदिर परिसर में प्रवेश करेगा तब वहां हजारों की संख्या में लाल और काले रंग की पोटली मिलेंगी। पोटली में वह नारियल बांधकर अपनी समस्या दोहराते हुए दरबार तक पहुंचेंगे। काली पोटली भूत प्रेत इत्यादि समस्याओं के लिए होती है और लाल पोटली अन्य घरेलू समस्याओं के लिए प्रयोग की जाती हैं।
नारियल बांधकर अर्जी लगाने की प्रक्रिया खत्म हो जाती है। फरियादी अपनी समस्याओं को मन में दोहराते हुए मंदिर की 21 बार परिक्रमा करते हैं। कहा जाता है कि यहां अलौकिक शक्तियां निवास करती है,जो श्रद्धालुओं की मदद करती है। दरबार का समय मंगलवार और शनिवार होता है।
बाबा बागेश्वर धाम के अनमोल वचन
कथा वाचन के दौरान बागेश्वर बाबा कई ऐसी अनमोल बातें कहते हैं जो प्रत्येक मनुष्य के जीवन में बहुत काम आती है, उनके सुविचार निम्न है –
- विद्यार्थियों ने अपने अपने रोज के जीवन में माता-पिता और गुरु को प्रणाम करना शुरू कर दिया उनकी बल आयु और विद्या बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है।
- जो लोग हर समय अभाव के बारे में सोचते रहते हैं उनको नहीं पता है कि यदि अभाव नहीं होगा तो, प्रभाव का महत्व कभी नहीं पता चलेगा।
- जो लोग अभाव में होते हैं वह ज्यादा भजन करते हैं, प्रभाव के समय भजन नहीं हो सकता।
- सुख और दुख को झूले की गति से देखिए, दुख का झूला जितना पीछे जाएगा सुख का झूला उससे और आगे जाएगा।
- प्रार्थना मनुष्य को हर बुरे समय से बचा सकती है।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को मिले सम्मान–
साल 2022 में पण्डित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी को 3 पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। जून 2022 में ब्रिटेन दौरे पर इन्हें संत शिरोमणि पुरस्कार के साथ साथ वर्ल्ड बुक ऑफ लंदन और वर्ल्ड बुक ऑफ यूरोप नामक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
14 जून 2022 के दिन पण्डित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को यह तीनों पुरस्कार ब्रिटिश संसद द्वारा दिए गए जिस दौरान पूरा संसद जय श्री राम के नारों से गूंज उठा। पण्डित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को मिले यह पुरस्कार भारत के लिए गौरव की बात हैं।
पण्डित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कुल संपत्ति, नेटवर्थ–
न्यूज़ और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कुल संपत्ति 3.5 लाख रुपए प्रति माह बताई जा रही है। हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कुल संपत्ति तकरीबन 19.5 करोड़ रुपए है।
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