जनरल बिपिन रावत चॉपर क्रैश की दुर्घटना में वीरगति को प्राप्त हुए थे इसके बाद जनरल मनोज मुकुंद नरवणे को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का अध्यक्ष नियुक्त गया है। थल सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे अगले साल के अप्रैल महीने 2022 में रिटायर हो रहे है। आईये आज हम जनरल मनोज मुकुंद नरवणे की जीवनी (Manoj Mukund Naravane Biography in hindi) के बारे में जानते हैं।
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे को तीनों सेनाओं का चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है इनको यह पद सीडीएस जनरल बिपिन रावत की असामयिक मृत्यु के बाद सेना का यह महत्वपूर्ण पद खाली था। इसी कारण सेना के सबसे वरिष्ठ और अनुभवी अधिकारी जनरल मनोज मुकुंद नरवणें को चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी का अध्यक्ष सबकी स्वीकृति से चुना गया।
विषय–सूची
कौन हैं मनोज मुकुंद नरवणे (Manoj Mukund Naravane Biography in hindi)
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे का जन्म 22 अप्रैल 1960 को हुआ था। जनरल मनोज मुकुंद नरवणे इंडियन आर्मी में जनरल के पद पर नियुक्त हैं तथा 31 दिसंबर 2019 के दिन उन्होंने भारत के 28वें चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ नियुक्त हुये थे। इससे पहले उन्होंने भारत के पूर्वी भाग में स्थित चीना सीमा की ईस्टर्न कमांड का नेतृत्व बखूबी किया है। मनोज मुकुंद नरवणे इंडियन आर्मी में ईस्टर्न कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ रह चुके है।
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे 40वें वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ रह चुके हैं। आर्मी ट्रेंनिंग कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ है।
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे को परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल, के रूप में सम्मानित किया गया है।
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे का प्रारंभिक जीवन (Early Life)
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे का प्रारंभिक जीवन जनरल मनोज मुकुंद नरवणे का जन्म महाराष्ट्र के पुणे में हुआ था, तथा उनके पिताजी मुकुंद नरवणे इंडियन एयरफोर्स में विंग कमांडर के पद पर कार्य किया है अब वह रिटायर हो चुके हैे।
मराठी परिवार से जन्में नरवणे जी एक सच्चे देशभक्त है उन्हें देश की सेवा करने की प्रेरणा अपने परिवार से प्राप्त हुई। उन्हें खाली समय में पेटिंग व बागवानी करना खूब पसंद हैं। उनकी माता का नाम सुधा नरवणे है वह ऑल इंडिया रेडियो में एनाउंसर रह चुकी है।
मनोज मुकुंद नरवणे के बारे में जानकारी (Who is Manoj Mukund Naravane bio, age, caste Education, family, father, mother name)
पूरा नाम (Full Name) | श्री मनोज मुकुंद नरवणे |
जन्म (Date of Birth) | 22 अप्रैल 1960 |
पिता (Father Name) | विंग कमांडर मुकुंद नरवणे |
माता (Mother Name) | सुधा नरवणे |
जन्म स्थान (Place of Birth) | महाराष्ट्र, पुणे , भारत |
उम्र | 61 वर्ष |
राष्ट्रीयता (Nationality) | भारत |
धर्म (Religion) | हिंदू |
जाति (Cast) | ब्राह्मण |
पेशा | भारतीय सेना अधिकारी |
पद | 28वें सेनाध्यक्ष |
स्कूल (School) | ज्ञान प्रबोधिनी पाठशाला, पूणे |
शिक्षा (Education Qualification) | नेशनल डिफेन्स अकादमी (स्नातक) चेन्नई विश्वद्यालय से डिफेंस स्टडीज में मास्टर डिग्री (M.Phil.) |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पत्नी का नाम | मुकुंद नरवणे |
दो बेटियां | ईशा नरवणे और अमला नरवणे |
मुकुंद नरवणे की शिक्षा (Manoj Mukund Naravane Education)
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ज्ञान प्रबोधिनी पाठशाला, पूणे से की है। इसके बाद में नेशनल डिफेंस एकेडमी जो पुणे में स्थित है उसे जॉइन किया था। तथा इसके बाद में इंडियन मिलिट्री एकेडमी को देहरादून में ज्वाइन किया था। मध्यप्रदेश के इंदौर में स्थित अहिल्या विश्वविद्यालय से डिफेंस एंड मैनेजमेंट स्टडीज में मास्टर ऑफ फिलॉसफी (M.Phil.) किया है। मनोज मुकुंद नरवणे ने चेन्नई विश्वविद्यालय से डिफेंस स्टडीज में मास्टर डिग्री की हुई हैं।
मनोज मुकुंद नरवणे की पत्नी (M.M. Naravane Family)
मनोज मुकुंद नरवणे की पत्नी (Wife) वीणा नरवणें एक शिक्षिका है इन्हें 25 वर्षों का अनुभव है यह एक की Army Wives Welfare Association की अध्यक्षा है इनके दो बच्चे (Daughters) है जिनका नाम ईशा नरवणे और अमला नरवणे है।
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे का सैन्य करियर
मनोज मुकुंद नरवणे को भारतीय सैना में 40 वर्षों का लम्बा अनुभव है। इन्होंने अपने सैन्य कैरियर की शुरुआत सन् 1980 से की। सबसे पहले नरवणे जी सातवीं बटालियन सिख लाइट इन्फेंट्री में कमीशन किए गए। इसी के साथ वह जम्मू-कश्मीर की राष्ट्रीय राइफल की दूसरी बटालियन तथा 106 इन्फेंट्री ब्रिगेड के कमांडेंट के रूप में कार्य किया।
एम.एम. नरवणे जी ने असम राइफल के कमांडेंट ऑफिसर थे और उन्होंने जम्मू कश्मीर व पूर्वोत्तर भारत में काउंटर इनसरजेंसी सैन्य ऑपरेशंस को हेड किया है। इन्होंने ऑपरेशन पवन और कई आतंकवादी विरोधी अभियानों का नेतृत्व किया हुआ है। श्रीलंका में भेजी गई इंडियन पीसकीपिंग फोर्स (IPKF) में मनोज मुकुंद नरवणे भी शामिल थे।
मनोज मुकुंद नरवणे म्यांमार के यांगून में मिलिट्री अत्ताशे (Military attaché) के रूप में भी कार्य किया था।
इसी के साथ नरवणे इंस्ट्रक्शनल अपॉइंटमेंट के साथ में आर्मी वार कॉलेज के डायरेक्ट इन स्टाफ के हायर कमांडेंट विंग के रूप में 2 सालों तक कार्य कर रहे थे। तथा मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस के हेड क्वार्टर में इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के रूप में काम कार्य किया।
जब उन्होंने अंबाला स्थित खरगा स्ट्राइक कोर्प में सर्व किया था तो वे जनरल ऑफिसर कमांडिंग के तौर पर दिल्ली में 26 जनवरी 2017 की परेड में नियुक्त किए गए थे। उसके बाद में उन्हें लेफ्टिनेंट जनरल की उपाधि दी गई।
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने एक दिसंबर 2017 से लेकर के 30 सितंबर 2018 तक आर्मी ट्रेंनिंग कमांड में जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ की भूमिका निभाई थी। तथा इसके बाद में जब 31 अगस्त 2019 को लेफ्टिनेंट जनरल देवराज रिटायर हुए। उनके बाद में 1 सितंबर 2019 को मनोज मुकुंद नरवणे को थल सेना के अध्यक्ष पद पर वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (VCOAS) नियुक्त किया गया था। (1)
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे के मेडल
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे को 9 साल लंबी सेवा का मैडल, 20 साल लंबी सेवा का मेडल, 30 साल लंबी सेवा का मेडल, स्वतंत्रता की 50 वी एनिवर्सरी का मेडल, विदेश सेवा मेडल, सैन्य सेवा मेडल, ऑपरेशन पराक्रम सेवा मेडल, स्पेशल सर्विस मेडल, सामान्य सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल, अति विशिष्ट सेना मेडल, परम विशिष्ट सेवा मैडल से सम्मानित किया गया है।
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे के द्वारा प्राप्त रैंक
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे 7 जून 1982 को लेफ्टिनेंट की उपाधि प्राप्त कर चुके थे, तथा 7 जून 1985 तक कैप्टन, 7 जून 1993 को मेजर, 31 दिसंबर 2002 को लेफ्टिनेंट कर्नल, 1 फरवरी 2005 को कर्नल, तथा 19 जुलाई 2010 को ब्रिगेडियर, 1 जनवरी 2013 को मेजर जनरल, 10 नवंबर 2015 को लेफ्टिनेंट जनरल, 31 दिसंबर 2019 को जनरल की उपाधि प्राप्त कर चुके थे। और 12 दिसंबर 2021 को वे सीडीएस की उपाधि प्राप्त कर चुके हैं। अर्थात चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की उपाधि प्राप्त कर चुके हैं।
तारीख | रैंक |
---|---|
7 जून 1982 | लेफ्टिनेंट |
7 जून 1985 | कैप्टन |
7 जून 1993 | मेजर |
31 दिसंबर 2002 | लेफ्टिनेंट कर्नल |
1 फरवरी 2005 | कर्नल |
19 जुलाई 2010 | ब्रिगेडियर |
1 जनवरी 2013 | मेजर जनरल |
10 नवंबर 2015 | लेफ्टिनेंट जनरल |
31 दिसंबर 2019 | जनरल |
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ख़बरों में
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे काफी बार ख़बरों में भी रह चुके है। कुछ समय पहले ही उनके एक बयान से पूरे देश में लगभग जश्न का माहोल सा बन गया था जब जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा था कि “गिलगित बल्तिस्तान में भी हमारी राज्य सीट है, और भारतीय संसद जब भी आदेश देगी, इंडियन आर्मी वह एरिया अपने अंडर ले लेगी”।
इस बयान के बाद में काफी लोगों ने जनरल मनोज मुकुंद नरवणे को धन्यवाद भी कहा था लेकिन कुछ लोगों ने इसपर भी उन्हें तंज कसा था। लेकिन यदि एक बड़े कैनवास में देखा जाए तो जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भारत के एक ऐसे सपूत है जिन्होंने भारत के लिए भारत में और भारत के बाहर भी अपनी बुद्धि के बल से और अपने आत्मबल से भारत को बहुत बार जीत दिलवाई है।
सीडीएस(CDS) का पद क्या होता है?
CDS एक नया पद है जिसे भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अगस्त 2019 को स्वतंत्रता दिवस की स्पीच में जाहिर किया था। CDS का फुल फॉर्म चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ है। और प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने बताया था कि जिस प्रकार के हालत अभी सचल रहे है और जिस प्रकार के हालत भविष्य में भारत के लिए बन सकते है तो भारत को जरूरत है कि वह अपनी तीनो सेनाओं का इस्तेमाल एक साथ और एक गति से कर सके ताकि आने वाले समय में किसी भी मुसीबत का सामना हमारी भारतीय सेना मुस्तैदी से कर सके।
इसके बाद में जनरल विपिन रावत जी को भारत का पहला CDS नियुक्त किया गया था क्योंकि उनसे सीनियर और उनसे ज्यादा अनुभवी जनरल भारत में उस समय उनके सिवा और कोई भी नहीं था और इसी के वजह से जनरल विपिन रावत जी को भारत का पहला सदस्य बनाया गया।
लेकिन 8 दिसंबर 2021 को भारत के पहले CDS एक चोपर क्रेश में दुर्घटनाग्रस्त होकर वीरगति को प्राप्त हुए, उनके साथ कुल मिलकर 13 ऑफिसर और थे जिनमे 12 की मृत्यु दुर्घटना के २४ घंटो के भीतर हो गयी उनमें से केवल लेफ्टिनेंट कर्नल वरुण सिंह ही बचे थे।
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FAQ
प्रश्न- भारत की तीनो सेनाओं के अध्यक्ष कौन है?
उत्तर- वर्तमान में जनरल मनोज मुकुन्द नरवणें जी है इन्होंने 31 दिसंबर 2019 को इन्होंने 28वें सेनाध्यक्ष के रूप में पद ग्रहण किया था।
प्रश्न- मनोज मुकुन्द नरवणे की पत्नी का नाम क्या है?
उत्तर- वीणा नरवणे
प्रश्न- मनोज मुकुन्द नरवणे ने सेना कब ज्वाइंन की थी
उत्तर- 1980 में सिख लाइट इंफेट्री में कमीशन हुये।
प्रश्न- मनोज मुकुन्द नरवणे किस जाति के है?
उत्तर- मनोज नरवणें मराठी ब्रहाम्ण हैं।