राष्ट्रीय युवा दिवस क्यों मनाया जाता है? राष्ट्रीय युवा दिवस पर निबंध, राष्ट्रीय युवा दिवस का महत्व, इतिहास (Essay on National Youth Day 2024, history, Essay theme, Who is Swami Vivekananda, jayanti, anmole vachan, quotes in hindi)
अध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद जी ने युवाओं के पद प्रर्दशक के रुप में जाना जाता है। उनके द्वारा दिये गये उपदेश व भाषण युवाओं को एक नई ऊर्जा देते थे। हर साल 12 जनवरी को स्वामी जी की जयंति के अवसर पर पूरा देश इस दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में मनाता है।
1984 में तत्कालीन भारतीय सरकार द्वारा 12 जनवरी को विवेकानंद की जयंति, जन्मदिवस के अवसर पर इस दिन को मनाने की घोषणा की। 1985 से हर वर्ष 12 जनवरी को विवेकानंद जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
आज इस लेकर जरिए हम आपको युवा दिवस का इतिहास बताएंगे साथ ही यह भी समझाएंगे की स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर ही राष्ट्रीय युवा दिवस क्यों मनाया जाता है। आइए जानते हैं।
विषय–सूची
राष्ट्रीय युवा दिवस का उद्देश्य, इतिहास व निबंध (National Youth day History, Theme)
सन 1984 में तत्कालीन भारतीय सरकार ने महान स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के अवसर उनको सच्ची श्रद्धाजंलि देने लिये इस दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में मनाने की घोषणा की। इसके उपरांत 1985 से हर वर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस स्वामी विवेकानंद जी की जयन्ती के दिन मनाया जाता है।
देश का हर युवा उनके दार्शनिक विचारों व भाषणों को सुनने के पश्चात प्रभावित हुये बगैर नहीं रह सकता है। वह भारत के गौरव थे उन्होंने भारत देश को विश्व मंच पर अपने भाषणों से गौरान्वित किया था। उन्होंने अध्यात्म चिंतन, देशप्रेम को सही अर्थों में समझाया था।
इस दिन भारत सरकार स्वामी विवेकानंद जी की दार्शनिक बातों को क्वोट करते हुए और उनके विश्वप्रसिद्ध सामाजिक कार्यों का व्याख्यान करते हुये उनके विचारों से सीख लेने की सलाह दी जाता है। तत्कालीन भारतीय सरकार ने कहा था कि भारत युवाओं का देश है, और इस देश के युवाओं के लिये प्रेरणास्त्रोत स्वामी विवेकानंद के अलावा और कोई नहीं हो सकता।
इसी के साथ में 12 जनवरी 2013 को भी भारतीय तत्कालीन प्रधानमंत्री माननीय मनमोहन सिंह जी ने भी एक समारोह में स्वामी विवेकानंद जी की 150वीं जयंती को सेलिब्रेट करते हुए कहा था कि-
“गाँधी जी भी स्वामी विवेकानंद को मानते थे और उनके द्वारा कही बातों व आर्दशों को जीवन में ग्रहण करते थे- उन्होंने अपने व्यक्तिगत तौर पर यह माना है कि युवाओं के लिए स्वामी विवेकानंद जी से अच्छा ऊर्जा का स्रोत और कोई नहीं हो सकता। यह पूरी तरह से जायज बात है, कि भारतीय सरकार ने 12 जनवरी को यानी कि स्वामी विवेकानंद जी के जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में घोषित किया है। हमें इस घोषणा के पीछे के उद्देश्य को समझते हुए स्वामी विवेकानंद जी के विचारों का अध्ययन करना चाहिए। तथा उनके जैसा राष्ट्रप्रेम अपने मन में जगाना चाहिए।
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राष्ट्रीय युवा दिवस क्यों मनाया जाता है?
राष्ट्रीय युवा दिवस मनाए जाने के पीछे का उद्देश्य यह है कि, भारत एक युवाओं का देश है जिसमें बहुत बड़ी संख्या या फिर कहे तो एक मेजोरिटी की संख्या युवा है। और इसकी वजह से युवाओं के द्वारा ही किसी देश को आगे बढ़ाया जा सकता है। और जब तक भारत का युवा सही रास्ते पर आगे नहीं बढ़ेंगे, तब तक भारत देश आगे नहीं बढ़ पाएगा।
भारतीयों के लिए स्वामी विवेकानंद जी से महान और ऊर्जावान पुरुष कोई नहीं हो सकता, जो उन्हें सही राह दिखा सके। आज के समय में स्वामी विवेकानंद जी जीवित नहीं है। लेकिन उनकी बातें उनकी विचारधारा और उनकी सोचने समझने की शत्तिफ़ भारतीय युवाओं को सदैव प्रेरित करती रहती है। और इसी प्रेरणा से हमारा देश आगे बढ़ सकता है।
इसीलिए तत्कालीन भारतीय सरकार ने 12 जनवरी 1984 को स्वामी विवेकानंद जी के जन्मदिन के अवसर पर राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने का निश्चित किया। और 1985 से लेकर के आज तक हर वर्ष भारत में बड़ी धूम-धाम से कम विवेकानंद जी का जन्मदिन राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में मनाया जाता है।
राष्ट्रीय युवा दिवस का महत्व
राष्ट्रीय युवा दिवस का महत्व बहुत ही ज्यादा गहरा है। इस दिवस को मनाने के पीछे का उद्देश्य अपनी राह से भटक चुके युवाओं को सही राह पर लाना है। स्वामी विवेकानंद जी को उनका प्रोत्साहन देकर के उनके जीवन को एक सही दिशा की ओर अग्रसर करना है। इसी के साथ में पूरे भारत के युवाओं को सही मार्ग दिखा करके राष्ट्र निर्माण की ओर अग्रसर करना है। इसी बात को ध्यान में रखते हुये भारत सरकार प्रतिवर्ष इस दिन के लिये एक खास थीम रखती है।
अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस क्यों मनाया जाता है?
हर वर्ष 12 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। और इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर युवाओं को इस बात के बारे में ज्ञान करवाया जा सके कि उनके आसपास के सांस्कृतिक और संवैधानिक मामले क्या चल रहे हैं। और अपने आसपास के सभी मामलों से उन्हें अवगत कराने के लिए यह अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है।
यूनाइटेड नेशन ने 1999 में अपने जनरल असेंबली के अंदर फ्वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस ऑफ मिनिस्टर रिस्पांसिबल फॉर यूथय्, के रिकमेंडेशन के ऊपर 12 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाने का निर्णय लिया। इस निर्णय में यह कहा गया है कि पूरे विश्व में केवल युवाओं में ही वह ताकत है जो कि पूरे विश्व को एक दिशा दे सकती है।
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राष्ट्रीय युवा दिवस के विषय (National Youth Day Themes hindi)
हर वर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस पर भारत सरकार अलग-अलग थीम रखती है। पिछले वर्ष सन 2023 में राष्ट्रीय युवा दिवस की थीम विकसित युवा विकसित भारत रखी गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य युवाओं को नये राष्ट्र के निर्माण के लिये प्रोत्साहित करना व एकमंच पर एकजुट होना था।
इस साल भी राष्ट्रीय युवा दिवस एक नई थीम के साथ मनाया जाएगा हालांकि अभी यह थीम निश्चित नहीं की गई है।
Years | Themes |
---|---|
2024 | Yet To Be Announced |
2023 | विकसित युवा, विकसित भारत |
2022 | सक्षम युवा – सशक्त युवा |
2021 | युवा: उत्साह नए भारत का |
2020 | वैश्विक कार्य के लिए युवाओं की भागीदारी |
2019 | राष्ट्र निर्माण में युवा शक्ति का इस्तेमाल |
2018 | संकल्प से सिद्ध |
2017 | डिजिटल इंडिया के लिए युवा (Youth for Digital India) |
2016 | विकास, कौशल और सद्भाव के लिए भारतीय युवा |
2015 | यंगमंच और स्वच्छ, हरे और प्रगतिशील भारत के लिये युवा (Young man and youth for clean, green and progressive India) |
2014 | ड्रग्स मुक्त संसार के लिये युवा |
2013 | युवा शक्ति की जागरुकता। |
2012 | विविधता में एकता का जश्न (Celebrating Diversity in Unity) |
2011 | सबसे पहले भारत |
स्वामी विवेकानंद जी की विचारधारा (Swami Vivekananda quotes hindi)
स्वामी विवेकानंद जी की विचारधारा बहुत ही ज्यादा महान थी। स्वामी विवेकानंद जी ने कभी भी हिंदू, मुस्लिम, ईसाई में कोई भी भेद नहीं किया। उन्होंने विश्व सम्मेलन में भी सभी धर्मों की सच्चाई तथा उनमें अपनी आस्था को व्यक्त किया। उन्हें वेद पढ़ना बहुत ही ज्यादा पसंद था उन्हें लगता था कि वेद-पुराण तथा महाभारत या फिर उपनिषद पढ़ने से किसी भी व्यक्ति के अवचेतन मन में चेतना का विकास हो सकता है।
स्वामी विवेकानंद भगवान के निराकार रूप तथा साकार रूप दोनों की ही पूजा करते थे। उन्होंने हमेशा धार्मिक उदारता, समानता, और सहयोग पर बहुत बल दिया। उन्होंने कहा कि धार्मिक जगहों का मूल कारण बाहरी चीजों पर जबरदस्ती जोर देना है, जबकि आंतरिक चीजों पर बिल्कुल भी जोर नहीं देना है।
स्वामी विवेकानंद जी ने बताया कि सिद्धांत, धार्मिक गतिविधियां, किताबों, मंदिरों व मस्जिदों, उद्यान, यह सभी, जिन से मतभेद हो सकते हैं। वह केवल संसाधन है। इन पर जोर देना मूखर्ता है। धर्म को परिभाषित करते हुए उन्होंने कहा कि धर्म ईश्वर-भक्ति का विकास है। यह न तो किताबों में मिल सकता है, और ना ही धार्मिक सिद्धांतों में। इसकी केवल अनुभूति करी जा सकती है।
उन्होंने सभी धर्मों को समान माना लेकिन धर्म परिवर्तन से सदैव अपने आपको विमुख किया। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को यह मानना चाहिए कि सभी धर्म समान है। और धर्म परिवर्तन पूर्ण रूप से निरर्थक है-
तथा उन्होंने हिंदू धर्म को “सत्यम शिवम सुन्दरम” पर आधारित बताया उन्होंने कहा कि भारत जो कि एक हिंदू राष्ट्र है, वह सदैव ही विश्व का शिक्षक रहा है। और भविष्य में भी रहेगा।
राष्ट्रीय युवा दिवस 2024 (FAQ)
प्रश्न – राष्ट्रीय युवा दिवस सर्वप्रथम कब मनाया गया था?
उत्तर- यह दिवस पहली बार 1985 में मनाया गया और इसकी घोषणा 1984 में की गई थी।
प्रश्न – राष्ट्रीय युवा दिवस किस महान व्यक्ति से प्रेरित है?
उत्तर- स्वामी विवेकानंद
प्रश्न – स्वामी विवेकानंद जी की जयंति कब है?
उत्तर- 12 जनवरी
प्रश्न – अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस कब है?
उत्तर- यह 12 अगस्त को मनाया जाता है। सर्वप्रथम 2000 में इसको मनाया किया गया था ।