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G20 Kya Hai in Hindi: G20 सम्मेलन क्या है? भारत के लिए जी 20 शिखर सम्मेलन 2023 इतना जरुरी क्यों? जानिए इसका लाभ।

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हमारा भारत पहली बार जी-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है। 9 सितंबर तथा 10 सितंबर को यह शिखर सम्मेलन भारत की राजधानी नई दिल्ली में आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा की जा रही है।

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस शिखर सम्मेलन में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन समेत जापान तथा कई अन्य देशों के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति शामिल हैं।

लेकिन शायद बहुत कम ही लोग जानते होंगे जी 20 सम्मेलन क्या है? इसलिए हमने सोचा कि क्यों ना आज आपको G20 शिखर सम्मेलन 2023 के विषय में संपूर्ण जानकारी दी जाए तथा आपको बताया जाए की इस सम्मेलन के अध्यक्षता से भारत को क्या फायदा होगा? भारत इस सम्मेलन पर इतना खर्च क्यों कर रहा है?

आपके इन्हीं सभी सवालों के जवाब आज हम G20 Kya Hai In Hindi से जुड़े इस विशेष आर्टिकल में देने वाले हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि G20 का शिखर सम्मेलन का आयोजन हर साल किया जाता है। G20 का फुल फॉर्म ग्रुप ऑफ 20 होता है जिसमें यूरोपीय संघ समेत 20 देश शामिल हैं।

इस शिखर सम्मेलन में आर्थिक संकट, आतंकवाद, उपनिवेशवाद तथा विकास संबंधी विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाती है। इस सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य विश्व में मानवाधिकारों की रक्षा करना, तथा वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करना है।

इस साल पहली बार G20 सम्मेलन की मेजबानी भारत कर रहा है। यह शिखर सम्मेलन दिल्ली में हो रहा है है। G20 का यह शिखर सम्मेलन भारत के लिए बहुत महत्वाकांक्षी है क्योंकि इससे भारत को कई लाभ मिलेंगे जिनके विषय में हम इस लेख में चर्चा करेंगे।

जी-20 के Logo मे कमल की सात पंखुडियां 7 महाद्वीपों तथा संगीत के सात स्वरों को दर्शाति है जोकि दुनियां में सद्भाव बढ़ाती हैं।

G20 शिखर सम्मेलन को लेकर इस समय पूरे देश-विदेश में चर्चा है। इसलिए आज हम इस लेख में जी-20 सम्मेलन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां लेकर आए हैं और आपको बताएंगे कि इस सम्मेलन का इतिहास, इसकी थीम तथा इसका उद्देश्य क्या है? तो चलिए जानते हैं।

What is G 20 Kya Hai In Hindi | G20 शिखर सम्मेलन क्या है?

विषय–सूची

G20 शिखर सम्मेलन क्या है? (G20 Kya Hai In Hindi)

G20 (ग्रुप ऑफ ट्वेंटी) एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन है, जिसमें दुनिया के 20 मुख्य और प्रभावशाली अर्थतंत्रिक राष्ट्र शामिल हैं। यह गठबंधन दुनिया भर के वित्तीय मुद्दों और आर्थिक सहयोग को सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है और वैश्विक आर्थिक प्रबंधन को सुधारने का प्रयास करता है।

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G20 का संचालन वर्ष 1999 में शुरू हुआ था, और इसका पहला सम्मेलन 2008 में आयोजित किया गया था, जब विश्व आर्थिक मंदी के समय इसका महत्व बढ़ गया था। G20 के सदस्य देश, अपनी आर्थिक पूर्वरूप से और आर्थिक मामलों में सहयोग करने के लिए मिलकर काम करते हैं, जैसे कि वित्तीय स्थिति, वित्तीय सुधार, व्यापार नीतियाँ, और वित्तीय संरक्षण।

G20 के सदस्य देश इसके महत्वपूर्ण सदस्य हैं और उनमें भारत, अमेरिका, चीन, जर्मनी, फ्रांस, रूस, ब्राज़िल, मेक्सिको, कनाडा, जापान, इंडोनेशिया, और कई अन्य देश शामिल हैं। G20 के सदस्य देश समृद्धि, सुरक्षा, और वैश्विक आर्थिक प्रबंधन के मामलों में आपसी सहयोग करने का प्रयास करते हैं, जिससे आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है और विश्व अर्थव्यवस्था की सुरक्षा बढ़ती है। 

जी-20 शिखर सम्मेलन 2023 कब और कहां होगा?

भारत देश 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक इसकी अध्यक्षता कर रहा है। भारत ने G20 की अध्यक्षता करते हुए कई सारे ऐसे देशों को भी आमंत्रित किया है, जिन्हें पहले कभी भी जी-20 शिखर सम्मेलन में जगह नहीं मिली थी, ऐसे में भारत कई अन्य देशों के लिए भी काफी ज्यादा चर्चा का विषय बना हुआ है और उनके समीप आ रहा है। भारत देश की राजधानी दिल्ली में 9 और 10 सितंबर 2023 को G20 समिट होना है। 

G20 का उद्देश्य क्या है?

जी 20 शिखर सम्मेलन 2023 का मुख्य उद्देश्य वैश्विक स्तर पर वित्तीय स्थिरता की स्थापना करना तथा निरंतर विकास के लिए परस्पर सहयोग की भावना को बढ़ावा देना है।

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G20 शिखर सम्मेलन की चर्चा केवल इतनी तक ही सीमित नहीं है बल्कि इस समिट के माध्यम से वित्तीय विनिमय, प्रकृति संरक्षण, मानवाधिकार तथा कई अन्य विशेष मुद्दों पर चर्चा होगी।

G20 की शुरुआत कब और क्यों हुई?

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल 1997 में एशियाआई वित्तीय संकट की स्थिति पैदा होने के बाद वित्त मंत्री तथा सेंट्रल बैंक के गवर्नरों के बीच वित्त तथा विनिमय संबंधित अहम मुद्दों पर चर्चा करने के लिए ग्रुप ऑफ़ 20 की स्थापना हुई थी जिसे जी-20 के नाम से जाना जाता है।

भले ही G20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत वित्तीय तथा आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए हुई थी लेकिन अभी शिखर सम्मेलन में प्रकृति संरक्षण, मानवाधिकार, आतंकवाद तथा नक्सलवाद, कृषि और डिजिटल तकनीकी जैसे जरूरी एजेंडा शामिल हैं।

साल 2007 में G20 शिखर सम्मेलन को लेकर कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए जिस दौरान पूरी दुनिया आर्थिक मंदी से गुजर रही थी। इन बदलाव में सम्मेलन में भागीदारी करने के लिए वित्त मंत्री तथा सेंट्रल बैंक के गवर्नर के स्थान पर देश के राष्ट्रीय अध्यक्षों जैसे कि प्रधानमंत्री तथा राष्ट्रपति को शामिल कर दिया गया।

अब तक कुल 17 जी-20 शिखर सम्मेलन हो चुके हैं। और साल 2023 का 18वां शिखर सम्मेलन भारत में होने जा रहा है।

G20 की अध्यक्षता से भारत को क्या लाभ होगा?

G20 शिखर सम्मेलन विश्व का ऐसा मंच है जहां लगभग विश्व की 85 परसेंट इकोनामी सम्मिट में हिस्सा लेती है। भारत के लिए जी 20 शिखर सम्मेलन 2023 की अध्यक्षता एक स्वर्णिम अवसर है जिसके जरिए वह विश्व को अपनी मजबूत स्थिति दर्शा सकता है।

इस फोरम के जरिए भारत को वैश्विक स्तर पर नए अवसर प्राप्त होंगे और भारत में वैश्विक निवेश की संभावनाएं बढ़ जाएगी। इस शिखर सम्मेलन में भारत विभिन्न गंभीर मुद्दों पर वैश्विक चर्चा करेगा जिसके जरिए उनका समाधान निकाला जा सकेगा।

इन समस्याओं में इकोनामिक क्राइसिस, आतंकवाद, नक्सलवाद प्राकृतिक संरक्षण का मुद्दा तथा मानवाधिकार के मुद्दे आदि शामिल हैं। इस वैश्विक चर्चा के माध्यम से भारत को भी इन समस्याओं से उबर में काफी मदद मिलेगी।

जी-20 से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें (Important Points of G20)

G20 Full FormGroup of 20
G20 की स्थापना  1999
G20 का पहला सम्मेलन4-15 नवंबर 2008 को अमेरिका के वाशिंगटन डीसी
18वां G20 शिखर सम्मेलन 20239 और 10 सितंबर, दिल्ली, भारत
2023 G-20 की अध्यक्षताभारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा
G20 Theme 2023वसुधैव कुटुंबकम
G20 में कितने देश है। 20 देश
G20 का उद्देश्यव्यापार, वित्त और जलवायु परिवर्तन जैसे वैश्विक मुद्दों पर चर्चा
17वां G20 शिखर सम्मेलन 2022इंडोनेशिया
G20 शिखर सम्मेलन 2024 ब्राजील
G20 शिखर सम्मेलन 2025 दक्षिण अफ़्रीका
G20 Official SiteLink

G20 की विशेषताएं

G20 एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय गठबंधन है, जिसमें दुनिया के 20 प्रमुख अर्थतंत्रिक देश शामिल हैं, और इसकी कई विशेषताएं हैं:

1. अर्थतंत्रिक महत्व:

G20 दुनिया की सबसे प्रमुख अर्थतंत्रिक शक्तियों को एक साथ आने का मौका प्रदान करता है, जिनमें भारत, चीन, अमेरिका, जर्मनी, जापान, फ्रांस, और अन्य बड़े देश शामिल हैं।

2. आर्थिक सहयोग:

G20 के सदस्य देश आर्थिक मुद्दों पर सहयोग करते हैं, जैसे कि वित्तीय स्थिति, बैंकिंग नियम, और वित्तीय बाजार की स्थिति को सुधारने के लिए कदम उठाने का प्रयास करते हैं।

3. व्यापार और वाणिज्यिक मामले:

G20 व्यापारिक मामलों, विशेष रूप से विश्व व्यापार संबंधित मुद्दों पर चर्चा करता है और व्यापार संबंधित विपरीतताओं को सुलझाने का प्रयास करता है।

4. आर्थिक सुरक्षा:

G20 आर्थिक सुरक्षा को बढ़ावा देने का काम करता है और वैश्विक आर्थिक मामलों के समाधान की दिशा में कदम उठाता है।

5. वित्तीय नियमन:

G20 वित्तीय नियमन में सुधार करने के प्रयास करता है, जिससे वित्तीय संरक्षण और ग्लोबल बाजार में स्थिरता लाने का कार्य किया जाता है। 

6. विश्व संरक्षण और पर्यावरण:

G20 विश्व संरक्षण और पर्यावरण मुद्दों पर चर्चा करता है और के हित के लिए सभी देश मिलकर के अवश्य रणनीतियां बनाकर उस पर कार्य करते हैं।

7. ग्लोबल सहयोग:

G20 वैश्विक आपसी सहयोग को प्रोत्साहित करता है और विश्व अर्थव्यवस्था की सुरक्षा और स्थिरता की दिशा में मदद करता है।

G20 के बैठकों में विश्व के प्रमुख नेताओं का मिलन होता है, जो आर्थिक प्रबंधन और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करते हैं और वित्तीय सुधार की दिशा में कदम उठाने का निर्णय लेते हैं। G20 विश्व अर्थव्यवस्था के स्थिरता और विकास के लिए महत्वपूर्ण है और यह दुनिया के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण अर्थतंत्रिक शक्तियों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।

G20 भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है? 

G20 भारत के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय गठबंधन है जो आर्थिक प्रबंधन, वित्तीय सुधार, और विश्व अर्थव्यवस्था के मुद्दों पर चर्चा करता है और निर्णय लेता है। निम्नलिखित कारणों से G20 भारत के लिए महत्वपूर्ण है:

  • आर्थिक मामले: इस बार G20 सम्मिट में अनेकों नए-नए देश शामिल हो रहे हैं, जिसका फायदा भारत को आर्थिक मामलों में पूरे तरीके से आगे चलकर होने वाला है।
  • व्यापार और निवेश: G20 व्यापार और निवेश के मामले पर भारत नए सदस्यों के साथ चर्चा करेगा और अपनी तरफ से व्यापारिक एवं निवेशक कार्यों को करने की कोशिश करेगा साथ ही साथ भारत नए सदस्यों के साथ व्यापारिक रूप से तालमेल बनाने की पूरी कोशिश करेगा, जिससे हमारे देश में नए व्यापार स्थापित हो सकेंगे और हमारे देश की कहीं ना कहीं अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
  • आर्थिक सुधार: G20 आर्थिक सुधार के प्रयासों का हिस्सा है और भारत को वित्तीय नियमन में सुधार करने का मौका प्रदान प्राप्त होगा, जिससे वित्तीय संरक्षण और ग्लोबल बाजार में स्थिरता लाने में भी भारत अपनी मुख्य भूमिका निभाएगा साथी साथ भारत को भी कई देशों का आर्थिक सहयोग प्राप्त हो सकता है।
  • वित्तीय सहयोग: G20 वित्तीय सहयोग को प्रोत्साहित करता है। इस बार हमारा देश जी-20 की मेजबानी कर रहा है, इसीलिए वह वित्तीय सहयोग पर भी अपनी चर्चा कर सकता है। अगर हमारे देश को कई दूसरे देशों का वित्तीय सहयोग मिलने लगा तो देश में डेवलपमेंट के कार्य काफी तेजी से हो पाएंगे। हमारा देश केवल वित्तीय सहयोग प्राप्त ही नहीं करेगा बल्कि कई कमजोर देशों को वित्तीय सहयोग अपनी तरफ से प्रदान करने की भी कोशिश करेगा जिससे नए देशों के साथ आपसी संबंध मजबूत होंगे।
  • विकास मुद्दे: G20 का मुख्य उद्देश्य विकास के मुद्दों पर चर्चा करना होता ही है। अगर भारत g20 शिखर सम्मेलन में डेवलपमेंट के चर्चा करेगा तो उसे तो फायदा होगा ही साथ ही साथ कई अन्य देशों को भी उनकी जरूरत के हिसाब से जी-20 के सदस्य विकास करने में सहयोग प्रदान करेंगे इससे कई देशों का आपसी संबंध भी मजबूत हो सकता है और इसमें भारत अहम भूमिका निभाएगा।
  • विश्व संरक्षण और पर्यावरण: G20 पर्यावरण और संरक्षण के मुद्दों पर चर्चा करता है, जिससे भारत को अपने पर्यावरणीय संरक्षण के उद्देश्यों को पूरा करने का मौका प्राप्त हो सकता है। साथी साथ भारत अपने नए नए पर्यावरण संबंधित कार्यों को, विचारों को कई अन्य देशों के साथ साझा कर सकता है, जिससे हमारे देश को ही नहीं बल्कि ग्लोबल रूप से पर्यावरण को सुरक्षित करने में जी-20 के सदस्यों का सहयोग प्राप्त हो सकता है। 
  • विश्व सुरक्षा: G20 विश्व सुरक्षा को बढ़ावा देने में मदद करता है, जिससे भारत के और अन्य देशों में आपसी मतभेद को कम करने एवं मेलजोल को बढ़ाने का कार्य किया जाएगा। विश्व सुरक्षा भी एक प्रमुख विषय है, जिस पर जी-20 में जरूर गंभीर विषयों पर चर्चा होगी।

इन सभी मामलों को ध्यान में रखकर यह पता चलता है कि हमारा भारत देश इस बार जी 20 शिखर सम्मेलन में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है और इसे कई तरीके की आर्थिक, वित्तीय, व्यवसायिक एवं पर्यावरणीय व्यवस्था को सुधार करने का काफी सुनहरा अवसर प्राप्त होगा।

जी-20 समूह देशों में शामिल देशों के नाम क्या हैं? (G-20 Country Name List in hindi)

1.रूस (Russia)
2.सऊदी अरब (Saudi Arabia)
3.दक्षिण अफ्रीका(South Africa)
4.कनाडा (Canada)
5.चीन (China)
6.फ्रांस (French)
7.जर्मनी (Germany)
8.भारत (Bharat)
9.इंडोनेशिया (Indonesia)
10.इटली (Italy)
11.जापान (Japan)
12.कोरिया गणराज्य (South Korea)
13.मैक्सिको (Mexico)
14.अर्जेंटीना(Argentina)
15.ऑस्ट्रेलिया (Australia)
16ब्राजील(Brazil)
17.तुर्की (Turkey)
18.यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom)
19संयुक्त राज्य अमेरिका (United State of America)
20.यूरोपीय संघ (European Union)

G20 शिखर सम्मेलन के लाभ –

  • G20 शिखर सम्मेलन के होने से कई सारे देशों को अनेकों प्रकार के दूसरे देशों की सहायता प्राप्त होती है।
  • जी 20 शिखर सम्मेलन में ग्लोबल विषयों पर चर्चा की जाती है।
  • जी-20 के सदस्यों में शामिल जिन भी देशों को जिस भी प्रकार की समस्या है, उनका समाधान कई सारे देशों के जरिए प्राप्त होता है।
  • जी-20 की बैठक होने से स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यावरण जैसे प्रमुख विषयों पर ग्लोबल चर्चा होती है, उसका ग्लोबल सॉल्यूशन निकाला जाता है, जिसमें सभी देशों का सहयोग होता है।

सरकार INDIA को भारत क्यों लिख रही है?

सितंबर के पहले सप्ताह से ही जी-20 बैठक से पहले इंडिया का नाम भारत रखा जा रहा है इस पर काफी ज्यादा चर्चा हो रही है। कई सारी खबरों के जरिए पता चला है कि बीजेपी की सरकार हमारे देश का नाम इंडिया से भारत करने वाली है।

इस पर बहस तक चल गई जब g20 का निमंत्रण भारत के राष्ट्रपति के तरफ से अनेकों देशों को भेजा गया। निमंत्रण पत्र में प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह पर प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा गया, जिसकी वजह से यह काफी ज्यादा चर्चा का विषय बन गया कि हो सकता है कि 18 सितंबर से देश की संसद का विशेष सत्र आयोजित होने वाला है, जिसमें इंडिया का नाम भारत रख दिया जा सकता है परंतु अभी इस पर केवल सोशल मीडिया पर पक्ष विपक्ष की चर्चा ही हो रही है, किसी भी प्रकार की ऐसी अभी तक स्पष्टीकरण नहीं हुआ है कि अब इंडिया का नाम बदलकर के भारत ही रख दिया जाएगा। 

क्या निमंत्रण पत्र में प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखने से कोई गड़बड़ी हुई?

संविधान के अनुच्छेद 1 में लिखा गया है कि ‘इंडिया डेट इज भारत’ इसका मतलब है, इंडिया जो कि भारत है। अब अगर प्रेसिडेंट ने अपने जी-20 के निमंत्रण पत्र में प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया के जगह भारत लिख दिया तो कोई गलत नहीं किया क्योंकि आप इंडिया की जगह भारत का भी इस्तेमाल कर सकते हैं परंतु ज्यादातर भारत शब्द का प्रचलन बहुत ही कम है और हमारे देश में और देश के बाहर में भी इंडिया शब्द का प्रचलन काफी ज्यादा है यहां तक की गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ही हर जगह लिखा हुआ आता है परंतु हम भारत शब्द का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

FAQ

G20 शिखर सम्मेलन 2023 कहां होगा?

जी-20 सम्मेलन का आयोजन राजधानी दिल्ली के प्रगति में 8-10 सितंबर को आयोजीत होने जा रहा है।

G20 शिखर सम्मेलन 2023 Theme क्या है?

इस सम्मेलन की थीम वसुधैव कुटुंबकम रखी गई है जिसका संस्कृत में अर्थ है एक विश्व, सम्पूर्ण धरती एक परिवार, एक भविष्य

G20 शिखर सम्मेलन 2023 Logo

जी-20 के लोगों मे कमल की सात पंखुडियां 7 महाद्वीपों तथा संगीत के सात स्वरों को दर्शाति है जोकि दुनियां में सद्भावना बढ़ाती हैं।

G20 की स्थापना कब हुई?

जी-20 की स्थापना सन 1998 में की गई। इस ग्रुप समूह को Group of G20 भी कहा जाता है।

G20 की पहली बैठक कब और कहां हुई थी?

पहली बैठक 4-15 नवंबर को अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में हुई थी।

G20 शिखर सम्मेलन 2024 कहां होगा?

18वां G20 शिखर सम्मेलन ब्राजील में होगा, अभी तारीख घोषित नही की गई है।

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