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गगनयान मिशन क्या है? आइये जाने इसकी खास बातें | Facts about ISRO Gaganyaan Mission in hindi

गगनयान मिशन का महत्व, उद्देश्य, शुरुआत, कब हुई, गगनयान मिशन कब लांच होगा। (What is ISRO Gaganyaan Mission in hindi, launching date)

आज के समय पूरा विश्व अंतरिक्ष विज्ञान को जानने में अपना समय व्यतीत कर रहा है। और विभिन्न प्रकार के प्रयासों के द्वारा अंतरिक्ष के कई राज को जानने की कोशिश कर रहा है। इसमें से अभी तक 3 देशों ने जिनका नाम अमेरिका, चीन, और रूस है, उन्होंने अब तक पृथ्वी से अंतरिक्ष में ऐसे रॉकेट भेजे हैं जो कि मानव के द्वारा संचालित किए जा रहे हैं, यानी कि रॉकेट में मानव को बिठाकर के अंतरिक्ष में भेजा गया है और इसे सुरक्षित रूप से वापस भी लाया गया है।

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भारत भी इस दौड़ में पीछे नहीं है। भारत अगस्त 2022 तक अपने गगनयान मिशन जो कि पहला ह्यूमन स्पेस मिशन होने वाला था, उसे इस कोरोनावायरस के कारण थोडा स्थगित कर दिया गया लेकिन अब इसका निर्धारित समय सन 2023 तक रखा गया है। यदि भारत इस गगनयान मिशन में पूर्ण रूप से सफलता प्राप्त करता है तो भारत वह चौथा देश हो जाएगा जो कि सफलतापूर्वक एक मानव द्वारा संचालित स्पेस फ्लाइट के द्वारा अपना अंतरिक्ष मिशन पूर्ण करेगा।

यह मिशन 2023 तक पूर्ण हो जाने की संभावना है। इसीलिए पूरे विश्व की नजरें भारत पर गड़ी हुई है। अतः गगनयान मिशन भारत के लिए बहुत जरूरी हो जाता है। और आपके लिए भी गगनयान मिशन के बारे में जानना बहुत ही ज्यादा जरूरी हो जाता है। इसीलिए आज के लिए हम आपको बताएंगे कि गगनयान मिशन क्या है, मिशन 2022 क्या था, और गगनयान मिशन 2023 क्या है। गगनयान मिशन का इतिहास क्या है, गगनयान मिशन की शुरुआत कब हुई, तथा गगनयान मिशन की ट्रेनिंग से लेकर के, गगनयान अभियान की सबसे ताज़ा न्यूज़ तक हम आपको सारी जानकारी देने का प्रयास करेंगे।

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विषय–सूची

इसरों के गगनयान मिशन की खास बातें (Facts about ISRO Gaganyaan Mission in hindi)

गगनयान मिशन क्या है? (ISRO Gaganyaan Mission in hindi)

गगनयान मिशन एक तरीके से मानव अंतरिक्ष उड़ान की एक परिकल्पना है, जिसे सत्यता में साकार करने के लिए भारत के महान विद्वान वैज्ञानिक अपनी पूरी मेहनत कर रहे हैं। Gaganyaan Mission जिसे Gaganyaan Program भी कहा जाता है, इसके अंतर्गत मानव अंतरिक्ष उड़ान एक पृथ्वी की निचली कक्षाओं के लिए उड़ान भरेगी। और यह लंबे समय के लिए मूल रूप से सतत भारतीय मानव अंतरिक्ष अन्वेषण कार्यक्रम की एक मजबूत नींव रखेगा।

गगनयान मिशन के अंतर्गत 3 अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस फ्लाइट में भेजा जाएगा जो कि पृथ्वी के निचली ऑर्बिट का चक्कर लगाएंगे। इस मिशन के शुरुआत के लिए ही भारत सरकार ने दो मानव रहित मिशन को भी अप्रूव किया है, जिसके बाद में 3 अंतरिक्ष यात्रियों को एक ही अंतरिक्ष विमान के अंदर अंतरिक्ष में भेजकर के Mission को पूर्ण किया जाएगा।

Gaganyaan Mission का उद्देश्य क्या है?

गगनयान मिशन के अंतर्गत तीन अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी से 400-500 किलोमीटर की दूरी पर 5 से 7 दिनों के लिए चक्कर लगाएगा। इस गगनयान मिशन का मुख्य उद्देश्य यह जानना है कि क्या भारत भी अंतरिक्ष में अंतरिक्ष यात्रियों को भेज सकता है या नहीं। और इसके लिए सबसे पहले Lower Earth Orbit में तीन अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा जाएगा और इसके लिए गगनयान मिशन का शुभारंभ किया गया है।

गगनयान मिशन की शुरुआत कब हुई?

सन 2018 में ही गगनयान के बारे में बातें बाहर आने लगी थी, लेकिन 2020 में इसकी मुख्य तारीख बाहर आ गई थी, जिसमें यह बताया गया था कि अगस्त 2022 तक भारत 3 स्पेस फ्लाइट को अंतरिक्ष में भेजेगा। लेकिन विज्ञान और टेक्नोलॉजी के लिए भारत सरकार के केंद्रीय मंत्रालय से यह नोटिफिकेशन जारी किया गया कि अब इस मिशन की नई तारीख सन 2023 में दी जाएगी यानी कि अब यह गगनयान मिशन 2023 में पूरा किया जाएगा।

भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान को लेकर के कई महान काम किए हैं, जिसकी वजह से भारत की इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन एक महान स्पेस आर्गेनाईजेशन के तौर पर उभरकर के सामने आई है।

इसीलिए पूरे विश्व को भारत से यह उम्मीद है कि भारत अपनी क्षमता जरूर पहचानेगा और इस मिशन में कामयाब होगा। Gaganyaan Mission के अंतर्गत भारत 3 स्पेस फ्लाइट को अंतरिक्ष में भेजेगा। जिसमें से दो मानव रहित होंगी तथा एक में तीन एस्ट्रोनॉट को 5 से 7 दिनों के लिए पृथ्वी की आंतरिक कक्षा में चक्कर लगाया जाएगा।

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Gaganyaan Mission 2022 क्या है?

गगनयान मिशन भारत का एक मुख्य अंतरिक्ष यात्रा मिशन है, जिसमें 2 मानवों को एक अंतरिक्ष यान में बिठाकर के पृथ्वी की निचली ऑर्बिट में यानी कि पृथ्वी की सतह से तकरीबन 400 से 500 किलोमीटर दूर भेजा जाएगा, और वहां से वे पृथ्वी के चक्कर लगाते हुए तकरीबन 5 से 7 दिन का समय व्यतीत करेंगे। यह करके भारत यह देखना चाहता है कि क्या भारत भी अंतरिक्ष मानव मिशन को कर पाने में सक्षम है या नहीं।

सन 2020 में इसके लिए भारत के विज्ञान व तकनीकी मंत्रालय के द्वारा यह गैजेट नोटिफिकेशन जारी किया गया था कि सन 2022 के शुरुआत में भारत की ओर से इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन 3 स्पेस फ्लाइट को लॉन्च करेगी, जिसमें से दो मानव रहित होंगी तथा एक में तीन अंतरिक्ष यात्री बैठे होंगे। लेकिन कोविड-19 की वजह से यह तारीख थोड़ी आगे खिसक गई। और बताया जा रहा है कि जो गगनयान मिशन 2022, सन 2022 के शुरुआती दिनों में होना था उसे सन 2022 के अंतिम दिनों में या फिर सन 2023 के शुरुआती दिनों में जाने की संभावना है।

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गगनयान मिशन का इतिहास (Gaganyaan Mission history)

Gaganyaan Mission का इतिहास इतना ज्यादा भी पुराना नहीं है, क्योंकि रूस ने काफी बार मानव स्पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष में भेजा है। इसके बाद में अमेरिका ने भी पृथ्वी के Lower Orbit में मानव स्पेसक्राफ्ट को भेजा है। यहां तक की अमेरिका ने अपना मानव स्पेसक्राफ्ट चांद पर भी भेजा है, और इसके बाद में 5 मई 2020 को चाइना ने पृथ्वी के लोअर ऑर्बिट में अपने यान को भेज करके अपने कैपेबिलिटी को साबित किया। अब इसके बाद में चाइना के अपना स्पेस स्टेशन भी तैयार किया है।

इसी को लेकर के भारत से भी उम्मीदें लगाई जा रही थी कि भारत भी मानव स्पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष में भेजेगा। और इस से लेकर के 2018 से ही बातें शुरू हुई थी। गगनयान मिशन के बारे में 2018 से ही अटकले लगना शुरू हो गई थी। और लोगों ने बातें करना शुरू कर दिया था। लेकिन जब 2020 में चाइना ने अपना अंतरिक्ष यान पृथ्वी के Lower Orbit में भेज करके अपने मानव अंतरिक्ष यात्रा के कार्यक्रम को पूर्ण किया था, उसके बाद में भारत ने भी अपने मानव अंतरिक्ष यात्रा को सार्थक रूप देने के लिए गगनयान के ऊपर जोर शोर से काम करना शुरू कर दिया था।

यह गगनयान सन 2022 तक पूर्ण सफलता के साथ में समाप्त भी हो जाना था, लेकिन कोरोनावायरस के कारण इस समय अवधि को स्थगित किया गया और अब इसे 2023 में कंप्लीट किया जाएगा।

गगनयान मिशन की कुल लागत कितनी है?

Gaganyaan Mission मिशन की की कुल लागत के बारे में बहुत सी बातें कही जा रही है कुछ लोग कह रहे है की इसमें 9000 करोड़ खर्च हुए है और कुछ तथ्य यह कहते है की इसमें 1200 करोड़ से अधिक का खर्चा आया है लेकिन, इसरो की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार गगनयान प्रोग्राम की कुल लागत 9023 करोड रुपए की है। तथा 9023 करोड़ रुपए में इस गगनयान मिशन को पूर्ण रूप से गतिमान किया जाएगा। भारत यदि इस गगनयान मिशन को सफलतापूर्वक पूरा कर लेता है तो भारत पूरे विश्व में वह चौथा देश हो जाएगा, जिसने अमेरिका रूस और चाइना के बाद में अंतरिक्ष में अपने अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा है।

गगनयान मिशन कब लांच होगा?

भारत के केंद्र सरकार में इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा के शीतकालीन सत्र में यह जानकारी दी कि अंतरिक्ष गगनयान मिशन 2023 में लांच किया जाएगा। और जो दो मानवरहित यान को इस मिशन के अंतर्गत लांच किया जाना था, उसे सन 2022 के अंत तक रोबोट व्योमित्र मिशन के द्वारा भेजा जाएगा, और मिशन को सन 2023 के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। इस गगनयान मिशन को करोना की महामारी के कारण कुछ समय के लिए स्थगित किया गया है।

गगनयान मिशन की ट्रेनिंग

सन 2019 के जून के महीने में ह्यूमन स्पेस फ्लाइट सेंटर जो कि इसरो की एक शाखा है, तथा रूस सरकार के द्वारा अधिकृत ग्लवकोसमॉस ने एक ट्रेनिंग कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए। जिसमें इस इस गगनयान मिशन के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे कि रूस भारत की मदद गगनयान मिशन की ट्रेनिंग के लिए करेगा। क्योंकि रूस ने पहले भी मानवों को अंतरिक्ष में भेजा है। इसके लिए रूस की मदद से यह ट्रेनिंग प्रोग्राम कंप्लीट किया गया। जिसमें क्षेत्र सोयुज एयरक्राफ्ट की सहायता से भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों ने इस अंतरिक्ष यात्रा की ट्रेनिंग को पूरा किया। इस एयरक्राफ्ट का नाम सोयूज है जिसे सोयूज स्पेसक्राफ्ट के नाम से भी जाना जाता है।

  • इसरों ने भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी अंतरिक्ष एजेंसी रोसकोसमोस(Roskosmos) को सौंपी है इसके लिये दोनों के बीच में अनुबंध भी किया गया है।
  • सभी अंतरिक्ष यात्रियों को वायु सेना से लिया जायेगा। इसके लिये 25 को शॉर्टलिस्ट भी किया गया है। इनको एक वर्ष के लिये रुस में ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

गगनयान मिशन का स्पेस सूट

गगनयान के अंतरिक्ष यात्रियों के सूट को संतरी रंग (Orange) का होगा, जिसका निर्माण विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर द्वारा किया जाएगा। यह सूट ऑल्ट्रावाइलेट सूर्य के प्रकाश, अंतरिक्ष के कठोर वातावरण में स्पेस यात्रियों की रक्षा करेगा। इसमें लगे ऑक्सीजन सेलेंडर से एक घंटे की ऑक्सीजन ली जा सकती है।

व्योमनोट कौन है? (Who is Vyomanauts?)

भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को व्योमनोट नाम दिया गया है, यह शब्द संस्कृत से लिया गया है जिसमे व्योम का अर्थ अंतरिक्ष है।
जानकारी के लिये बता दे इस मिशन से पहले मानवरहित मिशन होंगे जिसमें दो मानव की शक्ल वाले ह्यूमन रोबोट भेजा जाएगा, जिसका नाम ‘व्योममित्र’ का नाम रखा गया है। इसी के तहस पहले के देशों ने ट्रॉयल के तौर पर पशुओं व विभिन्न जीवों को अंतरिक्ष में भेजा था।

लेकिन भारत इस ट्रॉयल मिशन के लिये रोबोट का इस्तेमाल करेगा। यह रोबोट ऑटिफीशियल इंटेलिजेंस की मदद से मानव की तरह व्यवहार व कार्य करेंगे।

निष्कर्ष

तो आज के लेख में हमने जाना की गगनयान मिशन क्या है, गगनयान मिशन का उद्देश्य क्या है, इसकी लागत क्या है और इसकी शुरुआत से लेकर के इसके बारे में सबसे नयी खबर तक हमने आपको बताया और हमने आपको यह भी बताया की यदि भारत अपने इस मिशन में कामयाब होता है तो उसका परिणाम क्या होगा। तो आज के लेख में हमने गगनयान मिशन के बारे में सारी जानकारी हासिल कर ली है।हम आशा करते है की आपको यह लेख पसंद आया होगा।

FAQ

इसरो गगनयान मिशन कब लांच करेगा?

2023 में लांच किया जाएगा

गगनयान मिशन के मानव रोबोट का नाम क्या है?

व्योममित्र

भारत ने गगनयान मिशन पर कितना खर्चा किया है

9,023 करोड़

गगनयान किस राकेट इंजन से लॉच किया जाएगा।

जीएसएलवी एम के-3

गगनयान मिशन में कितने अंतरिक्ष यात्री जाएंगे?

4 अंतरिक्ष यात्री

इसरो के वर्तमान(2022) चेयरमैन कौन हैं

डॉ. एस सोमनाथ, एयरोस्पेस इंजिनियर व राकेट साइंटिस्ट

इसरों के नये अंतरिक्ष मिशन कौन से है

चंद्रयान-3, शुक्रयान मिशन एवं आदित्य एल-1

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