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26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर शायरी | 26 January 2023 Republic Day Shayari in Hindi

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Republic Day Shayari & Wishes in Hindi: आज हम आपके लिए 26 जनवरी 2023 गणतंत्र दिवस (Happy Republic Day 2023) के मौके पर एक बेहतरीन कविता और कई सारे अनमोल विचार तथा शायरियां लेकर आए हैं जिनका इस्तेमाल करके आप मंच पर भाषण और कविता पाठ कर सकते हैं और अपने मित्रों सहपाठियों तथा लोगों को गणतंत्र दिवस 2023 की शुभकामनाएं (26 January 2023 Republic Day Wishes In Hindi) भेज सकते हैं।

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गणतंत्र दिवस पर शायरी और अनमोल विचार (Wishes, Shayari on Republic Day 2023 in Hindi)

सोंधी सी खुशबू आती है यहां की बस्ती बस्ती में,
कुछ तो यारों सना हुआ है हिंदुस्तानी मिट्टी में।

पड़ेगी जब मुसीबत तब वतन बलिदान मांगेगा,
शहीदों की कफन में लिपटा तिरंगा शान मांगेगा।

वतन की जुस्तजू में इस कदर बलिदान देना तुम,
मिट्टी प्यासी हो तो अपने लहू से सान देना तुम।

अहिंसा से नहीं मिलती हुकुमतों से आजादी,
जिन्होंने खुद को खोया है उन्हें हम याद रखेंगे।

इसे अलगाव वादों से बचाकर दूर रखेंगे,
जलाकर प्रेम के दिए वतन में नूर रखेंगे।

पश्चिम सभ्यताओं के हथकंडे में ना आएंगे,
विश्व गुरु बन कर के हम औरों को राह दिखाएंगे।

जगमग होगी दुनिया सारी भारत के कांति विचारों से,
सुख और समृद्धि आएगी हर सरहद की दीवारों से।

भेदभाव का मिटा निशां, हम सबको गले लगाएंगे,
नेतृत्व करेंगे मिल जुल कर, दुनिया को राह दिखाएंगे।

कल से बेहतर आज बनाकर बदलेंगे तकदीरों को।
जब तक तन में प्राण रहेंगे, याद रखेंगे वीरो को।।

– सौरभ शुक्ला
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गणतंत्र दिवस पर शायरी, कविता (26 January 2023 Republic Day Shayari in Hindi)

मेरा भारत देश अकेला है,
जहां सब धर्मों का मेला है।
जहां सागर नदियां झीलें हैं,
जहां वीरों के कबीलें हैं।

धन्य है मेरी मातृभूमि,
जहां मैंने जीवन पाया है।
विधना तेरा कृतज्ञ हूं,
जो भारत में उपजाया है।

– सौरभ शुक्ला
आजादी ना मिली भीख में,
लड़कर हमने छीनी है।

भारत की यह धरा सकल,
बलिदान लहू से भीनी है।

पट गए न जाने शरीर कितने,
घाव धरा के भरने में।

आजादी का परिणाम मिला था,
मातृभूमि पर मरने में।

   – सौरभ शुक्ला 
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गणतंत्र दिवस पर शायरी, कविता (26 January 2023 Republic Day Poem in Hindi)

हमने सीखी है मोहब्बत उनसे,
जो वतन से कभी बेवफा नहीं होते।

सौंधी सी खुशबू आती है,
यहां की बस्ती बस्ती में।

यारो कुछ तो सना हुआ है,
हिंदुस्तानी मिट्टी में।

  - सौरभ शुक्ला

कल से बेहतर आज बनाकर,
बदलेंगे तकदीरों को।

जब तक तन में प्राण रहेगा,
याद रखेंगे वीरों को।

- सौरभ शुक्ला
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