हर घर तिरंगा अभियान, आजादी का अमृत महोत्सव क्या है?, आजादी का अमृत महोत्सव पर निबंध, आजादी का अमृत महोत्सव पर कविता, (Azadi ka amrit mahotsav par nibandh, Essay On Azadi Ka Amrit Mahotsav In Hindi, Har Ghar Trianga kya hai, Poem, Wishes, Slogan, Quotes on 15 August independence day poem in Hindi, Poem On Azadi Ka amrit mahotsav slogan, quotes in hindi)
इस समय पूरा देश 76वें स्वतंत्रता दिवस को आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है। स्वतंत्रता की 76वीं वर्षगांठ के इस खास मौके पर हर घर तिरंगा अभियान भी चलाया जा रहा है जिसके तहत लोग अपने घरों पर तिरंगा तथा अपनी प्रोफाइल पर तिरंगे की तस्वीर लगा रहे हैं।
स्वतंत्रता की यह 76वीं वर्षगांठ भारतवर्ष में बड़े उत्साह के साथ मनाई जा रही है। स्वतंत्रता दिवस पर विभिन्न प्रकार के आयोजन किए जाते हैं जिनमें स्वतंत्रता दिवस पर निबंध, तथा भाषण देने के लिए 15 अगस्त पर देशभक्ति शायरियों की तलाश की जाती है तथा अपने करीबी प्रिय जनों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी जाती है।
आजादी के इस 76 वें वर्षगांठ पर देश में विभिन्न प्रकार के कैंपेन चलाए जा रहे हैं और देश के नागरिकों को स्वतंत्रता दिवस के प्रति उत्साहित किया जा रहा है।
आजादी का अमृत महोत्सव संपूर्ण राष्ट्र के लिए पर्व के समान है और विगत दो वर्ष से मनाया जा रहा है। विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के दौरान आजादी का अमृत महोत्सव पर निबंध एवं भाषण का प्रोग्राम रखा जाता है।
हालांकि अब भी बहुत से लोगों को आजादी के अमृत महोत्सव के महत्व और इसके उद्देश्यों से जुड़ी खास जानकारियां नहीं है।
तो आइए आज इस आर्टिकल के जरिए हम आजादी के अमृत महोत्सव और इसके महत्व तथा उद्देश्य के बारे में बताते हैं। आज इस लेख में हम आपके लिए आजादी का मृत महोत्सव पर बेहतरीन भाषण, कुछ अनमोल विचार तथा कविताएं भी लेकर आए हैं।
आइये पढ़ें –
- स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) पर भाषण
- भारतीय तिरंगे झंडे के बदलते रंग एवं स्वरूप का ऐतिहासिक सफर से जुड़ें रोचक तथ्य
विषय–सूची
आजादी का अमृत महोत्सव क्या है?
भारत की स्वतंत्रता के 76वें वर्षगांठ पर पूरा देश आजादी के अमृत महोत्सव के रंगों में रंगा हुआ है।
15 अगस्त 2023 को भारत को गुलामी की बेड़ियां तोड़े हुए 76 साल हो गए। ऐसे में हमारा पूरा देश इस पर्व को एक नई चेतना और उमंग के साथ अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है।
आजादी का अमृत महोत्सव केवल महोत्सव ही नहीं बल्कि एक अभियान भी है जिसके तहत सभी भारत वासियों को राष्ट्रप्रेम की भावना से जोड़ा जा रहा है तथा उनके मन में राष्ट्र के प्रति उत्तरदायित्वों की चेतना जागृत की जा रही है।
आजादी का अमृत महोत्सव पर निबंध (Essay on Azadi Ka Amrit Mahotsav in Hindi)-
प्रस्तावना –
आजादी का अमृत महोत्सव अभियान की शुरुआत 12 मार्च 2021 को भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी। यह अभियान 15 अगस्त 2023 यानी स्वतंत्रता दिवस की 76वीं वर्षगांठ तक त्योहार के रूप में मनाया जा रहा है।
इतना ही नहीं आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत ही विश्वविद्यालयों, विद्यालयों, सरकारी संस्थाओं तथा कई गैर सरकारी संस्थाओं में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है ताकि देश के युवा वर्ग तथा जिम्मेदार नागरिकों को इसकी भावना के साथ जोड़ा जा सके।
इन कार्यक्रमों के तहत लोगों को भारत के स्वर्णिम इतिहास और भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों की वीर गाथा से जुड़ी जानकारियां विस्तार से दी जा रही है। आजादी के अमृत महोत्सव अभियान के इसी बीच हर घर तिरंगा कैंपेन नाम की एक मुहिम भी शुरू की गई है।
आइये इन्हे भी जाने- 1. भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी 2. स्वामी विवेकानंद - राष्ट्रीय युवा दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? 3. महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद का जीवन परिचय 4. सरदार वल्लभ भाई पटेल का जीवन परिचय
अमृत महोत्सव से जुड़े हर घर तिरंगा अभियान 2023 का उद्देश्य एवं महत्व।
विगत वर्ष 2022 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर घर तिरंगा कैंपेन का अभियान भी चलाया था जिसके तहत लोगो को राष्ट्रध्वज की भावना के साथ जुड़ने का मौका मिला। इस अभियान के तहत लोग 13 अगस्त से लेकर 15 अगस्त 2022 तक अपने घरों पर तिरंगा झंडा लगाकर हर घर तिरंगा कैंपेन का हिस्सा बनें।
इस बार भी 15 अगस्त 2023 स्वतंत्रता दिवस के पर्व पर हर घर तिरंगा कैंपेन चलाया जाएगा। भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा है यह अभियान सभी भारतीयों के मन में तिरंगे के प्रति सम्मान एवं राष्ट्रभक्ति की भावना विकसित करने के लिए शुरू किया गया है।
विगत वर्ष इस अभियान में करोड़ों भारतीयों ने हिस्सा लिया तथा अपने घर पर तिरंगा लगाकर इस मुहिम का एक हिस्सा बने। इस बार भी हर घर तिरंगा अभियान को लेकर भारतीयों के मन में एक अलग ही उत्साह नजर आ रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवाहन पर भारतीय स्वतंत्रता की 76 वीं वर्षगांठ के मौके पर भी इस अभियान को सक्रियता से चलाया जाएगा जिसमें लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे।
दो शतकों तक अंग्रेजों का गुलाम रहने वाला यह देश महज 76 वर्ष की स्वाधीनता में विकास की नई नई ऊंचाइयों को छू रहा है। आज हमारा भारत विश्व जगत में मजबूती के साथ खड़ा है और विश्व का नेतृत्व कर रहा है।
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आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के उद्देश्य –
आजादी का अमृत महोत्सव मनाने का सबसे प्रमुख उद्देश्य भारत में राष्ट्रीयता की नई अलख जगाना है ताकि भारत के लोग आने वाले अगले 25 वर्षों में ईमानदारी से अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन करते हुए भारत की समृद्धि और बहुमुखी विकास में हिस्सेदारी निभा सके।
इस अमृत महोत्सव के दौरान भारत नई-नई कार्य योजनाओं का शिलान्यास एक संकल्प के रूप में कर रहा है ताकि आने वाले 25 वर्षों के ध्येय में भारत सफलता का नया इतिहास रच रहा हो।
जिन भारतीयों को अंग्रेज हीन भावना से देखा करते थे आज उन्हें भारतीयों के हौसलों की सराहना पूरा विश्व कर रहा है।
इन 76 सालों में भारत ने अपनी तरक्की के नए नए द्वार खोल लिए हैं फिर चाहे वह प्रौद्योगिकी का क्षेत्र हो, व्यापार हो, खेल हो या फिर स्वास्थ्य सेवाएं भारत हर क्षेत्र में आने वाली परिस्थितियों के साथ डटकर खड़ा है।
आजादी के इस अमृत महोत्सव के तहत ही आने वाले अगले 25 सालों की कार्य योजना तैयार की जा रही है ताकि जब हमारा देश स्वतंत्रता की शताब्दी मना रहा हो तो उसकी स्थिति आज के मुकाबले अत्याधिक बेहतर हो।
आने वाले इन 25 सालों को भारत के लिए अमृत काल माना जा रहा है जिनमें भारत अपने नए संकल्पों और सपनों साकार करते हुए विकास की नई दिशा और गति प्राप्त करेगा।
आजादी का अमृत महोत्सव का महत्व –
आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में मनाए जाने वाला यह पर्व भारतीयों को देश प्रेम की भावना से जोड़ रहा है। भारत के कोने कोने से लोग इस अभियान से जुड़ रहे हैं और पूरे जोश तथा उमंग के साथ देश का उत्साहवर्धन कर रहे हैं। इतनी विविधता होने के बावजूद भी आज पूरा देश एक साथ अमृत महोत्सव के रंग में रंगा हुआ है।
उपसंहार –
समूचे देश में मनाया जाने वाला आजादी का अमृत महोत्सव केवल एक पर्व नहीं है बल्कि एक अभियान भी है। आज भी हमारे बहुत से देशवासी अशिक्षा अथवा अन्य कारणों से देश प्रेम की भावना से नहीं जुड़ पा रहे हैं। ऐसे में आने वाले समय में भी देश के लिए ऐसे कल्याणकारी अभियानों की शुरुआत होनी चाहिए ताकि लोग समय-समय पर देश के प्रति अपने उत्तरदायित्व को लेकर जागरूक हो सकें और देश की उन्नति में अपना हाथ बटा सकें।
आजादी के महोत्सव 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर कविता (Poem On Independence Day (15 August) In Hindi)
नव भारत का निर्माण करें हो समृद्धता या दरिद्रता, हम जन जन का कल्याण करें, आओ हम सब मिलकर के, नव भारत का निर्माण करें। अतुल्य भारत अखंड भारत, सोचो कितना सुंदर है यह स्वप्न मात्र एक मेरा है, सब कार्य जनों पर निर्भर है। यह पर्व बड़ा ही पावन है, उत्सव से इसे मनाएंगे, गूथे जाएंगे स्वर से स्वर, हम वंदे मातरम गाएंगे। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, आओ मिलकर संकल्प करें, व्यय आज करें श्रम जीवन में, निज कल का कायाकल्प करें। यह कार्य तब ही संभव होगा, जन-जन में मैत्री भाव रहे, और क्षुद्र नसों की रग रग में, राष्ट्र प्रेम का स्राव रहे। निर्माण करें रेखाओं का, हम बिंदु बन संरेख रहें, यह ध्यान रहे एक दूजे से, हम अलग रहें पर एक रहें। निज मातृभूमि संरक्षण में, था वीरों ने बलिदान किया, भारत माता की सेवा में, अपने जीवन को दान किया। कितनी बहनों ने भाइयों के, हाथों को कटते देखा है, कितनी माताओं ने अपने, बेटे को मरते देखा है। कितने ही घर के चिरागों ने, नूर मिटाए थे अपने, कितनी ही अर्धांगिनियों ने, सिंदूर मिटाए थे अपने। तब जाकर हिंदुस्तान सकल, यह पर्व मनाने योग्य हुआ, जब वीरों ने जीवन खोया, तब स्वतंत्रता पाने योग्य हुआ। हम कितने भी विकसित हो लें, और कितना भी आबाद रहे, पर ध्यान रहे उन वीरों की, कुर्बानी हमको याद रहे। जब घाव लगे भारत मां को, अपने बलिदान से भर देना, यदि अवसर आए मरने का, तो प्राण न्योछावर कर देना। रण कितना भी भीषण हो ले, पर विजय गीत गाते रहना, जब मृत्यु से हो भेंट कभी, होठों से मुस्काते रहना। यदि इस संघर्ष सरोवर में, तन डूब भी जाए तो क्या होगा, सम्मान मिलेगा तोपों से, शव ध्वज से ढका हुआ होगा। है मातृभूमि का ऋण अमूल्य, कैसे चुकता हो पाएगा, बलिदान राष्ट्र के प्रति होना, ऐसा भी अवसर आएगा। सम्बन्धों के कुसुमों में तो, मकरंद बनेंगे, बिगड़ेंगे, हो सकता है कि देशों से, सम्बन्ध बनेंगे, बिगड़ेंगे । पर प्रथम भाव कुछ ऐसा हो, भाई-भाई का नाता हो, जब पीठों में खंजर घोपें तो, सिर उधेड़ना आता हो। विकट परिस्थिति आए तो तन, मन, धन अर्पित कर देना, जब मातृभूमि माँगेगी तो, सर्वस्व समर्पित कर देना। और कह देना ऐ मातृभूमि! मुझपर अब भी ऋण तेरा है, इस ऋण के बदले में केवल एक सुक्ष्म समर्पण मेरा है। ऐ विधना इतनी विनती है, मैं पुनर्जन्म जब भी पाऊँ, मुझे धरा मिले भारतभूमि, और हिन्दुस्तानी कहलाऊँ। - सौरभ शुक्ला
आजादी के महोत्सव स्वतंत्रता दिवस पर स्लोगन, अनमोल वचन (Independence Day Slogan, Quotes and Wishes In Hindi)-
सोंधी सी खुशबू आती है यहां की बस्ती बस्ती में, कुछ तो यारों सना हुआ है हिंदुस्तानी मिट्टी में। पड़ेगी जब मुसीबत तब वतन बलिदान मांगेगा, शहीदों की कफन में लिपटा तिरंगा शान मांगेगा। निभाने पड़ते हैं आवाम से भी खून के रिश्ते, तभी तो हर शहादत पर तिरंगा लाल होता है। वतन की जुस्तजू में इस कदर बलिदान देना तुम, मिट्टी प्यासी हो तो अपने लहू से सान देना तुम। अहिंसा से नहीं मिलती हुकुमतों से आजादी, जिन्होंने खुद को खोया है उन्हें हम याद रखेंगे। इसे अलगाव वादों से बचाकर दूर रखेंगे, जलाकर प्रेम के दिए वतन में नूर रखेंगे। पश्चिम सभ्यताओं के हथकंडे में ना आएंगे, विश्व गुरु बन कर के हम औरों को राह दिखाएंगे जगमग होगी दुनिया सारी भारत के कांति विचारों से, सुख और समृद्धि आएगी हर सरहद की दीवारों से। भेदभाव का मिटा निशां, हम सबको गले लगाएंगे, नेतृत्व करेंगे मिल जुल कर, दुनिया को राह दिखाएंगे। कल से बेहतर आज बनाकर बदलेंगे तकदीरों को, जब तक तन में प्राण रहेंगे, याद रखेंगे वीरो को। निभाने पड़ते हैं आवाम से भी खून के रिश्ते, तभी तो हर शहादत पर तिरंगा लाल होता है। - सौरभ शुक्ला