Advertisements

बसंत पंचमी 2024 में कब है?: सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त तिथि, पूजन विधि और कर्म | Saraswati Puja Muhurat Date 2024 hindi

बसंत पंचमी 2024 में कब है?, सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त तिथि कब है?, सरस्वती पूजन पूजन की विधि, दिन क्या करें, क्या न करें (Saraswati Puja Muhurat 2024, Saraswati Puja Date in 2023)

Saraswati Puja Muhurat Date 2023 : भारत में हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को देवी सरस्वती की विधि विधान से पूजा की जाती है। इस त्यौहार को बसंत पंचमी, श्री पंचमी और सरस्वती पूजा के नामों से जाना जाता है। बसंत पंचमी के दिन सरस्वती माँ की पूजा की जाती है जिन्हें कला, संगीत तथा विद्या की देवी के रुप में पूजा जाता है।

Advertisements

सरस्वती पूजन के इस विशेष मुहूर्त को बेहद शुभ माना जाता है इसीलिए इसे अभूझ मुहूर्त भी कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन शुभ मुहूर्त पर विधि विधान से संपूर्ण पूजन विधि का प्रयोग करके देवी सरस्वती की पूजा करने से बल बुद्धि विद्या और धन संपत्ति का शुभ लाभ होता है।

इस साल 14 फरवरी 2024 को उदया तिथि में बसंत पंचमी 2024: सरस्वती पूजन का त्यौहार मनाया जाएगा। तो चलिए आज इस आर्टिकल के जरिए आपको बसंत पंचमी 2024 के मौके पर सरस्वती पूजन का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि के बारे में बताते हैं। इसके अलावा हम इस आर्टिकल में आपको यह भी बताने वाले हैं कि बसंत पंचमी 2024 सरस्वती पूजन के दिन क्या करें क्या न करें?

सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त तिथि, पूजन विधि और कर्म-Basant-Panchami-Saraswati-Puja-Muhurat-Date-hindi

सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त तिथि (Saraswati Puja Muhurat Date 2024 hindi)

सरस्वती पूजा क्यों की जाती है?कला, ज्ञान, बुद्धि, वैभव एवं समृद्धि
किस देवी की पूजा की जाती है?सरस्वती देवी
हिंदू पंचांग के अनुसार तिथिमाघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी
सरस्वती पूजा पूजन तिथि कब है?14 फरवरी 2023
सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त तिथिसुबह 7 बजकर 10 मिनट से दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक
भारत में कहां-कहां मनाई जाती है।पूरे भारत में
विशेषकर कौन करता है सरस्वती पूजाहिंदू धर्म में विद्यार्थी वर्ग, कलाकार व संगीतकार

Basant Panchami 2024:  सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त तिथि, पूजन विधि और कर्म –

वैसे तो बसंत पंचमी का त्यौहार हिंदू पंचांग के मुताबिक माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है लेकिन अंग्रेजी कैलेंडर में इसकी डेट बदलती रहती हैं।

इस बार बसंत पंचमी का त्यौहार 14 फरवरी 2024 को मनाया जाएगा। हालांकि बसंत पंचमी तिथि की शुरूआत 13 फरवरी 2024 की दोपहर में 2 बजकर 41 मिनट से ही हो जाएगी जो अगले दिन 14 फरवरी 2024 की दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर खत्म होगी।

भारत में हिंदू त्योहारों को मनाना ज्यादा शुभ तभी माना जाता है जब उनकी तिथियां सूर्योदय के बाद पड़ें इसीलिए इस बार बसंत पंचमी का त्यौहार 14 फरवरी 2024 को 12 बजकर 28 मिनट के पहले ही मनाया जाएगा।

14 फरवरी 2023 को बसंत पंचमी के मौके पर सरस्वती पूजन का सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 12 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप सरस्वती पूजन के लिए कलश स्थापना पूजन और हवन कर सकते हैं।

उदया तिथि में पड़ने के कारण 14 फरवरी 2024 को ही बसंत पंचमी मनाना ज्यादा शुभ है। इस दिन माता सरस्वती को पीले वस्त्र पीली खाद्य सामग्रियां और पीले फूल समर्पित करने पर आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी।

सरस्वती पूजन के लिये शुभ मुहूर्त

सरस्वती पूजन के लिये दो शुभ लग्न योग बन हैं। पहला 7 बजे से 8 बजकर 28 मिनट तक है। दूसरा शुभ योग 9 बजकर 53 मिनट से 11 बजकर 27 तक का मुहूर्त सरस्वती पूजन के लिये अति शुभ रहेगा।

Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram group Join Now

सरस्वती पूजन के शुभ मुहूर्त में आप किसी भी शुभ कार्य की नींव डाल सकते हैं और विवाह आदि जैसे शुभ कार्यों को संपन्न कर सकते हैं।

बसंत पंचमी (सरस्वती पूजन) की विधि –

आइए अब सरस्वती पूजन की सम्पूर्ण विधि के बारे में जानते हैं। सरस्वती पूजन के शुभ मुहूर्त में पूरे विधि विधान से देवी सरस्वती की पूजा करने पर शुभ फल प्राप्त होता है।

  • बसंत पंचमी के दिन सुबह गंगा स्नान या घर पर ही स्नान करके सफेद अथवा पीले वस्त्र धारण करें।
  • बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का वस्त्र धारण करना अत्यंत शुभ होता है। इस दिन देवी सरस्वती को पीले रंग की मिठाइयां पीले पुष्प और पीला चंदन समर्पित करना चाहिए।
  • स्नान करने के बाद सरस्वती पूजन का संकल्प लें और उनकी प्रतिमा स्थापित करें। प्रतिमा स्थापित करने के बाद देवी सरस्वती की प्रतिमा को पीले वस्त्र पहनाएं।
  • सरस्वती पूजन में देवी सरस्वती को पीले फूल पीला और सफेद चंदन, अक्षत और पीले रंग की रोली चढ़ाएं। देवी सरस्वती को पीले रंग के फूलों या गेंदे के फूल से बना हार चढ़ाएं।
  • अब देवी सरस्वती को भोग चढ़ाएं और विधिवत उनकी पूजा करें। अगर आप चाहें तो सरस्वती कवच का पाठ भी कर सकते हैं।
  • देवी सरस्वती की पूजा करने से पहले गणेश जी की पूजा जरूर करें और देवी सरस्वती की पूजा करने के बाद अन्य देवताओं की भी पूजा करें।
  • पूजन के अंत में श्री सरस्वतयै नमः के साथ हवन में आहुति दें और हवन पूर्ण हो जाने के बाद प्रसाद ग्रहण और वितरण करें।

बसंत पंचमी के दिन क्या करें?

  • बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती को पीले फूल अर्पित करें और संभव हो तो पीले रंग की खाद्य सामग्रियां चढ़ाएं।
  • बसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र अथवा सफेद वस्त्र पहने।
  • बसंत पंचमी की एक विशेष कथा कामदेव के साथ भी जुड़ी हुई है। इसीलिए यदि आप बसंत पंचमी के दिन अपने दांपत्य जीवन में सुख समृद्धि का समावेश चाहते हैं तो भगवान रति और कामदेव की भी पूजा करें।
  • बसंत पंचमी के दिन सरस्वती वंदना का पाठ करें और देवी सरस्वती की पूजा करें।
  • सरस्वती पूजा के पहले गणेश जी की पूजा करना ना भूलें। श्री गणेश जी की पूजा करने के बाद ही सरस्वती पूजन करें तभी आपको पूजा का लाभ मिलेगा।
  • सरस्वती पूजन के दिन अध्ययन अध्यापन जरूर करें और बच्चों को भी पढ़ाई लिखा है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि देवी सरस्वती विद्या की देवी हैं और सरस्वती पूजन के दिन पढ़ाई करने से बल बुद्धि और विद्या की बढ़ोतरी होती है।
  • बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजन के साथ-साथ लक्ष्मी पूजन भी करें क्योंकि बसंत पंचमी को श्री पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। यानी कि यह दिन देवी सरस्वती के साथ-साथ देवी लक्ष्मी को भी समर्पित है। इसीलिए भूल कर भी देवी लक्ष्मी की पूजा करना ना भूले।
  • सरस्वती पूजन के गणेश जी लक्ष्मी और देवी सरस्वती की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और घर में धन विद्या संपत्ति की बढ़ोतरी होती है।

इन्हें भी पढ़ें-

बसंत पंचमी (सरस्वती पूजा) के दिन क्या न करें?

  • बसंत पंचमी त्यौहार के दिन सरस्वती पूजन के अवसर पर भूलकर भी नीले और काले वस्त्र ना पहने। क्योंकि सरस्वती पूजन के दौरान नीले और काले वस्त्र पहनना बेहद शुभ माना जाता है। इसीलिए सफेद और पीले वस्त्र पहन कर ही सरस्वती पूजन करें।
  • सरस्वती पूजन के दिन भूलकर भी किसी को अपशब्द ना कहें और ना ही किसी गलत शब्द का इस्तेमाल करें।
  • देवी सरस्वती को वाणी की देवी माना जाता है। और सरस्वती पूजन के मौके पर अपशब्द बॉडी का प्रयोग करने से देवी सरस्वती का अनादर होता है, इसीलिए सरस्वती पूजन के दिन किसी को अपशब्द ना कहें।
  • सरस्वती पूजन के दिन वृक्षारोपण करना बेहद शुभ माना जाता है क्योंकि बसंत पंचमी बसंत की बहार आने का प्रतीक होता है और ऐसे में पेड़ पौधों की कटाई करना बेहद शुभ माना जाता है। बसंत पंचमी के दिन भूलकर भी पेड़ पौधों की कटाई छटाई न करें बल्कि नए वृक्षों का वृक्षारोपण करें।
  • बसंत पंचमी के दिन मांस मदिरा का सेवन बिल्कुल ना करें। मांस मदिरा का सेवन करने से सरस्वती पूजन के दिन देवी सरस्वती का अनादर होता है इसीलिए तामसिक भोजन का त्याग कर दें। बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजन के दौरान सात्विक भोजन ग्रहण करें।

दोस्तों आज इस लेख के जरिए हमने आपको बसंत पंचमी 2024 सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त तिथि और पूजन विधि के बारे में बताया। उम्मीद करते हैं कि हमारा यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा।

Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram group Join Now
HomeGoogle News

FAQ

2024 में सरस्वती पूजन का शुभ मुहूर्त कब है?

इस बार बसंत पंचमी 14 फरवरी के दिन है पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7ः00 बजे से 12ः34 तक का है।

सरस्वती पूजन में कैसे वस्त्र पहनना चाहिये।

सरस्वती पूजन में बसंत पंचमी के दिन पीले एवं सफेद रंग का वस्त्र धारण करना अत्यंत शुभ रहता है।

बसंत पंचमी के दिन चार शुभ योग कौन-कौन से हैं?

रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि, शिव और सिद्ध योग

सरस्वती माता की पूजा करने से किस फल की प्राप्ति होती है।

माँ सरस्वती संगीत, कला, ज्ञान, बुद्धि, वैभव एवं समृद्धि की देवी है। सरस्वती माँ की पूजा करने से मनुष्य सर्वगुण सम्पन्न बन जाता है।

इन्हें भी पढ़ें –

Leave a Comment