सीवी रमन पर निबंध, सीवी रमन का जीवन परिचय, उम्र, खोज, पत्नी, बच्चें (CV Raman Biography in hindi, Birth, Place, Family, Education, Inventions, Awards, career, mother name, father name, wife, children’s, caste, religious, raman effects, national science day, Important facts in hindi)
भारत में एक से बढ़कर एक प्रतिभाशाली व्यक्तित्व के लोग पैदा हुए हैं जिन्होंने अपने दार्शनिक विचारों, खोजों और अविष्कारों से पूरी दुनिया को प्रभावित किया।
भारत का विज्ञान प्राचीन काल में ही नहीं बल्कि आधुनिक काल में भी खोजो और अविष्कारों से समृद्ध है। आधुनिक भारतीय वैज्ञानिकों में भारत के महान भौतिकशास्त्री वैज्ञानिक सी.वी. रमन का नाम भी शामिल है।
भौतिक विज्ञान में प्रकाश के प्रकीर्णन से संबंधित “रमन प्रभाव (Raman Effect)” सीवी रमन जी की ही देन है, जिन्होंने इस प्रभाव (Effect) की खोज की थी। चूंकि प्रकाश के प्रकीर्णन में इस प्रभाव की खोज भारतीय वैज्ञानिक सीवी रमन द्वारा की गई थी इसलिए इस प्रभाव का नाम “रमन प्रभाव” रखा गया और आज पूरी दुनिया इसे “रमन इफेक्ट” के नाम से जानती है।
सी वी रमन जी के इसी अविष्कार के कारण साल 1930 में उन्हें भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में विश्व के सर्वोच्च सम्मान पुरस्कार
“नोबेल पुरस्कार” से सम्मानित किया गया। चलिए आज इस लेख के जरिए हम आप को भारत के इस महान भौतिक शास्त्री वैज्ञानिक सीवी रमन का जीवन परिचय और महत्वपूर्ण तथ्य (CV Raman Biography and Facts In Hindi) बारे में बताते हैं।
विषय–सूची
सीवी रमन कौन थे? (Who was CV Raman Biography in Hindi)
“सी वी रमन” एक भारतीय वैज्ञानिक और भौतिक शास्त्री थे जिन्होंने “रमन प्रभाव” की खोज की थी। उनका पूरा नाम “चंद्रशेखर वेंकटरमन” था।
सीवी रमन का जीवन परिचय, सक्षिप्त परिचय (CV Raman Biography in hindi)
पूरा नाम (Full Name) | चंद्रशेखर वेंकटरमन |
प्रसिद्ध नाम | सी वी रमन |
जन्म स्थान (Birth Place) | तिरुच्चिराप्पल्ली |
जन्म (Date of Birth) | 7 नवंबर 1888 |
उम्र(Age) | 82 वर्ष |
निधन | 21 नवंबर 1970 |
धर्म (religion) | हिंदू |
जाति (Cast) | तमिल ब्राह्मण |
राष्ट्रीयता (Nationality) | भारतीय |
कॉलेज | मद्रास विश्वविद्यालय |
शैक्षिक योग्यता | मद्रास के प्रेसिडेंसी कॉलेज से बैचलर्स भौतिक विज्ञान में मास्टर डिग्री |
पुरस्कार | भौतिकी में नोबल पुरस्कार (1930) भारतरत्न (1954) लेनिन शांति पुरस्कार (1957) |
परिवार (Family Details) | |
पिता (Father Name) | चन्द्रशेखर अय्यर |
माता (Mother Name) | पार्वती अम्मल |
भाई (Brother Name) | चंद्रशेखर सुब्रह्मण्य अय्यर |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पत्नी का नाम (Wife Name) | लोकसुन्दरी अम्मला |
बच्चें | चन्द्रशेखर रामन् , वेंकटरमन राधाकृष्णन |
चंद्रशेखर वेंकटरमन का शुरुआती जीवन (Chandrasekhar Venkataraman Biography in Hindi)
रमन प्रभाव की खोज करने वाले चंद्रशेखर वेंकटरमन 7 नवंबर 1888 को दक्षिण भारत के तमिलनाडु में स्थित तिरुचिरापल्ली में पैदा हुए थे।
इनके पिता जी का नाम “चंद्रशेखरन रामनाथन अय्यर” था जो गणित और भौतिक विज्ञान (Physics) के शिक्षक थे। इनकी माता का नाम “पार्वती अम्मल” था।
बचपन में इनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। लेकिन जब रमन चार साल के हुए तो इनके पिता की नौकरी लेक्चरर के पद पर लग गई और उनका पूरा परिवार विशाखापट्टनम चला गया।
पिता की नौकरी लगने के बाद उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सुधर गई। वह बचपन से ही प्रतिभाशाली थे उन्हें विज्ञान के अध्ययन में बहुत रुचि थी।
भौतिक विज्ञान को लेकर रमन की जिज्ञासा दिन ब दिन बढ़ती गई और उनकी इसी जिज्ञासा ने ही उन्हें एक वैज्ञानिक बना दिया। चंद्रशेखर वेंकटरमन की शिक्षा में उनके पिताजी का बहुत बड़ा योगदान था।
जैसे-जैसे रमन बड़े होते गए उन्होंने पिताजी की किताबें पढ़ना शुरू कर दिया और विज्ञान के सिद्धांतों को बखूबी समझने लगे।
ऐसा भी कहा जाता है कि चंद्रशेखर वेंकटरमन आजाद भारत के पहले राष्ट्रीय प्रोफ़ेसर के पद पर नियुक्त किए गए थे।
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सीवी रमन की शिक्षा–
चंद्रशेखर वेंकटरमन ने महज 11 साल की उम्र हाई स्कूल की परीक्षा पास की उसके बाद महज 13 साल की उम्र में इंटरमीडिएट क्वालीफाई हो गए।
महज 14 साल की उम्र में रमन ने मद्रास के प्रेसिडेंसी कॉलेज से बैचलर्स की पढ़ाई शुरू की। साल 1903 में स्नातक की पढ़ाई के लिए दाखिला लेने के बाद चंद्रशेखर वेंकटरमन ने विज्ञान का गहन अध्ययन किया। इस दौरान साल 1954 में उन्होंने भौतिक विज्ञान में स्वर्ण पदक भी जीता और अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की।
कहा जाता है कि रमन के प्रोफेसर ने उन्हें आगे की पढ़ाई और मास्टर्स डिग्री लेने के लिए ब्रिटेन जाने का सुझाव दिया था लेकिन नाजुक स्वास्थ्य के कारण चंद्रशेखर वेंकटरमन ने भारत में ही अपनी उच्चस्तरीय शिक्षा पूरी करने का निर्णय लिया।
परास्नातक की पढ़ाई करने के लिए चंद्रशेखर वेंकटरमन ने प्रेसिडेंसी कॉलेज में दाखिला लिया और मद्रास यूनिवर्सिटी से भौतिक विज्ञान में प्रथम आए।
कहा जाता है कि मास्टर्स की पढ़ाई पूरी करने के बाद वेंकटरमन एक अकाउंटेंट के तौर पर काम करने लगे थे। साल 1917 में सीवी रमन कोलकाता विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बने तथा प्रकाश के प्रकीर्णन पर गहन अध्ययन कर शोध पत्र भी प्रकाशित किए।
चंद्रशेखर वेंकटरमन का निजी परिवार –
सीवी रमन के माता पिता के बारे में हमने ऊपर जानकारियां साझा की। सीवी रमन के माता-पिता की आठ संताने थी, जिनमें से वह दूसरे स्थान पर थे।
चंद्रशेखर वेंकटरमन की पत्नी का नाम लोकसुंदरी अम्मल था जिनके साथ इनका विवाह 6 मई 1960 को संपन्न हुआ था। इस दंपति के 2 पुत्र थे जिनका नाम चंद्रशेखर और राधाकृष्णन था।
सीवी रमन का करियर –
चंद्रशेखर वेंकटरमन बेहद प्रतिभाशाली व्यक्तित्व के इंसान थे जिन्होंने अपने जीवन में बहुत सी उपलब्धियां प्राप्त की। उनकी इन्हीं उपलब्धियों में विश्व का सर्वोच्च सम्मान पुरस्कार नोबेल पुरस्कार भी शामिल है।
ब्रिटिश सरकार द्वारा आयोजित परीक्षा में प्रथम स्थान पाकर चंद्रशेखर वेंकटरमन की नियुक्ति वित्त विभाग में अकाउंटेंट के पद पर हो गई।
सीवी रमन की नियुक्ति कोलकाता में महालेखाकार के पद पर हुई थी। कोलकाता में रहते हुए उन्होंने अपनी शोध प्रक्रिया जारी रखी और Indian Association for Cultivation of Science (IACS) की प्रयोगशाला में सतत शोध करते रहे।
कुछ समय तक रमन की शोध प्रक्रिया उनकी सरकारी नौकरी के साथ चलती रही लेकिन बाद में जब उन्हें यह एहसास हुआ कि वह अपनी नौकरी के कारण अपनी शोध प्रक्रिया को पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे हैं तो उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ दी।
सरकारी नौकरी छोड़ने के बाद वेंकटरमन कलकत्ता विश्वविद्यालय में भौतिक विज्ञान के प्रोफ़ेसर के पद पर नियुक्त हो गए। प्रकाशिकी के क्षेत्र में अपने शोध कार्यों के लिए रमन को काफी सम्मान मिला और साल 1924 में उन्हें लंदन की रॉयल सोसाइटी का सदस्य बना लिया गया।
28 फरवरी 1928 का दिन चंद्रशेखर वेंकटरमन के जीवन का वह ऐतिहासिक दिन था जब उन्होंने अपने जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि रमन प्रभाव की खोज की।
29 फरवरी 1928 को चंद्रशेखर वेंकटरमन ने अपने इस शोध को विदेशी पत्रिका नेचर में प्रकाशित करवाया। 16 मार्च 1928 को चंद्र शेखर वेंकटरमन ने दक्षिण भारतीय विज्ञान संघ बेंगलुरु में अपने शोध से संबंधित एक जोरदार भाषण भी प्रस्तुत किया।
धीरे-धीरे रमन प्रभाव पर शोध शुरू हो गई और पूरा विश्व वेंकटरमन का लोहा मानने लगा। बाद में 28 February पर रमन प्रभाव की खोज दिवस को भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में भी घोषित कर दिया गया।
चंद्रशेखर वेंकटरमन की उपलब्धियां और पुरस्कार–
- विज्ञान के प्रकाशिकी यानी ऑप्टिक्स के क्षेत्र में बेहतरीन शोध कार्यो के लिए इन्हें साल 1924 में लंदन रॉयल सोसाइटी का सदस्य बनाया गया।
- चंद्रशेखर वेंकटरमन के जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि रमन प्रभाव की खोज थी जिसके लिए 28 फरवरी का खास दिन आज भी भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रुप में मनाया जाता है।
- साल 1930 में चंद्रशेखर वेंकटरमन को भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में प्रकाश के प्रकीर्णन से संबंधित शोध और रमन प्रभाव की खोज के लिए विश्व का सर्वोच्च सम्मानित पुरस्कार नोबेल पुरस्कार दिया गया।
- साल 1954 में भारत के इस महान व्यक्तित्व को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया।
तो दोस्तों आज के इस लेख के जरिए हमने आपको भारत के महान भौतिक शास्त्री वैज्ञानिक सीवी रमन का जीवन परिचय और महत्वपूर्ण तथ्य (CV Raman Biography and Facts in Hindi) के बारे में बताया। उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपको बहुत पसंद आया होगा।
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FAQ
सीवी रमन ने क्या खोजा था?
भौतिक विज्ञान में प्रकाश के प्रकीर्णन से संबंधित खोज (फोटोन कणों के लचीले वितरण) की “रमन प्रभाव खोजा था। जिसे बाद में उन्हीं के नाम पर इसका नाम रमन इफेक्ट रखा गया था उनकी इस खोज ने भारत को विश्व पटल पर गौरान्वित किया था।
सीवी रमन का जन्म कब और कहा हुआ था?
उनका जन्म तमिलनाडु के जिले तिरुच्चिराप्पल्ली में 7 नवंबर 1888 को एक तमिल ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
सीवी रमन का पूरा नाम क्या है?
चंद्रशेखर वेंकटरमन
सीवी रमन को नोबेल पुरस्कार कब मिला था?
महान वैज्ञानिक चंद्रशेखर को भौतिकी विज्ञान में प्रकाश के प्रकीर्णन पर खोज के लिये 1930 में विश्व प्रसिद्ध नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।