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राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 पर भाषण व निबंध | Speech on National Science Day Essay in Hindi

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मनुष्य हमेशा से ही एक जिज्ञासु प्राणी रहा है और इसी जिज्ञासा को विज्ञान की जननी माना जाता है।

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जिज्ञासा से विज्ञान और विज्ञान से प्रौद्योगिकी (Technology) का जन्म होता है। जैसे-जैसे मानव जीवन की आवश्यकताएं बढ़ती गई वैसे-वैसे नई-नई तकनीकों का आविष्कार होने लगा। आज हम अपने दैनिक जीवन में व्यापक स्तर पर तकनीकी द्वारा बनाई गई वस्तुओं का इस्तेमाल करते हैं।

लेकिन विज्ञान एक वरदान या अभिशाप दोनों साबित हो सकता है। क्योंकि इसका सदुपयोग और दुरुपयोग दोनों इंसानों के हाथ में है।

विज्ञान और तकनीकी को बढ़ावा देने के लिए और उन्हें बेहतर ढंग से समझने तथा सदुपयोगी बनाने के लिए भारत में हर साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। 28 फरवरी को भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day) के रूप में मनाया जाता है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के खास मौके पर देशभर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस खास मौके पर विभिन्न वैज्ञानिक संस्था और शिक्षण संस्थाओं द्वारा राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध लेखन (National Science Day Essay In Hindi) प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है।

केवल इतना ही नहीं, इस दिन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर भाषण (National Science Day Speech In Hindi) के जरिए विज्ञान के महत्व अनुप्रयोग और उसकी उपयोगिता के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न प्रकार के जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं।

इस साल 28 फरवरी 2023 का दिन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 के रूप में मनाया जाएगा। अगर आप भी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 पर निबंध, भाषण (National Science Day 2023 Essay, Speech In Hindi) की तलाश कर रहे हैं तो हमारा यह लेख आपके लिए बेहद मददगार साबित होगा।

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विषय–सूची

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 पर निबंध, भाषण (Speech on National Science Day Essay in hindi)

भारत में एक से बढ़कर एक वैज्ञानिक पैदा हुए जिन्होंने विश्व स्तर पर विज्ञान के क्षेत्र में बड़ी बड़ी उपलब्धियां प्राप्त की और नए नए खोज अविष्कार किए।

इन्हीं भारतीय वैज्ञानिकों में सी.वी. रमन जी का नाम भी शामिल है जिन्हें “रमन प्रभाव (Raman Effect)” की खोज के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 28 फरवरी का दिन वह ऐतिहासिक दिन था जब भारत के महान भौतिक शास्त्री चंद्रशेखर वेंकट रमन (C.V. Raman) ने इस रमन प्रभाव (Raman Effect) की खोज की थी।

इसीलिए रमन प्रभाव की खोज के उपलक्ष में हर साल 28 फरवरी का दिन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रुप में मनाया जाता है।

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राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 का संक्षिप्त विवरण (Speech on National Science Day Essay in hindi)

लेख का प्रकारनिबंध व भाषण
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस क्यों मनाया जाता है?रमन प्रभाव की खोज
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कब मनाया जाता है?28 फरवरी
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की शुरुआत किसके द्वारा की गईभारत के राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद (NCSTC)
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को मनाने की घोषणा 1986
पहली बार कब शुरु हुआ?28 फरवरी 1987
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के दिन किसको याद करते हैंसी.वी. रमन
सी.वी. रमन का जन्म दिवस7 नवंबर 1888
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 थीमवैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान

रमन प्रभाव की खोज (Discovery of Raman Effect) –

चंद्रशेखर वेंकट रमन भारत के एक महान भौतिक वैज्ञानिक थे जिन्हें सी.वी. रमन के नाम से भी जाना जाता है। इन्होंने ही भौतिक विज्ञान में रमन प्रभाव (Raman Effect) की खोज की थी।

28 फरवरी 1928 का दिन वह ऐतिहासिक दिन था जब सर सी.वी रमन जी ने रमन प्रभाव की खोज की थी। यह प्रभाव प्रकाश के प्रकीर्णन से जुड़ा हुआ है। चूंकि सी.वी. रमन ने इस प्रभाव की खोज की थी इसलिए उनके सम्मान में इस प्रभाव अथवा इफ़ेक्ट का नाम रमन इफेक्ट रख दिया गया।

भौतिक विज्ञान के प्रकाशिकी में रमन प्रभाव की खोज के बाद भारत के महान भौतिक वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकट रमन जी को 1930 में भौतिकी के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का इतिहास –

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने की शुरुआत 1987 में हुई। पहली बार 28 फरवरी 1987 को भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया गया था.

रमन प्रभाव की खोज जैसी उपलब्धि को भारतीय इतिहास में संजोने और अमर करने के लिए भारत के राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद (NCSTC) ने 28 फरवरी के दिन को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया और साल 1986 में इसकी घोषणा की।

1986 में राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद (NCSTC) द्वारा सार्वजनिक रूप से घोषणा करने के बाद 28 फरवरी 1987 से लगातार हर साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाने लगा।

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राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कैसे मनाया जाता है?

भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के खास मौके पर भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसके अलावा विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध विभिन्न प्रकार के सरकारी और गैर सरकारी संगठनों द्वारा भी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

28 फरवरी के इस खास मौके पर शिक्षण संस्थानों में निबंध लेखन, भाषण और स्लोगन लेखन प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। इसके अलावा विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में विज्ञान और आधुनिक तकनीक के विषय पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के विशेष मौके पर भारत सरकार विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार के अभियान का शुभारंभ करती है ताकि आने वाले समय में देशभर के लोगों को विज्ञान की उपयोगिता के प्रति जागरूक किया जा सके और साथ ही साथ उन्हें विज्ञान के सदुपयोग से लाभ और दुरुपयोग से हानि के बारे में भी सतर्क किया जा सके।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का महत्व –

मानव जीवन में विज्ञान का बहुत विशेष महत्व है क्योंकि हमारा जीवन, हमारी मृत्यु, हमारी दिनचर्या, प्रकृति, उपयोग में लाए जाने वाले संसाधन यह सभी विज्ञान से जुड़े हुए हैं और कहीं ना कहीं विज्ञान की ही देन है।

आज हम जितनी सुख सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं यह सारी चीजें विज्ञान द्वारा विकसित की गई तकनीकों का ही नतीजा है। मानव शुरू से ही एक जिज्ञासु प्राणी रहा है। हमारे भीतर जानने की इच्छा हमेशा चरम पर रहती है।

हम हर उस नई चीज को जानना और समझना चाहते हैं जिसे अपने आसपास देखते हैं या हम जिसकी कल्पना कर सकते हैं। यही कल्पनाएं और जिज्ञासाएं विज्ञान का आधार है। जिज्ञासा को विज्ञान की जननी माना जाता है।

ऐसे में विज्ञान के साथ साथ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का हमारे जीवन में बहुत विशेष महत्व है क्योंकि यह दिन हमें भारतीय वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकटरमन जी की महान उपलब्धि के बारे में याद दिलाता है। साथ ही साथ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम और चलाए गए अभियान हमें विज्ञान की उपयोगिता के लिए प्रेरणा देते हैं और इससे होने वाले जोखिमों के बारे में जागरूक करते हैं।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का उद्देश्य –

भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने का सबसे प्रमुख उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर विज्ञान और तकनीकी को बढ़ावा देना है। इसके अलावा विज्ञान के प्रति लोगों को जागरूक करना भी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का उद्देश्य है ताकि वह सही तरीके से विज्ञान का उपयोग करें।

हर साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस एक नई थीम अथवा विषय के साथ मनाया जाता है। अलग-अलग थीम के जरिए हर साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर भविष्य में विज्ञान को लेकर संकल्प लिए जाते हैं।

विज्ञान वरदान भी है और अभिशाप भी! एक और जहां विज्ञान हमें दुनिया भर की सुख सुविधाएं प्रदान करता है तो वही यह मानव जीवन और प्रकृति को नुकसान भी पहुंचा सकता है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान परमाणु युद्ध इसका सबसे बड़ा उदाहरण है जिसने पूरे जापान को तबाह कर दिया।

हालांकि विज्ञान की उपयोगिता हम सब पर निर्भर करती है, कि हम इसका सदुपयोग करके इसे वरदान बनाएंगे अथवा दुरुपयोग करके अभिशाप।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 की थीम (National Science Day Theme 2023)

हर साल की तरह इस साल भी 28 फरवरी 2023 को भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाएगा। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को हर साल अलग-अलग थीम अथवा विषयों के साथ मनाया जाता है।

इस बार राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 की थीम “वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान (Global Science for Global Wellbeing)” घोषित की गई है।

जबकि पिछले साल 2022 में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम “सतत विकास के लिए बुनियादी विज्ञान” थी।

विश्व कल्याण में विज्ञान की भूमिका –

संपूर्ण विश्व के कल्याण में विज्ञान की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। विज्ञान ने इस विश्व और संपूर्ण मानव जाति को ऐसी उपलब्धियां प्रदान की है जिन्हें केवल स्वप्न समझा जाता था।

आज यह विश्व केवल पृथ्वी तक संकुचित नहीं है बल्कि मानव जगत की परिकल्पनाएं विज्ञान की बदौलत ब्रम्हांड के दूसरे ग्रहों तक भी पहुंच गई हैं। आज इंसान चांद और अंतरिक्ष तक पहुंच चुका है।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में –

पिछले कुछ सालों से कोविड-19 ऐसी भीषण महामारी ने पूरे विश्व को हताश कर दिया है। इस महामारी के चलते दुनिया भर के लाखों लोगों ने अपनी जान गवा दी और आज भी लाखों लोग इस महामारी से जूझ रहे हैं।

लेकिन ऐसे कठिन समय में एक विज्ञान ही है जिसने मानव जीवन और मानव स्वास्थ्य के लिए अपनी सर्वश्रेष्ठ भूमिका निभाई है। विज्ञान की बदौलत ही विश्व और भारत के वैज्ञानिक कोविड-19 जैसी भयावह महामारी के लिए वैक्सीन बनाने में कामयाब रहे।

विज्ञान की बदौलत न केवल कोविड-19 बल्कि दुनिया भर के जटिल से जटिल रोगों की वैक्सीन बनाई जा चुकी हैं और आगे भी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए विज्ञान अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

प्रदूषण नियंत्रण और जलवायु परिवर्तन –

वैसे तो बढ़ती तकनीकी के साथ ही विश्व का प्रदूषण स्तर भी बढ़ता चला जा रहा है लेकिन अगर देखा जाए तो कहीं ना कहीं विज्ञान प्रदूषण नियंत्रण और जलवायु परिवर्तन में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

विज्ञान की ही देन है कि आज विद्युत जैसे ऊर्जा स्रोत की खोज हो चुकी है जिससे विश्व का कार्बन उत्सर्जन नियंत्रित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा आए दिनों विज्ञान की मदद से ही ऊर्जा के नए नए स्रोत खोजो जा रहे हैं और प्रदूषण तथा जलवायु परिवर्तन को रोकने का प्रयास किया जा रहा है।

खाद्य पदार्थों की उपलब्धता–

आज भारत की आबादी लगभग 130 करोड़ पार है। केवल भारत में ही नहीं बल्कि इस संपूर्ण विश्व की आबादी बहुत तेजी से बढ़ रही है जिसके कारण भोजन और खाद्य पदार्थों की उपलब्धता के लिए संघर्ष भी बढ़ता जा रहा है।

ऐसी परिस्थिति में विज्ञान ने खाद्य पदार्थों की उपलब्धता के लिए भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और जैव उत्पादन के क्षेत्र में उन्नतशील बीज, उर्वरक और कीटनाशक की मदद से कृषि की उत्पादन क्षमता बढ़ा रहा है ताकि दुनिया भर के लोगों को खाद्य पदार्थों की उपलब्धता हो सके।

सुरक्षा के क्षेत्र में विज्ञान–

सुरक्षा के क्षेत्र में भी विज्ञान की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। आज भारत के पास राष्ट्र की सुरक्षा के लिए एक से बढ़कर एक संसाधन उपलब्ध हैं। मिसाइल और लड़ाकू विमानों से संपन्न हमारा भारत देश आज राष्ट्रीय सुरक्षा संयंत्रों के मामले में परमाणु संपन्न भी हो चुका है।

उपसंहार / निष्कर्ष (Conclusion)–

आज पूरी दुनिया के लिए विज्ञान को बेहतर ढंग से समझने और इसके प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है। दुनिया भर की मानव जाति को सुविधाएं प्रदान करने में कारगर विज्ञान केवल हमारी एक छोटी सी चूक से हमारा काल बन सकता है।

विज्ञान को तेज धार वाली चाकू के सामान समझा जा सकता है, जिससे भोजन बनाने के लिए सब्जियां और इंसानों के सर दोनों काटे जा सकते हैं। हालांकि यह बात हम पर निर्भर करती है कि हम उसका उपयोग किस तरीके से करना चाहते हैं।

जैसे थोड़ी सी लापरवाही पर तेज धार वाले चाकू खुद हमें नुकसान पहुंचा देती है ठीक वैसे ही विज्ञान में जरा सी लापरवाही संपूर्ण मानव जाति के जीवन को बर्बाद कर सकती है। इसीलिए हमें विज्ञान की उपयोगिता के प्रति जागरूक होना चाहिए और इसका केवल सही इस्तेमाल करना चाहिए।

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FAQ

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस किस दिन हैं?

28 फरवरी मंगलवार के दिन है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के दिन किसकों याद किया जाता है?

महान भौतिक शास्त्री चंद्रशेखर वेंकट रमन

2023 राष्ट्रीय विज्ञान दिवस थीम क्या है?

“वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान (Global Science for Global Wellbeing)

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पहली बार कब मनाया गया था?

28 फरवरी 1987

भौतिक वैज्ञानिक वेंकट रमन की खोज क्या है?

प्रभाव प्रकाश के प्रकीर्णन से जुड़ी खोज जिसका नाम उनके ही नाम पर रमन प्रभाव रखा गया।

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