ओडिशा दिवस कब है? उत्कल दिवस (Utkal Divas) का इतिहास एवं महत्त्व, उत्कल दिवस क्यों मनाया जाता है?, उत्कल दिवस की थीम 2023, उत्कल दिवस पर निबंध व भाषण (Speech & Essay on Utkal Divas History & Details in Hindi) Utkala Dibasa History and Significance in Hindi, Utkal Divas, Odisha Foundation Day In Hindi, odisha day in hindi, Odisha divas theme 2024
Utkala Dibasa (Utkal Divas): भारत को अनेकता में एकता का देश कहा जाता है। क्योंकि भारतीय विश्व का इकलौता ऐसा देश है, जहां अलग-अलग धर्म, अलग-अलग जाति तथा भाषा को मानने वाले लोग एक साथ मिल कर रहते हैं।
भारतीय गणराज्य के सभी राज्यों का अपना कुछ विशेष इतिहास और महत्व है। खासकर अगर भाषा की बात करें तो भारत के हर राज्य की अपनी कोई न कोई एक विशेष भाषा है।
भारत के इन्हीं राज्यों में ओडिशा का नाम भी शामिल है जिसे उत्कल प्रदेश के नाम से भी जाना जाता है। ओडिशा राज्य मुख्यत: अपनी सांस्कृतिक धरोहर जगन्नाथपुरी मंदिर तथा कोणार्क सूर्य मंदिर के कारण प्रसिद्ध है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ओडिशा भाषा के आधार पर बना भारत का पहला राज्य है जिसकी स्थापना उड़िया भाषा के जन समुदाय हेतु की गई थी।
ओडिशा का स्थापना दिवस हर साल उत्कल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को ओडिशा दिबासा के नाम से भी जाना जाता है।
आइए आज इस लेख के जरिए जानते हैं कि आखिर ओडिशा दिवस (उत्कल दिवस) क्यों मनाया जाता है? उत्कल दिवस का इतिहास एवं महत्व क्या है?
- विश्व धरोहर दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?
- अप्रैल 2024 के महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दिवस
विषय–सूची
ओडिशा दिवस (उत्कल दिवस) कब मनाया जाता है?
1 अप्रैल को प्रतिवर्ष उत्कल दिवस मनाया जाता है। उत्कल दिवस को ओडिशा स्थापना दिवस तथा उत्कल दिबासा आदि के प्रसिद्ध नाम से भी जाना जाता है
1 अप्रैल 2024 का यह उत्कल दिवस ओडिशा राज्य का 89वां स्थापना दिवस के तौर पर मनाया जाएगा। ब्रिटिश शासन के दौरान ओड़िशा बंगाल प्रांत का एक भाग था। उड़ीसा-बिहार-बंगाल एक संयुक्त प्रांत के रूप में संगठित है लेकिन बाद में ओडिशा को एक नई पहचान मिली।
ओडिशा दिवस 2024: उत्कल दिवस क्यों मनाया जाता है?
1 अप्रैल 1936 को बिहार तथा बंगाल संयुक्त प्रांत से अलग होकर एक नया प्रांत बना। या भारत का पहला ऐसा राज्य है जो भारत भाषा के आधार पर गठित हुआ। इसीलिए 1 अप्रैल का दिन उड़ीसा दिवस या उत्कल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
उत्कल दिवस उड़ीसा राज्य की स्थापना का प्रतीक है। इसीलिए हर वर्ष उड़ीसा में एक पर्व की तरह मनाया जाता है।
साल 1947 में आजादी के पश्चात् ओडिशा एवं अन्य संगठित प्रांतों तथा रियासतों ने तत्कालीन भारत सरकार को अपनी सत्ता सौंप दी तथा भारत का एक अंग राज्य बना।
ओडिशा का मूल एवं प्राचीन नाम उड़ीसा था। लेकिन साल 2011 में लोकसभा में लाए गए उड़ीसा विधेयक या 113 वां संविधान संशोधन विधेयक को अनुमति मिलने के बाद उड़ीसा का नाम बदल कर ओडिशा कर दिया गया।
- ओडिशा का कोणार्क सूर्य मंदिर के अद्भुत रहस्य
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उत्कल दिवस की थीम 2024
ओडीशा स्थापना दिवस उत्कल दिवस 2024 की थीम अभी तक निर्धारित नहीं की गई है। आपको बता दें कि साल 2023 में उड़िसा दिवस की थीम Theme उड़िया संस्कृति और विरासत की विरासत का जश्न निर्धारित की गई थी।
उड़िसा दिवस का उद्देश्य ओडिसा की भाषा, संस्कृति व विरासत धरोहर मूर्ति व शिल्पकला, नृत्य व साहित्य के प्रति लोगों मे जागरुकता फैलाना है। इसी को ध्यान में रखते हुये थीम का निर्धारण किया जाता है।
उत्कल दिवस का इतिहास एवं महत्त्व–
ओडिशा राज्य प्राचीन भारत में कलिंग साम्राज्य का एक हिस्सा था। 261 ईसा पूर्व में मगध के सम्राट अशोक ने मौर्य साम्राज्य का विस्तार करने के लिए यहां पर आक्रमण कर दिया और अपना अधिकार स्थापित कर लिया। मगध साम्राज्य का अधिकार होने के बाद उड़ीसा कलिंग साम्राज्य का एक हिस्सा बन गया।
कहा जाता है कि तकरीबन एक शताब्दी तक उड़ीसा पर मौर्य वंश का ही शासन रहा। लेकिन बाद में ओडिशा पर राजा खारवेल का शासन शुरु हुआ। राजा खारवेल ने मौर्य वंश के साथ संघर्ष किया और आखिरकार उड़ीसा को मगध शासन से मुक्त कराने में सफल हुए।
इतिहासकार बताते हैं कि राजा खारवेल ने ही ओडिशा की सांस्कृतिक पृष्टभूमि को विकसित किया तथा वास्तु कला, मूर्ति कला एवं स्थापत्य कला आदि को बढ़ावा देते हुए संस्कृति का विकास किया।
लेकिन ब्रिटिश शासन के दौरान 1576 में उड़ीसा पर मुगल शासन द्वारा अधिकार कर लिया गया। बताया जाता है कि उड़ीसा के अंतिम हिंदू राजा गजपति मुकुंद देव थे जिन्हें मुगलों ने पराजित कर दिया और उड़ीसा पर अपना अधिकार स्थापित कर लिया।
उड़ीसा पर अधिकार स्थापित करने के बाद मुगल साम्राज्य ने इसका विभाजन कई हिस्सों में कर दिया तथा राज्य के कई क्षेत्र बंगाल प्रांत का हिस्सा बन गए। कुछ नहीं समझ लीजिए कि उड़ीसा-बिहार-बंगाल तीनों संयुक्त प्रांत के तौर पर संगठित हो गए।
लेकिन कई क्रांतिकारी संघर्षों की बदौलत आखिरकार यह बिहार तथा बंगाल संयुक्त प्रांत से अलग हो गया। 1 अप्रैल 1936 को उड़ीसा की स्थापना एक नए प्रांत के रूप में हुई। इस आंदोलन के लिए कुछ प्रमुख नेता उत्कल गौरव मधुसूदन दास, उत्कल मणि गोप बंधु दास, फकीर मोहन सेनापति, पंडित नीलकंठ दास आदि थे।
ओडिशा राज्य से जुड़ी जानकारियां–
ओडिशा भारतीय गणराज्य का एक राज्य है जिसकी स्थापना 1 अप्रैल 1936 को हुई थी। हालांकि ब्रिटिश शासन के उस दौरान इसकी स्थापना एक प्रांत के रूप में हुई थी लेकिन साल 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद राज्य ने अपनी सत्ता तत्कालीन भारत सरकार को सौंप दी एवं उड़ीसा भारतीय गणराज्य का एक अभिन्न अंग बन गया।
साल 2011 में संविधान में हुए 113 वां संशोधन द्वारा उड़ीसा राज्य का नाम बदलकर ओडिशा कर दिया गया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जनसंख्या की दृष्टि से ओडिशा भारत का 11वां सबसे बड़ा राज्य है, जबकि क्षेत्रफल की दृष्टि से यह भारत का 8वां सबसे बड़ा राज्य है।
ओडिशा राज्य की राजधानी भुवनेश्वर है। यह राज्य कुल 30 जिलों में विभक्त है।
ओडिशा के पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल झारखंड छत्तीसगढ़ तथा आंध्रप्रदेश है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आदिवासी जनसंख्या आबादी के मामले ओडिशा भारत का तीसरा राज्य है। उड़ीसा भारत का पहला ऐसा राज्य है जिसे उड़िया भाषा के आधार पर बनाया गया था।
तो दोस्तों आज इस लेख के जरिए हमने आपको ओडिशा दिवस (उत्कल दिवस) क्यों मनाया जाता है? इतिहास एवं महत्व के विषय में बताया। उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपको बेहद पसंद आया होगा।
FAQ
उत्कल दिवस कब है?
1 अप्रैल 2024
उत्कल दिवस कब मनाया जाता है?
ओडिशा का स्थापना दिवस प्रति वर्ष 1 अप्रैल को उत्कल दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
उत्कल दिवस क्यों मनाया जाता है?
उत्कल दिवस हर साल 1 अप्रैल को ओडिशा राज्य की स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी तिथि को ओडिशा राज्य की स्थापना हुई थी।
ओडिशा स्थापना दिवस को और किस नाम से जाना जाता है?
उत्कल दिवस अथवा उत्कल दिबासा
उड़ीसा का नाम ओडिशा कब हुआ?
साल 2011 में लाए गए उड़ीसा विधेयक पारित होने के बाद उड़ीसा का नाम ओडिशा हो गया।
ओडिशा दिवस व उत्कल दिवस की 2023 Theme क्या थी?
उड़िया संस्कृति और विरासत की विरासत का जश्न
ओड़िशा राज्य की स्थापना कब हुई?
1 अप्रैल 1936 को ओडिशा की स्थापना हुई।
ओड़िशा की राजधानी क्या है?
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर है।
ओड़िशा की स्थापना किस आधार पर हुई थी?
ओडिया भाषा के आधार पर।
महत्वपूर्ण दिवस:-