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विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 2023 का विषय (थीम) इतिहास और महत्व | 2023 Theme World Consumer Rights Day Essay in Hindi

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World Consumer Rights Day 2023 Theme: 15 मार्च का दिन पूरी दुनिया में विश्व उपभोक्ता आधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है। उपभोक्ता का अर्थ होता है वस्तु और सेवा का उपभोग करने वाला। विश्व स्तर पर उपभोक्ता के अधिकारों का संरक्षण और सम्मान करने के लिए प्रति वर्ष 15 मार्च का विशेष दिन ‘विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस’ अर्थात् ‘World Consumer Rights Day’ के रूप में मनाया जाता है।

उपभोक्ता अधिकार दिवस के उपलक्ष में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं तथा विश्व स्तर पर मौजूद उपभोक्ता समुदाय को उनके उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाता है। ताकि उपभोक्ता अधिकारों का संरक्षण किया जा सकें। उपभोक्ता अधिकार दिवस हर वर्ष अलग अलग थीम अर्थात् विषय के साथ मनाया जाता है।

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15 मार्च 2023 का दिन भी उपभोक्ता अधिकार दिवस (Upbhokta Adhikar Divas) के रूप में मनाया जाएगा। विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस की थीम (Vishv Upbhokta Adhikar Divas 2023 Theme) भी निर्धारित की जा चुकी है।

हालांकि विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस का इतिहास क्या है? इसके बारे में बहुत कम ही लोगों को जानकारी है। तो आइए आज इस लेख के जरिए विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस का इतिहास और महत्व के बारे में जानते हैं।

विषय–सूची

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

विश्व स्तर पर 15 मार्च का दिन विश्व उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है। उपभोक्ता दिवस का यह खास दिन विश्व भर के उपभोक्ता समुदाय को समर्पित है।

इस विशेष तिथि पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिनके जरिए विश्व उपभोक्ता अधिकार के प्रति जागरूकता की पहल की जाती है और विश्व भर के उपभोक्ता समुदाय को जागरूक किया जाता है।

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विश्व उपभोक्ता दिवस का इतिहास (Facts History of World Consumer Rights Day Essay in Hindi)

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाने की पहल कंजूमर इंटरनेशनल द्वारा की गई थी।

कंज्यूमर इंटरनेशनल एक अंतर्राष्ट्रीय उपभोक्ता संघ है जिसकी स्थापना साल 1960 में की गई थी। साल 1983 में विश्व उपभोक्ता दिवस की शुरुआत की गई थी। दरअसल 15 मार्च 1962 का दिन वह ऐतिहासिक दिन था जब अमेरिका की संसद कांग्रेस में उपभोक्ता अधिकार विधेयक प्रस्तुत किया गया था।

इस विधेयक की प्रस्तुति के दौरान अमेरिकी संसद में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने उपभोक्ताओं के अधिकारों पर एक जोरदार भाषण प्रस्तुत किया था। इस भाषण में उन्होंने कुछ उपभोक्ता अधिकारों की चर्चा भी की थी।

उनका मानना था कि जब उपभोक्ता मूल्य चुका कर किसी वस्तु अथवा सेवा का क्रय करता है तो उसके सामने कई सारी चुनौतियां आती है। कई बार विक्रेताओं द्वारा उपभोक्ताओं को महंगी कीमत में घटिया सामान दे दिया जाता है।

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इतना ही नहीं कई बार उपभोक्ता अपनी निजी पसंद और सूचना के आधार पर उत्पाद चुनने में भी असमर्थ होते हैं जिसके कारण उन्हें असुरक्षित और बेकार सामान थमा दिया जाता है।

इन सब से उपभोक्ताओं का डॉलर बर्बाद जाता है और उनकी सेहत और सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाती है। ऐसे में उपभोक्ताओं के बल पर टिका हुआ विनिमय असंतुलित हो जाता है जिससे राष्ट्रहित का भी नुकसान होता है।

15 मार्च 1962 को ही उपभोक्ता अधिकार विधेयक प्रस्तुत किया गया था इसीलिए विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाने के लिए 15 मार्च का खास दिन चुना गया। 15 मार्च 1983 को पहली बार विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया गया।

महत्वपूर्ण दिवस-

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विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 2023 की थीम (World Consumer Rights Day 2023 Theme in Hindi)

प्रतिवर्ष अलग-अलग थीम के साथ विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है। इस साल विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 2023 की थीम ‘Clean Energy Transition’ अर्थात् ‘स्वच्छ ऊर्जा सरंक्षण’ निर्धारित की गई है।

हालांकि पिछले वर्ष 2022 में विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस की थीम ‘Fair Digital Finance’ निर्धारित की गई थी।

जबकि उसके एक वर्ष पूर्व साल 2021 मेंविश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस की थीम ‘Tackling Plastic Pollution’ चुनी गई थी।

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस का उद्देश्य तथा महत्व–

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस एक ऐसा खास दिन है जब विश्व स्तर पर उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के अभियान चलाए जाते हैं तथा विश्व उपभोक्ता समुदाय को संरक्षण प्रदान करने के लिए विशेष कदम भी उठाए जाते हैं।

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस का प्रमुख उद्देश्य दुनिया भर के उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है ताकि विनिमय के दौरान अथवा बाद में उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।

उपभोक्ता के कुछ प्रमुख अधिकार–

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम उपभोक्ताओं को कुछ प्रमुख अधिकार प्रदान करते हैं ताकि वह संरक्षण प्राप्त कर सकें।

उपभोक्ताओं के कुछ प्रमुख अधिकार निम्नलिखित हैं।

उत्पाद के चयन का अधिकार–

इस अधिकार का यह तात्पर्य है कि सभी उपभोक्ताओं को अपनी पसंद से उत्पाद के चयन का अधिकार है। विक्रेता द्वारा उन्हें किसी भी उत्पाद का जबरन चयन करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

सूचना का अधिकार–

उपभोक्ताओं को सूचना के आधार पर वस्तुएं अथवा सेवाएं क्रय करने का अधिकार है। क्रय से पहले उपभोक्ता को किसी भी वस्तु अथवा सेवा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के सन्दर्भ में सूचना प्राप्त करने का अधिकार है।

अभिव्यक्ति और सुनवाई का अधिकार–

उपभोक्ताओं के हित में किसी भी निर्णय को चुनने से पूर्व उन्हें अभिव्यक्ति और सुनवाई का अधिकार भी होता है।

निवारण की मांग का अधिकार–

जब विनिमय की प्रक्रिया में उपभोक्ता के अधिकारों का उल्लंघन किया जाता है तो उपभोक्ताओं को निवारण की मांग का भी अधिकार है।

उपभोक्ता की शिक्षा का अधिकार–

उपभोक्ता को किसी भी क्रय से पूर्व उपभोक्ता शिक्षा का भी अधिकार है।

राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस –

विश्व स्तर पर विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के अलावा भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस भी मनाया जाता है। भारत में प्रति वर्ष 24 दिसंबर का दिन राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है।

भारत में राष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाने की शुरुआत 24 दिसंबर 1986 को हुई थी। 24 दिसंबर का दिन वह खास दिन था जब भारतीय राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण विधेयक को मंजूरी मिली और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की स्थापना हुई थी।

इसीलिए प्रति वर्ष 24 दिसंबर को यह दिन विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के समान उद्देश्य के साथ मनाया जाता है।

उपभोक्ता से क्या तात्पर्य है?

उपभोक्ता का तात्पर्य उस व्यक्ति से होता है, जो अपने व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए सेवाओं अथवा वस्तुओं का क्रय करता है तथा उसका मूल्य चुकाता है।

हालांकि थोक वस्तुएं और सेवाएं खरीद कर उनका पुनर्विक्रय विक्रय करने वाला व्यक्ति उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता क्योंकि वह वस्तुओं अथवा सेवाओं का उपभोग स्वयं नहीं करता बल्कि उन्हें विक्रय के उद्देश्य खरीदता है।

भाड़े पर अथवा उधार वस्तुएं और सेवाएं खरीदने वाला व्यक्ति भी उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता हैं बशर्ते वह इनका इस्तेमाल विक्रय के लिए न करें बल्कि खुद उपयोग में लाएं।

तो दोस्तों आज विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस पर इस लेख में हमने आप के साथ ढेर सारी जानकारियां साझा की। उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा।

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FAQ

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस कब मनाया जाता है?

15 मार्च 2023

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस क्यों मनाया जाता है?

दुनिया भर के उपभोक्ताओं में उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 2023 का विषय थीम क्या है?

‘Clean Energy Transition’ अर्थात् ‘स्वच्छ ऊर्जा सरंक्षण’ निर्धारित की गई है।

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम क्या है?

उपभोक्ता सरंक्षण अधिनियम भारत में उपभोक्ताओं को सरंक्षण प्रदान करने हेतु 1986 में एक अधिनियम पारित किया गया। जिसको 2002 में संसोधित किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य उपभोक्तओं को विभिन्न प्रकार के अधिकारों द्वारा उन्हें सरंक्षण देना है। जिसके द्वारा वह अपने द्वारा खरीदी गई वस्तु व सेवाओं को उचित मूल्य पर प्राप्त कर सकें।

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