क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का इतिहास, थीम और कोट्स | Speech & Wishes Quotes on International Men’s Day in Hindi

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अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का महत्व, इतिहास, कोट्स, 2022 थीम (Speech, SMS Wishes Quotes on International Men’s Day in Hindi, International Men’s Day History, 2022 Themes, Facts in hindi)

हर साल 19 नवंबर का दिन अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस  International Men’s Day के रूप में मनाया जाता है। इस समय भारत समेत दुनिया के तकरीबन 60 से अधिक देशों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर International Men’s Day मनाया जाता है।

देश, समाज और परिवार में पुरुषों का योगदान अग्रिम होता है। कुछ यूं समझ लीजिए कि पुरुष उत्तरदायित्व का दर्पण होता है जो अपने परिवार देश और समाज की जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा के साथ कंधे पर उठाता है और निभाता भी है। पुरुष सदैव अपने समाज परिवार और देश के कल्याण के लिए समर्पित रहते हैं।

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लेकिन फिर भी आज समाज में पुरुषों के संदर्भ में कुछ ऐसी रूढ़वादी विचारधाराएं प्रचलित हैं जिनके मुताबिक पुरुषों को कठोर, निर्मम, हिंसक, और बेसब्र इंसान समझा जाता है। लेखक महिलाओं को दया का भंडार बताते हैं उनके मुताबिक महिलाओं का सबसे बड़ा गुण दया और प्रेम है। तो क्या पुरुष प्रेम करना नहीं जानते? क्या उनमें दया की भावना नहीं होती?

लेकिन अब सवाल यह उठता है कि क्या वास्तविकता में पुरुष ऐसे ही होते हैं? जवाब बिल्कुल साफ है।

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आप उस पिता को तो जानते ही होंगे जो अपने परिवार के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर देता है। अपनी खुशियों, अपनी जरूरतों में समझौता कर लेता है लेकिन बच्चों के खिलौने जरूर लाता है। यकीनन आपने उस प्रेमी को भी देखा होगा जो प्रेम में आत्मसमर्पण कर देता है।

आप उन बेटों को भी जानते होंगे जो भले मां-बाप की उंगली का सहारा लेकर चलना सीखते हैं लेकिन समय आने पर कच्ची उम्र में ही अपनी जिम्मेदारियां कंधे पर उठा लेते हैं और सहारा देते हैं उन बूढ़े मां बाप को जिन्होंने उन्हें यह दुनियां दिखाई और उंगली पकड़कर चलना सिखाया।

ऐसे ही पुरुषों की छवियों को निखारने के लिए, उनके संबंध में पनपने वाली रूढ़वादी विचारधाराओं को तोड़ने के लिए और समर्पित होकर देश समाज और परिवार के उत्थान में अग्रिम योगदान को याद करने और सम्मान देने के लिए 19 नवंबर को हर साल अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है।

लेकिन अब सवाल यह उठता है कि आखिर पुरुष दिवस को मनाने की आवश्यकता कब और क्यों पड़ी? तो आइए आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का इतिहास और इस साल इसकी थीम और कोट्स International Men’s Day History, Theme and Quotes In Hindi के बारे में बताते हैं।

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अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस कब मनाया जाता है?

पूरी दुनिया में हर साल 19 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस (International Men’s Day) मनाया जाता है। इसकी शुरुआत सन् 1999 में हुई थी।

अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने की शुरुआत त्रिनिदाद ताबागो में वेस्ट इंडीज विश्वविद्यालय के इतिहास के प्रोफेसर डॉ. जीरोम तिलक सिंह ने की थी। उन्होंने अपने पिता के जन्मदिन के उपलक्ष में पहली बार 19 नवंबर 1999 को उनका जन्मदिन मनाया और पुरुषों के सकारात्मक छवि और सामाजिक योगदान के मुद्दों को उठाने के लिए लोगों को प्रेरित किया। यही कारण था कि बाद में हर साल 19 नवंबर का दिन अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने की मांग पहली बार साल 1923 में ही जब कुछ पुरुष संगठनों ने इसे अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की तर्ज पर 23 फरवरी को मनाने की मांग की थी। लेकिन बाद में लोगों ने इसका महत्व समझा और 19 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने की शुरुआत हुई।

अगर बात करें भारत की यहां अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने की शुरुआत साल 2007 में हुई थी। 19 नवंबर 2007 को हैदराबाद की एक लेखिका जिनका नाम उमा चिल्ला था उन्होंने पुरुषों के योगदान को लोगों के सामने लाने के लिए और इनके महत्व को समझने के लिए  भारत में पुरुष दिवस मनाने की शुरुआत की।

अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस क्यों मनाया जाता है?

समाज में शुरू से ही पुरुषों को लेकर कई सारी रूढ़िवादी विचारधारा रहे प्रचलित हैं। समय बदलने के साथ साथ पुरुषों को लेकर तमाम नकारात्मक विचार महिलाओं और लोगों के मन में पनपने लगे हैं।

पुस्तकों, पटकथाओं और फिल्मों में पुरुषों की छवि नकारात्मक दिखाई जाती है। लोग पुरुषों को कठोर निर्मम और हिंसक प्राणी समझते हैं। हमारे समाज में महिलाओं को लेकर सदैव उदारवादी विचार धाराएं देखने को मिलते हैं लेकिन जब बात पुरुषों की आती है तो यह विचारधाराएं झट से बदल जाती हैं।

कई मामलों में भले ही नकारात्मकता किसी महिला में हो या नकारात्मकता के कारण कुछ और हो लेकिन फिर भी उसे पुरुषों पर थोप दिया जाता है। लेकिन हर बार हर समय पुरुष गलत नहीं होते।

पुरुष अपने परिवार समाज और देश की जिम्मेदारियां उठाना जानते हैं, पुरुष प्रेम करना जानते हैं, दया दिखाना जानते हैं और इन सबसे बढ़कर पुरुष महिलाओं के साथ कंधे से कंधा मिलाना भी जानते हैं।

पुरुषों के सकारात्मक रोल मॉडल और परिवार समुदाय समाज और देश के लिए उनके योगदान  को समाज में निखारने के लिए और उनकी सकारात्मक छवि को बढ़ावा देने के लिए पुरुषों के सम्मान में प्रतिवर्ष 19 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस 2022 की थीम (International Men’s Day 2022 Theme)

हर साल अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस अलग-अलग थीम और विषयों के साथ मनाया जाता है। पिछले वर्ष 2021 में अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस की थीम पुरुषों और महिलाओं में बेहतर संबंध (Better Relations Between Men and Women) रखी गई थी।

लेकिन इस साल 2022 में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की थीम पुरुषों और लड़कों की मदद (Helping Men and Boys) रखी गई है जिसका प्रमुख उद्देश्य पुरुषों और लड़कों के स्वास्थ्य और कल्याण में विश्वस्तरीय सुधार लाना है।

साल 2020 में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की थीम पुरुषों और लड़कों के लिए बेहतर स्वास्थ्य (Better Health For Men and Boys)  थी।

आइये इन्हें भी जाने-

अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस पर कोट्स (Quotes On International Men’s Day)

नीचे हम आपको अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस पर सुविचार और अनमोल वचन उपलब्ध करा रहे हैं जिनके जरिए आप अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस की शुभकामनाएं और संदेश भेज सकते हैं।

  • उत्तरदायित्वों का सार है पुरुष, फिर भी न जाने क्यों लाचार है पुरुष।
  • पुरुष ईश्वर की सबसे सुंदर रचना है जो कच्ची उम्र में ही अपनी आजादी और खुशियों के साथ समझौता कर लेता है और जिम्मेदार बन जाता है।
  • थॉमस पेन कहते हैं की असली आदमी यानि कि वास्तविक पुरुष मुसीबत के दौरान मुस्कुराते हैं और संकट में ताकत बटोरते हैं और अपने प्रतिबिंब यानी परछाई के सहारे बहादुर बनते हैं।
  • पुरुषों को प्रेम में सदैव ओछा समझा जाता है लेकिन हृदय से प्रेम करने वाले पुरुष सच्चे मन से आत्मसमर्पण कर देते हैं। पुरुषों का प्रेम उस अथाह सागर की तरह होता है जिसे भीषण से भीषण चक्रवात भी विचलित नहीं कर सकता।
  • पुरुष उत्तरदायित्व का दर्पण होता है। पुरुषों में उत्तरदायित्व का गुण सर्वश्रेष्ठ होता है। वे अपने परिवार देश और समाज समुदाय के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समय रहते अपने कंधे पर उठा लेते हैं और उनका पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन करते हैं।
  • प्रायः पुरुषों को महिलाओं की अपेक्षा कठोर समझा जाता है लेकिन पुरुषों में भी भावनाएं होती हैं उनका भी मन करता है मुसीबत के समय टूट जाने का, स्नेह के समंदर में डूब जाने का। लेकिन वे धीरज रखते हैं और अपनी भावनाओं को संकुचित कर देते हैं।
  • पुरुष धैर्यवान होते हैं और विकट से विकट परिस्थितियों में भी अपने धीरज को नहीं खोते। पुरुष दूसरों का सहारा लेने से बचते हैं वे अपने प्रतिबिंब को और स्वयं को अपना अवलंबन मानते हैं।

तो दोस्तों में करते हैं कि आपको अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का इतिहास, थीम और कोट्स International Men’s Day History, Theme And Quotes In Hindi से जुड़ा यह आर्टिकल बेहद पसंद आया होगा।

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