Artificial Intelligence (AI) Kya Hai? AI क्या है?, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की विशेषताएं, AI के फायदे तथा नुकसान (Features of Artificial Intelligence, Advantages of Artificial Intelligence, Use of Artificial Intelligence in Hindi, benefits of ai)
क्या आपको पता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्या होता है? आज का युग विज्ञान और तकनीकी का युग है। मौजूदा समय में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की दुनिया में विभिन्न प्रकार के संसाधन एवं तकनीक उपलब्ध हैं। इन तकनीकों में से एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भी है जो इन दिनों नए नए AI टूल्स में मची होड़ को लेकर काफी चर्चा में भी है।
हाल ही में गूगल कंपनी ने अपना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट Bard AI Chatbot लॉन्च किया है। Chat GPT की बढ़ती लोकप्रियता के बारे में भी आप सबको पता ही होगा। Chat GPT भी एक तरह का चैटबॉट ही है जो कि AI तकनीकी पर आधारित है।
GPT 4 तथा Bard AI इन दोनों के अस्तित्व में आने के बाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर लोगों की जिज्ञासा और भी ज्यादा बढ़ गई हो। लोग जानना चाहते हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या होता है? इसकी विशेषताएं क्या है? आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग क्या है? इसके फ़ायदे और नुकसान क्या है?
इन सवालों के जवाब आज आपको हम इस लेख में देने वाले हैं। तो हमारे साथ बने रहें और लेख को पूरा पढ़िए।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्या है? (Artificial Intelligence (AI) Kya Hai)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक ऐसी टेक्नोलॉजी अर्थात् तकनीक है जिसके जरिए विभिन्न प्रकार की मशीनों में इंसानों की तरह सोचने एवं समझने की क्षमताएं विकसित की जाती है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर विज्ञान की एक शाखा है, जिसके अंतर्गत मशीनों में निर्णय लेने की क्षमताएं तथा इंसानों की तरह सोचने एवं समझने की प्रवृत्ति विकसित की जाती है।
आपने देखा होगा कि आपके आसपास उपलब्ध विभिन्न प्रकार की मशीनें भले ही इंसान का काम आसानी से कर देती हैं लेकिन उन्हें इंसानी सोच समझ एवं निर्णय की आवश्यकता पड़ती है। ऐसी मशीनें बिना इंसानी मदद के काम नहीं कर पाती। जबकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित मशीनों को इंसानी मदद की जरूरत नहीं पड़ती और ना ही कमांड देनी होती है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट मशीनों के पास अपनी खुद की कृत्रिम बुद्धि होती है जिसके आधार पर अपना निर्णय स्वयं ले सकती हैं। केवल इतना ही नहीं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित मशीनें निर्णय लेने से पहले इंसानी सोच समझ की तरह ही विचार भी करती हैं।
अगर आसान शब्दों में समझा जाए तो हम कह सकते हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अर्थात कृत्रिम बुद्धि एक प्रकार की बुद्धि ही है जिसके जरिए कोई भी मशीन अपना काम खुद सोच विचार कर निर्णय द्वारा करती है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का हिंदी अर्थ (Artificial Intelligence Meaning in Hindi)
Artificial Intelligence अंग्रेजी शब्द है, जिसका मतलब होता है कृत्रिम बुद्धिमत्ता। अर्थात एक ऐसी बुद्धि जो इंसानों द्वारा विकसित की जाती है।
इसे विभिन्न प्रकार की ‘मशीन का दिमाग’ (Machine Intelligence) भी समझा जा सकता है जिसके जरिए वह अपना काम करने के लिए स्वयं सोच कर निर्णय ले सकती हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को शॉर्ट फॉर्म में AI भी बोला जाता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का आविष्कार –
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का आविष्कार अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक जॉन मैकॉर्थी द्वारा दिया गया था।
इस महान् अविष्कार के लिए जॉन मैकॉर्थी को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जनक भी कहा जाता है। जॉन मैकॉर्थी के अनुसार,
“आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक ऐसी उच्चस्तरीय तकनीक है जिसके जरिए मशीनों के भीतर भी बुद्धिमत्ता का विकास किया जा सकता है।”
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की विशेषताएं –
जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक प्रकार की मशीनें होती है जिसे इंसानों द्वारा विकसित किया जाता है ताकि मशीनें अपना तर्क करके निर्णय ले सकें और सोच समझकर काम कर सकें।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की कुछ विशेषताएं निम्नलिखित हैं जो हमारे लिए आज विभिन्न क्षेत्रों में लाभकारी सिद्ध हो रही है।
मशीन लर्निंग (Machine Learning)
मशीन लर्निंग जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि यह मशीन को काम करने का तरीका सिखाता है। मशीन लर्निंग के जरिए एल्गोरिदम को यह बताया जाता है कि डाटा के आधार पर निर्णय कैसे लिया जाता है।
इस प्रक्रिया में मशीन को विभिन्न प्रकार का डाटा उपलब्ध कराया जाता है जिनके आधार पर इन मशीनों को खुद से काम करना सीखना होता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सर्च इंजन स्पीच रिकॉग्निशन, इमेज रिकॉग्निशन आदि जैसे स्थानों पर मशीन लर्निंग का उपयोग किया जाता है।
डीप लर्निंग (Deep Learning)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डीप लर्निंग (Deep Learning) भी एक तरह की मशीन लर्निंग ही है, हालांकि यह मशीन लर्निंग का एक एडवांस स्तर है जो मशीनों को यह सिखाता है कि पदानुक्रम बनाकर किस प्रकार काम किया जाता है।
आपको बता दें कि मौजूदा समय में टेस्ला कंपनी की सेल्फ ड्राइविंग कार डीप लर्निंग की तकनीक पर ही आधारित है। इसके अलावा सर्च इंजन आदि भी इसी तकनीक पर हैं।
चैटबॉट्स (Chatbots)
आपको बता दें चैटबॉट्स एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल इंसानों से चैट (Chat) करने के लिए किया जाता है। Chatbot के जरिए मशीन आम इंसानों के साथ चैटिंग के जरिए बातचीत करती है तथा उनके समस्याओं का समाधान करती है।
जैसे कि चैट के जरिए सवालों के जवाब देना, जानकारियां प्रदान करना आदि। मौजूदा समय में Chat GPT तथा Google Bard AI दोनों ही चैटबॉट्स हैं।
इसके अलावा भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बहुत सारी विशेषताएं हैं हालांकि आज इसलिए हमने केवल तीनो महत्वपूर्ण विशेषताओं पर ही चर्चा की है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फ़ायदे (Advantages of Artificial Intelligence in Hindi) –
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके कोई भी काम कम समय में किया जा सकता है क्योंकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ह्यूमन इंटेलिजेंट के मुकाबले तेज निर्णय लेने की क्षमता रखता है।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके इंसानी मदद की आवश्यकता से छुटकारा पाया जा सकता है। एक तरफ जहां मशीनों को चलाने के लिए इंसानी मदद की जरूरत पड़ती थी तो वहीं अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन अपनी बुद्धिमत्ता के आधार पर स्वत संचालित होती हैं।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित टूल्स तथा चैटबॉट्स इंसानों के साथ बेहतरीन इंटरेक्शन दिखाते हैं और उनकी समस्याओं का सटीक समाधान खोज सकते हैं।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके फ्रीलांसर कार्य भी किया जा सकता है।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टाइम और रिसोर्स दोनों की बचत के लिए काम करता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नुकसान (Disadvantages Of Artificial Intelligence in Hindi) –
हर सिक्के के 2 पहलू होते हैं ठीक उसी तरह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दो पहलू हैं। एक तरफ जहां स्पेशल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल आम लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है तो दूसरी तरह इसका नुकसान भी है।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित मशीन, टूल्स आदि के अस्तित् में आने के बाद इंसानी मदद की जरूरत लगभग खत्म हो चुकी है। जिसके कारण बेरोजगारी की समस्या बढ़ रही है।
- जैसा कि हम जानते हैं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डाटा के आधार पर काम करता है ऐसे में कई बार गलत इस्तेमाल के कारण प्राइवेट डाटा अथवा डाटा प्राइवेसी को भी नुकसान हो सकता है।
- दिन-ब-दिन लोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आश्रित होते जा रहे हैं जिसके कारण उनकी सक्रियता, तथा रचनात्मकता में सतत कमी आ रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित होने के कारण लोगों की क्रिएटिविटी कम होती जा रही है।
यह कुछ ऐसी कमियां हैं जिनकी वजह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आपको नुकसान भी पहुंचा सकता है। ऐसे में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का फायदेमंद या नुकसानदेह होना यूजर पर भी काफी डिपेंड करता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग (Use of Artificial Intelligence in Hindi)
मौजूदा समय में पूरी दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। फिर चाहे वह आटोमोटिव सर्विसेज हों, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉटस हों अथवा और भी बहुत कुछ।
शिक्षा के क्षेत्र में–
आज इंटरनेट पर विभिन्न प्रकार के चैटबॉट, सर्च इंजन तथा अन्य कई दूसरी सुविधाएं उपलब्ध हैं इनका इस्तेमाल करके आसानी से शिक्षा प्राप्त की जा सकती है।
मौजूदा समय में उपलब्ध चैटबॉट्स Chat GPT तथा गूगल Bard AI का इस्तेमाल करके कठिन से कठिन विषयों को आसान शब्दों में समझा जा सकता है। केवल इतना ही इनका का इस्तेमाल करके निबंध (Essay) और (Speech) भाषण लिखना भी सीख सकते हैं।
केवल इतना ही आज के समय में ऑनलाइन एग्जाम तथा Automated Grading System में भी AI का इस्तेमाल किया जाता है।
ई-कॉमर्स तथा फाइनेंस के क्षेत्र में–
आज Amazon तथा कई अन्य ई-कॉमर्स वेबसाइट्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित चैटबॉट्स का इस्तेमाल अपने ग्राहकों से बातचीत करने के लिए करती हैं ताकि उनकी पसंद के बारे में जान सकें तथा व्यवसाय कर सकें।
केवल इतना ही नहीं बल्कि आज फाइनेंशियल बैंक में डाटा एनालिसिस तथा रिपोर्ट तैयार करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा बैंक की वेबसाइट पर Chatbots ग्राहकों से सवाल जवाब तथा फीडबैक लेने के लिए भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद लेते हैं।
उद्योग के क्षेत्र में–
किसी भी उद्योग को चलाने के लिए विभिन्न प्रकार की मशीनें इस्तेमाल में लाई जाती हैं लेकिन यह मशीनें संचालित नहीं हो सकती। इनके संचालन के लिए इंसानी मदद की जरूरत पड़ती है।
इस समस्या को दूर करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके आज बहुत सारी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट मशीनें बनाई जा चुकी हैं जिनके पास अपना खुद का मशीनी दिमाग होता है और उन्हें किसी भी इंसान की मदद की जरूरत नहीं होती।
फ्रीलांसिंग के क्षेत्र में–
आज इंटरनेट की दुनिया में कई ऐसे बेहतरीन AI Tools और चैटबॉट्स उपलब्ध हैं जिनका इस्तेमाल करके हम दूसरों का फ्रीलांस काम कर सकते हैं। इससे श्रम और समय दोनों की बचत होती है।
मौजूदा समय में चैट जीपीटी के जरिए कई सारे फ्रीलांसिंग कार्य किए जा सकते हैं। जैसे कि कंटेंट राइटिंग, कोडिंग इत्यादि।
दैनिक जीवन में –
दैनिक जीवन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अनुप्रयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है। जैसे कि आज हम जिन सेल्फ ड्राइविंग आटोमोटिव कार में ट्रैवेल करते हैं वह सभी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर ही आधारित है।
गूगल सर्च इंजन, वॉइस असिस्टेंट, एलेक्सा से लेकर Chat GPT तथा तमाम तरीके के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स का इस्तेमाल हम अपने दैनिक जीवन में रोजाना करते हैं।
इस समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी अपनी चरम सीमा पर है। हमारे दैनिक जीवन का कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है या शायद ही होगा जहां पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग ना किया जाता हो। हालांकि हमें इस पर पूरी तरह निर्भर नहीं रहना चाहिए।
क्योंकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर पूरी तरह आश्रित होना हमारी सक्रियता और रचनात्मकता दोनों को नुकसान पहुंचा सकता है। हमें अपनी क्रिएटिविटी को विकसित करना चाहिए तथा आवश्यक जरूरतों पर ही इस तकनीकी का इस्तेमाल करना चाहिए।
आज हमने आपको आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में बताया। उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा।
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